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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Feb 2022
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सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ के भूमिहीन श्रमिकों ने गांधी ‘सेवाग्राम’ और छत्तीसगढ़ ‘अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखी

चर्चा में क्यों?

3 फरवरी, 2022 को कॉन्ग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्तमान सांसद राहुल गांधी एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में राज्य के भूमिहीन श्रमिकों ने महात्मा गांधी की स्मृतियों को संजोने के लिये नवा रायपुर में ‘सेवाग्राम’ और देश के लिये प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखी।

प्रमुख बिंदु

  • सांसद राहुल गांधी के साथ ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखने वाले श्रमिक हैं- रामकुमार निषाद (दुर्ग), खुजी मौर्य (बस्तर), सोना नेताम (बलौदाबाजार- भाटापारा) तथा मसियस तिर्की (बलरामपुर- रामानुजगंज)।
  • राहुल गांधी ने रायपुर में राज्य शासन की महत्त्वाकांक्षी ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ और ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ का शुभारंभ किया।
  • राहुल गांधी ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर प्रकाशित कॉफी-टेबल बुक ‘जो कहा-सो किया’ का विमोचन भी किया।
  • उन्होंने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त की राशि 3.55 लाख रुपए भूमिहीन परिवारों के खाते में ऑनलाइन अंतरित की। साथ ही राजीव युवा मितान योजना की राशि हितग्राहियों के खाते में ऑनलाइन अंतरित की। 
  • ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ का निर्माण छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी बटालियन, माना रायपुर में किया जाएगा।
  • ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ देश के वीर सपूतों के बलिदान की स्मृतियों को संजोने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता तथा राष्ट्र प्रेम की भावना को वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली भावी पीढ़ियों के हृदय में जगाए रखने का प्रभावी माध्यम बनेगी। 
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के संदर्भ में कहा कि भूमिहीन मजदूरों को मदद पहुँचाने का यह देश में पहला उदाहरण है।
  • इस योजना के माध्यम से खेत में काम करने वाले भूमिहीन मजदूरों, चरवाहों, नाई, धोबी, पुजारी, पुरोहित एवं पौनी-पसारी का काम करने वाले परिवारों को हर साल छह हजार रुपए की राशि मिलेगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में बनने वाला ‘सेवाग्राम’ गांधीजी और गांधीवाद को समझने, महसूस करने, सीखने और याद रखने के लिये आधुनिक भारत के एक तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • वर्धा का सेवाग्राम आश्रम गांधीजी के विचार, चिंतन, दर्शन और गांधीवाद के केंद्र में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर रहा है, वैसा ही नवा रायपुर सेवाग्राम एक उत्कृष्ट गांधीवादी केंद्र बनेगा।

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छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) के तहत पोर्टेबिलिटी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा समूह में छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बन गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि विभाग द्वारा ओएनओआरसी योजना के कार्यान्वयन की दिशा में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की प्रगति की समीक्षा की गई थी। विभाग ने पोर्टेबिलिटी लेनदेन के सफल परीक्षण के बाद छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने की मंजूरी दी है। 
  • इसके अनुरूप राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिये ओएनओआरसी योजना को 2 फरवरी, 2022 से छत्तीसगढ़ में लागू किया गया है। 
  • ओएनओआरसी के तहत छत्तीसगढ़ के प्रवासी एनएफएसए लाभार्थी भी अब पूरे देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर सब्सिडी वाले खाद्यान्न की खरीद कर सकेंगे। 
  • छत्तीसगढ़ के शामिल होने के बाद 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ओएनओआरसी योजना का संचालन किया जा रहा है और देश की लगभग 96.8 फीसदी एनएफएसए जनसंख्या (करीब 77 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी) को कवर किया जा रहा है। 
  • ओएनओआरसी एक तकनीक संचालित वितरण प्रणाली है, जो पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को वहनीय बनाती है। यह प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों, जो अस्थायी रोजगार आदि की खोज में आमतौर पर लगातार अपने रहने की जगह बदलते रहते हैं, के लिये काफी लाभप्रद है। प्रवासी लाभार्थी परिवार के सदस्य, जो घर वापस आ चुके हैं, बिना किसी कठिनाई के बाकी राशन की खरीद कर सकते हैं।
  • यह लाभार्थियों को अपने एकसमान/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न की अपनी निश्चित मात्रा की खरीद का विकल्प प्रदान करता है। 
  • उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2019 में ओएनओआरसी योजना को शुरू किये जाने के बाद इसके तहत अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 56 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किये गए हैं। वहीं, अंतर-राज्य और राज्य के भीतर पोर्टेबिलिटी लेनदेन के जरिये खाद्य सब्सिडी के रूप में 31,000 करोड़ रुपए के बराबर मूल्य के 100 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। 
  • एक प्रमुख संकेतक के रूप में, वर्तमान में ओएनओआरसी के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रतिमाह औसतन लगभग 2.5 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेन-देन (अंतर-राज्य, राज्य के भीतर और प्रधानमंत्री-जीकेएवाई खाद्यान्न लेन-देन सहित) दर्ज किया जा रहा है।

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