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झाँसी स्टेशन के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव
चर्चा में क्यों?
03 अगस्त, 2021 को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानदं राय ने लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ ('Veerangana Laxmi Bai Railway Station) करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
प्रमुख बिंदु
- किसी राज्य का नाम परिवर्तित करने के लिये संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है वहीं किसी गाँव या कस्बे या रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिये एक कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है।
- इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज तथा फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम 1857 की क्रांति की नायिका वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम पर करने का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा गया है।
- उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर अवस्थित झाँसी उत्तर भारत में पुणे के पेशवाओं की एक महत्त्वपूर्ण रियासत और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य केंद्र रहा है।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इससे पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया था।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी भी रेलवे स्टेशन या स्थान के नाम को परिवर्तित करने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति मिलने के उपरांत हरी झंडी देता है।
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मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2021 को मध्य प्रदेश में आबकारी संबंधी अपराधों को हतोत्साहित करने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के अपराध पर अधिरोपित होने वाली शास्ति दण्ड तथा फाईन में वृद्धि करने के लिये मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक [Madhya Pradesh Excise Act (Amendment) Bill] , 2021 का अनुमोदन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसमें मुख्यत: धारा 49 (A) के अंतर्गत जहरीली शराब से संबंधित अपराधों के लिये दंड का प्रावधान किया गया है।
- यदि जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इस अपराध के लिये दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड और न्यूनतम 20 लाख रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
- संशोधन विधेयक में मानवीय उपयोग के लिये अनुपयुक्त अपमिश्रित मंदिरा सेवन से शारीरिक क्षति होने पर पहली बार में न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम 8 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 2 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
- इसी तरह मानवीय उपयोग के लिये अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा मिलने पर पहली बार में न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 6 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपए तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- किसी आबकारी अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो अधिनियम के अंतर्गत कर्त्तव्य निष्पादन में बाधा डाले या हमला करे, उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
- मध्य प्रदेश में महुआ आधारित शराब को मुख्य धारा में लाने के लिये उसे हैरिटेज (पारम्परिक) मदिरा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे नियंत्रित निर्माण एवं विक्रय के लिये विभाग द्वारा नियम निर्धारित किये जाएंगे। इससे महुआ से निर्मित मदिरा के लघु उद्योग प्रोत्साहित होंगे। अधिनियम में पहले से प्रावधानित आदिवासियों के अधिकार यथावत सुरक्षित रखे जायेंगे।
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रायपुर नगर निगम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी रैंकिंग में प्रदेश के 13 नगर निगमों में रायपुर नगर निगम बिजली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जलापूर्ति की समस्याओं के समाधान करने में प्रदेश भर में प्रथम रहा।
प्रमुख बिंदु
- निगम ने 1 जून से 31 जुलाई तक दर्ज़ शिकायतों के निराकरण करने के मामले में लंबी छलांग लगाते हुए खुद को ‘D’ से ‘A’ ग्रेड में पदोन्नत किया है।
- वार्डवासियों की किसी भी समस्या को सुलझाने के लिये निगम मुख्यालय में निदान-1100 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है जिसमें लोग अपनी समस्याओं को बताकर उनका समाधान प्राप्त करते हैं।
- निगम ने 78.25 फीसद शिकायतों का त्वरित निवारण, 19.47 फीसद शिकायतों का थोड़ा विलंब से निवारण किया जबकि तीन फीसद मामले लंबित रहे।
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