उत्तर प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया UPPSC की नई वेबसाइट का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में UPPSC की नई वेबसाइट का शुभारंभ किया। नई वेबसाइट युवाओं के लिये उपयोगी होगी और इसके साथ ही शासन और आयोग में भी बेहतर समन्वय होगा।
प्रमुख बिंदु
- इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में बार-बार विवरण नहीं देना होगा। आयोग ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) की व्यवस्था शुरू की है, जिसके अंतर्गत ओटीआर में दर्ज डिटेल्स डिजिटल रूप में कभी भी कहीं से भी उपलब्ध होगी।
- इसके अलावा सरकारी नौकरी के अलग-अलग नोटिफिकेशन के तहत आवेदन करने के लिये रजिस्ट्रेशन एक ही बार करना होगा तथा ओटीआर में दर्ज जानकारियाँ भर्ती संस्थानों से डिजिटली सत्यापित होगी, जिससे अभ्यर्थियों को सहूलियत मिलेगी।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि नियुक्तियाँ समय पर हों और ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की जाए। इसके जरिये शासन और आयोग में पहले से बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकेगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षकों के समयबद्ध चयन के लिये बेहद गंभीर है। इसके लिये राज्य में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन जल्द किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक ही आयोग के जरिये बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों का चयन किया जाएगा। एकीकृत आयोग के लिये दिशा-निर्देश भी दिये गए हैं। इसके बाद अब नया आयोग ही टीईटी की परीक्षा आयोजित कराएगा।
राजस्थान Switch to English
‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ लागू
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने जयपुर स्थित शासन सचिवालय में हुई बैठक में बताया कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ लागू हो गई है, जिसके तहत प्रथम चरण में बेघर व्यक्तियों का सर्वे और चिन्हीकरण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 के तहत हितधारकों द्वारा आगामी 2 माह में बेघर व्यक्तियों का सर्वे पूर्ण करवाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई।
- मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि सर्वे के उपरांत आए निष्कर्षों के आधार पर योजना की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी। सर्वे का कार्य संभाग स्तर, ज़िला स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा। ग्रामीण स्तर पर सर्वे कार्य पंचायती राज संस्थाओं द्वारा तथा शहरी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किये जाने पर हितधारकों द्वारा सहमति व्यक्त की गई।
- उन्होंने बताया कि बेघर व्यक्तियों को पर्याप्त आवास व्यवस्था के साथ आश्रय उपलब्ध कराना तथा उनको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिये शिक्षा सशक्तीकरण, पर्याप्त रोज़गार सृजन के साथ प्रशिक्षण के अवसर सहित स्वरोज़गार एवं सामाजिक हकों की पहुँच सुनिश्चित की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ के अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किये गए हैं।
- इसके अलावा नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा आदि जैसी मूलभूत आवश्यकताएँ भी उपलब्ध करवाए जाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिये शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान हैं। इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोज़गार के अवसर प्रदान कर सशक्त बनाया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
राष्ट्रपति ने राजस्थान में संविधान उद्यान का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों में संवैधानिक नैतिकता की भावना जाग्रत करने के लिये कार्य किये जाने पर बल देते हुए राजस्थान में जयपुर स्थित राजभवन में संविधान उद्यान का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिये स्थापित पारेषण तंत्र का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इसके अलावा उन्होंने एक हज़ार मेगावाट की बीकानेर सौर विद्युत परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास भी किया।
- राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा संविधान उद्यान के लोकार्पण के बाद राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां राजभवन में इस तरह का संविधान उद्यान बनकर तैयार हुआ है।
- उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा इसे तैयार किया गया है। गत वर्ष 26 जनवरी को संविधान उद्यान का राजभवन में शिलान्यास हुआ था।
- राज्य के सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में संविधान उद्यान निर्मित करने की पहल की गई है और राज्य की विधानसभा में अभिभाषण से पूर्व संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाने के साथ मूल कर्तव्यों को पढ़कर सुनाने की परंपरा का सूत्रपात किया गया है। इसी क्रम में राजभवन आने वाले सभी सामान्य और विशिष्टजन को संविधान से जुड़ी हमारी आदर्श संस्कृति से प्रत्यक्ष जोड़ने के उद्देश्य से संविधान उद्यान का निर्माण यहाँ किया गया है।
- राज्यपाल ने बताया कि संविधान उद्यान देश के पवित्र संविधान के 22 भागों का ही कला-रूप नहीं है बल्कि यह संविधान से जुड़े आदर्शों और संस्कृति का भी प्रतिबिंब है। यहाँ भारतीय संविधान की मूल हस्तलिखित प्रति बेहद कलात्मक ही नहीं संस्कृति के आदर्श को प्रस्तुत करने वाली है। प्रस्तावना को सुनहरे बॉर्डर में मोहन जोदड़ों की सभ्यता के प्रतीक घोड़ा, हाथी, शेर और बैल के चित्रों से सज्जित किया गया है।
- यहाँ महान कलाकार नंदलाल बोस और उनके शिष्यों के बनाए रेखांकनों को भी प्रस्तुत किया गया है, जिसमें शिष्यों के साथ यज्ञ करते वैदिक ऋषि का आश्रम, नटराज की मूर्ति, महाबलीपुरम मंदिर पर उकेरी कलाकृतियाँ, रेगिस्तान और गांधीजी की डांडी यात्रा, सुभाष बोस की आज़ाद हिन्द फौज, देवी-देवताओं, महात्मा बुद्ध आदि के रेखांकन प्रदर्शित किये गए हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में 45 सी.एम. राइज विद्यालयों के लिये 1807 करोड़ 57 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान किये जाने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 स्कूल विकसित किये जा रहे हैं। इनमें से 45 स्कूलों के निर्माण के लिये डीपीआर तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किये गए। विभागीय प्रस्ताव के अनुक्रम में परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा पर 45 सर्वसुविधायुक्त स्कूलों के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
- प्रदेश में कुल 9 हज़ार 200 सी.एम. राइज स्कूलों का निर्माण किया जाना है। इसकी मंत्रि-परिषद से सैद्धांतिक स्वीकृति जुलाई, 2021 में जारी की जा चुकी है। इसमें से प्रथम चरण में 370 स्कूलों का निर्माण हो रहा है, जिनमें 275 स्कूल शिक्षा विभाग में तथा शेष 95 स्कूल जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत निर्मित हो रहे हैं। पूर्व में मंत्रि-परिषद द्वारा 2 हज़ार 660 करोड़ रुपए की लागत के 73 स्कूलों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
- मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 433 नई पी.जी. सीट वृद्धि का निर्णय लिया। तीनो चिकित्सा महाविद्यालय के लिये कुल 438 करोड़ 40 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
- चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा के विभिन्न विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिये पी.जी सीट्स की वृद्धि होने से प्रदेश को प्रत्येक वर्ष अतिरित्त संख्या में विषय-विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हो सकेंगे।
- मंत्रि-परिषद ने जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रतिष्ठित संस्थाओं से संभाग स्तर पर दिये जाने के लिये योजना का अनुमोदन एवं ऑफलाईन कोचिंग को प्रतिवर्ष और ऑनलाईन कोचिंग पायलेट प्रोजेक्ट में आगामी 4 वर्षों के संचालन के लिये वित्तीय भार 30 करोड़ 54 लाख 71 हज़ार रुपए का अनुमोदन किया।
- इस योजना में आफलाईन कोचिंग के लिये वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक (2 वर्षीय पाठयक्रम अनुसार) 1600 विद्यार्थियों को ऑफलाईन कोचिंग से लाभान्वित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कक्षा 9वीं से 12वीं तक की ऑनलाईन कोचिंग के लिये 10 विशिष्ट विद्यालयों के 25 विद्यार्थियों के मान से 4 वर्षों में कुल 250 विद्यार्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में आम सहमति और निर्विरोध निर्वाचन को प्रोत्साहित करने की योजना को पुनरीक्षित करते हुए अब नई श्रेणियाँ एवं पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, उन्हें 5 लाख रुपए। सरपंच पद के लिये वर्तमान निर्वाचन एवं पिछला निर्वाचन निरंतर निर्विरोध रूप से होने पर 7 लाख रुपए; ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच एवं सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए, उन्हें 7 लाख रुपए; ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच तथा सभी पंच महिला निर्वाचित हुए हैं 12 लाख रुपए; पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध होने पर 15 लाख रुपए दिये जाने का निर्णय लिया गया।
- मुख्यमंत्री द्वारा 7 दिसंबर 2022 को सरपंचों के राज्य-स्तरीय उन्मुखीकरण, प्रशिक्षण-सह-सम्मेलन में घोषणा की गई थी कि सरपंचों का मानदेय 1,750 से बढ़ाकर 4,250 रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। इस संदर्भ में पंचायत राज संचालनालय से जारी आदेश का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसमर्थन किया गया। इससे प्रदेश की 23 हज़ार 12 ग्राम पंचायतों के सरपंच, दूरभाष एवं सत्कार भत्ता सहित 4,250 रुपए प्रतिमाह मानदेय प्राप्त करेंगे।
- मंत्रि-परिषद ने जनजातीय कार्य विभाग की ‘ग्रेन बैंक’योजना के प्रावधान के अनुसार 2846 ग्रेन बैंकों के माध्यम से गरीब असहाय जनजातीय परिवारों को वितरित 15 करोड़ 75 लाख रुपए का खाद्यान्न वापस न मिलने पर इसकी लागत पर शासन को हुई हानि राशि 15 करोड़ 75 लाख रुपए का अपलेखन किये जाने के निर्णय का अनुमोदन किया।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांर्गत पूर्व में प्रथम प्रसव वाली पात्र गर्भवती एवं धात्री माता को 5 हज़ार रुपए दिये जाने का प्रावधान था। मंत्रि-परिषद ने योजना के नवीन दिशा-निर्देशों में प्रथम प्रसव पर 5 हज़ार रुपए के साथ द्वितीय प्रसव पर बालिका के जन्म होने पर योजना के पात्र हितग्राही को 6 हज़ार रुपए दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की। ‘मिशन शक्ति’ के ‘सामर्थ्य’घटक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 प्रदेश के सभी ज़िलों में परिवर्तित दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित करने की स्वीकृति भी दी गई।
झारखंड Switch to English
जमशेदपुर ‘नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम’ में शामिल
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को झारखंड के जमशेदपुर अक्षेस विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पर्यावरण से जुड़े ‘नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम’ में जमशेदपुर को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा राज्य से राँची और धनबाद भी इसमें शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- जमशेदपुर अक्षेस विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने जमशेदपुर में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लिये लगभग 50 करोड़ रुपए का अग्रिम आवंटन किया है।
- इसके लिये जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद संयुक्त कार्य योजना बनाएंगे। इसमें जमशेदपुर अक्षेस नोडल एजेंसी होगी।
- संजय कुमार ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण पार्षद व निकाय मिलकर इस योजना को आगे बढ़ाएंगे। जुगसलाई और मानगो चौक पर प्रदूषण मापक यंत्र स्थापित किया जा चुका है। इस योजना में बीआईटी मेसरा के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है।
- उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बीआईटी मेसरा पता लगाएगा कि किस सोर्स से प्रदूषण हो रहा है। सड़कों पर उड़ने वाले धूल कण को नियंत्रित किया जाएगा। जहाँ सबसे ज्यादा धूलकण होते हैं, वहाँ पेवर्स ब्लॉक लगाया जा रहा है।
- टूटी सड़कों को तत्काल ठीक कराया जायेगा तथा सड़कों के चौड़ीकरण की भी योजना है। इसके अंतर्गत पेड़ लगाकर हरियाली बढ़ाई जाएगी तथा करीब तीन हज़ार नये पेड़ लगाने की योजना पर काम तेजी से चल रहा है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक: राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 8 से 10 जनवरी तक
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2022-23 का राज्य स्तरीय आयोजन अब 8 जनवरी से 10 जनवरी, 2023 तक राजधानी रायपुर के विभिन्न खेल मैदानों के साथ-साथ इंडोर स्टेडियम में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का उद्घाटन समारोह 8 जनवरी को सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में होगा। समापन समारोह का आयोजन स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा-रायपुर में 10 जनवरी को किया जाएगा।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के सभी 14 खेल विधाओं की प्रतियोगिता सरदार बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम, आउटडोर स्टेडियम बुढ़ापारा, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय खेल परिसर और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में आयोजित किये जाएंगे।
- गौरतलब है कि पूर्व में राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता के लिये 7 जनवरी से 9 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई थी जिसे बदलकर 8 से 10 जनवरी कर दिया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
चीन सीमा को जोड़ने वाले उत्तराखंड के दो पुल राष्ट्र को समर्पित
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन सीमा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवनिर्मित उत्तराखंड के दो पुलों का वर्चुअली उद्घाटन किया। इन पुलों का निर्माण टनकपुर-तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में टनकपुर-तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर एक पुल धौलीगंगा में है। धौलीगंगा और काली गंगा के संगम स्थल पर बनाए गए इस सुपर स्ट्रक्चर पुल की लंबाई 80 मीटर है।
- दूसरा पुल इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जौलजीबी के पास किमखोला के गुमरोड़ी में बनाया गया है। इस पुल की लंबाई 35 मीटर है।
- ज्ञातव्य है कि इन पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 27 दिसंबर को किया जाना था लेकिन उस दिन पुलों का उद्घाटन किन्हीं कारणोवश नहीं हो सका।
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के ओसी रमेश गणपति ने बताया कि दोनों पुलों का निर्माण प्रोजेक्ट हीरक के तहत 1447 बीसीसी/47बीआरटीएफ ने किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में मज़बूत पुलों के बनने से वाहनों की आवाजाही और अधिक सुगम हो जाएगी।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने जारी की नाबार्ड की फोकस रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
3 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की फोकस रिपोर्ट जारी की, जिसके अंतर्गत राज्य में कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर,एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये नाबार्ड 30301 करोड़ रुपए का लोन देगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 की शुरुआत करते हुए यह रिपोर्ट जारी की है।
- नए वित्तीय वर्ष में नाबार्ड, राज्य को 30301 करोड़ रुपए का ऋण देगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष नाबार्ड ने प्रदेश को दस हज़ार करोड़ रुपए की 4515 परियोजनाओं की मंजूरी दी थी।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैंकों को इन योजनाओं में बेहतर काम करने, सभी की मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिये। यह किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगी।
- उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले तीन ज़िलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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