उत्तर प्रदेश Switch to English
राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिये भारतीय राजनयिक मिशनों में शामिल होगा उत्तर प्रदेश
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन) नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों में भारतीय राजनयिक मिशन में शामिल होगा।
प्रमुख बिंदु
- अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन) नवनीत सहगल ने बताया कि यूपीओ ने अगले पाँच साल में राज्य से निर्यात को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है।
- यूएसए, यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, सिंगापुर आदि में भारतीय दूतावास राज्य के प्रमुख वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत पारंपरिक हस्तशिल्प और स्वदेशी उत्पादों के अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उत्पादों को बढ़ावा देंगे।
- भारतीय राजनयिक मिशन दुनिया भर के प्रमुख निर्यात स्थलों में राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बहुत ज़रूरी कर्षण और दृश्यता प्रदान करेंगे।
- महामारी की स्थिति को देखते हुए, उत्तर प्रदेश का माल निर्यात 2020-21 में 07 लाख करोड़ रुपए से 30 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया, जिसमें से ओडीओपी टोकरी ने 72 प्रतिशत का योगदान दिया।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव सहगल ने बताया कि एमएसएमई विभाग ने पहले ही प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट और अमेजॅन के साथ राज्य के मर्चेंडाइज बास्केट के विपणन के लिये करार किया है और ई-बे के साथ भी इसी तरह का समझौता करेगा।
- उत्तर प्रदेश व्यापारिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) चैनल का भी उपयोग करेगा। केंद्र द्वारा प्रचारित, ONDC को डिजिटल नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये अनिवार्य किया गया है। यह ओपन-सोर्स और ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल पर आधारित है, जो किसी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है, इस प्रकार संस्थागत संस्थाओं के लिये एक विस्तृत बिक्री-खरीद अनुभव प्रदान करता है।
- सबसे अधिक बिकने वाले यूपी उत्पादों में चमड़े के सामान, कालीन, हाथ से बुने हुए वस्त्र, पीतल के बर्तन, काँच के बने सामान, खेल के सामान आदि शामिल हैं।
- ओडीओपी योजना, जिसे जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के पहले स्थापना दिवस समारोह के दौरान शुरू किया गया था, राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर नौकरियाँ पैदा करने पर आधारित है।
- राज्य गैर-प्रदूषणकारी एमएसएमई उद्योगों के लिये जगह की बचत करने के लिये ‘फ्लैटेड फैक्ट्री’की अवधारणा को बढ़ावा दे रहा है। ‘फ्लैटेड फैक्ट्री’एक बहुमंजिला औद्योगिक इमारत है, जिसमें औद्योगिक गोदामों के रूप में काम करने के अलावा, कई औद्योगिक और असेंबली इकाइयों को समायोजित किया जाता है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
जीआईएस-23 में उत्तर प्रदेश का पहला ग्लोबल पार्टनर बना सिंगापुर
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जनवरी में होने वाले उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 (जीआईएस-23) में सिंगापुर उत्तर प्रदेश का पहला भागीदार देश बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ अपने देश के गठबंधन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जनवरी में होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 के लिये सिंगापूर पहला भागीदार देश बन गया है।
- राज्य सरकार के आधिकारिक प्रवत्ता ने कहा कि सिंगापुर की कंपनियों ने 250 मिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का निवेश किया है। इसमें से अधिकांश निवेश राज्य के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के ज़िलों में है। हाल ही में आयोजित ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में, सिंगापुर की कंपनियों ने 1,100 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को शिखर सम्मेलन के लिये एक विस्तृत प्रचार योजना तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि यूके, यूएसए, कनाडा, यूएई, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलैंड, इजराइल, फ्राँस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, मॉरीशस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड-शो के माध्यम से एक वैश्विक चर्चा पैदा की जा सके।
मध्य प्रदेश Switch to English
एमपी टूरिज़्म को प्रतिष्ठित e4m गोल्डन माइक्स अवार्ड
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव (पर्यटन और संस्कृति) एवं प्रबंध संचालक (टूरिज़्म बोर्ड) शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि एमपी टूरिज़्म को वेलनेस रेडियो कैंपेन के लिये प्रतिष्ठित e4m गोल्डन माइक्स अवार्ड-2022 मिला है।
प्रमुख बिंदु
- ताज होटल, मुंबई में आयोजित अवार्ड के 10वें संस्करण में उप-संचालक दीपिका राय चौधरी ने पर्यटन विभाग की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश पर्यटन को रेडियो कैंपेन ‘खुशियाँ तेरे पीछे चले’ को क्रिएटिव श्रेणी में ब्राँज अवार्ड मिला है।
- गौरतलब है कि गोल्डन माइक पुरस्कार एक्सचेंज 4 मीडिया ग्रुप द्वारा दिया जाने वाला प्रमुख रेडियो विज्ञापन पुरस्कार है। यह क्रिएटिविटी, प्रमोशन, इनोवेशन, ब्रॉडकास्टर, रीजनल लैंग्वेज रेडियो सहित श्रेणियों में दिया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
इंदौर के सिरपुर तालाब को मिला रामसर साइट का दर्जा
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पाँच राज्यों के 10 जल-स्थलों को रामसर साइट का दर्जा दिया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले का सिरपुर तालाब भी शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही मध्य प्रदेश में अब तीन रामसर साइट हो गई हैं। 26 जुलाई, 2022 को शिवपुरी ज़िले की माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिला था, जबकि भोपाल की बड़ी झील (बड़ा तालाब/भोज ताल) पहले से ही रामसर साइट घोषित है।
- केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नामित किये गए 10 नए रामसर साइट्स में तमिलनाडु के छह और गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा के एक-एक स्थल शामिल हैं। इनको मिलाकर भारत में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर साइट्स की संख्या 64 हो गई हैं। ये आर्द्रभूमियाँ स्थल देश में 12,50,361 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं।
- इससे पहले 26 जुलाई, 2022 को केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश में पाँच स्थलों को रामसर साइट्स घोषित किया था। इनमें तमिलनाडु के तीन, मिजोरम में एक और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि स्थल शामिल थे। इनको मिलाकर देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई थी।
- उल्लेखनीय है कि झील संरक्षण के संबंध में ईरान के रामसर नगर में वर्ष 1971 में हुई एक अंतर्राष्ट्रीय संधि के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की वेटलैंड साइट्स की सूची संधारित की जाती है। विश्व में हो रहे जलवायु असंतुलन और परिवर्तन के दौर में रामसर साइट की भूमिका विश्व के पर्यावरण सुधार में अति महत्त्वपूर्ण है।
रामसर स्थलों के रूप में नामित 10 आर्द्रभूमि |
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राज्य |
आर्द्रभूमि का नाम |
क्षेत्रफल (हेक्टेयर) |
तमिलनाडु |
कूनथनकुलम पक्षी अभयारण्य |
72.04 |
मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व |
52671.88 |
|
वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स |
19.75 |
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वेलोड पक्षी अभयारण्य |
77.19 |
|
वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य |
40.35 |
|
उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य |
43.77 |
|
ओडिशा |
सतकोसिया गॉर्ज |
98196.72 |
कर्नाटक |
रंगनाथिट्टू बी एस |
517.70 |
मध्य प्रदेश |
सिरपुर आर्द्रभूमि |
161 |
गोवा |
नंदा झील |
42.01 |
|
10 आर्द्रभूमि का कुल क्षेत्रफल |
1,51,842.41 |
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भारत में 64 रामसर स्थलों का कुल क्षेत्रफल (उपर्युक्त 10 और स्थलों के पदनाम के बाद) |
12,50,361 |
हरियाणा Switch to English
वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को हरियाणा सरकार के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने महिलाओं के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए हरियाणा महिला विकास निगम के ऋणों के बकाया ब्याज को माफ करने के लिये वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत यदि लाभार्थी मूल ऋण की पूरी बकाया राशि का भुगतान एकमुश्त या 6 किस्तों में एक दिसंबर, 2022 तक लौटाता है तो उसका सारा ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
- यह योजना उन ऋणियों को कवर करेगी जिनका ब्याज 31 मार्च, 2019 को निगम को भुगतान के लिये बकाया है। योजना 31 मार्च, 2019 को डिफॉल्ट रूप से मूल राशि पर लागू होगी, लेकिन उसके बाद भुगतान की गई मूल राशि शामिल नहीं होगी।
- ऋण लेने वालों को 6 महीने के भीतर इसका लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी। यदि ऋणी बकाया मूल राशि को एकमुश्त या किश्तों में छह महीने के भीतर चुका देता है तो वह लाभार्थी महिला ब्याज की 100 फीसदी छूट के लिये पात्र होगी।
- छूट का लाभ ऋणी को बकाया मूलधन की अंतिम किश्त के भुगतान के समय दिया जाएगा। ब्याज में छूट केवल उन्हीं कर्जदारों को दी जाएगी जो 6 माह के भीतर पूरी बकाया मूल राशि का भुगतान कर देंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश में 3 साल में 2 लाख से ज़्यादा बच्चे कुपोषण से बाहर
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति के लिये शुरू किये गए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’के तहत पिछले तीन सालों में प्रदेश के लगभग दो लाख 11 हज़ार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि वर्ष 2019 में इस अभियान के शुरू होते समय प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हज़ार थी। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
- इसके साथ ही योजना के तहत नियमित गरम भोजन और पौष्टिक आहार मिलने से प्रदेश की लगभग 85 हज़ार महिलाएँ भी एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015-16 में जारी राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण- 4 के आँकड़ों के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएँ एनीमिया से पीड़ित थीं। वर्ष 2018 में यह आँकड़ा बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। इस प्रकार वर्ष 2016 से 2018 के मध्य कुपोषण कम होने के बजाय 2.3 प्रतिशत बढ़ गया।
- कुपोषित बच्चों में अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचलों के थे। राज्य सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’की शुरुआत 2 अक्टूबर, 2019 से की थी। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और संकल्पित प्रयासों का सुखद परिणाम रहा कि कुपोषण की दर में लगातार कमी आई है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के 2020-21 में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 5 वर्ष तक बच्चों के वज़न के आँकड़े देखें तो कुपोषण की दर 4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। यह दर कुपोषण की राष्ट्रीय दर 32.1 प्रतिशत से भी कम है।
- वज़न त्यौहार के आँकड़े देखें तो वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में कुपोषण 37 प्रतिशत था, जो वर्ष 2021 में घटकर मात्र 19.86 प्रतिशत रह गया है। इस प्रकार कुपोषण की दर में दो वर्षों में 3.51 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
- जुलाई 2021 में आयोजित वज़न त्यौहार में लगभग 22 लाख बच्चों का वज़न लिया गया था। इस दौरान पारदर्शी तरीके से कुपोषण के स्तर का आकलन किया गया। डाटा की गुणवत्ता परीक्षण और डाटा प्रमाणीकरण के लिये बाह्य एजेंसी की सेवाएँ ली गई थी। इसी तरह वर्ष 2022 में भी एक अगस्त से 13 अगस्त तक प्रदेश में वज़न त्यौहार मनाया जा रहा है। इसके आँकड़ों के आधार पर प्रदेश में वर्तमान कुपोषण दर का आकलन किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के माध्यम से कुपोषण मुक्ति के लिये प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुपोषण को प्राथमिकता क्रम में रखते हुए इसके लिये राज्य में डीएमएफ, सीएसआर और अन्य मदों की राशि का उपयोग किये जाने की अनुमति मुख्यमंत्री ने दी है।
- योजना के तहत कुपोषित महिलाओं, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राशन में आयरन और विटामिन युक्त फोर्टीफाइड चावल और गुड़ देकर लोगों के दैनिक आहार में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक रेडी टू ईट और स्थानीय उपलब्धता के आधार पर पौष्टिक आहार देने की भी व्यवस्था की गई है।
- महिलाओं और बच्चों को फल, सब्ज़ियों सहित सोया और मूंगफली की चिक्की, पौष्टिक लड्डू, अंडा सहित मिलेट्स के बिस्कुट और स्वादिष्ठ पौष्टिक आहार के रूप में दिया जा जा रहा है। इससे बच्चों में खाने के प्रति रुचि जागने से कुपोषण की स्थिति में सुधार आया है।
- प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिये विभिन्न विभागों के साथ योजनाओं को एकीकृत कर समन्वित प्रयास किये गये हैं। मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लिनिक योजना और मलेरिया मुक्त अभियान, दाई-दीदी क्लिनिक योजना के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार दिया गया है। इससे तेजी से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कुपोषण स्तर में सुधार देखा जा रहा है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड शुरू करेगा ‘किसान प्रोत्साहन योजना’
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार की ‘किसान सम्मान निधि योजना’ की तर्ज पर उत्तराखंड में ‘किसान प्रोत्साहन योजना (केपीवाई)’ शुरू करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। हालाँकि मुख्यमंत्री ने केपीवाई का पूरा विवरण नहीं दिया, उन्होंने कहा कि सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक किसानों की आय को दोगुना करना है।
- गौरतलब है कि 24 फरवरी, 2019 से लागू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इसके अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो, को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रतिवर्ष 6 हज़ार रुपए (तीन महीने में 2,000 रुपए) की राशि प्रदान की जाती है।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 108 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम पैक्स) के कंप्यूटरीकरण का उद्घाटन किया और मवेशियों के लिये कुल मिक्स राशन (टीएमआर) तैयार करने के लिये चारबा इकाई शुरू की।
- इस अवसर पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता विभाग की ओर से 13 लाख सदस्यों के डाटा के संग्रहण व डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया की गई है। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड 108 एमपीएसीएस को ऑनलाइन करने वाला पहला राज्य बन गया है।
- उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग ने 41 लाख हितग्राहियों को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3700 करोड़ रुपए से अधिक का वितरण किया है। सहकारी बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियाँ (एनपीए) घटी हैं और वे अब लाभ में आ गई हैं।
- उन्होंने कहा कि महत्त्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घास्यारी कल्याण योजना (एमजीकेवाई)’ का तीन लाख से अधिक महिलाओं ने लाभ उठाया है। एमजीकेवाई को 15 अगस्त से राज्य के सभी पर्वतीय ज़िलों में विस्तारित किया जाएगा।
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