नाचा समितियों को प्रोत्साहन स्वरूप दिये जाएंगे 10-10 हज़ार रुपए | छत्तीसगढ़ | 04 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
2 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम निकुम में स्वर्गीय दाऊ रामचंद्र देशमुख प्रदेश स्तरीय नाचा गम्मत महोत्सव में नाचा समितियों को प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हज़ार रुपए देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उन्होंने पद्मश्री डोमार सिंह कुँवर और दीपक तारम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा मंच में ‘चेत करो तन के’पुस्तक का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कला जगत के पुरोधा स्वर्गीय डॉ. रामचंद्र देशमुख ने राज्य की संस्कृति को पुनर्जीवित किया। उन्होंने नाचा कलाकारों को नए ढंग से प्रशिक्षण देकर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से देश विदेश में अपनी संस्कृति को बढ़ावा दिया।
- विदित है कि ग्राम निकुम में 31 मार्च से 2 अप्रैल तक तीन दिवसीय स्वर्गीय दाऊ रामचंद्र देशमुख प्रदेश स्तरीय नाचा महोत्सव का आयोजन किया गया।
- छत्तीसगढ़ अंचल में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत तथा कला जगत के धूमकेतु की उपमा से विभूषित दाऊ रामचंद्र देशमुख ने अपनी लोककला, लोकगीत के माध्यम से शोषण और अभावों से जूझती छत्तीसगढ़ी समाज को जागृत करने के लिये सार्थक पहल की। छत्तीसगढ़ अंचल के अभावग्रस्त जीवन एवं पीड़ा ने उन्हें इतना मर्माहत किया कि यही उनकी सभी प्रस्तुतियों का मूल स्वर बन गया।
- सन् 1951 में उन्होंने ‘देहाती कला मंच’की स्थापना की। सन् 1971 में उन्होंने ‘चंदैनी गोंदा’ नाट्य पार्टी का निर्माण किया। चंदैनी गोंदा के बाद पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी की कहानी ‘कारी’को 1983 में अभिनित किया गया जिसने अंचल में धूम मचा दी।
छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 | छत्तीसगढ़ | 04 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के निवास कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित एक महत्त्वपूर्ण अभियान ‘छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण-2023’ कार्य का शुभारंभ सर्वेक्षण दल को हरी झंडी दिखाकर किया।
प्रमुख बिंदु
- सर्वेक्षण का कार्य पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक चलेगा। इसके तहत सर्वेक्षण दल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे का कार्य करेंगे।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ‘छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण-2023’ नई-नई योजनाओं को बनाने और उनका बेहतर क्रियान्वयन कर लोगों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
- सर्वेक्षण का उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन के जीवन स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई योजनाओं के निर्माण के लिये उपयोग किया जाना है।
- सर्वेक्षण से विभिन्न योजनाओं से वंचित हितग्राही भी अब नवीन सूची में शामिल हो पाएंगे और उन्हें पात्रता के अनुसार शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेरोज़गारी भत्ता योजना की शुरूआत की | छत्तीसगढ़ | 04 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से महत्त्वकांक्षी बेरोज़गारी भत्ता योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत की। योजना की शुरूआत के साथ ही मुख्यमंत्री ने चार युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृति आदेश भी प्रदान किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को हर माह 2500 रुपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा साथ ही बेरोज़गारों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी।
- पात्रता की शर्तें:
- बेरोज़गारी भत्ता योजना के आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- योजना के लिये आवेदन किये जाने वाले वर्ष के 1 अप्रैल की तिथि पर आवेदक की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
- आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम हायर सेकेण्डरी यानी 12वीं कक्षा पास हो। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसी भी ज़िला रोज़गार एवं स्वरोज़गार मार्गदर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष की 1 अप्रैल की स्थिति में हायर सेकेंडरी या उससे अधिक योग्यता से उसका रोज़गार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो।
- आवेदक की स्वयं का आय का कोई स्रोत न हो और आवेदक के परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक न हो।
- पारिवारिक आय हेतु तहसीलदार या उससे उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाणपत्र बेरोज़गारी भत्ता की आवेदन तिथि से 1 वर्ष के अंदर ही बना हो।
- कौन होगा अपात्र:
- बेरोज़गारी भत्ता योजना के आवेदक के परिवार के एक से अधिक सदस्य यदि पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं तो परिवार के एक ही सदस्य को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा। ऐसी स्थिति में बेरोज़गारी भत्ता उस सदस्य को स्वीकृत किया जाएगा, जिसकी उम्र अधिक हो। उम्र समान होने की स्थिति में रोज़गार कार्यालय में पहले पंजीयन करने वाले सदस्य को बेरोज़गारी भत्ता के लिये पात्र बनाया जाएगा। उम्र और रोज़गार पंजीयन की तिथि, दोनों समान होने की स्थिति में उस सदस्य को पात्र बनाया जाएगा जिसकी शैक्षणिक योग्यता अधिक हो।
- आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी संस्था या स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या फिर ग्रुप डी को छोड़कर अन्य किसी भी श्रेणी की नौकरी में होने पर ऐसा आवेदक बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोज़गार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, परंतु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो वह योजना के लिये अपात्र हो जाएगा।
- पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और ज़िला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे। साथ ही ऐसे पेंशनभोगी जो 10 हज़ार रुपए या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, उनके परिवार के सदस्य भत्ते के लिये अपात्र होंगे।
- साथ ही इनकम टैक्स भरने वाले परिवार के सदस्य, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे।
- बेरोज़गारी भत्ता का भुगतान : बेरोज़गारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रोज़गार एवं प्रशिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर द्वारा प्रतिमाह 2500 रुपए का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। आवेदन करते समय आवेदक को अपने बचत बैंक खाते का खाता नंबर, आईएफएससी कोड की सही जानकारी देनी होगी। बैंक खाता में त्रुटि के कारण भुगतान नहीं हो पाने की जिम्मेदारी आवेदक की होगी।
- बेरोज़गारी भत्ता की अवधि : योजना के अंतर्गत बेरोज़गारी भत्ता के लिये पात्र आवेदक को प्रथमत: एक वर्ष के लिये बेरोज़गारी भत्ता देय होगा। यदि हितग्राही विशेष को एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन प्राप्त नहीं होता है तो इस अवधि को एक और वर्ष के लिये बढ़ाया जा सकेगा। किसी भी स्थिति में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
- कौशल प्रशिक्षण:
- योजना अंतर्गत जिन आवेदकों को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन्हें एक वर्ष की समयावधि में कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा।
- कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद आवेदक को रोज़गार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी।
- आवेदन में उल्लेखित व्यवसायों में से किसी एक व्यवसाय में कौशल विकास प्रशिक्षण निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यदि आवेदक प्रशिक्षण लेने से इंकार करते है या ऑफर किया गया रोज़गार स्वीकार नहीं करते है तो उनका बेरोज़गारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।
प्रदेश के तीन और अस्पतालों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र | छत्तीसगढ़ | 04 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के तीन और स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने विगत फरवरी माह में इन तीनों अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरगुजा ज़िले के सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महासमुंद के कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कोरबा के गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाज़ा है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 89 प्रतिशत, कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत और सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है।
- इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।