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मानसिक रोगियों की देखभाल के लिये राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का किया गया गठन
चर्चा में क्यों?
3 जुलाई, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में मानसिक रोगियों की देखभाल के लिये मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम-2017 एवं राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण नियम-2018 के अंतर्गत राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है। इसके लिये गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अतिरिक्त मुख्य सचिव अध्यक्ष, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक जनस्वास्थ्य को सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है। साथ ही इस प्राधिकरण में इनके अलावा पदेन एवं गैर सरकारी सदस्य भी होंगे।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि शीघ्र ही मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक आयोजित कर राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम बनाए जाएंगे। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य बोर्ड भी गठित किये जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि बैठक में मानसिक रोगियों के अधिकारों संबंधी नियमावली भी निर्धारित की जाएगी।
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पुलिस अकादमी में ‘ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर सेल्फ डिफेंस टेक्निक्स फॉर वूमेन’की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
3 जुलाई, 2023 को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक श्रुति भारद्वाज ने स्कूल शिक्षा विभाग और राजस्थान पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत महिला फिजिकल टीचर्स (पीटीआई) के लिये 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कोर्स ‘ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर सेल्फ डिफेंस टेक्निक्स फॉर वूमेन’का शास्त्री नगर के राजस्थान पुलिस अकादमी में शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश की सरकारी विद्यालयों में बालिकाओं को नए शैक्षणिक सत्र में आत्मरक्षा के लिये रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिये 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया गया है।
- इस अवसर पर श्रुति भारद्वाज ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत अब तक प्रदेश में 20 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। राज्य स्तर पर इस विशेष ट्रेनिंग में ज़िलों से शामिल महिला ट्रेनर्स को आत्मरक्षा की बारीकियाँ सिखाई जाएंगी, इसके बाद वे आगे चलकर राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी।
- इसके साथ ही इस वूमन पीटीआई को महिला अधिकारों और कानूनों की विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी ताकि वे बालिकाओं को अपने अधिकारों और कानून के प्रति जागरूक कर सकें।
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