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हरियाणा के गृह मंत्री ने गीता सद्भावना यात्रा में भाग लिया
चर्चा में क्यों?
30 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत आयोजित की गई गीता सद्भावना यात्रा में भाग लिया।
प्रमुख बिंदु
- गीता सद्भावना यात्रा में पानीपत से विधायक महीपाल ढांडा सहित स्वामी गुरु शरणानंद जी महाराज और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने भी हिस्सा लिया।
- सदभावना यात्रा ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर से शुरू हुई और पारामाटा नदी के किनारे पर जाकर समाप्त हुई।
- उल्लेखनीय है कि गीता सद्भावना यात्रा में भारत और ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, स्वैच्छिक संगठनों ने भाग लिया।
- गीता सद्भावना यात्रा के आयोजन का उद्देश्य गीता की सद्भावना के मूल संदेश को विश्व स्तर पर जनता के बीच फैलाना है।
- गीता हमेशा यह संदेश देती है कि पूरी मानवता एक है और इसे जाति, रंग और पंथ के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता है।
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हरियाणा में वन्य एवं घरेलू हितधारकों के संरक्षण हेतु कार्य-योजना तैयार
चर्चा में क्यों?
1 मई, 2023 को हरियाणा राज्य जैव-विविधता बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि हरियाणा ने कम हो रही जैव-विविधता को ध्यान में रखते हुए और विभिन्न क्षेत्रों में वन्य एवं घरेलू हितधारकों को संरक्षण देने के लिये राज्य स्तर पर 2030 तक की कार्य-योजना तैयार की है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा इस कार्य-योजना को तैयार किया गया है, इसके तहत हरियाणा जैव-विविधता ज्ञान केंद्र भी बनाने का प्रस्ताव है। यह केंद्र नवाचारों और तकनीकी के स्रोत के साथ-साथ एक थिंक टैंक के रूप में भी काम करेगा।
- मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य-योजना को स्वीकार करने से पहले और समय-समय पर निगरानी के लिये एक सब-कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में वित्त विभाग के अलावा विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा जो जैव-विविधता पर आँकड़े एकत्र करेगी और उसका बारीकी से अध्ययन करेगी।
- कलेसर पार्क में गत दिनों टाइगर देखा गया है। इसलिये वहाँ टाइगर पार्क बनाने की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा। कमेटी इस पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर एक माह में प्रस्तुत करेगी।
- कार्य-योजना के अनुसार विभिन्न विभागों द्वारा गाय, भैंस, बंदर, नीलगाय आदि प्रजातियों को बचाने के लिये कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, खेती योग्य भूमि, भूमिगत जल, शहरी क्षेत्र में हाई राइज मंजिलों में रहने वाली आबादी के लिये पर्याप्त मात्रा में पेयजल आदि के प्रबंधन को लेकर भी कार्य किया जाएगा।
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