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छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ के आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने विधानसभा बजट सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य का ‘आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2022-23’ पटल पर प्रस्तुत किया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ राज्य का जी.एस.डी.पी. स्थिर भावों पर वर्ष 2021-22 में 2 लाख 67 हज़ार 6 सौ 81 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 2 लाख 89 हज़ार 82 करोड़ रुपए अनुमानित है। इस वर्ष विकास दर आठ प्रतिशत होना अनुमानित है।
- स्थिर भावों पर (आधार वर्ष 20211-12) अग्रिम अनुमान वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद बाज़ार मूल्य (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2021-22 की तुलना में आठ प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।
- इसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (कृषि पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 93 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में 7.83 प्रतिशत वृद्धि एवं सेवा क्षेत्र में 9.21 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।
- प्रचलित भावों पर अग्रिम अनुमान वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (बाज़ार मूल्य) (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2021-22 के रुपए 406416 करोड़ से बढ़कर 457608 करोड़ रुपए होना संभावित है, जो कि 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- इसमें वर्ष 2021-22 में कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्र 85492 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 94635 करोड़ रुपए इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र में 163616 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 183586 करोड़ रुपए एवं सेवा क्षेत्र में 136329 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 155995 करोड़ रुपए होना संभावित है, जो कि गत वर्ष की तुलना में प्रतिशत वृद्धि क्रमश: 70, 12.21 एवं 14.43 प्रतिशत आकलित है।
- राज्य के सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार मूल्य पर (GSDP at Market Prices) त्वरित अनुमान के अनुसार गत वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (कृषि, उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में 8.07 प्रतिशत एवं सेवा क्षेत्र में 9.80 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
- प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 के त्वरित अनुमान के अनुसार 1,20,704 (एक लाख बी हज़ार सात सौ चार) रुपए से बढ़कर वर्ष 2021-23 अग्रिम अनुमान में 1,33,898 (एक लाख तैतीस हज़ार आठ सौ अठानबे) रुपए होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.93 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
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मुख्यमंत्री ने संत कवि पवन दीवान के नाम से राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदाय करने की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में आयोजित ‘संत कवि पवन दीवान’श्रद्धांजलि सभा एवं सम्मान समारोह में संत कवि पवन दीवान के सम्मान में उनके नाम से कविता लेखन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान करने की महत्त्वपूर्ण घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- संत कवि पवन दीवान के नाम से यह पुरस्कार आगामी राज्य अलंकरण समारोह से प्रतिवर्ष प्रदान किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर साहित्य तथा कविता लेखन के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिये छत्तीसगढ़ के कवि तथा साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।
- इनमें पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को विप्रकुल गौरव शिखर सम्मान-2023 से नवाजा गया। इसी तरह अरूण कुमार निगम तथा काशीपुरी कुंदन को संत कवि पवन दीवान स्मृति अस्मिता सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
- प्रत्येक को पुरस्कार स्वरूप 21-21 हज़ार रुपए की राशि और शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
- उन्होंने इस मौके पर विप्र योग पत्रिका तथा विप्र महाविद्यालय के मासिक बुलेटिन का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संत कवि पवन दीवान का छत्तीसगढ़ की माटी से गहरा लगाव था। उनकी कविता में बार-बार छत्तीसगढ़ के माटी का उल्लेख हुआ है। इनके लेखन में समाज के तत्कालीन दशा का बहुत ही सुंदर और सहज चित्रण मिलता है, जो हर वर्ग और हर समाज के लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती थी।
- छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम (महानदी पैरी और सोदूर नदी का जीवंत संगम) के पास स्थिति किरवई गाँव में 1 जनवरी, 1945 को प्रतिष्ठित ब्राम्हण परिवार में संत कवि पवन दीवान का जन्म हुआ था।
- वर्ष 1975 में आपातकाल के बाद सन् 1977 में वे जनता पार्टी के टिकट पर राजिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता श्यामाचरण शुक्ल (कॉन्ग्रेस पार्टी) को हराकर सबको चौंका दिया। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार में जेल मंत्री रहे।
- इसके बाद वे कॉन्ग्रेस के साथ आ गए और फिर पृथक् राज्य छत्तीसगढ़ बनने तक कॉन्ग्रेस में रहे। पूर्व सरकार में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे।
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मुख्यमंत्री ने विशेष संरक्षित जनजातियों पर आधारित पुस्तिका ‘जात्रा’ का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में छत्तीसगढ़ की विशेष संरक्षित जनजातियों पर डॉ. सत्यजीत साहू द्वारा लिखित एवं ‘जात्रा’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. सत्यजीत साहू ने बताया कि पुस्तिका में छत्तीसगढ़ में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों के संकेंद्रण, उनकी जीवनशैली, रहन-सहन और खान-पान का उल्लेख किया गया है।
- इसके साथ ही उनकी टीम के द्वारा शिविर के माध्यम से इन जनजातियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ ही छोटी-मोटी बीमारियों के प्रति भ्रांतियों को दूर करने के लिये किये गए प्रयासों की भी जानकारी दी गई है।
- उन्होंने बताया कि उनकी टीम सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कैंप लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवँ दवाइयाँ भी मुहैया करा रही है।
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