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स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Mar 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बनेगा नया विधानभवन

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि देश के नए संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश को भी जल्द ही नए विधानभवन की सौगात मिलेगी। 18वीं विधानसभा के सदस्यों को नई विधानसभा में बैठने का मौका मिलेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि वर्ष 2027 के पहले नये विधानभवन का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा। इसे पूरी तरह ईको फ्रेंडली, भूकंपरोधी और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
  • मौजूदा भवन के काफी पुराने हो जाने, बढ़ती जरूरतों के मुताबिक जगह कम होने, आसपास भारी यातायात का दबाव के चलते अन्यत्र नया विधानभवन बनाने की तैयारी है। इसके लिये प्रारंभिक तौर पर 50 करोड़ रुपए बजट में रखे गए हैं।
  • उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा का कम से कम एक सत्र का आयोजन नए विधानभवन में हो। नए विधानभवन का निर्माण बढ़ती ज़रूरतों के अनुसार किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि मौजूदा विधानभवन करीब 100 साल पुराना है। इसकी नींव 15 दिसंबर, 1922 को तत्कालीन गवर्नर सर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। यह भवन करीब छह साल में बनकर तैयार हुआ था तथा 21 फरवरी, 1928 को इसका उद्घाटन किया गया गया था।
  • मौजूदा विधानभवन का निर्माण कोलकाता की मेसर्स मार्टिन एंड कंपनी द्वारा किया गया था। इसके मुख्य आर्किटेक्ट सर स्विनोन जैकब और हीरा सिंह थे। उस समय विधानभवन के निर्माण के लिये 21 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे।
  • उत्तर प्रदेश का मौजूदा विधानभवन यूरोपियन और अवधी निर्माण की मिश्रित शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें फिलहाल 403 विधायकों के बैठने की व्यवस्था है।
  • जुलाई 1935 में विधान परिषद की बैठकों और कार्यालय कक्षों के लिये एक अलग चेंबर का प्रस्ताव किया गया था। एक्सटेंशन भवन का निर्माण मुख्य वास्तुविद एएम मार्टीमंर द्वारा कराया गया था। इसे लोक निर्माण विभाग की देखरेख में नवंबर 1937 में पूरा किया गया था। विधानपरिषद में फिलहाल 100 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।
  • ज्ञातव्य है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में दिल्ली में नए संसद भवन के साथ ही केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि ये नया संसद भवन भव्यता के साथ ही औपनिवेशिक काल के स्मारकों को टक्कर देने वाली स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण बनकर उभरेगा।

बिहार Switch to English

गंगा जल आपूर्ति योजना और गयाजी डैम को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) द्वारा दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में बिहार की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल गंगा जल आपूर्ति योजना और फल्गू नदी पर बने गयाजी डैम को केंद्रीय मंत्री आरके सिंह द्वारा दिया राष्ट्रीय पुरस्कार ‘सीबीआईपी अवार्ड 2022’ प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग की उक्त दो योजनाओं के लिये पुरस्कार विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल और अभियंता प्रमुख, सिंचाई सृजन ईश्वर चंद्र ठाकुर ने ग्रहण किया।
  • राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली दोनों अतिमहत्त्वाकांक्षी योजनाएँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनूठी परिकल्पना और दूरदृष्टि का परिणाम हैं। इन योजनाओं का नाम ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’और ‘गयाजी डैम’भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही रखा गया है।
  • उन्होंने बताया कि गंगा जल आपूर्ति योजना के जरिये देश में पहली बार बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले प्रमुख शहरों में ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
  • इसी तरह गया ज़िले में विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट देश के सबसे बड़े रबर डैम के निर्माण से फल्गु नदी में आठ से दस फीट जल उपलब्ध है। पहले देश-दुनिया से पिंडदान एवं धार्मिक कार्य के लिये गया आने वाले लाखों श्रद्धालु फल्गु नदी के जल के लिये तरसते थे, लेकिन पिछले साल पितृपक्ष के दौरान आए करीब 12 लाख श्रद्धालुओं को फल्गु में लबालब जल रहने से काफी सुविधा हुई।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा स्थापित संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) द्वारा जल संसाधन, ऊर्जा और गैर-पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र की बेहतरीन परियोजनाओं को हर वर्ष ‘सीबीआईपी अवार्ड’से सम्मानित किया जाता है।
  • ‘सीबीआईपी अवार्ड 2022 (जल संसाधन)’ के लिये देशभर की जल संसाधन परियोजनाओं का चयन कुल दस श्रेणियों में किया गया है। इनमें बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’और ‘गयाजी डैम’का चयन ‘जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन’जैसी अत्यंत महत्त्वपूर्ण श्रेणी में किया गया है।


राजस्थान Switch to English

गुलाबी नगरी के वैभव को संरक्षित करने हेतु ऑस हैरिटेज व पीडीकोर के बीच हुआ एम ओ यू

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने हेतु जयपुर में पीडीकोर, जेडीए, नगर निगम जयपुर हैरिटेज, जयपुर स्मार्ट सिटी लि. व नवागंतुक आस्ट्रेलिया के सहभागी संगठन ऑस हैरिटेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में ऑस हैरिटेज और पीडीकोर के बीच एक एमओयू साईन हुआ है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस एमओयू के तहत ऑस हैरिटेज संगठन जयपुर शहर की पुरा संपदा के संरक्षण व संवर्द्धन हेतु म्युचुअल रुचि के कोर क्षेत्र में आधुनिक व परंपरागत प्राचीन विधाओं का इस्तेमाल करते हुए सेवाएँ प्रदान करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि राजा सवाई जयसिंह द्वारा 35-40 चालीस हज़ार लोगों के लिये खुशहाली के साथ निवास करने हेतु 1727 में बसायी गई गुलाबी नगरी जयपुर जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत व 2015 में क्राफ्ट सिटी के रूप में घोषित किया जा चुका है।
  • कार्यशाला के समापन सत्र में जयपुर विरासत फाउंडेशन की अध्यक्ष व सिटी पैलेस की डायरेक्टर रीमा हूजा ने कहा कि शहर की विरासत के साथ आबोहवा को बचाने हेतु बच्चों को भी हैरिटेज वारियर्स बनाना होगा।
  • नगरीय विकास एवं आवासन हेतु राजस्थान सरकार के सलाहकार जी.एस. संधू ने ऑस हैरिटेज के अध्यक्ष व प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह व यूनेस्को विश्व विरासत जयपुर डेवलपमेंट प्लान पर केंद्रित पुस्तक भेंट की।  

राजस्थान Switch to English

रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को के जयपुर में आरआरईसीएल, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड तथा इकोनॉमिक टाइम्स के संयुक्त तत्वावधान में रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव आयोजित हुआ।

प्रमुख बिंदु 

  • रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार की निवेश के अनुकूल नीतियों से राजस्थान आज अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है।
  • उन्होंने बताया कि निवेशक राज्य में सौर ऊर्जा के साथ पवन ऊर्जा, हाईब्रिड संयंत्र और ग्रीन हाईड्रोजन परियोजनाएँ स्थापित करने के लिये आगे आ रहे हैं। राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिये जरूरी उपकरणों का निर्माण राजस्थान में ही करवाने के लिये प्रतिबद्ध है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित हो सके।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान में अपार संभावनाएँ हैं। देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क भड़ला (जोधपुर) में स्थित है। पूरे देश में अक्षय ऊर्जा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण वर्ष 2022 में राजस्थान को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिया गया है एवं आरआरईसीएल को राष्ट्रीय स्तर पर अक्षय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
  • कॉन्क्लेव के दौरान राज्य सरकार एवं निवेशकों के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुए। राज्य सरकार एवं टोरेंट पावर लिमिटेड के मध्य अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में हस्ताक्षरित हुए एमओयू से राज्य में 37 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आएगा तथा 6150 रोज़गार सृजित होंगे।
  • इसके अलावा वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में साइन हुए एमओयू से प्रदेश में 50 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आएगा तथा 2250 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एनर्जी सेक्टोरल पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल के माध्यम से ऊर्जा से संबंधित सभी जानकारियाँ एक ही स्थान पर मिल सकेगी। पोर्टल पर 11 विभागों के डेटा उपलब्ध हैं एवं इसे मुख्यमंत्री कार्यालय की आईटी टीम द्वारा बनाया गया है।  

झारखंड Switch to English

झारखंड बजट 2023-24

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को झारखंड विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 1 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बार के बजट में ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि किसानों को सिंचाई का लाभ देने के लिये और जल संरक्षण के दृष्टिकोण से 2023-24 में 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का मशीन से गाद हटाने एवं डीप बोरिंग इत्यादि योजना को लेकर 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोलिफ्ट इरिगेशन सिंचाई की व्यवस्था को कारगर बनाने में काफी किफायती है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में कृषि समृद्धि योजना लागू की जाएगी।
  • वर्ष 2023- 24 में FPOs के अनुदान मद में 50 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
  • झारखंड बजट 2023-24 के अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु -:
    • वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत अधिक से अधिक लाभुकों को जोड़ने के लिये 300 करोड़ रुपए का बजटीय उपबंध किया गया है। गिरिडीह एवं जमशेदपुर में नये डेयरी प्लांट एवं रांची में मिल्क पाउडर प्लांट व मिल्क प्रोडक्ट प्लांट की स्थापना के लिये 180 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।
    • सिंचाई कूप उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा तथा राज्य योजना का अभिसरण करते हुए बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन नामक नई योजना लागू करने का प्रस्ताव है। इस योजना के अंतर्गत 1 लाख किसानों की व्यक्तिगत भूमि पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा।
    • आम लोगों को पंचायत स्तर पर सभी सुविधाएँ एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिये सरकार द्वारा पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण योजना शुरू की जा रही है। सभी पंचायत सचिवालयों में पंचायत कार्यालय के अतिरिक्त प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से सभी प्रकार के प्रमाण-पत्र, ऑनलाइन सुविधाएँ, बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट से संबंधित सुविधाएँ, निर्धारित दिवस पर हल्का से संबंधित कार्य की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
    • विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने के लिये प्रोत्साहन राशि, महिलाओं में स्वच्छता के प्रसार को लेकर नि:शुल्क सेनेटरी नैपकीन का वितरण, प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने एवं प्रसव उपरांत मातृत्व केयर किट वितरण करने के उद्देश्य से ‘महिला एवं किशोरी कल्याण योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव है।
    • आंगनबाड़ी केंद्र में आनेवाले बच्चों को पाठशाला पूर्व शिक्षा के लिये ‘आंगनबाड़ी चलो अभियान’ योजना शुरू की जायेगी। इस योजना के तहत बच्चों को पोशाक एवं वर्क-बुक तथा सभी केंद्रों में फर्नीचर इत्यादि उपलब्ध कराए जाने के लिये वर्ष 2023-24 में 190 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
    • वर्ष 2023-24 में राज्य की सभी पंचायतों को जीरो ड्रॉपआउट पंचायत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
    • नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर चाईबासा, दुमका और बोकारो में आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाएगा।
    • पलामू, चाईबासा एवं दुमका में मनोचिकित्सा केंद्र की स्थापना की जाएगी। रांची में पीपीपी मोड पर Alcohol De addiction Centre खोला जाएगा।
    • वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री रोज़गार सृजन योजना का विस्तारीकरण करते हुए दो लाख युवाओं को लाभ पहुँचाने का लक्ष्य है।
    • वर्ष 2023-24 में पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चले, इस हेतु छात्रावासों में मॉडल लाइब्रेरी की स्थापना का प्रस्ताव है।
    • मानकी-मुंडा शासन व्यवस्था के तहत मानकी, मुंडा, डकुआ आदि की न्यायिक, प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य भूमिकाओं के महत्त्व को देखते हुए उन्हें वर्ष 2023-24 में दोपहिया वाहन सुलभ कराने का प्रस्ताव है।
    • वर्ष 2023-24 में इन पथ परियोजनाओं को शुरू किया जाना प्रस्तावित है- 1) साहेबगंज-बरहेट - जामताड़ा - दुमका- गोविंदपुर ए.डी.बी. पथ का फोरलेन में उन्नयन, 2) कोडरमा-जमुआ - गिरिडीह टुंडी - गोविंदपुर (SH-13) पथ का फोरलेन में उन्नयन, 3) सतसंग- भिरखीबाद पथ का फोरलेन में उन्नयन, आगामी वित्तीय वर्षों में सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, बाज़ार हाट, पंचायत कार्यालय, मध्य/उच्च विद्यालय, पोस्ट ऑफिस/बैंकों को पक्की सड़क से जोड़ने का प्रस्ताव है।
    • वर्ष 2023-24 में दुमका तथा बोकारो स्थित हवाई अड्डों से उड़ान प्रारंभ करने का प्रस्ताव है।
    • अमृत 0 योजना अंतर्गत रामगढ़ शहरी जलापूर्ति योजना एवं सिमडेगा शहरी जलापूर्ति योजना तथा 45 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य करने का प्रस्ताव है।
    • वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार द्वारा RTI Portal विकसित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ के आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने विधानसभा बजट सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य का ‘आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2022-23’ पटल पर प्रस्तुत किया।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ राज्य का जी.एस.डी.पी. स्थिर भावों पर वर्ष 2021-22 में 2 लाख 67 हज़ार 6 सौ 81 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 2 लाख 89 हज़ार 82 करोड़ रुपए अनुमानित है। इस वर्ष विकास दर आठ प्रतिशत होना अनुमानित है।
  • स्थिर भावों पर (आधार वर्ष 20211-12) अग्रिम अनुमान वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद बाज़ार मूल्य (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2021-22 की तुलना में आठ प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।
  • इसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (कृषि पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 93 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में 7.83 प्रतिशत वृद्धि एवं सेवा क्षेत्र में 9.21 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।
  • प्रचलित भावों पर अग्रिम अनुमान वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (बाज़ार मूल्य) (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2021-22 के रुपए 406416 करोड़ से बढ़कर 457608 करोड़ रुपए होना संभावित है, जो कि 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
  • इसमें वर्ष 2021-22 में कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्र 85492 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 94635 करोड़ रुपए इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र में 163616 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 183586 करोड़ रुपए एवं सेवा क्षेत्र में 136329 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 155995 करोड़ रुपए होना संभावित है, जो कि गत वर्ष की तुलना में प्रतिशत वृद्धि क्रमश: 70, 12.21 एवं 14.43 प्रतिशत आकलित है।
  • राज्य के सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार मूल्य पर (GSDP at Market Prices) त्वरित अनुमान के अनुसार गत वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (कृषि, उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में 8.07 प्रतिशत एवं सेवा क्षेत्र में 9.80 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
  • प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 के त्वरित अनुमान के अनुसार 1,20,704 (एक लाख बी हज़ार सात सौ चार) रुपए से बढ़कर वर्ष 2021-23 अग्रिम अनुमान में 1,33,898 (एक लाख तैतीस हज़ार आठ सौ अठानबे) रुपए होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.93 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने संत कवि पवन दीवान के नाम से राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदाय करने की घोषणा की

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में आयोजित ‘संत कवि पवन दीवान’श्रद्धांजलि सभा एवं सम्मान समारोह में संत कवि पवन दीवान के सम्मान में उनके नाम से कविता लेखन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान करने की महत्त्वपूर्ण घोषणा की।

प्रमुख बिंदु 

  • संत कवि पवन दीवान के नाम से यह पुरस्कार आगामी राज्य अलंकरण समारोह से प्रतिवर्ष प्रदान किये जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर साहित्य तथा कविता लेखन के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिये छत्तीसगढ़ के कवि तथा साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।
  • इनमें पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को विप्रकुल गौरव शिखर सम्मान-2023 से नवाजा गया। इसी तरह अरूण कुमार निगम तथा काशीपुरी कुंदन को संत कवि पवन दीवान स्मृति अस्मिता सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
  • प्रत्येक को पुरस्कार स्वरूप 21-21 हज़ार रुपए की राशि और शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
  • उन्होंने इस मौके पर विप्र योग पत्रिका तथा विप्र महाविद्यालय के मासिक बुलेटिन का विमोचन भी किया।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संत कवि पवन दीवान का छत्तीसगढ़ की माटी से गहरा लगाव था। उनकी कविता में बार-बार छत्तीसगढ़ के माटी का उल्लेख हुआ है। इनके लेखन में समाज के तत्कालीन दशा का बहुत ही सुंदर और सहज चित्रण मिलता है, जो हर वर्ग और हर समाज के लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती थी।
  • छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम (महानदी पैरी और सोदूर नदी का जीवंत संगम) के पास स्थिति किरवई गाँव में 1  जनवरी, 1945 को प्रतिष्ठित ब्राम्हण परिवार में संत कवि पवन दीवान का जन्म हुआ था।
  • वर्ष 1975 में आपातकाल के बाद सन् 1977 में वे जनता पार्टी के टिकट पर राजिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता श्यामाचरण शुक्ल (कॉन्ग्रेस पार्टी) को हराकर सबको चौंका दिया। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार में जेल मंत्री रहे।
  • इसके बाद वे कॉन्ग्रेस के साथ आ गए और फिर पृथक् राज्य छत्तीसगढ़ बनने तक कॉन्ग्रेस में रहे। पूर्व सरकार में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने विशेष संरक्षित जनजातियों पर आधारित पुस्तिका ‘जात्रा’ का किया विमोचन

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में छत्तीसगढ़ की विशेष संरक्षित जनजातियों पर डॉ. सत्यजीत साहू द्वारा लिखित एवं ‘जात्रा’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. सत्यजीत साहू ने बताया कि पुस्तिका में छत्तीसगढ़ में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों के संकेंद्रण, उनकी जीवनशैली, रहन-सहन और खान-पान का उल्लेख किया गया है।
  • इसके साथ ही उनकी टीम के द्वारा शिविर के माध्यम से इन जनजातियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ ही छोटी-मोटी बीमारियों के प्रति भ्रांतियों को दूर करने के लिये किये गए प्रयासों की भी जानकारी दी गई है। 
  • उन्होंने बताया कि उनकी टीम सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कैंप लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवँ दवाइयाँ भी मुहैया करा रही है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में तीन दिवसीय वसंतोत्सव शुरू

चर्चा में क्यों?

3 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित राजभवन परिसर में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने उद्यान विभाग की ओर से किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये टोल फ्री किसान हेल्प लाइन नंबर 18003135685 लांच किया।
  • उन्होंने कार्यक्रम में उद्यान विभाग की पुस्तक ‘शुष्क पुष्प व्यावसायिक’ हस्त पुस्तिका तथा नक्षत्र वाटिका पर बनी लघु फिल्म का विमोचन किया। वहीं डाक विभाग की ओर से इस साल के लिये चयनित तिमरू के विशेष डाक आवरण का विमोचन तथा डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि वसंतोत्सव लोगों को प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रोत्साहित करता है। इस महोत्सव के जरिये उत्तराखंड कृषि एवं उद्यानीकरण के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
  • राजभवन में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में संस्कृति विभाग सहित स्कूली बच्चों ने मनमोहक कार्यक्रम और नृत्य प्रस्तुत किये। सांस्कृतिक कलाकारों ने झूमैलो, छपेली, चांचरी, तांदी, हारुल आदि लोक नृत्य प्रस्तुत किये।
  • वसंतोत्सव के आयोजन में कट फ्लावर (पारंपरिक) प्रतियोगिता में 698, कट फ्लावर (गैर पारंपरिक) श्रेणी में 191 प्रतिभागी, पॉटेड प्लांट श्रेणी(प्राइवेट नर्सरी) में 22, लूज फ्लावर श्रेणी में 42, पॉटेड प्लांट (गैर पुष्प) श्रेणी में 17, कैक्टस एवं सेकुलेंट श्रेणी में 13, हैंगिंग पॉट श्रेणी में 27, ऑन स्पॉट फोटोग्राफी में 22, लॉन श्रेणी में 17, फ्रेश पेटल रंगोली में 08 और पेंटिंग प्रतियोगिता में 946 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
  • इस साल शुरू की गई नई प्रतियोगिताओं, छतों पर सब्जी उत्पादन की श्रेणी में 12, बोनसाई की श्रेणी में 23, टेरेरियम की श्रेणी में 7 एवं शहद की श्रेणी में 33 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
  • 3 से 5 मार्च तक राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव के दौरान पुष्प प्रदर्शनी के साथ कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा।

vasantotsav


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