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बिहार में विराट रामायण मंदिर का निर्माण प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
3 मई, 2022 को अक्षय तृतीया के अवसर पर पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड स्थित कैथवलिया में आचार्य किशोर कुणाल द्वारा विराट मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- टावर ऑफ टैंपल्स की परिकल्पना के आधार पर विराट रामायण मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसमें 15 शिखर होंगे, जिसमें सबसे ऊँचा शिखर 270 फुट ऊँचा होगा।
- मंदिर के आगे शिवलिंग स्थापित होगा। उसके पीछे भगवान राम की पूजा करने की मुद्रा वाली मूर्ति तथा दाहिनी ओर हनुमानजी की झुकी हुई मुद्रा में मूर्ति स्थापित की जाएगी।
- इन मूर्तियों के सामने 200 फीट की दूरी पर अशोक वाटिका जैसा माता सीता का मंदिर निर्मित होगा।
- गौरतलब है कि मंदिर का भूमिपूजन 21 जून, 2012 को किया गया था। यहाँ विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा, जिसका निर्माण कन्याकुमारी के ब्लैक ग्रेनाइट से किया जाएगा।
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बिहार में पक्षी गणना के आँकड़े जारी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार द्वारा राज्य में पहली बार अयोजित पक्षी गणना के आँकड़े जारी किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- फरवरी 2022 में शुरू की गई यह गणना बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वेटलैंड इंटरनेशनल संस्था के सहयोग से करवाई गई है।
- इस गणना के अनुसार राज्य के कुल 68 जलाशयों में पक्षियों की 202 प्रजातियाँ पाई गई हैं। इन पक्षियों की कुल संख्या 45,173 है।
- इनमें से 80 प्रजातियाँ जलीय पक्षियों की है, जिनमें लैसर ह्विस्लिंग डक, एशियन ओपेन बिल्ड स्ट्रोक, लिटिल कोर्मोरेंट तथा कॉमन कूट गढ़वाल आदि शामिल हैं।
- गणना के अनुसार जलीय पक्षियों का वितरण निम्न प्रकार है-
- गोगाबील झील (4973) > इंद्रपुरी बैराज (2641) > नागा-नकटी डैम (2430)
- इसके बावजूद पक्षियों की संख्या के मामले में राज्य के मगध प्रमंडल की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, उदहारण के लिये कुलमहादेव डैम में मात्र 3, जबकि सीता डैम में 24 पक्षी मिले हैं।
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