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एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के संबंध में राज्यस्तरीय बोर्ड की पहली बैठक
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 एवं सरोगेसी (रेग्युलेशन) एक्ट, 2021 के संबंध में गठित राज्यस्तरीय बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में राज्य में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के लागू होने से पूर्व जो एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक एवं सरोगेसी क्लीनिक कार्य कर रहे हैं, उनसे इस संबंध में शपथ-पत्र लिये जाने एवं उनमें कार्यरत् विशेषज्ञों जैसे एब्रियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक काउंसलर की योग्यता/अनुभव में एक बार छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
- इसके अलावा एआरटी क्लिनिक/एआरटी बैंक/सरोगेसी क्लीनिक के पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया और इनके पंजीकरण से पूर्व भौतिक निरीक्षण किये जाने के संबंध में बोर्ड द्वारा एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया। एप्रोप्रियेट अथॉरिटी के निर्णयों के विरुद्ध सभी प्रकरणों में अपील राज्य सरकार को की जा सकेगी।
- मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि आशयित दंपति/आशयित महिला/सेरोगेट माता को पात्रता प्रमाण-पत्र जिस अवधि का जारी किया जाना है, उस अवधि के बारे में अन्य राज्य की एप्रोप्रियेट अथॉरिटी द्वारा जिस अवधि का प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है, उसकी जानकारी प्राप्त कर उसके अनुसार अवधि का निर्णय किये जाने के लिये एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया है।
- इसके अलावा ज़िला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में ज़िला मेडिकल बोर्ड का गठन करने की अनुमति भी प्रदान की गई है, जिसमें एक वरिष्ठतम स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एक वरिष्ठतम शिशु रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
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‘राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम’ के अंतर्गत नवीन सेवाएँ सम्मिलित करने के प्रस्ताव को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने तथा मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये ‘गुड गवर्नेंस’की दिशा में निरंतर कार्य करते हुए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की नवीन सेवाओं को ‘राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011’ के अंतर्गत लाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रस्ताव के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगरीय विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रक मंडल, गृह विभाग, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, आबकारी विभाग, ऊर्जा विभाग, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, पर्यटन विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, विधिक मापविज्ञान प्रकोष्ठ की विभिन्न नवीन सेवाओं को जोड़ने की मंज़ूरी दी गई है।
- इसके अलावा श्रम विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग, नगरीय विकास विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, गृह विभाग में सेवाओं के लिये अधिसूचित पदाभिहित अधिकारी/प्रथम अपील अधिकारी/द्वितीय अपील अधिकारी में संशोधन को मंज़ूरी दी गई है।
- मुख्यमंत्री की इस मंज़ूरी से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अधिक-से-अधिक लोगों को सुगमता से शीघ्र मिलना सुनिश्चित होगा और इससे विभागों की सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेशवासियों को सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं का पूर्ण लाभ प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011 लाकर विभिन्न विभागों की सेवाओं को इसके अंतर्गत लाया गया था।
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