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‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ लागू
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने जयपुर स्थित शासन सचिवालय में हुई बैठक में बताया कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ लागू हो गई है, जिसके तहत प्रथम चरण में बेघर व्यक्तियों का सर्वे और चिन्हीकरण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 के तहत हितधारकों द्वारा आगामी 2 माह में बेघर व्यक्तियों का सर्वे पूर्ण करवाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई।
- मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि सर्वे के उपरांत आए निष्कर्षों के आधार पर योजना की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी। सर्वे का कार्य संभाग स्तर, ज़िला स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा। ग्रामीण स्तर पर सर्वे कार्य पंचायती राज संस्थाओं द्वारा तथा शहरी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किये जाने पर हितधारकों द्वारा सहमति व्यक्त की गई।
- उन्होंने बताया कि बेघर व्यक्तियों को पर्याप्त आवास व्यवस्था के साथ आश्रय उपलब्ध कराना तथा उनको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिये शिक्षा सशक्तीकरण, पर्याप्त रोज़गार सृजन के साथ प्रशिक्षण के अवसर सहित स्वरोज़गार एवं सामाजिक हकों की पहुँच सुनिश्चित की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ के अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किये गए हैं।
- इसके अलावा नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा आदि जैसी मूलभूत आवश्यकताएँ भी उपलब्ध करवाए जाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिये शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान हैं। इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोज़गार के अवसर प्रदान कर सशक्त बनाया जाएगा।
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राष्ट्रपति ने राजस्थान में संविधान उद्यान का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों में संवैधानिक नैतिकता की भावना जाग्रत करने के लिये कार्य किये जाने पर बल देते हुए राजस्थान में जयपुर स्थित राजभवन में संविधान उद्यान का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिये स्थापित पारेषण तंत्र का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इसके अलावा उन्होंने एक हज़ार मेगावाट की बीकानेर सौर विद्युत परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास भी किया।
- राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा संविधान उद्यान के लोकार्पण के बाद राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां राजभवन में इस तरह का संविधान उद्यान बनकर तैयार हुआ है।
- उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा इसे तैयार किया गया है। गत वर्ष 26 जनवरी को संविधान उद्यान का राजभवन में शिलान्यास हुआ था।
- राज्य के सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में संविधान उद्यान निर्मित करने की पहल की गई है और राज्य की विधानसभा में अभिभाषण से पूर्व संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाने के साथ मूल कर्तव्यों को पढ़कर सुनाने की परंपरा का सूत्रपात किया गया है। इसी क्रम में राजभवन आने वाले सभी सामान्य और विशिष्टजन को संविधान से जुड़ी हमारी आदर्श संस्कृति से प्रत्यक्ष जोड़ने के उद्देश्य से संविधान उद्यान का निर्माण यहाँ किया गया है।
- राज्यपाल ने बताया कि संविधान उद्यान देश के पवित्र संविधान के 22 भागों का ही कला-रूप नहीं है बल्कि यह संविधान से जुड़े आदर्शों और संस्कृति का भी प्रतिबिंब है। यहाँ भारतीय संविधान की मूल हस्तलिखित प्रति बेहद कलात्मक ही नहीं संस्कृति के आदर्श को प्रस्तुत करने वाली है। प्रस्तावना को सुनहरे बॉर्डर में मोहन जोदड़ों की सभ्यता के प्रतीक घोड़ा, हाथी, शेर और बैल के चित्रों से सज्जित किया गया है।
- यहाँ महान कलाकार नंदलाल बोस और उनके शिष्यों के बनाए रेखांकनों को भी प्रस्तुत किया गया है, जिसमें शिष्यों के साथ यज्ञ करते वैदिक ऋषि का आश्रम, नटराज की मूर्ति, महाबलीपुरम मंदिर पर उकेरी कलाकृतियाँ, रेगिस्तान और गांधीजी की डांडी यात्रा, सुभाष बोस की आज़ाद हिन्द फौज, देवी-देवताओं, महात्मा बुद्ध आदि के रेखांकन प्रदर्शित किये गए हैं।
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