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स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Apr 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रोजेक्ट अलंकार से हाईटेक होंगे वाराणसी के सात राजकीय विद्यालय

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले के विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि ‘प्रोजेक्ट अलंकार’के तहत वाराणसी ज़िले के सात राजकीय हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में कॉरपोरेट स्कूल जैसी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिये कार्यदायी एजेंसी के साथ एमओयू की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • वाराणसी ज़िले के इन राजकीय हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से दो करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही विद्यालयों में जीर्णोद्धार व नवीनीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा।
  • विद्यालयों के जर्जर भवनों की हालत को सुधार कर उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
  • प्रोजेक्ट अलंकार की ओर से राजकीय विद्यालयों को सँवारने के लिये 12 बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से स्वच्छ पेयजल, छात्र-छात्राओं के लिये अलग-अलग कक्षाएँ, प्रयोगशाला, खेल मैदान, बैंडमिटंन, वॉलीबाल कोर्ट, ओपन जिम के साथ मल्टीपर्पज हॉल, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला के साथ सोलर प्लांट व रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

बिहार Switch to English

बिहार में बन रहा देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल पुल

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को बिहार पथ विकास निगम के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल पुल का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी कुल लंबाई 22.76 किलोमीटर है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस पुल की लंबाई 9.76 किलोमीटर व पुल के दोनों तरफ एप्रोच रोड की लंबाई 13 किलोमीटर है। इस पुल के तैयार होने से दक्षिण बिहार व पड़ोसी राज्य झारखंड की तरफ से आने-जाने वाले वाहनों को उत्तर बिहार जाने के लिये पटना शहर में आने की ज़रूरत नहीं होगी, इससे शहर में वाहनों का दबाव कम होगा।
  • लगभग 4988 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले इस पुल का पटना छोर एनएच-30 पर सबलपुर में तथा वैशाली छोर एनएच-103 पर चकसिकंदर में है।
  • गंगा पर सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल पुल के बनने से राघोपुर दियारा की सूरत बदलने के साथ उत्तर बिहार के लिये नयी कनेक्टिविटी होगी।
  • सिक्स लेन पुल के निर्माण में गंगा में दो पिलर के बीच 160 मीटर की दूरी है। गंगा में मालवाहक जहाज़ों के आवागमन को देखते हुए यह दूरी रखी गई है। सिक्सलेन पुल में पटना दक्षिण छोड़ की तरफ से नदी में लगभग 1.5 किलोमीटर व बिदुपुर उत्तरी छोर से नदी में लगभग 8.5 किलोमीटर पुल बन रहा है।
  • इस पुल का निर्माण गंगा के जलस्तर से 22 मीटर ऊँचाई पर हो रहा है। ताकि गंगा के अधिकतम जलस्तर से 12 से 13 मीटर के करीब ऊँचा होने से पुल पर जलस्तर का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
  • आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिक्सलेन पुल से राघोपुर दियारा को जोड़ने के लिये लिंक रोड का निर्माण भी शुरू हो चुका है।

Bridge


राजस्थान Switch to English

प्रतापगढ़, जालौर और राजसमंद में स्थापित होंगे नवीन मेडिकल कॉलेज

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के प्रतापगढ़, जालौर और राजसमंद ज़िलों में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि राज्य सरकार ने आधारभूत चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण तथा आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य करने हेतु ही मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है।
  • प्रतापगढ़, जालौर और राजसमंद में राजमैस के अधीन नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जाएंगे। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज का निर्माण 250 करोड़ रुपए की लागत से होगा।
  • इसके अलावा, इन कॉलेजों में आवश्यक उपकरण, फर्नीचर एवं पुस्तकों के लिये 75 करोड़ रुपए व्यय किये जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में स्वास्थ्य ढाँचा मज़बूत होगा। इससे विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिये दूर नहीं जाना पड़ेगा।
  • उल्लेखनीय है कि बजट वर्ष 2023-24 में प्रतापगढ़, जालौर और राजसमंद में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की घोषणा हुई थी।

राजस्थान Switch to English

‘मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर’ योजना के लिये 750 करोड़ रुपए का प्रावधान

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना’के तहत 750 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिससे प्रदेश के बीपीएल एवं उज्ज्वला योजना में शामिल परिवारों को अब 500 रुपए में गैस सिलेंडर मिलेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना’के तहत पात्र लाभार्थियों को 1 अप्रैल, 2023 से सस्ती दर पर प्रतिमाह एक सिलेंडर मिल सकेगा। इससे राज्य के 73 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
  • इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा ‘उज्ज्वला योजना’ के कनेक्शनधारी परिवारों को प्रति गैस सिलेंडर 410 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, बीपीएल गैस कनेक्शनधारकों को प्रति गैस सिलेंडर 610 रुपए की सब्सिडी देय होगी।
  • इसके अंतर्गत लाभार्थी द्वारा स्वयं सिलेंडर खरीदे जाने पर उसके जनआधार से लिंक खाते में सब्सिडी की राशि हस्तांतरित की जाएगी। एक अप्रैल, 2023 के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लाभार्थियों को भी इस योजना का लाभ देय होगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट 2023-24 में बीपीएल एवं उज्ज्वला योजना में शामिल परिवारों को 500 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी।
  • मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से बड़ी संख्या में प्रदेशवासियों को महंगाई से राहत मिलेगी तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा का पहला RPTO

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के उपनिदेशक (बागवानी) एवं ड्रोन प्रशिक्षक डॉ. सतेंद्र कुमार यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने करनाल ज़िले के फूसगढ़ गाँव स्थित सामुदायिक केंद्र भवन में रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ) स्थापित कर दिया है। यह हरियाणा का पहला सरकारी आरपीटीओ है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि ड्रोन का उपयोग देश व प्रदेश की सुरक्षा से लेकर अब खेत खलिहानों तक होने लगा है। पिछले दो तीन सालों से कृषि में ड्रोन के उपयोग को राज्य सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है। यही कारण है कि विभिन्न कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों में इसका प्रदर्शन किया जा रहा है।
  • हाल ही में करनाल की महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय को भारतीय कृषि अनुसंधान अटारी क्षेत्र में सर्वाधिक 700 एकड़ में नैनो यूरिया, डीएपी, रसायनों का छिड़काव सभी फसलों पर करने में प्रथम पुरस्कार मिला है।
  • हरियाणा सरकार ने एक संस्था दृष्या यानि ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड का गठन किया है। यही संस्था करनाल में स्थापित आरपीटीओ का संचालन करेगी।
  • एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च-2024 तक आरपीटीओ करनाल का करीब 500 युवाओं को प्रशिक्षण देकर ड्रोन पायलेट बनाने का लक्ष्य है। अभी आरपीटीओ के पास दो ड्रोन उपलब्ध हो गए हैं।
  • आरपीटीओ को संचालित करने वाली दृष्या के चेयरमैन राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हैं, जबकि भारतीय नौ सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, विंग कमांडर गिरिराज पूनिया को इसका सीईओ बनाया गया है। आईएएस टीएल सत्यप्रकाश को इसका प्रबंध निदेशक बनाया गया है।
  • ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण लेने के लिये युवाओं को मैट्रिक पास होना आवश्यक है। इसके लिये उसके पास आधार कार्ड, पास पोर्ट हो। साथ ही, उसकी उम्र 18 से 65 साल के मध्य होनी चाहिये। इच्छुक युवाओं को आरपीटीओ में पंजीकरण कराना होगा।
  • कृषि क्षेत्र में खाद से लेकर कीटनाशक छिड़काव में लगातार ड्रोन की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा टेली कम्युनिकेशन क्षेत्र, खनन क्षेत्र, नेशनल हाईवे और स्वास्थ्य सेवाओं में ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है, जिसके कारण इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित ड्रोन पायलट की मांग भी बढ़ती जा रही है।
  • उपनिदेशक (बागवानी) एवं ड्रोन प्रशिक्षक डॉ. सतेंद्र कुमार यादव ने बताया कि अभी पाँच दिन के विशेष प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाकर सरकार को भेजी गई है।
  • इसके अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) की ओर से निर्धारित फीस 65 हज़ार (जीएसटी अतिरिक्त) है, लेकिन इससे कम करके 25 हज़ार रुपए की फीस का प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भेजा गया है। सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद उसी हिसाब से फीस तय व प्रशिक्षण दिवस निर्धारित कर दिये जाएंगे।

हरियाणा Switch to English

दिव्यांगजनों को लेकर हरियाणा सरकार का एमेजॉन कंपनी से हुआ समझौता

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को हरियाणा राज्य दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि राज्य सरकार का एमेजॉन के साथ समझौता हुआ है, जिसके तहत प्रदेश के 10 हज़ार युवाओं को एमेजॉन कंपनी में रोज़गार दिया जाएगा। इनमें 1500 दिव्यांगों को भी नौकरी देनी शामिल है।

प्रमुख बिंदु 

  • दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत आने वाले दिव्यांगजनों को रोज़गार प्रदान किया जाएगा।
  • दिव्यांगों के लिये लघु सचिवालय में भूतल पर स्थापित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में 3 अप्रैल से हेल्प डेस्क शुरू किया जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये सभी दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
  • राज्य आयुक्त ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं में दिव्यांगजनों की फीस को नि:शुल्क कर दिया गया है।
  • प्रदेश के 97 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में बैकलॉग भरा जाएगा, जिसके लिये चार सदस्यीय का कमेटी का गठन किया जा चुका है। एडेड कॉलेजों में जिस वर्ग के पद अधिक भरे गए हैं, उनमें कट लगाया जाएगा और दिव्यांगजनों को उनका हक दिलाया जाएगा। इसके साथ-साथ पदोन्नति में आरक्षण का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
  • विदित है कि एडेड कॉलेजों में अब तक अनुसूचित जाति वर्ग व दिव्यांगजनों को उनके रोस्टर अनुसार पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई। दिव्यांग की सीट पर सामान्य लोग नौकरी में लग गए हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

नाचा समितियों को प्रोत्साहन स्वरूप दिये जाएंगे 10-10 हज़ार रुपए

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम निकुम में स्वर्गीय दाऊ रामचंद्र देशमुख प्रदेश स्तरीय नाचा गम्मत महोत्सव में नाचा समितियों को प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हज़ार रुपए देने की घोषणा की।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर उन्होंने पद्मश्री डोमार सिंह कुँवर और दीपक तारम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा मंच में ‘चेत करो तन के’पुस्तक का विमोचन भी किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कला जगत के पुरोधा स्वर्गीय डॉ. रामचंद्र देशमुख ने राज्य की संस्कृति को पुनर्जीवित किया। उन्होंने नाचा कलाकारों को नए ढंग से प्रशिक्षण देकर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से देश विदेश में अपनी संस्कृति को बढ़ावा दिया।
  • विदित है कि ग्राम निकुम में 31 मार्च से 2 अप्रैल तक तीन दिवसीय स्वर्गीय दाऊ रामचंद्र देशमुख प्रदेश स्तरीय नाचा महोत्सव का आयोजन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ अंचल में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत तथा कला जगत के धूमकेतु की उपमा से विभूषित दाऊ रामचंद्र देशमुख ने अपनी लोककला, लोकगीत के माध्यम से शोषण और अभावों से जूझती छत्तीसगढ़ी समाज को जागृत करने के लिये सार्थक पहल की। छत्तीसगढ़ अंचल के अभावग्रस्त जीवन एवं पीड़ा ने उन्हें इतना मर्माहत किया कि यही उनकी सभी प्रस्तुतियों का मूल स्वर बन गया।
  • सन् 1951 में उन्होंने ‘देहाती कला मंच’की स्थापना की। सन् 1971 में उन्होंने ‘चंदैनी गोंदा’ नाट्य पार्टी का निर्माण किया। चंदैनी गोंदा के बाद पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी की कहानी ‘कारी’को 1983 में अभिनित किया गया जिसने अंचल में धूम मचा दी।

 


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के निवास कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित एक महत्त्वपूर्ण अभियान ‘छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण-2023’ कार्य का शुभारंभ सर्वेक्षण दल को हरी झंडी दिखाकर किया।

प्रमुख बिंदु 

  • सर्वेक्षण का कार्य पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक चलेगा। इसके तहत सर्वेक्षण दल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे का कार्य करेंगे।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ‘छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण-2023’ नई-नई योजनाओं को बनाने और उनका बेहतर क्रियान्वयन कर लोगों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
  • सर्वेक्षण का उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन के जीवन स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई योजनाओं के निर्माण के लिये उपयोग किया जाना है। 
  • सर्वेक्षण से विभिन्न योजनाओं से वंचित हितग्राही भी अब नवीन सूची में शामिल हो पाएंगे और उन्हें पात्रता के अनुसार शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेरोज़गारी भत्ता योजना की शुरूआत की

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से महत्त्वकांक्षी बेरोज़गारी भत्ता योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत की। योजना की शुरूआत के साथ ही मुख्यमंत्री ने चार युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृति आदेश भी प्रदान किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को हर माह 2500 रुपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा साथ ही बेरोज़गारों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी।
  • पात्रता की शर्तें:
    • बेरोज़गारी भत्ता योजना के आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है।
    • योजना के लिये आवेदन किये जाने वाले वर्ष के 1 अप्रैल की तिथि पर आवेदक की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
    • आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम हायर सेकेण्डरी यानी 12वीं कक्षा पास हो। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसी भी ज़िला रोज़गार एवं स्वरोज़गार मार्गदर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष की 1 अप्रैल की स्थिति में हायर सेकेंडरी या उससे अधिक योग्यता से उसका रोज़गार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो।
    • आवेदक की स्वयं का आय का कोई स्रोत न हो और आवेदक के परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक न हो।
    • पारिवारिक आय हेतु तहसीलदार या उससे उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाणपत्र बेरोज़गारी भत्ता की आवेदन तिथि से 1 वर्ष के अंदर ही बना हो।
  • कौन होगा अपात्र:
    • बेरोज़गारी भत्ता योजना के आवेदक के परिवार के एक से अधिक सदस्य यदि पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं तो परिवार के एक ही सदस्य को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा। ऐसी स्थिति में बेरोज़गारी भत्ता उस सदस्य को स्वीकृत किया जाएगा, जिसकी उम्र अधिक हो। उम्र समान होने की स्थिति में रोज़गार कार्यालय में पहले पंजीयन करने वाले सदस्य को बेरोज़गारी भत्ता के लिये पात्र बनाया जाएगा। उम्र और रोज़गार पंजीयन की तिथि, दोनों समान होने की स्थिति में उस सदस्य को पात्र बनाया जाएगा जिसकी शैक्षणिक योग्यता अधिक हो।
    • आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी संस्था या स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या फिर ग्रुप डी को छोड़कर अन्य किसी भी श्रेणी की नौकरी में होने पर ऐसा आवेदक बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोज़गार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, परंतु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो वह योजना के लिये अपात्र हो जाएगा।
    • पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और ज़िला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे। साथ ही ऐसे पेंशनभोगी जो 10 हज़ार रुपए या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, उनके परिवार के सदस्य भत्ते के लिये अपात्र होंगे।
    • साथ ही इनकम टैक्स भरने वाले परिवार के सदस्य, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोज़गारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे।
  • बेरोज़गारी भत्ता का भुगतान : बेरोज़गारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रोज़गार एवं प्रशिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर द्वारा प्रतिमाह 2500 रुपए का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। आवेदन करते समय आवेदक को अपने बचत बैंक खाते का खाता नंबर, आईएफएससी कोड की सही जानकारी देनी होगी। बैंक खाता में त्रुटि के कारण भुगतान नहीं हो पाने की जिम्मेदारी आवेदक की होगी।
  • बेरोज़गारी भत्ता की अवधि : योजना के अंतर्गत बेरोज़गारी भत्ता के लिये पात्र आवेदक को प्रथमत: एक वर्ष के लिये बेरोज़गारी भत्ता देय होगा। यदि हितग्राही विशेष को एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन प्राप्त नहीं होता है तो इस अवधि को एक और वर्ष के लिये बढ़ाया जा सकेगा। किसी भी स्थिति में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
  • कौशल प्रशिक्षण:
    • योजना अंतर्गत जिन आवेदकों को बेरोज़गारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन्हें एक वर्ष की समयावधि में कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा।
    • कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद आवेदक को रोज़गार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी।
    • आवेदन में उल्लेखित व्यवसायों में से किसी एक व्यवसाय में कौशल विकास प्रशिक्षण निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यदि आवेदक प्रशिक्षण लेने से इंकार करते है या ऑफर किया गया रोज़गार स्वीकार नहीं करते है तो उनका बेरोज़गारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।

 


छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रदेश के तीन और अस्पतालों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के तीन और स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने विगत फरवरी माह में इन तीनों अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरगुजा ज़िले के सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महासमुंद के कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कोरबा के गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाज़ा है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 89 प्रतिशत, कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत और सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है।
  • इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में लगेंगे 25 हज़ार MSME उद्योग

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और रोज़गार के नए अवसर सृजित करने के लिये राज्य सरकार ने पाँच साल का रोडमैप तैयार किया है, जिसके अंतर्गत 25 हज़ार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • सशक्त उत्तराखंड के लिये अमेरिका की कंपनी मैकेंजी ग्लोबल ने राज्य में औद्योगिक विकास का रोडमैप बनाया है। योजना के तहत प्रदेश में 7500 करोड़ का निवेश होगा। इससे एक लाख लोगों को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा गया है।
  • निवेश को बढ़ावा देने लिये ईज आफ डूईंग बिजनेस, ज़िला स्तर पर निवेश के लिये अवस्थापना विकास, मार्केटिंग और ब्रांडिंग में सहयोग और निवेशकों को प्रोत्साहन देने पर सरकार का फोकस रहेगा।
  • मैकेंजी ग्लोबल की ओर से निवेश को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन के तौर पर सब्सिडी की सिफारिश की गई है। इसमें पर्वतीय क्षेत्रों में लगने वाले नए सूक्ष्म उद्योगों को 75 प्रतिशत (अधिकतम 75 लाख), लघु उद्योगों को 40 प्रतिशत (अधिकतम चार करोड़), मध्यम उद्योगों को 20 प्रतिशत (अधिकतम 10 करोड़) तक सब्सिडी देने की सिफारिश की गई है।
  • राज्य के ऊधमसिंह नगर ज़िले के प्रयाग फार्म के पास एक हज़ार एकड़ ज़मीन पर अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है, जो पंतनगर और रुद्रपुर से काफी नज़दीक है। यहाँ बड़े उद्योग लगाने के लिये ज़मीन उपलब्ध होगी।

उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश में वाइब्रेंट गाँवों की संख्या में होगा इजाफा

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय आने वाले दिनों में उत्तराखंड के और नए सीमांत गाँवों को शामिल करेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि केंद्र सरकार ने सीमांत गाँव नीति, माणा, मलारी और गुंजी को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल किया है। इन गाँवों के विकास के लिये केंद्र सरकार सहयोग करेगी।
  • मुख्यमंत्री सीमांत गाँव विकास योजना के तहत भी सीमांत गाँवों में पर्यटन और आर्थिकी गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माणा को प्रथम गाँव की संज्ञा दी है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की कोशिश है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले पर्यटक सीमांत गाँव तक जाएं और अपने यात्रा खर्च का पाँच फीसदी इन गाँवों के स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें।
  • सीमांत गाँवों को उनकी विशिष्टता के अनुरूप विकसित किया जाए और उनका प्रचार-प्रसार हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक वहाँ पहुँचे। इससे वहाँ के स्थानीय लोगों की आर्थिकी में सुधार स्थिति होगा और पलायन की समस्या भी कम होगी।


झारखंड Switch to English

देवघर में खुला संथाल परगना का पहला CNG स्टेशन

चर्चा में क्यों?

1 अप्रैल, 2023 को झारखंड के गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने देवघर-सारवां रोड स्थित कुंडा में संथाल परगना का पहला प्राकृतिक गैस आधारित सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने बताया कि सीएनजी भविष्य का ईंधन है और पूरी दुनिया में पर्यावरण बचाने का माहौल है। इसलिये पर्यावरण को बचाने के लिये यह सीएनजी कारगर होगा।
  • महानगरों की तर्ज पर छोटे शहरों में प्राकृतिक गैस की सुविधा लोगों को देने की वजह से ही पहला सीएनजी स्टेशन देवघर में खुला है। जल्द ही एचपीसीएल संथाल परगना के सभी शहरों में पाइप से घर-घर गैस की आपूर्ति करेगी। अगले दो वर्षों तक इस प्रमंडल के सभी पेट्रोल पंपों में सीएनजी स्टेशन भी खुलेंगे।
  • विदित है कि देवघर में लीथियम का बड़ा भंडार होने की घोषणा अगले छह माह से एक वर्ष के अंदर भारत सरकार कर सकती है। लीथियम का भंडार जम्मू-कश्मीर में मिल चुका है। दूसरे देशों पर पेट्रोलियम पदार्थों के लिये निर्भरता भारत सरकार अब खत्म करने की दिशा में है।
  • पाइप से घर-घर गैस की आपूर्ति होने से सिलिंडर पर निर्भरता व गैस की चोरी की समस्या खत्म होगी। 2024 से पहले पाइप से घर-घर गैस की सुविधा गृहिणियों को मिलेगी। सासंद ने कहा कि अधिक से अधिक लोग अपने वाहन में सीएनजी कीट लगवाए, ताकि उनके परिचालन पर खर्च कम हो सके।


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