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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 May 2022
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बंदर एवं लंगूर गणना, 2021

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में उत्तराखंड सरकार द्वारा दिसंबर 2021 में अयोजित बंदर एवं लंगूर गणना के आँकड़े जारी किये गए हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस गणना का आयोजन उत्तराखंड वन विभाग एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किया गया है। 
  • इसके अनुसार प्रदेश में बंदरों की संख्या में 2015 की तुलना में वर्ष 2021 में 24.55 फीसदी की कमी आई है, जबकि लंगूरों की संख्या में 31.14 फीसदी की कमी आई है। 
  • वर्ष 2021 में हुई गणना में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 दर्ज की गई, जबकि साल 2015 में बंदरों की संख्या 1,46,432 तथा लंगूरों की संख्या 54,804 थी। 
  • गणना के अनुसार बंदरों की संख्या का वितरण इस प्रकार है- हरिद्वार वन प्रभाग > बागेश्वर वन प्रभाग > देहरादून वन प्रभाग।  
  • गणना के अनुसार लंगूरों की संख्या का वितरण इस प्रकार है- कॉर्बेट रामनगर > बद्रीनाथ वन प्रभाग > कॉर्बेट कालागढ़। 
  • बंदरों की संख्या कम करने के लिये सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रयास किये जा रहे हैं- 
    • बंदरों की नसबंदी का कार्यक्रम   
    • बंदर बाड़ों का निर्माण   
    • रेस्क्यू सेंटरों का निर्माण, जैसे- मिनी जू रेस्क्यू सेंटर अल्मोड़ा। 
    • प्रदेश में दो बंदर वन बनाए जाएंगे; पहला हल्द्वानी में 107 हेक्टेयर में, जबकि दूसरा हरिद्वार में 25 हेक्टेयर में। 

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