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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Sep 2023
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52 शिक्षक राज्य शिक्षक सम्मान से होंगे सम्मानित

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 52 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 48 शिक्षक राज्य शिक्षक सम्मान और 4 शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में 05 सितंबर, 2023 को राजभवन के दरबार हॉल में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। 
  • समारोह में राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित 48 शिक्षकों में से प्रत्येक को 21-21 हज़ार रुपए की राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की महान विभूतियों की स्मृति में दिये जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को 50-50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा।  
  • राज्य स्मृति पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षक -  
    • डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार: प्रधान पाठक ममता अहार (ज़िला रायपुर)  
    • डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार: प्रधान अध्यापक मधु तिवारी (ज़िला कोंडागाँव)  
    • डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार: व्याख्याता रश्मि वर्मा (ज़िला रायगढ़)  
    • श्री गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार: शिक्षक एल.बी. इंदिरा चंद्रवंशी (ज़िला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई) 
  • राज्य शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित होने वाले शिक्षक- 
    • शिक्षक एल.बी. कृष्णपाल राणा और शिक्षक एल.बी. रूखमणी साहू (ज़िला कांकेर) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. देवेंद्र कुमार देवांगन और प्रधान पाठक ब्रजेश्वरी रावटे (ज़िला नारायणपुर) 
    • शिक्षक महेश कुमार सेठिया और व्याख्याता रमेश कुमार उपाध्याय (ज़िला जगदलपुर)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. खेमलाल सिन्हा और उच्च श्रेणी शिक्षक ऊषा भूआर्य (ज़िला दंतेवाड़ा)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. श्रवण कुमार यादव और सहायक शिक्षक एल.बी. पुष्पलता साहू (ज़िला बालोद)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. तुलेश्वर कुमार सेन और शिक्षक एल.बी. पारूल चतुर्वेदी (ज़िला राजनांदगांव) 
    • प्रधान पाठक यशवंत कुमार पटेल और शिक्षक एल.बी. सुश्री के. शारदा (ज़िला दुर्ग)  
    • शिक्षक यक्ष चंद्राकर और प्रधान पाठक शिव कुमार बंजारे (ज़िला कबीरधाम)  
    • शिक्षक एल.बी. ज्योति बनाफर और व्याख्याता एल.बी. सुषमा शुक्ला शर्मा (ज़िला बेमेतरा) 
    • व्याख्याता एल.बी. अनिल कुमार प्रधान और सहायक शिक्षक एल.बी. डोलामणी साहू (ज़िला महासमुंद)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. संतोष कुमार तारक और सहायक शिक्षक एल.बी. लताबेला मोंगेंरे (ज़िला गरियाबंद)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. उत्तम कुमार देवांगन और सहायक शिक्षक एल.बी. डॉ. गोपा शर्मा (ज़िला रायपुर) 
    • व्याख्याता एल.बी. राजूराम साहू और सहायक शिक्षक एल.बी. दीनबंधु सिन्हा (ज़िला धमतरी) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. विनोद कुमार डड़सेना और प्रधान पाठक आशा साहू (ज़िला बलौदाबाज़ार-भाटापारा) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. राजेश कुमार सूर्यवंशी और व्याख्याता एल.बी. अनुराग तिवारी (ज़िला जांजगीर-चांपा) 
    • व्याख्याता एल.बी. भोजराम पटेल और सहायक शिक्षक एल.बी. संतोष कुमार पटेल (ज़िला रायगढ़) 
    • व्याख्याता एल.बी. सुशील कुमार पटेल और सहायक शिक्षक एल.बी. रामधन पटेल (ज़िला बिलासपुर) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. अदिति शर्मा और सहायक शिक्षक एल.बी. भीष्म प्रसाद त्रिपाठी (ज़िला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. गोकुल प्रसाद मार्बल और शिक्षक मुकुंद केशव उपाध्याय (ज़िला कोरबा) 
    • सहायक शिक्षक एल.बी. पुष्पेंद्र कुमार कौशिक और सहायक शिक्षक एल.बी. मीरा देवांगन (ज़िला सक्ती)  
    • सहायक शिक्षक एल.बी. रूद्र प्रताप सिंह राणा और व्याख्याता प्रभारी प्राचार्य डॉ. विनोद पांडेय (ज़िला कोरिया) 
    • व्याख्याता निशा सिंह और सहायक शिक्षक एल.बी. दिनेश कुमार साहू (ज़िला सूरजपुर) 
    • व्याख्याता अनामिका चक्रवर्ती और व्याख्याता एल.बी. अंचल कुमार सिन्हा (ज़िला सरगुजा) 
    • व्याख्याता प्रभारी प्राचार्य बाबूलाल लहरे और सहायक शिक्षक एल.बी. रमेश कुमार साकेत (ज़िला बलरामपुर)

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वन अधिकार मान्यता के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल

चर्चा में क्यों?

3 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र प्रदाय करने में छत्तीसगढ़ राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।  

प्रमुख बिंदु  

  • छत्तीसगढ़ में वन अधिकार मान्यता अधिनियम का प्रभावी और संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में आदिवासी-वनवासियों सहित गरीब तथा कमज़ोर वर्ग के समस्त लोगों को काफी राहत मिली है और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। 
  • छत्तीसगढ़ में वन अधिकार मान्यता-पत्र के संदर्भ में कुल 5 लाख 17 हज़ार 096 हितग्राहियों को वन अधिकार-पत्र प्रदाय किये गए हैं। व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र प्रदाय करने में छत्तीसगढ़ राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।  
  • इसके अंतर्गत हितग्राहियों के समग्र विकास के लिये भूमि समतलीकरण, जल संसाधनों का विकास तथा क्लस्टर के माध्यम से हितग्राहियों को अधिकाधिक लाभ के उद्देश्य से अनेक योजनाओं के माध्यम से मदद पहुँचाई गई है।  
  • इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि हितग्राहियों को राज्य की जनहितकारी योजनाओं, जैसे- निजी भूमि पर बाईबेक गारंटी के साथ ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’, फसल विविधता को प्रोत्साहित करने के लिये धान के बदले अन्य रोपण हेतु प्रोत्साहन राशि का प्रावधान आदि से भी जोड़ा जा रहा है।  
  • इसके तहत भूमि विकास के फलस्वरूप प्रति हितग्राही कृषि उत्पादन बढ़ गया है और अनेक प्रकार की आय-मूलक फसलों (कैश क्रॉप) का उत्पादन भी इन क्षेत्रों में किया जा रहा है। इसके कारण हितग्राहियों का आजीविका उन्नयन भी सुनिश्चित हुआ है। साथ ही साथ इससे वन सुरक्षा के प्रति जनता का सीधा सरोकार सामने आया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 
  • इसी तरह राज्य में सामुदायिक वन अधिकार के अंतर्गत कुल 46000 प्रकरणों को मान्यता प्रदान की गई है, जो कि पुन: देश में सर्वाधिक है। इसके अंतर्गत वनांचलों में निवासरत जन समुदाय को विभिन्न प्रकार के निस्तार संबंधी अधिकार, जैसे- गौण वन उत्पाद संबंधी अधिकार, मछली व अन्य जल उत्पाद तथा चारागाह अधिकार, विशेष पिछड़ी जाति एवं समुदायों, कृषकों को आवास अधिकार, सभी वन ग्रामों, पुराने रहवास क्षेत्रों, असर्वेक्षित ग्राम आदि को राजस्व ग्राम में बदलने के अधिकार आदि शामिल हैं।  
  • इसके अलावा वनांचल क्षेत्र में पाए जाने वाले लघु वनोपज संग्रहण के लिये 67 प्रजातियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है और इस वर्ष छ.ग. राज्य वन अधिकार मान्यता के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा देश का 73 प्रतिशत लघु वनोपज का संग्रहण करने में सफलता प्राप्त की गई है। 
  • वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में कुल 4306 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता-पत्र प्रदाय किये गए हैं। वन संसाधन अधिकार के प्रबंधन हेतु मान्यता प्रदान करने में छत्तीसगढ़ राज्य देश का प्रथम राज्य है, जहाँ व्यापक पैमाने पर वनवासियों के अधिकारों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वन अधिकार-पत्र प्रदाय किये गए हैं।  
  • इस अधिकार के तहत ग्रामसभा को प्रदत्त मान्यता वाले वन क्षेत्रों के प्रबंधन का अधिकार दिया गया है। उक्त वनों के प्रबंधन हेतु प्रबंध योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है, जिसके लिये 19 ज़िलों के लगभग 2000 ग्रामों के हितधारकों को प्रबंध योजना तैयार कर कार्य आयोजना के साथ एकीकृत करते हुए प्रबंधन सुनिश्चित करना है। 
  • प्रबंध योजना में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता वाले वन के प्रबंधन हेतु समस्त प्रकार के सर्वेक्षण करते हुए प्रबंधन के सभी आयाम प्रस्तावित हैं। यहाँ यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक ईकाई वन भूमि पर अधिक-से-अधिक लाभ के लिये किस प्रकार का रोपण अथवा संरक्षण संबंधी कार्य प्रस्तावित किया जा सकता है।
  • फाउंडेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्युरिटी नामक स्वयंसेवी संस्था द्वारा राज्य के 19 ज़िलों के लगभग 700 ग्रामों में प्रसंस्करण एवं आय संसाधन में वृद्धि के लिये संभावनाओं की तलाश और उससे संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। 
  • इसी तरह प्रदान संस्था के द्वारा 05 ज़िलों के 36 गाँवों में कृषि के उन्नत तकनीक एवं प्रसंस्करण के विभिन्न आयामों का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही रिक्त स्थानों पर कार्य आयोजना के प्रावधानों को प्रबंध योजना में एकीकृत करते हुए स्थानीय प्रजातियों के लिये बृहद रोपण हेतु योजना तैयार की जा रही है।  
  • राज्य में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राज्य के 24 ज़िलों में लगभग 106 प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है, जिसमें कुल 5492 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।

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