झारखंड Switch to English
श्री बंसीधर महोत्सव
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के गढ़वा ज़िले के बंशीधर नगर में दो दिवसीय राजकीय श्री बंसीधर महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि बंशीधर मंदिर में राधा एवं कृष्ण की साढ़े चार फीट ऊँची और 1280 किलो वज़न की स्वर्ण निर्मित एक अत्यंत मोहक प्रतिमा विराजमान है। यह अद्भुत प्रतिमा भूमि में गड़े शेषनाग के फन पर निर्मित चौबीस पंखुड़ियों वाले विशाल कमल पर विराजमान है।
- बंशीधर नगर के राज परिवार के संरक्षण में यह बंशीधर मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है, कई दशकों से यहाँ प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने में आकर्षक एवं विशाल मेला लगता आ रहा है।
- मंदिर के प्रस्तर लेख और उसके पुजारी के अनुसार संवत् 1885 में बंशीधर नगर के महाराजा भवानी सिंह की विधवा रानी शिवमानी कुँवर ने लगभग बीस किलोमीटर दूर शिवपहरी पहाड़ी में दबी पड़ी इस कृष्ण प्रतिमा के बारे में स्वप्न देखकर जाना।
- कुछ इतिहासकार ऐसा अनुमान लगाते हैं कि यह प्रतिमा मराठों के द्वारा बनवाई गई होगी, जिन्होंने वैष्णव धर्म का काफी प्रचार किया था और मूर्तियाँ भी बनवाई थीं, मुगलों के आक्रमण से बचाने के लिये मराठों ने इसे शिवपहरी पहाड़ी की कंदराओं में छुपा दिया था।
- इसी वर्ष श्री बंशीधर महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा मिला है।
- उल्लेखनीय है कि 1960-70 के दशक में बिरला ग्रुप ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। वर्तमान में भी बंशीधर की प्रतिमा कला के दृष्टिकोण से सुंदर एवं अद्वितीय है और बिना किसी रसायन के प्रयोग या अन्य पॉलिश के प्रतिमा की चमक पूर्ववत है।
- गौरतलब है कि गढ़वा ज़िला झारखंड राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित है और बिहार का रोहतास, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र और छतीसगढ़ के सरगुजा ज़िलों की सीमाएँ इससे लगती हैं। इसलिये इसे कभी गेटवे आफ छोटानागपुर कहा जाता था।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 739 करोड़ 22 लाख 64 हज़ार 792 रुपए की लागत से 60 योजनाओं की आधारशिला रखी। वहीं, 57 करोड़ 55 लाख 22 हज़ार 933 रुपए की लागत से 14 योजनाओं का उद्घाटन किया। जिन महत्त्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन संपन्न हुआ, उनमें भंडरिया, रंका, धुरकी, चिनियाँ, रमकंडा और नगर उंटारी प्रखंड कार्यालय परिसर का विकास तथा बीडीओ, सीओ और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों का नवनिर्मित आवास तथा नगर उंटारी में नवनिर्मित गेस्ट हाउस और विभिन्न नदियों पर निर्मित पाँच पुल शामिल हैं।
Switch to English