नोएडा में बनेगा उत्तर प्रदेश का पहला प्रदूषण नियंत्रण टॉवर | उत्तर प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नोएडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) की मदद से डीएनडी एक्सप्रेसवे पर वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (एपीसीटी) को स्थापित किया जाना सुनिश्चित हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- आधिकारिक सूचना के अनुसार नोएडा के सेक्टर 16(A) फिल्मसिटी के निकट ही डीएनडी एक्सप्रेसवे की हरित पट्टी में यह वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आगामी 2 माह के अंदर स्थापित एवं संचालित किया जाएगा।
- इस वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (एपीसीटी) का आधार लगभग 4.50 मीटर व्यास वाला तथा ऊँचाई लगभग 20 मीटर होगी।
- वर्तमान समय में यह टॉवर भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के हरिद्वार संयंत्र में तैयार किया जा रहा है तथा इसे स्थापित करने के लिये अस्थायी तौर पर प्राधिकरण द्वारा लगभग 400 वर्ग मीटर स्थल उपलब्ध कराया गया है।
- इस टॉवर के स्थापित होने से लगभग एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तथा डीएनडी व ग्रेटर नोएडा-नोएडा एक्सप्रेसवे की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
- इस टॉवर के संचालन में प्रतिवर्ष लगभग 37 लाख रुपए का व्यय अनुमानित किया गया है, जिसका 50% भाग नोएडा प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा।
- इस प्रकार का एक टॉवर अगस्त 2021 में दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थापित किया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहला वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर होगा।
मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में टोरेंट गैस के सिटी गैस स्टेशन का उद्घाटन किया | उत्तर प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर के खानीपुर में टोरेंट गैस के सिटी गैस स्टेशन का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के प्रथम चरण में 101 घरेलू कनेक्शन और 1 औद्योगिक कनेक्शन को पाइप प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की जाएगी।
- इस अवसर पर उन्होंने 8 सीएनजी स्टेशन तथा 13 पीएसए ऑक्सीजन प्लॉन्ट का लोकार्पण किया तथा 5 महिलाओं को घरेलू पाइप प्राकृतिक गैस के कनेक्शन का प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया।
- उल्लेखनीय है कि रसोई गैस सिलेंडर की तुलना में पीएनजी सस्ती है तथा इसमें 35 से 40 प्रतिशत की आर्थिक बचत भी है।
- टोरेंट गैस को गोरखपुर नगर में आगामी मार्च माह तक 10 हज़ार परिवारों को कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है।
- इस गैस कंपनी ने जनपद गोरखपुर के साथ-साथ जनपद कुशीनगर और संतकबीर नगर के लिये पीएनजी की आपूर्ति की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। प्रदेश के 15 जनपदों में पीएनजी गैस आपूर्ति के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है।
- केंद्र सरकार ने प्रदेश को 127 ऑक्सीजन प्लॉन्ट प्रदान किये हैं। साथ ही, टोरेंट गैस कंपनी प्रदेश में 13 ऑक्सीजन प्लॉन्ट स्थापित कर रही है।
- इस प्रकार प्रदेश में कुल 547 ऑक्सीजन प्लॉन्ट लगाए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 490 ऑक्सीजन प्लॉन्ट तैयार हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने पुस्तक ‘सावरकर-एक भूले-बिसरे अतीत की गूंज’ का विमोचन किया | उत्तर प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर विक्रम संपत की लिखी पुस्तक ‘सावरकर-एक भूले-बिसरे अतीत की गूंज’ (Savarkar: Echoes from a Forgotten Past) का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तक में संपत ने अथक् परिश्रम कर दुनिया के विभिन्न देशों में जाकर शोध और तथ्यपरक दस्तावेज़ों के आधार पर गंभीर अध्येता के रूप में वीर सावरकर के व्यक्तित्व व कृतित्व को प्रदर्शित करने का अभिनव प्रयास किया है।
- इस पुस्तक में वीर सावरकर की जीवनी को तथ्यों और दस्तावेज़ों के आलोक में प्रकाशित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि वीर सावरकर बहुआयामी प्रतिभा और व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी रहने के साथ-साथ पत्रकारिता, दर्शन, साहित्य, इतिहास, अस्पृश्यता निवारण, समाज सुधार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार-प्रसार करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- देश की स्वतंत्र कराने के लिये वीर सावरकर अंडमान की सेल्युलर जेल की कोठरी में वर्षों तक रहे। उन्हें दो बार आजन्म कारावास की सज़ा हुई। इस दौरान वीर सावरकर ने कभी नाखूनों को बढ़ाकर, कभी कीलों-कांटों से अथवा बर्तनों को घिस-घिस कर उनकी नोकों से कोठरी की चारों दीवारों पर साहित्यिक रचनाएँ उकेरनी आरंभ कीं।
- वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ में सन् 1857 की शौर्यगाथा को देश के स्वाधीनता संघर्ष का प्रथम प्रयास बताया था। इस पुस्तक ने अनेक क्रांतिकारियों और युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा दी थी।
बिहार में बेरोज़गारी की स्थिति | बिहार | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
1 अक्टूबर, 2021 को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी के द्वारा जारी किये गए आँकड़े में यह खुलासा हुआ है कि बिहार में अगस्त के मुकाबले सितंबर में बेरोज़गारी में 3.6 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रमुख बिंदु
- आँकड़ों से स्पष्ट है कि जहाँ अगस्त माह में बेरोज़गारी 13.6 प्रतिशत थी, वहीं सितंबर माह के अंत तक घटकर 10 प्रतिशत हो गई है।
- यद्यपि बिहार में बेरोज़गारी अब भी राष्ट्रीय औसत 6.9 प्रतिशत से ज़्यादा है, जो एक बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है।
- आँकड़ों से यह भी स्पष्ट है कि बिहार में गाँवों की तुलना में शहरों में बेरोज़गारी अधिक है।
- ग्रामीण बेरोज़गारी घटकर जहाँ नौ प्रतिशत के स्तर पर आ गई है, वहीं शहरी बेरोज़गारी अभी भी 16.9 प्रतिशत है।
- बिहार में पिछले तीन माह की बेरोज़गारी से संबंधित आँकड़े नीचे चार्ट में दिये गए हैं-
आंकड़े प्रतिशत में
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जुलाई
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अगस्त
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सितंबर
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कुल बेरोज़गारी
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13
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13.6
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10
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शहरी बेरोज़गारी
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17.5
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19.5
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16.9
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ग्रामीण बेरोज़गारी
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12.4
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12.8
|
09
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नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार सबसे पिछड़ा राज्य | बिहार | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा देश भर के ज़िला अस्पतालों के कामकाज पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जिसमें बिहार की स्थिति को सबसे दयनीय बताया गया है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट में स्पष्ट है कि बिहार के ज़िला अस्पतालों में बेडों की संख्या देश भर में सबसे न्यूनतम है, जो प्रति 1 लाख आबादी पर केवल 6 बेड हैं।
- ध्यातव्य है कि रिपोर्ट में प्रति लाख आबादी पर बेडों का राष्ट्रीय औसत 22 है तथा बेडों की उपलब्धता के मामले में शीर्ष पर दिल्ली (59 बेड) तथा कर्नाटक (33 बेड) हैं, वहीं निम्न स्थान पर बिहार (6 बेड) एवं झारखंड (9 बेड) हैं।
- बिहार के औसतन 8 अस्पतालों में ही डायग्नोस्टिक टेस्टिंग सर्विस की सुविधा उपलब्ध है।
- बिहार में प्रति 1 लाख की आबादी पर क्रियाशील बेडों की संख्या के मामले में सदर अस्पताल, सहरसा शीर्ष पर है।
बिहार में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा निदेशालय के गठन को मंज़ूरी | बिहार | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार के पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने सूबे में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा निदेशालय (Directorate of Backward and Most Backward Classes) के गठन के संबंध में अधिसूचना जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- निदेशालय के गठन में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण की योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने में आसानी होगी तथा योजनाओं की अच्छी तरह से निगरानी भी की जा सकेगी।
- ध्यातव्य है कि पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर विशेष ध्यान देने के लिये कल्याण विभाग से अलग कर राज्य सरकार की ओर से विशेष विभाग का गठन किया गया था।
- विभाग ने निदेशालय के संचालन के लिये अधिकारियों और कर्मचारियों के 446 पदों को भी मंज़ूरी दी है, जिसमें 26 पद निदेशालय के स्तर के और 420 पद क्षेत्रीय कार्यालयों के लिये हैं।
पचमढ़ी में ‘नीमघान एडवेंचर टूर’ शुरू | मध्य प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को पर्यटकों और एडवेंचर लवर्स के लिये पर्यटन विभाग ने वन विभाग के सहयोग से पचमढ़ी में नवाचार के रूप में ‘नीमघान एडवेंचर टूर’ की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- नीमघान एडवेंचर टूर सतपुड़ा टाईगर रिज़र्व क्षेत्र में संचालित होगा। इसमें पर्यटक एडवेंचर टूर के दौरान वाइल्ड लाइफ, रॉक पेंटिंग, बटर फ्लाई पार्क, कॉफी गार्डन देखने के साथ लंच में कोदो-कुटकी, ज्वार और बाजरा से बने व्यंजनों का लुत्फ ले सकेंगे।
- नीमघान एडवेंचर टूर के लिये राज्य पर्यटन विकास निगम और सतपुड़ा टाईगर रिज़र्व के बीच अनुबंध किया गया है।
- नीमघान एडवेंचर टूर रोजाना निगम की पचमढ़ी स्थित इकाइयों होटल ग्लेन व्यू और चंपक बंगले से सुबह 9:30 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे समाप्त होगा। टूर में जंगल ट्रेल के अतिरिक्त जिप्सी के द्वारा भी भ्रमण कराया जाएगा। एक जिप्सी में अधिकतम 6 व्यक्ति बैठ सकेंगे।
- लगभग 30 किलोमीटर के दिनभर के एडवेंचर टूर में पर्यटकों को 500 मीटर की दूरी की एक जंगल ट्रेल भी कराई जाएगी। पर्यटकों के लिये निगम ने कुछ खास इंतजाम किये हैं, जिनमें दोपहर लंच में चूल्हे पर बनी रोटी, दोपहर में थोड़ी देर विश्राम करने के लिये खटिया और पेड़ों पर झूलों की व्यवस्था शामिल हैं।
चिकित्सा मंत्री ने किया जनता क्लिनिक का शुभारंभ | राजस्थान | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
3 अक्टूबर, 2021 को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इसी कड़ी में वर्चुअल माध्यम से जालौर के लिये जनता क्लिनिक का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान में अब तक 12 जनता क्लीनिक जयपुर व 4 जोधपुर में खोले जा चुके हैं।
- डॉ. शर्मा ने अपने राजकीय आवास से जालौर के इंडस्ट्रीयल एरिया में जनता क्लिनिक को ऑनलाइन माध्यम से आमजन को समर्पित किया।
- उन्होंने बताया कि ग्रेनाइट एसोशिएशन के सहयोग से जनता क्लिनिक के लिये ज़मीन, भवन, एंबुलेंस, आवश्यक फर्नीचर एवं उपकरण की व्यवस्था की गई है।
- जनता क्लिनिक के प्रारंभ होने से इंडस्ट्रीयल एरिया और आसपास के क्षेत्रों के 20 से 25 हज़ार रहवासियों के लिये सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।
- जनता क्लीनिक के माध्यम से आमजन को प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएँ एवं परामर्श, एएनसी सेवाएँ, टीकाकरण सेवाएँ, परिवार कल्याण सेवाएँघ् एनसीडी स्क्रीनिंग सेवाएँ, नि:शुल्क जाँचें (प्राथमिक स्तर), नि:शुल्क दवा (प्राथमिक स्तर) आदि सहित लगभग 325 तरह की दवाएँ व 8 तरह की जाँचें नि:शुल्क करवाई जा सकेंगी।
- मुख्यमंत्री की वर्ष 2019-20 की बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश के अरबन स्लम एरिया, सघन बस्तियों में राजकीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में जनता क्लिनिक का संचालन किया जाना था, लेकिन कोविड जैसी महामारी के चलते यह कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही अब प्रदेश में जनता क्लिनिक चरणबद्ध रूप से खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने लॉंन्च किया मंडल का मोबाइल एप | राजस्थान | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के शुभारंभ अवसर पर राजस्थान आवासन मंडल के मोबाइल एप RHB AWAS को भी लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान आवासन मंडल द्वारा राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के आवासों की आवश्यकता जानने के लिये डिमांड सर्वे करवाया जाएगा। आवास की आवश्यकता का पता लगने पर आवासन मंडल नगर निकायों से ज़मीन खरीद कर या आवंटित कराकर वहाँ योजनाएँ विकसित कर सकेगा।
- यह सर्वे मंडल द्वारा मोबाईल एप RHB AWAS के माध्यम से करवाया जाएगा।
- इस सर्वे में यूजर से यह जानकारी मांगी जाएगी कि उसे किस श्रेणी का आवास चाहिये, जैसे- 1 बीएचके, 2 बीएचके, 3 बीएचके अथवा स्वतंत्र आवास। इसके बाद उसे एप में लागत भरनी होगी कि उसे कितनी लागत का आवास चाहिये जैसे 8 से 10 लाख रुपए तक का, 12 से 15 लाख रुपए तक का, 20 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का अथवा 30 से 40 लाख रुपए तक के मूल्य का। इसके बाद वह अपना शहर अंकित करेगा और अंत में सबमिट बटन दबा कर सर्वे को पूर्ण करेगा।
- इससे तीन बातें पता चलेंगी कि किस शहर के लोगों को किस आकार का और किस मूल्य का आवास चाहिये।
- स्वयं को रजिस्टर करें, स्वंतत्र आवास एवं फ्लैट का विकल्प का चयन करें, आवास के क्षेत्रफल का चयन करें और उसके बाद आवास की लागत का चयन कर सबमिट दबाकर सर्वे को पूर्ण करें।
गांधी जयंती पर ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की शुरुआत | राजस्थान | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधीजी की जयंती के शुभ अवसर पर ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- अशोक गहलोत ने गांधी दर्शन म्यूजियम का शिलान्यास एवं महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज का लोकार्पण भी किया।
- गांधी दर्शन म्यूजियम सेंट्रल पार्क में बनेगा, जबकि कनक भवन में 1.07 करोड़ रुपए की लागत से बने महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज में गांधीजी से जुड़े शोध कार्य होंगे।
- महात्मा गांधी की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए प्रशासन एवं सामाजिक कार्यों में अपनी भूमिका निभाने के लिये युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज तथा पुणे स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड स्कूल ऑफ गवर्नेंस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तर्ज़ पर इस इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘प्रशासन गाँवों के संग’ एवं ‘शहरों के संग’ अभियान की मार्गदर्शिका, सर्वोदय विचार परीक्षा से संबंधित ई-बुकलेट तथा भवन विनियम कंपेडियम का विमोचन भी किया। साथ ही, राजस्थान आवासन मंडल के मोबाइल ऐप की लॉन्चिग एवं इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के लाभार्थी पंकज शर्मा को कार्ड वितरित किया।
‘वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ | राजस्थान | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
1 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों को मरुस्थलीय क्षेत्रों की वानिकी, वन्य जीव संरक्षण के साथ-साथ इससे संबंधित ज्ञानवर्द्धन और प्रशिक्षण देने के लिये ताल छापर में ‘वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इससे न केवल कार्मिकों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिल सकेगी, बल्कि इससे वन्यजीवों और वनों के संरक्षण-संवर्द्धन में भी सहायता मिलेगी।
- मुख्यमंत्री द्वारा की गई वर्ष 2021-22 के बजट घोषणा की अनुपालना में ताल छापर में वाइल्ड लाइफ मैंनेजमेंट एंड डेजर्ट इको-सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया गया है। इसकी शुरुआत से स्टाफ को काले हिरण सहित अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्द्धन की ट्रेनिंग दी जा सकेगी। साथ ही ग्रास लैंड, डेजर्ट इको-सिस्टम और उसके आसपास के क्षेत्रों के संबंध में भी स्टडी और ट्रेनिंग हो सकेगी।
- यह राजस्थान का चौथा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, जिसमें वन विभाग के स्टाफ की कैपेसिटी बिल्डिंग और ज्ञानवर्द्धन हेतु विभिन्न ट्रेनिंग करवाई जाएंगी।
- वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि पूरे विश्व में काले हिरणों के संरक्षण के लिये ताल छापर की प्रसिद्धि है। ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के शुरू होने से यह मुहिम और आगे बढ़ेगी, जिससे वन्य जीवों का संरक्षण एवं संवर्द्धन समुचित तरीके से हो सकेगा।
पचमढ़ी में मैराथन का तृतीय संस्करण आयोजित | मध्य प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
3 अक्टूबर, 2021 को मध्य प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशन पचमढ़ी के नैसर्गिक सौंदर्य और प्राकृतिक वातावरण से पर्यटकों को रू-ब-रू कराने तथा पर्यटन के लिये अधिक से अधिक सैलानियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा ‘पचमढ़ी मैराथन’ का तृतीय संस्करण आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक एस. विश्वनाथन ने कहा कि मैराथन के आयोजन से प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन (वेलनेस टूरिज्म) एवं एक्टिव हॉलीडेज कांसेप्ट को बढ़ावा देने का एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है।
- पचमढ़ी प्रदेश का नंबर वन टूरिज्म स्पॉट है। यहाँ साल भर सभी मौसम में चाहे सर्दी हो या बरसात, देश के कोने-कोने से सैलानी आते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं।
- विश्वनाथन ने कहा कि पचमढ़ी में प्रोफेशनल मैराथन आयोजित किये जाने की कार्य-योजना तैयार की जा रही है।
- इस मैराथन को तीन श्रेणियों 5 किमी., 10 किमी. और 21 किमी. में आयोजित किया गया। इन श्रेणियों को फैमिली फन रन, एंड्योरेंस रन और धूपगढ़ पहाड़ी रन नाम दिया गया।
- टूरिज्म बोर्ड ने मैराथन में भाग लेने वाले सभी धावकों को टी-शर्ट, आरएफआईडी टाइमिंग चिप, रूट सपोर्ट, फिनिशर्स मेडल और ई-सर्टिफिकेट प्रदान किये। साथ ही प्रतियोगिता के शीर्ष तीन धावकों को अतिथियों ने ट्रॉफी और दो रात्रि और तीन दिवस के फ्री स्टे वाउचर प्रदान किये।
- उल्लेखनीय है कि मैराथन का पहला संस्करण 22 जुलाई, 2018 को आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 800 पर्यटकों ने भाग लिया। प्रथम संस्करण की अपार सफलता के बाद इस मैराथन को मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में प्रतिवर्ष आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
- इसका दूसरा संस्करण वर्ष 2019 में 21 जुलाई को आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 800-1000 पर्यटकों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत वर्ष 2020 में इस मैराथन आयोजन नहीं हो सका था।
- मैराथन का तीसरा संस्करण में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए समस्त बचाव और सुरक्षा निर्देशों का पालन कर सीमित प्रतिभागियों के साथ आयोजित की गई। भाग लेने वाले सभी पर्यटकों को पूर्ण रूप से कोविड वैक्सीनेटेड होना और कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य था।
प्रदेश के दो इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को मिला एनबीए एक्रिडेशन | मध्य प्रदेश | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
01 अक्टूबर, 2021 को मध्य प्रदेश के दो इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन, नई दिल्ली से चार पाठयक्रमों के लिये वर्ष 2022-23 तक एक्रिडेशन मिला है।
प्रमुख बिंदु
- रीवा एवं उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में मध्य प्रदेश के छात्र-छात्राओं को उच्च कोटि की तकनीकी शिक्षा मिलने की प्रामाणिकता प्राप्त हो गई है।
- उल्लेखनीय है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन से हाल ही में उज्जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय के मैकेनिकल पाठयक्रम और रीवा इंजीनियरिंग महाविद्यालय के तीन सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठयक्रम को एक्रिडेशन प्राप्त हुआ है।
- तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने जानकारी दी कि रीवा एवं उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेजों के इन पाठ्यक्रमों की शिक्षा को अब राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों, जैसे- आईआईटी/एनआईटी के समकक्ष माना जाएगा।
- उन्होंने बताया कि नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन की आठ सदस्यीय टीम द्वारा इन महाविद्यालयों की ऑफलाइन एवं ऑनलाइन विजिट कर संस्था के संपूर्ण संसाधनों, प्रयोगशालाओं, प्राध्यापकों की गुणवत्ता, पूर्व और वर्तमान छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता तथा फीडबैक की गहन जाँच करते हुए इन संस्थानों को प्रामाणिकता प्रदान की गई है।
- सिंधिया ने कहा कि इससे इन पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को देश के प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिलने की संभावना प्रबल हो गई है। इस एक्रिडेशन से दोनों महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली से प्राप्त होने वाले अनुदानों और सुविधाओं में वृद्धि होगी।
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने इंडियन ऑयल (आर एंड डी) के साथ किया समझौता | हरियाणा | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को हरियाणा में वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने इंडियन ऑयल (आर एंड डी) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- इंडियन ऑयल (आर एंड डी) के सहयोग से विश्वविद्यालय युवा शोधकर्त्ताओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान के लिये प्रोत्साहित करने हेतु रिसर्च फेलोशिप स्कीम शुरू करेगा।
- इस बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इंडियन ऑयल (आर एंड डी) ने 2.5 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है। इंडियन ऑयल-सीएसआईआर-जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी रिसर्च फेलोशिप स्कीम में पीएचडी स्कॉलर्स को पाँच साल की अवधि के लिये रिसर्च फेलोशिप प्रदान करेगी।
- यह समझौता देश में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को पोषित करने की इंडियन ऑयल (आर एंड डी) की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे पहले समझौते पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग और इंडियन ऑयल (आर एंड डी) के कार्यकारी निदेशक (रासायनिक प्रौद्योगिकी) डॉ. जी.एस. कपूर ने हस्ताक्षर किये।
रांची के कांके में बनेगी मेडिको सिटी | झारखंड | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने जानकारी दी कि रांची के कांके स्थित रिनपास में मेडिको सिटी बनाई जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मेडिको सिटी का निर्माण 100 एकड़ ज़मीन पर किया जाएगा।
- मेडिको सिटी बनने से राज्य में ही लोगों को सुपरस्पेशिलिटी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त हो सकेगी तथा ईलाज़ के लिये राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
रुद्रपुर में उत्तराखंड के सबसे ऊँचे राष्ट्रध्वज का लोकार्पण | उत्तराखंड | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
2 अक्टूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रपुर के गांधी पार्क में उत्तराखंड के सबसे ऊँचे राष्ट्रध्वज का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हनुमान चालीसा के उच्चारण के साथ बटन दबाकर 181 फीट ऊँचे तिरंगे को फहराया। इसके लिये विधायक निधि से 28 लाख रुपए खर्च किये गए।
- इस तिरंगे झंडे को ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से स्टार सेल्स कंपनी ने 47 दिनों में बनवाया है। इसके लिये कोलकाता से मटैरियल मँगवाया गया।
- इस तिरंगे झंडे का स्तंभ 51 मीटर ऊँचा है। झंडे की लंबाई और चौड़ाई 36×54 फीट है। इसके निर्माण में 100 प्रतिशत पॉलिस्टर कपड़े का प्रयोग किया गया है।
वन्यजीव सप्ताह 2021 का शुभारंभ | उत्तराखंड | 04 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
1 अक्टूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में स्थित मालसी डियर पार्क में 17 अक्टूबर, 2021 तक आयोजित होने वाले वन्यजीव सप्ताह 2021 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखंड के टाइगर रिज़र्व, नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण्य, कंज़र्वेशन, रिज़र्व, चिड़ियाघर, नेचर पार्क में देश भर के समस्त 18 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इससे देश के लगभग 45 करोड़ युवा छात्रों को पर्यटन से जोड़ने में मदद मिलेगी।
- मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को वनों एवं वन्यजीवों की आर्थिकी से जोड़ने के लिये सी.एम. यंगईकोप्रिन्योर स्कीम (CM Young Ecopreneur Scheme) की शुरुआत की जाएगी। इस स्कीम के अंतर्गत 1 लाख युवाओं को ईकोप्रिन्योर बनाया जाएगा।
- सी.एम. यंगईकोप्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।