प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Jul 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के चार शहरों में बनेंगे नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क

चर्चा में क्यों?

3 जुलाई, 2023 को सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क्स आफ इंडिया के अपर निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के निर्माण पर काम शुरू हो गया है। आगरा सॉफ्टवेयर पार्क अगस्त में शुरू हो जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी ने बताया कि सॉफ्टवेयर सेक्टर में उत्तर प्रदेश का रुतबा और मजबूत होगा। इसके लिये केंद्र के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा चार और शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क की स्थापना मूर्त रूप लेने लगी है।
  • छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर पार्क खोलने का मकसद एक तरफ अपने ही शहर में हाईटेक युवाओं को रोज़गार मुहैया कराना है तो दूसरी तरफ सॉफ्टवेयर निर्यात में तेजी लाना भी है।
  • वर्तमान में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, नोएडा और मेरठ में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क हैं। केंद्र और राज्य की संयुक्त पहल के तहत आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी में भी नए साफ्टवेयर पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में ये सभी शहर पास हो गए।
  • वर्तमान में चल रहे सॉफ्टवेयर पार्कों में 400 इकाइयाँ कार्यरत हैं। नए सॉफ्टवेयर पार्कों में करीब 200 इकाइयाँ आने का अनुमान है। प्रत्येक पार्क में न्यूनतम 1200 से 1300 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स को रोज़गार मिलेगा।
  • चुने गए शहरों में पहले चरण में 20-20 हज़ार वर्गफुट की इमारतों का निर्माण कराया जाएगा। आगरा में पार्क लगभग तैयार है। वाराणसी को छोड़कर बरेली और गोरखपुर में तेजी से काम हो रहा है। फिर मांग के अनुसार उसमें वृद्धि की जाएगी। फिलहाल चारों पार्कों में करीब 80 करोड़ रुपए का बजट निर्माण के लिये रखा गया है।
  • छोटे शहरों के सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स के पास सीमित अवसर हैं इसीलिये अपना घर छोड़कर दूसरी जगह नौकरी करना उनकी मज़बूरी है। छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर पार्कों की स्थापना का एक मकसद ये भी है कि हर ज़िले में कंप्यूटर दक्ष युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर खोले जा सकें। वृद्धावस्था में एकाकी जीवन जी रहे बुजुर्ग माँ-बाप अपने बच्चों के साथ रहें।
  • दूसरी तरफ सॉफ्टवेयर के निर्यात में उत्तर प्रदेश में सालाना 12 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ है जो बढ़कर 20 फीसदी हो सकता है। दो साल में उत्तर प्रदेश से सॉफ्टवेयर निर्यात 28 से बढ़कर 34 हज़ार करोड़ रुपए हो गया है। 2020-21 में 28 हज़ार करोड़ रुपए, 2021-22 में 31 हज़ार करोड़ रुपए और 2022-23 में 34 हज़ार करोड़ रुपए के सॉफ्टवेयर का निर्यात हुआ।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow