उत्तर प्रदेश Switch to English
विधायक हो रहे अमीर : एडीआर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा के लिये फिर से चुनाव लड़ रहे मौज़ूदा विधायकों की संपत्ति 220.57 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
प्रमुख बिंदु
- एडीआर ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में फिर से चुनाव लड़ने वाले 301 विधायकों/एमएलसी के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण करने के बाद यह रिपोर्ट बनाई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा चुनाव लड़ रहे 301 विधायकों/एमएलसी में से 284 एमएलए/एमएलसी की संपत्ति 0 फीसदी से बढ़कर 220.57 फीसदी और 17 एमएलए/एमएलसी की संपत्ति -1 फीसदी से घटकर -36 फीसदी हो गई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 301 विधायकों/एमएलसी की औसत संपत्ति 2017 में 5.68 करोड़ रुपए थी, जो 2022 में बढ़कर 8.87 करोड़ रुपए हो गई है।
- 2017 और 2022 के राज्य चुनावों के बीच इन विधायकों/एमएलसी की औसत संपत्ति वृद्धि 3.18 करोड़ रुपए है, जबकि इन फिर से चुनाव लड़ने वाले नेताओं की संपत्ति में औसत प्रतिशत वृद्धि 56 प्रतिशत है।
- सबसे अधिक संपत्ति वृद्धि वाले शीर्ष विधायक/एमएलसी मुबारकपुर सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के शाह आलम (गुड्डू जमाली) हैं, जिनकी संपत्ति 2017 के 77.09 करोड़ रुपए से बढ़कर 2022 में 195.85 करोड़ रुपए (65 प्रतिशत की वृद्धि) हो गई है।
राजस्थान Switch to English
‘परिंडा बांधो अभियान’
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को विश्व वन्य जीव दिवस के अवसर पर राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने पक्षियों के जीवन संरक्षण हेतु परिंडा एवं चुग्गा पात्र बांधने के अभियान ‘परिंडा बांधो अभियान’की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा विभागीय कार्यालयों, आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों, होम्स और अन्य संस्थानों में पक्षियों के लिये परिंडे बांधने एवं चुग्गा पात्र की व्यवस्था का अभियान चलाया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि विश्व वन्यजीव दिवस पर इस अभियान की शुरुआत का विशेष महत्त्व है। यह दिवस हमें हमारी पर्यावरणीय चिंता और दायित्वबोध के प्रति सजग करता है।
- अभियान को राज्य स्तर पर विभागीय कार्यालयों में संचालित करने हेतु सभी को निर्देशित किया गया है कि गर्मियों में पक्षियों के परिंडों में प्रतिदिन पानी एवं चुग्गा पात्रों में दाने की व्यवस्था आपसी सहयोग से की जाए।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में इज़रायल के सहयोग से बनेंगे कृषि उत्कृष्टता केंद्र
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को इज़राइल के काउंसलेट जनरल कोबी शोशानी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के दौरान बताया कि इज़राइल का भारत में 29 कृषि उत्कृष्टता केंद्रों में से दो केंद्र मध्य प्रदेश में स्थापित करने का प्रस्ताव है।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्तावित केंद्रों में छिंदवाड़ा में संतरा उत्पादन और मुरैना में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- वर्तमान में मध्य प्रदेश में मालनपुर और मंडीदीप में इज़राइल की कंपनियों के कुछ प्रतिष्ठान कार्यरत् हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इज़राइल द्वारा प्राप्त सुझाव पर विचार कर अमल किया जाएगा। मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं को भी इज़राइली कंपनियों के सहयोग से बढ़ावा दिया जाएगा।
- सिंचाई क्षेत्र में भारत और इज़राइल द्वारा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में जल परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। विशेषरूप से दोनों देश जल प्रबंधन के अन्य संभावित क्षेत्रों में सहयोग के लिये तत्पर हैं।
- इज़राइल में एक पखवाड़े के विशेषण पाठ्यक्रम में मध्य प्रदेश के कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारी लाभान्वित किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना के क्रियान्वयन से बुंदेलखंड क्षेत्र का कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’के सिद्धांत और इज़राइल की कृषि शैली से मध्य प्रदेश प्रेरित है।
मध्य प्रदेश Switch to English
सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना की स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क (600 मेगावाट) और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क (950 मेगावाट) को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इन पार्क के विकास के लिये रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) सौर पार्क परियोजना विकासक (SPPD) होगा।
- ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है।
- यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जाएगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति संभव होगी।
- सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा।
- उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवीकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होंगी।
- प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिये वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
गौहर महल में 14 दिवसीय हैंडलूम एक्स-पो का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को अर्बन हाट गौहर महल में आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के तहत 14 दिवसीय हैंडलूम एक्स-पो का शुभारंभ पद्मश्री भूरीबाई द्वारा किया गया। एक्स-पो 15 मार्च, 2022 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लि. भोपाल द्वारा केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से इस स्पेशल हैंडलूम एक्स-पो का आयोजन अर्बन हाट गौहर महल में किया जा रहा है।
- खादी एवं ग्रामोद्योग की प्रबंध संचालक अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि एक्स-पो में मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात के बुनकरों के गुणवत्तायुक्त एवं विविध हैंडलूम उत्पाद एक साथ एक ही छत के नीचे रियायती दरों पर उपलब्ध हैं।
- अर्बन हाट गौहर महल परिसर में 35 स्थायी उपलब्ध दुकानों के साथ 25 अस्थायी दुकानों का अतिरिक्त निर्माण किया गया है। इस प्रकार 60 दुकानों में विभिन्न राज्यों के बुनकर हैंडलूम वस्त्र विक्रय के लिये उपलब्ध हैं।
- इस 14 दिवसीय हैंडलूम एक्स-पो में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। एक्स-पो में ग्राहकों के लिये प्रवेश एवं पार्किंग व्यवस्था नि:शुल्क की गई है।
हरियाणा Switch to English
ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त रबी 2021-22 की फसल के लिये विशेष गिरदावरी
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को हरियाणा विधानसभा के चालू बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर ने सदन में बताया कि राज्य के कुछ ज़िलों में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त रबी 2021-22 की फसल के लिये विशेष गिरदावरी का काम 1 मार्च, 2022 से शुरू हो चुका है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि राज्य में रबी फसलों की सामान्य गिरदावरी का कार्य 28 फरवरी तक किया जाता है, जबकि हाल ही में 25-26 फरवरी को हुई ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त रबी फसलों के लिये विशेष गिरदावरी का कार्य 1 मार्च से शुरू किया गया है।
- विशेष गिरदावरी के पूरा होते ही मुआवज़ा सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि धान, कपास, बाजरा जैसी खरीफ फसलों (2020-21) के लिये मुआवज़ा राशि का वितरण किया जा रहा है।
- उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर किसानों की कृषि भूमि में जलभराव के कारण फसल की बिजाई नहीं हो पाती है तो भी पीड़ित किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि भारी वर्षा, जलभराव तथा कीट के हमलों से खरीफ 2021 की फसल (कपास, मूंग, धान, बाजरा और गन्ना) में नुकसान हुआ था, जिसके लिये हरियाणा सरकार द्वारा विशेष गिरदावरी करवाई गई।
- गिरदावरी में करनाल, पलवल, नूंह, गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, झज्जर समेत कुल 12 ज़िलों के डीसी की रिपोर्ट के अनुसार 9,14,139 किसानों को प्रभावित पाया गया। 24,320 किसानों के मुआवज़े को उनके बैंक खाते में सीधा स्थानांतरित किया जा चुका है। शेष किसानों के मुआवज़े को 15 मार्च, 2022 तक करने के निर्देश दिये गए हैं।
झारखंड Switch to English
विधानसभा ने पारित किया अनुपूरक बजट
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2022 को झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा प्रस्तुत राज्य सरकार का 2,698 करोड़ रुपए का तीसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया।
प्रमुख बिंदु
- वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि नई योजना के लिये तीसरा अनुपूरक बजट लाया गया है, जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को पेट्रोल सब्सिडी है। अनुपूरक बजट में पेट्रोल सब्सिडी के लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- गौरतलब है कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों को 250 रुपए प्रति माह की सब्सिडी देने का फैसला किया है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक पेट्रोल सब्सिडी योजना शुरू की थी, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को प्रति माह 10 लीटर पेट्रोल के लिये 25 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी मिलेगी।
- इसके अलावा पोषण सखियों के मानदेय के भुगतान के लिये अनुपूरक बजट में 38 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
सोशल इंटरप्राइजेज फॉर गारबेज फ्री सिटी पर नेशनल कॉन्क्लेव
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को भारत सरकार के आवास एवं नगरीय मामले मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोशल इंटरप्राइजेज फॅार गारबेज फ्री सिटी पर नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें देश के 20 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छता को रोज़गार से जोड़ा गया है। स्वच्छता के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का मूलमंत्र कचरा प्रसंस्करण को आजीविका से जोड़ना रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ बनाने में सफलता मिली है।
- उन्होंने बताया कि इसके लिये राज्य सरकार ने ‘नरवा गरवा घुरवा बारी’ से स्वच्छता को जोड़ा, सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन पर ज़ोर दिया तथा 6 आर पॉलिसी-रीथिंक, रियूज़, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस, रिफ्यूज के आधार पर काम किया, जिससे नए अपशिष्ट बनने की मात्रा कम होने लगी।
- बस्तियों में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए, जिसमें लोगों ने अपना पूरा सहयोग दिया। मानव मल प्रबंधन के लिये स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए, जहाँ सीवर का पानी ट्रीट होता है।
- 10 हज़ार से अधिक स्वच्छता दीदियों ने राज्य के हर एक नागरिक को स्वच्छता के लिये प्रोत्साहित किया। लोगों को जागरूक करने के लिये इन दीदियों ने डोर-टू-डोर जाकर गीला-सूखा कचरा अलग रखने के लिये प्रशिक्षण दिया और लोगों में स्वच्छता को एक आदत का रूप देने में बड़ी तन्मयता से अपनी भूमिका निभाई है।
- आम नागरिकों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों को 24 घंटे के अंदर निपटान के लिये टोल फ्री नंबर 1100 दिया गया है। गूगल से सभी सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों को जोड़ा गया, ताकि लोग अपने आसपास के शौचालय को फोन पर ही सर्च कर सकें।
- घर-घर से सूखे और गीले कचरे का कलेक्शन कर राज्य के सभी शहरों में प्रोसेसिंग प्लांट में 100 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग द्वारा कचरा मुक्त शहर बनाने की दिशा में अभिनव कार्य किया गया है। साथ ही 150 से अधिक कचरे की खुली डंप साइट को खत्म कर वहाँ उद्यान और हरियाली का विकास किया गया है।
- राज्य में सभी नगरीय निकाय सेप्टिक टैंक के पानी का उपचार करते हैं। इस कारण छत्तीसगढ़ देश का स्वच्छतम राज्य के साथ ही सर्वप्रथम ओडीएफ प्लस प्लस राज्य बना है।
- नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के परंपरागत तरीके से कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ का स्वच्छता मॉडल अब देश का सबसे प्रख्यात मॉडल बन गया है। छत्तीसगढ़ लगातार 3 बार देश का सबसे स्वच्छतम राज्य बना है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश के 7वें डाक संभाग का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2022 को जनजातीय कार्य मंत्रालय की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह तथा छत्तीसगढ़ शासन के पंचयात एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा प्रदेश के 7वें डाक संभाग के रूप में सरगुजा डाक संभाग का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- सरगुजा डाक संभाग के अंतर्गत सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया एवं बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले शामिल हैं। संभाग के अंतर्गत एक प्रधान डाक घर, 35 उप डाक घर तथा 305 शाखा डाक घर संचालित होंगे।
- गौरतलब है कि इससे पहले रायगढ़ डाक संभाग होने के कारण लोगों को लंबी दूरी की यात्रा कर रायगढ़ जाना पड़ता था, जिससे समय और धन, दोनों ज़्यादा लगता था। सरगुजा डाक संभाग के बनने से संभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा आम जनता को सहूलियत होगी।
- केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने इस अवसर पर कहा कि माँ महामाया एयरपोर्ट से शीघ्र ही हवाई सेवा शुरू होगी।
- महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि अब लोगों को और सुविधा मिलेगी तथा शासन की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो सकेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में तीन साल में 10 गुना बढ़ा मक्के का रकबा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बीते तीन-चार सालों में मक्के का रकबा 13 हज़ार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 46 हज़ार हेक्टेयर हो गया है, जो कि 10 गुना से भी अधिक है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में बीते तीन-चार सालों में मक्के की खेती को लेकर किसानों का रुझान काफी तेज़ी से बढ़ा है। राज्य में समर्थन मूल्य पर 1870 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्के की खरीदी और कोंडागांव में प्रसंस्करण केंद्र शुरू होने से किसानों को बेहतर दाम मिलने लगा है, जिसके चलते मक्के के रकबे में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
- केंद्र से अनुमति मिलने के बाद कोंडागांव मक्का प्रसंस्करण केंद्र में मक्का से स्टार्च के स्थान पर अब एथेनाल के उत्पादन के लिये प्लांट लगाए जाने की तैयारी जारी है।
- बीते रबी सीजन 2020-21 में राज्य में 93 हज़ार 200 हेक्टेयर में किसानों ने मक्के की खेती की थी, जिसका रकबा चालू रबी सीजन में बढ़कर एक लाख 46 हज़ार 130 हेक्टेयर हो गया है। एक साल के दरम्यिान मक्के के रकबे के लक्ष्य में लगभग 53,000 हेक्टेयर की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
- गौरतलब है कि राज्य में रबी सीजन 2017-18 में मात्र 13 हज़ार 440 हेक्टेयर तथा वर्ष 2016-17 में (रबी सीजन में) मात्र 12 हज़ार हेक्टेयर में किसानों ने मक्के की खेती की थी।
- राज्य में तीन-चार साल पहले दर्जनभर ज़िले ऐसे थे, जहाँ मक्के की खेती लगभग नहीं के बराबर थी। आज की स्थिति में कोरिया ज़िले को छोड़कर शेष सभी ज़िलों में मक्के की खेती की जा रही है, जिसके चलते मक्के की खेती का रकबा 10 गुना से अधिक बढ़ गया है।
- वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य के बिलासपुर संभाग में इस साल मक्के की खेती का रकबा 327 गुना बढ़ा है। संभाग में पहले मात्र 60 हेक्टेयर में मक्के की खेती होती थी, जिसका रकबा आज बढ़कर 19 हज़ार 662 हेक्टेयर हो गया है।
- राज्य के कोंडागांव ज़िले में सर्वाधिक 45 हज़ार 880 हेक्टेयर में मक्के की खेती की जा रही है। यहाँ पहले 4260 हेक्टेयर में मक्का बोया जाता था। इसी प्रकार तीन-चार सालों में कांकेर ज़िले में मक्के का रकबा 4,000 हेक्टेयर से बढ़कर 28 हज़ार हेक्टेयर के पार पहुँच गया है।
- रायपुर संभाग के ज़िलों में लगभग 1470 हेक्टेयर से बढ़कर मक्के का रकबा 21 हज़ार हेक्टेयर, दुर्ग संभाग में 1470 हेक्टेयर से बढ़कर 8780 हेक्टेयर, सरगुजा संभाग में 290 हेक्टेयर से बढ़कर 10690 हेक्टेयर तथा बस्तर संभाग में मक्के की खेती का रकबा 10,000 हेक्टेयर से बढ़कर 85,800 हेक्टेयर पहुँच गया है।
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