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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Apr 2024
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गगन शक्ति-2024

चर्चा में क्यों?

भारतीय वायु सेना (IAF) उच्च प्रबलता वाले अभियानों के लिये अपनी क्षमताओं व तैयारियों का परीक्षण करने के लिये 10 दिवसीय (1-10 अप्रैल, 2024) अभ्यास 'गगन शक्ति-2024' (Gagan Shakti-2024) का आयोजन कर रही है।

प्रमुख बिंदु:

  • इस अभ्यास के दौरान IAF द्वारा "यथार्थवादी परिवेश में" अपनी शक्ति एवं क्षमता का प्रदर्शन किया जाता है, जिसमें देश भर में मौजूद सभी वायु सेना अड्डों और परिसंपत्तियों को भी शामिल किया जाता है।
    • इससे पूर्व 'गगन शक्ति' अभ्यास का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था जब भारतीय वायुसेना ने दो चरण के हवाई युद्धाभ्यास के दौरान 11,000 से अधिक उड़ानें भरीं, जिसमें बल की तैनात परिसंपत्तियों का संकेंद्रण 48 घंटे से भी कम समय में पश्चिमी क्षेत्र से पूर्वी मोर्चे तक पहुँच गया।
    • इसका उद्देश्य चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध की दृष्टि से भारतीय वायुसेना की तैयारी का परीक्षण करना था।
  • नवीनतम अभ्यास वायु शक्ति-2024 अभ्यास का अनुसरण करता है, जो जैसलमेर के निकट पोखरण एयर-टू-ग्राउंड रेंज में आयोजित किया गया था, जहाँ भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू जेट, मिराज-2000, सुखोई-30 MKI, तेजस हलके लड़ाकू विमान (LCA), जगुआर, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मानव रहित हवाई वाहन और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली सहित अपनी अग्रिम पंक्ति की परिसंपत्ति तैनात की थी। 
    • इस वर्ष वायु शक्ति के बाद भारत शक्ति अभ्यास आयोजित किया गया जिसमें तीनों सेनाओं ने भाग लिया। एकीकृत त्रि-सेवाओं के 'लाइव फायर और युद्धाभ्यास' अभ्यास ने प्रदर्शित किया कि कैसे भारतीय सेना युद्ध के मैदान पर हावी होने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये किसी भी खतरे का दमन करने के लिये अपनी स्वदेशी क्षमताओं का लाभ उठाने की योजना बना रही है।
    • इस अभ्यास में तेजस LCA Mk-1, हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड, सशस्त्र उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, टी-90 टैंक, BMP-II पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, ड्रोन से लॉन्च की जाने वाली सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री, रॉकेट, वायु रक्षा हथियार तथा धनुष, शारंग और K9 वज्र जैसी आर्टिलरी गन व विभिन्न प्रकार के मानवरहित हवाई वाहन सहित कई हथियार तथा युद्धक प्रणालियाँ शामिल थीं।
  • भारतीय वायुसेना 'तरंग शक्ति' की भी मेज़बानी करेगी, जो एक मेगा अभ्यास है जिसमें 12 वैश्विक वायु सेनाओं को एक साथ लाने की आशा है, इस अभ्यास में अंतर-संचालनीयता में सुधार, एक दूसरे से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • यह भारत में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास होगा।
    • इसमें लड़ाकू जेट, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर, मिड-एयर रीफ्यूलर, हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) विमान तथा मानव रहित सिस्टम शामिल होंगे।

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