लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Feb 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश के तीन स्थानों के नाम परिवर्तन को केंद्र की मंजूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के तीन स्थानों- होशंगाबाद, शिवपुरी और बाबई के नाम परिवर्तन करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश सरकार द्वारा होशंगाबाद का नाम ‘नर्मदापुरम’, शिवपुरी का ‘कुंडेश्वर धाम’ और बाबई का ‘माखन नगर’ किये जाने का प्रस्ताव वर्ष 2021 में केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
  • गौरतलब है कि रेलवे स्टेशनों, गाँवों, कस्बों और शहरों का नाम बदलने के लिये राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है।
  • नर्मदा नदी के दक्षिणी तट पर अवस्थित होशंगाबाद का नाम मालवा के शासक होशंगशाह के नाम पर रखा गया था, जबकि बाबई भारतीय काव्य के प्रख्यात छायावादी रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी का जन्मस्थान है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाने की तैयारी प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

3 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिन्दी में किये जाने के परिपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाए जाने की कार्यवाही के अनुक्रम में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से इसकी शुरुआत की जाएगी। 
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिन्दी में किये जाने की घोषणा की गई थी।
  • इस कार्यवाही के पूर्ण होने पर मध्य प्रदेश देश में प्रथम राज्य होगा, जहाँ चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम एवं अध्यापन हिन्दी में होगा।
  • प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जाएगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जाएगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का 2 माह अंग्रेजी माध्यम से एवं 2 माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जाएगा।
  • द्वितीय चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 3 विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमिस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जाएगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिये 3 समिति बनाई गई हैं। 
  • चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना बनाने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्त रूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। इससे इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा। 
  • एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमिस्ट्री की हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकें तैयार करने के लिये उप समिति गठित की गई है।
  • द्वितीय उप समिति द्वारा हिन्दी में तैयार किये गए विषय को पुन: सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के लिये एक सत्यापन उप समिति भी गठित की गई है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2