आजीवन कारावास संबंधी मामलों में समय पूर्व रिहाई की नीति | उत्तर प्रदेश | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से आजीवन कारावास की समय पूर्व रिहाई की नीति पर पुन: विचार करने निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2021 की इस नीति में समय पूर्व रिहाई के लिये कैदियों की न्यूनतम आयु 60 वर्ष होने संबंधी प्रावधान की वैधता पर संदेह व्यक्त किया गया है।
- गौरतलब है कि 2021 की नीति के अनुसार सभी दोषी, जिन्होंने 60 साल की आयु पूरी कर ली है और बिना किसी छूट के 20 वर्ष और छूट के साथ 25 वर्ष जेल में बिता चुके हैं, उन्हें समय पूर्व रिहा किया जा सकता है।
- राज्य सरकार द्वारा बनाई गई इस नीति के तहत दोषियों की समय पूर्व रिहाई के लिये संविधान के अनुच्छेद-161 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया गया है।
- अनुच्छेद-161 के अनुसार, किसी राज्य के राज्यपाल को किसी अपराध के लिये दोष सिद्ध किये गए व्यक्ति के दंड को क्षमा, प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है।
पुनौरा धाम | बिहार | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा राज्यसभा में बताया गया कि बिहार के पुनौरा धाम को स्वदेश दर्शन योजना के रामायण सर्किट में तथा प्रसाद योजना में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम गाँव में माँ जानकी जन्मभूमि मंदिर है, जिसे ही पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है।
- गौरतलब है कि प्रसाद योजना सभी धर्मों के तीर्थ केंद्रों पर सुविधाओं और अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी।
- वहीं स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी, जैसे- रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट आदि।
- बिहार में प्रसाद योजना के अंतर्गत पटना साहिब का विकास तथा स्वदेश दर्शन योजना के तहत जैन परिपथ का विकास, कांवरिया परिपथ का विकास, गांधी परिपथ का विकास, रामायण सर्किट एवं बौद्ध परिपथ शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के तीन स्थानों के नाम परिवर्तन को केंद्र की मंजूरी | मध्य प्रदेश | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के तीन स्थानों- होशंगाबाद, शिवपुरी और बाबई के नाम परिवर्तन करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा होशंगाबाद का नाम ‘नर्मदापुरम’, शिवपुरी का ‘कुंडेश्वर धाम’ और बाबई का ‘माखन नगर’ किये जाने का प्रस्ताव वर्ष 2021 में केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
- गौरतलब है कि रेलवे स्टेशनों, गाँवों, कस्बों और शहरों का नाम बदलने के लिये राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है।
- नर्मदा नदी के दक्षिणी तट पर अवस्थित होशंगाबाद का नाम मालवा के शासक होशंगशाह के नाम पर रखा गया था, जबकि बाबई भारतीय काव्य के प्रख्यात छायावादी रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी का जन्मस्थान है।
मध्य प्रदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाने की तैयारी प्रारंभ | मध्य प्रदेश | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिन्दी में किये जाने के परिपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाए जाने की कार्यवाही के अनुक्रम में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से इसकी शुरुआत की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिन्दी में किये जाने की घोषणा की गई थी।
- इस कार्यवाही के पूर्ण होने पर मध्य प्रदेश देश में प्रथम राज्य होगा, जहाँ चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम एवं अध्यापन हिन्दी में होगा।
- प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जाएगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जाएगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का 2 माह अंग्रेजी माध्यम से एवं 2 माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जाएगा।
- द्वितीय चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 3 विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमिस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जाएगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिये 3 समिति बनाई गई हैं।
- चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना बनाने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्त रूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। इससे इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।
- एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमिस्ट्री की हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकें तैयार करने के लिये उप समिति गठित की गई है।
- द्वितीय उप समिति द्वारा हिन्दी में तैयार किये गए विषय को पुन: सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के लिये एक सत्यापन उप समिति भी गठित की गई है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने रखी ‘री-सर्कुलिंग एक्वाकल्चर सिस्टम’ की आधारशिला | हरियाणा | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के 53वें स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने री-सर्कुलिंग एक्वाकल्चर सिस्टम की आधारशिला रखी। इस तकनीक के माध्यम से देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन हासिल किया जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) एक ऐसी तकनीक है, जो पानी के पुन: संचार और पुन:उपयोग पर निर्भर करती है। इससे किसान कम जोत में भी अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं।
- इस प्रणाली में आयताकार या वृत्ताकार टैंक में कम जगह में अधिक मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। इसकी खासियत यह होती है कि इसमें मछली पालन में दूषित हुए पानी को बॉयो फिल्टर टैंक में डाला जाता है, फिर इसे फिल्टर करके वापस मछली वाले टैंक में भेज दिया जाता है।
- इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने रोजगारोन्मुखी योजनाओं का और अधिक क्रियान्वयन करने व प्राकृतिक खेती को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिये किसानों की आय में वृद्धि पर बल दिया।
- विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस प्रदर्शनी में कृषि विज्ञान, सहायक विज्ञान, गृह विज्ञान, खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी, नैनो टेक्नोलॉजी, कृषि व्यवसाय, मत्स्य विज्ञान, प्रतियोगी एवं सामान्य ज्ञान की पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है।
- इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य उच्चतम गुणवत्ता की पुस्तकों का चयन किया जाना है, ताकि विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में उनकी उपलब्धता आसानी से हो सके।
खान एवं भूतत्त्व विभाग ने इंटरनेशनल फोरम फॉर इन्वायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी के साथ एमओयू किया | झारखंड | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को झारखंड के खान एवं भूतत्त्व विभाग ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) की कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिये इंटरनेशनल फोरम फॉर इन्वायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी (आईएफओआरईएसटी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू के तहत आईएफओआरईएसटी डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन की बेहतरी के लिये जानकारी और प्रशिक्षण मुहैया कराएगा।
- गौरतलब है कि एमओयू के लिये राज्य मंत्रिमंडल ने इस साल 19 जनवरी को ही अपनी सहमति दे दी थी। एमओयू दो वर्षों के लिये हुआ है, लेकिन आपसी समझ से इसे आगे भी बढ़ाया जा सकेगा।
- खान एवं भूतत्त्व सचिव पूजा सिंघल की मौजूदगी में इस एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से खान निदेशक अमित कुमार और आईएफओआरईएसटी के सीईओ चंद्रभूषण ने हस्ताक्षर किये।
- एमओयू के अनुसार आईएफओआरईएसटी डीएमएफ को पॉलिसी, प्लानिंग और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा, ताकि डीएमएफ के कार्यों में गुणात्मक और फलदायी परिणाम मिल सके।
- आईएफओआरईएसटी खान विभाग को भी खनन क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय पुनर्वास में सहयोग करेगा। इससे वहाँ के स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा।
सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ के भूमिहीन श्रमिकों ने गांधी ‘सेवाग्राम’ और छत्तीसगढ़ ‘अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखी | छत्तीसगढ़ | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी, 2022 को कॉन्ग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्तमान सांसद राहुल गांधी एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में राज्य के भूमिहीन श्रमिकों ने महात्मा गांधी की स्मृतियों को संजोने के लिये नवा रायपुर में ‘सेवाग्राम’ और देश के लिये प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- सांसद राहुल गांधी के साथ ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखने वाले श्रमिक हैं- रामकुमार निषाद (दुर्ग), खुजी मौर्य (बस्तर), सोना नेताम (बलौदाबाजार- भाटापारा) तथा मसियस तिर्की (बलरामपुर- रामानुजगंज)।
- राहुल गांधी ने रायपुर में राज्य शासन की महत्त्वाकांक्षी ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ और ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ का शुभारंभ किया।
- राहुल गांधी ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर प्रकाशित कॉफी-टेबल बुक ‘जो कहा-सो किया’ का विमोचन भी किया।
- उन्होंने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त की राशि 3.55 लाख रुपए भूमिहीन परिवारों के खाते में ऑनलाइन अंतरित की। साथ ही राजीव युवा मितान योजना की राशि हितग्राहियों के खाते में ऑनलाइन अंतरित की।
- ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ का निर्माण छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी बटालियन, माना रायपुर में किया जाएगा।
- ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ देश के वीर सपूतों के बलिदान की स्मृतियों को संजोने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता तथा राष्ट्र प्रेम की भावना को वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली भावी पीढ़ियों के हृदय में जगाए रखने का प्रभावी माध्यम बनेगी।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के संदर्भ में कहा कि भूमिहीन मजदूरों को मदद पहुँचाने का यह देश में पहला उदाहरण है।
- इस योजना के माध्यम से खेत में काम करने वाले भूमिहीन मजदूरों, चरवाहों, नाई, धोबी, पुजारी, पुरोहित एवं पौनी-पसारी का काम करने वाले परिवारों को हर साल छह हजार रुपए की राशि मिलेगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में बनने वाला ‘सेवाग्राम’ गांधीजी और गांधीवाद को समझने, महसूस करने, सीखने और याद रखने के लिये आधुनिक भारत के एक तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।
- वर्धा का सेवाग्राम आश्रम गांधीजी के विचार, चिंतन, दर्शन और गांधीवाद के केंद्र में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर रहा है, वैसा ही नवा रायपुर सेवाग्राम एक उत्कृष्ट गांधीवादी केंद्र बनेगा।
छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बना | छत्तीसगढ़ | 04 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) के तहत पोर्टेबिलिटी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा समूह में छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि विभाग द्वारा ओएनओआरसी योजना के कार्यान्वयन की दिशा में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की प्रगति की समीक्षा की गई थी। विभाग ने पोर्टेबिलिटी लेनदेन के सफल परीक्षण के बाद छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने की मंजूरी दी है।
- इसके अनुरूप राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिये ओएनओआरसी योजना को 2 फरवरी, 2022 से छत्तीसगढ़ में लागू किया गया है।
- ओएनओआरसी के तहत छत्तीसगढ़ के प्रवासी एनएफएसए लाभार्थी भी अब पूरे देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर सब्सिडी वाले खाद्यान्न की खरीद कर सकेंगे।
- छत्तीसगढ़ के शामिल होने के बाद 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ओएनओआरसी योजना का संचालन किया जा रहा है और देश की लगभग 96.8 फीसदी एनएफएसए जनसंख्या (करीब 77 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी) को कवर किया जा रहा है।
- ओएनओआरसी एक तकनीक संचालित वितरण प्रणाली है, जो पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को वहनीय बनाती है। यह प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों, जो अस्थायी रोजगार आदि की खोज में आमतौर पर लगातार अपने रहने की जगह बदलते रहते हैं, के लिये काफी लाभप्रद है। प्रवासी लाभार्थी परिवार के सदस्य, जो घर वापस आ चुके हैं, बिना किसी कठिनाई के बाकी राशन की खरीद कर सकते हैं।
- यह लाभार्थियों को अपने एकसमान/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न की अपनी निश्चित मात्रा की खरीद का विकल्प प्रदान करता है।
- उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2019 में ओएनओआरसी योजना को शुरू किये जाने के बाद इसके तहत अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 56 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किये गए हैं। वहीं, अंतर-राज्य और राज्य के भीतर पोर्टेबिलिटी लेनदेन के जरिये खाद्य सब्सिडी के रूप में 31,000 करोड़ रुपए के बराबर मूल्य के 100 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है।
- एक प्रमुख संकेतक के रूप में, वर्तमान में ओएनओआरसी के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रतिमाह औसतन लगभग 2.5 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेन-देन (अंतर-राज्य, राज्य के भीतर और प्रधानमंत्री-जीकेएवाई खाद्यान्न लेन-देन सहित) दर्ज किया जा रहा है।