तुलसीदास का जन्मस्थान | उत्तर प्रदेश | 04 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट ज़िले के राजापुर गाँव को विकसित करने का निर्णय लिया है।
- यह संत और कवि गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान है, जिन्होंने 16वीं शताब्दी में रामचरितमानस की रचना की थी।
मुख्य बिंदु:
- उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने रामचरितमानस के महत्त्व के साथ-साथ इसके लेखक पर भी ज़ोर दिया, जिनकी जन्मस्थली पर बड़ी संख्या में लोग पूजा करने आते हैं।
- तुलसी रामायण का रामचरितमानस अवधी भाषा में तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य रामायण का पुनर्कथन है।
- रामचरितमानस की डिजिटल उपलब्धता को सक्षम करने के लिये आवास और विभिन्न अन्य प्रावधानों सहित पर्यटन सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
- 21 करोड़ की लागत से राजापुर गाँव में तुलसी स्मारक के पास करीब ढाई एकड़ क्षेत्र का सौंदर्यीकरण होगा।
- औषधीय पौधों वाला पार्क, छात्रावास, डिजिटल लाइब्रेरी और इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा।
- वर्तमान समय में घरेलू पर्यटन के मामले में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है। प्रदेश में पर्यटक सुविधाओं का लगातार विकास किया जा रहा है।
आपदा पूर्व चेतावनी हेतु राहत वाणी केंद्र | उत्तर प्रदेश | 04 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्य में बहु-खतरे परिदृश्यों से निपटने के प्रयास के तहत एक आपदा पूर्व चेतावनी केंद्र 'राहत वाणी केंद्र' (RVC) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- RVC’s का कार्य आपदा पूर्व चेतावनियाँ तथा पूर्वानुमान की जानकारी उपलब्ध करना तथा समय पर राहत संबंधी वस्तुओं को पहुँचाना ताकि कर्मचारियों को मुआवज़े को सुव्यवस्थित किया जा सके।
- RVC’s की स्थापना छह कर्मियों की एक टीम के साथ लखनऊ के लालबाग क्षेत्र में की जाएगी।
- यह एक एकीकृत आपदा जोखिम प्रबंधन स्टैक और एक कुशल तकनीकी वातावरण विकसित करने के लिये भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), लखनऊ, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे; इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोग; भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ; राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण; और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के साथ समन्वय करेगा।
- RVC’s के पीछे का उद्देश्य आम जनता को संभावित प्राकृतिक आपदाओं के बारे में उनके प्रभाव से 30 मिनट से एक घंटे पहले सचेत करना है। सूचना समुदाय स्तर पर एसएमएस अलर्ट, मोबाइल नोटिफिकेशन और अन्य माध्यमों से प्रसारित की जाएगी।
- वर्तमान में IMD के 68 स्वचालित मौसम स्टेशन (AWSs) और 132 स्वचालित वर्षा गेज (AWSs) स्टेशन राज्य में मौसम संबंधी सुचना प्रदान करते हैं।
- पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मज़बूत करने के लिये, राज्य सरकार और IMD पाँच डॉप्लर रडार (long-range weather forecasting and surveillance), 450 AWSs और 2000 ARG स्टेशन स्थापित कर रहे हैं।