उत्तर प्रदेश Switch to English
यूपी के पूर्व डीजीपी को बनाया गया यूपीसीए का निदेशक
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2023 को यूपी के पूर्व डॉयरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) देवेंद्र सिंह चौहान को उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के डायरेक्टर पैनल में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- लखनऊ के एक निजी होटल में यूपीसीए के अध्यक्ष निधिपति सिंघानिया की ऑनलाइन अध्यक्षता में हुई बैठक में यूपीसीए के 12 निदेशकों की सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।
- विदित है कि यूपीसीए में पहली बार किसी प्रशासनिक अधिकारी को शामिल किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि राजीव शुक्ला के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली चल रहा था। अभी तक यूपीसीए के निदेशकों की सूची में 12 लोग कार्यरत थे लेकिन, अब देवेंद्र सिंह चौहान के जुड़ने से निदेशकों की संख्या 13 हो गई है।
- यूपीसीए के 12 निदेशकों में अध्यक्ष निधिपति सिंघानिया, अभिषेक सिंघानिया, युद्धवीर सिंह, रियासत अली, ताहिर हसन, अशोक चतुर्वेदी, प्रेम मनोहर गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, श्याम बाबू, जावेद अख्तर, विजय गुप्ता और गजेंद्रनाथ तिवारी शामिल हैं।
- इसके अलावा आगामी सत्र में यूपीसीए के उत्थान को लेकर भी चर्चा की गई।
- लखनऊ में यूपीसीए की बैठक में देर रात तक यूपी में अंतर्राष्ट्रीय मैच कराने को लेकर मंथन चला। कई पदाधिकारियों ने यूपी में ज्यादा से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच कराने पर ज़ोर दिया। कई ने कानपुर के ग्रीनपार्क क्रिकेट स्टेडियम में भी मैच कराने का प्रस्ताव रखा है।
- उल्लेखनीय है कि मूल रूप से मैनपुरी के निवासी डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान का जन्म 20 मार्च, 1963 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था। उनके पिता शिवराम सिंह चौहान सतारा सैनिक स्कूल में शिक्षक थे। डॉ. चौहान एमबीबीएस हैं तथा 1988 बैच के आइपीएस हैं। वे 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात थे। और मई 2022 में उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी बने।
- देवेंद्र सिंह चौहान 31 मार्च, 2023 को ये अपने पद से रिटायर हो गए।
राजस्थान Switch to English
राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में खुलेंगी 9 पुलिस चौकियाँ
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 9 पुलिस चौकियों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- यह पुलिस चौकियाँ राजकीय जनाना अस्पताल मेडिकल कॉलेज भरतपुर, राजकीय हरिबक्श कांवटिया चिकित्सालय जयपुर, टी.बी. अस्पताल शास्त्रीनगर जयपुर, राजकीय डेंटल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सुभाष नगर जयपुर, आर.यू.एच.एस. मेडिकल कॉलेज जयपुर, एस.आर. गोयल सैटेलाईट अस्पताल सेठी कॉलोनी जयपुर, राजकीय आर.डी.बी.पी. जयपुरिया अस्पताल जयपुर, राजकीय मनोचिकित्सालय, ट्रांसपोर्ट नगर जयपुर एवं राजकीय जे.के.लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय कोटा में स्थापित होंगी।
- इन चौकियों में प्रत्येक में 1 उप निरीक्षक तथा 6 कॉन्स्टेबल अर्थात् कुल 9 उपनिरीक्षक तथा 54 कॉन्स्टेबल के पदों का सृजन भी किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में पुलिस चौकियाँ खोलने की घोषणा की थी।
झारखंड Switch to English
श्री बंसीधर महोत्सव
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के गढ़वा ज़िले के बंशीधर नगर में दो दिवसीय राजकीय श्री बंसीधर महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि बंशीधर मंदिर में राधा एवं कृष्ण की साढ़े चार फीट ऊँची और 1280 किलो वज़न की स्वर्ण निर्मित एक अत्यंत मोहक प्रतिमा विराजमान है। यह अद्भुत प्रतिमा भूमि में गड़े शेषनाग के फन पर निर्मित चौबीस पंखुड़ियों वाले विशाल कमल पर विराजमान है।
- बंशीधर नगर के राज परिवार के संरक्षण में यह बंशीधर मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है, कई दशकों से यहाँ प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने में आकर्षक एवं विशाल मेला लगता आ रहा है।
- मंदिर के प्रस्तर लेख और उसके पुजारी के अनुसार संवत् 1885 में बंशीधर नगर के महाराजा भवानी सिंह की विधवा रानी शिवमानी कुँवर ने लगभग बीस किलोमीटर दूर शिवपहरी पहाड़ी में दबी पड़ी इस कृष्ण प्रतिमा के बारे में स्वप्न देखकर जाना।
- कुछ इतिहासकार ऐसा अनुमान लगाते हैं कि यह प्रतिमा मराठों के द्वारा बनवाई गई होगी, जिन्होंने वैष्णव धर्म का काफी प्रचार किया था और मूर्तियाँ भी बनवाई थीं, मुगलों के आक्रमण से बचाने के लिये मराठों ने इसे शिवपहरी पहाड़ी की कंदराओं में छुपा दिया था।
- इसी वर्ष श्री बंशीधर महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा मिला है।
- उल्लेखनीय है कि 1960-70 के दशक में बिरला ग्रुप ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। वर्तमान में भी बंशीधर की प्रतिमा कला के दृष्टिकोण से सुंदर एवं अद्वितीय है और बिना किसी रसायन के प्रयोग या अन्य पॉलिश के प्रतिमा की चमक पूर्ववत है।
- गौरतलब है कि गढ़वा ज़िला झारखंड राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित है और बिहार का रोहतास, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र और छतीसगढ़ के सरगुजा ज़िलों की सीमाएँ इससे लगती हैं। इसलिये इसे कभी गेटवे आफ छोटानागपुर कहा जाता था।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 739 करोड़ 22 लाख 64 हज़ार 792 रुपए की लागत से 60 योजनाओं की आधारशिला रखी। वहीं, 57 करोड़ 55 लाख 22 हज़ार 933 रुपए की लागत से 14 योजनाओं का उद्घाटन किया। जिन महत्त्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन संपन्न हुआ, उनमें भंडरिया, रंका, धुरकी, चिनियाँ, रमकंडा और नगर उंटारी प्रखंड कार्यालय परिसर का विकास तथा बीडीओ, सीओ और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों का नवनिर्मित आवास तथा नगर उंटारी में नवनिर्मित गेस्ट हाउस और विभिन्न नदियों पर निर्मित पाँच पुल शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पटेल, कोटवार और होमगार्ड के आभार सम्मेलन में गौठान समिति के लिये मानदेय का अंतरण
चर्चा में क्यों?
03 मई, 2023 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में पटेल, कोटवार और होमगार्ड के आभार सम्मेलन और गौठान समितियों के पदाधिकारियों के प्रशिक्षण सह-सम्मेलन कार्यक्रम में गौठान समिति के अध्यक्ष और अशासकीय सदस्यों को 1 करोड़ 56 लाख रुपए का मानदेय अंतरण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को गोबर विक्रय राशि 9 करोड़ 80 लाख रुपए का अंतरण किया। इसमें गोबर विक्रेताओं के लिये 3 करोड़ 80 लाख तथा गौठान समिति एवं स्व-सहायता समूहों के लिये 6 करोड़ रुपए शामिल हैं।
- प्रत्येक गौठान के प्रबंधन के लिये 13 सदस्य नियुक्त हैं। प्रत्येक स्वावलंबी गौठान अध्यक्ष को 750 रुपए तथा अशासकीय सदस्यों को पाँच-पाँच सौ रुपए प्रतिमाह का मानदेय आज से प्रदान किया जा रहा है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंडित झाबरमल शर्मा द्वारा लिखित ‘भारतीय गोधन’पुस्तक का विमोचन किया।
- यह पुस्तक करीब सौ वर्ष पूर्व लिखी गई थी एवं इसका पुन: प्रकाशन किया गया है। साथ ही उन्होंने भागवत जायसवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘कोटवार’का विमोचन किया।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड कैबिनेट के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2023 को उत्तराखंड के कैबिनेट ने नीति आयोग की तर्ज पर उत्तराखंड में सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) को मंजूरी देने के साथ कई अन्य महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार का मार्च 2023 में एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोज़गार योजना की घोषणा की थी।
- अब इस योजना के तहत एएनएम, जीएनएम पास युवाओं को जर्मनी, जापान आदि देशों में नर्सिंग, बुजुर्गों की देखभाल, हॉस्पिटैलिटी के लिये रोज़गार दिलाया जाएगा। इसके लिये 11 संस्थाओं से प्रस्ताव मिल चुके हैं। चुने हुए युवाओं को विदेशी भाषा सीखने के लिये होने वाले कुल खर्च में से 20 प्रतिशत सरकार वहन करेगी।
- इसके अलावा काई युवा अगर प्रशिक्षण, वीजा व हवाई टिकट के खर्च के लिये लोन लेगा तो 1 लाख तक लोन के ब्याज का 75 प्रतिशत खर्च भी सरकार वहन करेगी।
- सेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम करेगा। इसके उपाध्यक्ष नियोजन मंत्री या मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्री होंगे। इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर बाहरी विशेषज्ञ रखा जाएगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर अपर सचिव स्तर का अधिकारी होगा।
- इसमें प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए केंद्र से मिलेंगे। इसमें 3 सेंटर फॉर इकोनॉमी एंड सोशल डेवलपमेंट, सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस और सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड प्लानिंग तथा 6 सलाहकार आर्थिकी एवं रोजगार, सामाजिक अवसंरचना, पब्लिक पॉलिसी एवं सुशासन, शहरी एवं अर्द्धशहरी विकास, सांख्यिकी एंव डेटा, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करने के लिये बाहर से विशेषज्ञ लिये जाएंगे।
- कैबिनेट निर्णय में यह भी तय किया गया है कि किसी भी स्कूल, अस्पताल आदि के लिये ज़मीन की तलाश हेतु हर ज़िले में डीएम की अध्यक्षता में साइट सेलेक्शन कमेटी गठित की जाएगी।
- इस अवसर पर प्रदेश में मुख्यमंत्री उत्तराखंड राज्य पशुधन मिशन को कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है।
- इसके तहत 125 विश्वस्तरीय वेटरेनरी हॉस्पिटल बनेंगे तो 575 पशु चिकित्सालयों का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। घोड़ा-खच्चर से भी उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। अब इसमें घोड़ा-खच्चर की खरीद भी शामिल की गई है।
- इसके तहत दुधारू पशु, भेड़-बकरी, मुर्गी के साथ ही व्यवसाय के लिये घोड़ा खच्चर खरीदने पर भी लोन के ब्याज में 9 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
- कैबिनेट ने उत्तराखंड चारा नीति 2023 को मंजूरी दी है। इसके तहत हरा और सूखा चारा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये 66 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
- यह नीति पाँच साल के लिये होगी। इसके तहत 10 भूसा भंडारण गृह बनाए जाएंगे।
- प्राकृतिक आपदा होने पर प्रदेश में चारे की निर्बाध आपूर्ति के लिये कारपस फंड बनाया जाएगा।
- अभी तक प्रदेश में पिरूल एकत्र करने वालों को सरकार दो रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से भुगतान करती है। इसमें बढ़ोतरी कर इसके तहत अब तीन रुपए प्रति किलो का भुगतान होगा।
- कैबिनेट ने प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ के गठन को मंजूरी दी है।
- यह प्रकोष्ठ जहाँ मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारणों को तलाश कर इसके निवारण को सुझाव सरकार को देगा, वहीं मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना पर मुआवज़ा भी तत्काल उपलब्ध कराएगा। इसके लिये दो करोड़ का कारपस फंड बनाया जाएगा।
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