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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Nov 2022
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छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव समारोह में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की विभिन्न विभूतियों को उनकी उपलब्धियों एवं राज्य के विकास में योगदान के लिये राज्य अलंकरण पुरस्कारों से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

राज्य अलंकरण पुरस्कार और उनसे सम्मानित विभूतियाँ

पुरस्कार/सम्मान

सम्मानित विभूति

प्रदान करने वाला विभाग

शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार

नारायण मरकाम

आदिम जाति कल्याण विभाग

पंडित लखन लाल मिश्र सम्मान

लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल

गृह (पुलिस) विभाग

यति यतनलाल सम्मान

मदन मोहन गौशाला (खरसिया, रायगढ़)

सामान्य प्रशासन विभाग

गुंडाधूर सम्मान

अमितेश मिश्रा

खेल एवं युवा कल्याण विभाग

मिनीमाता सम्मान

डॉ. मीरा शुक्ला

महिला एवं बाल विकास विभाग

गुरु घासीदास सम्मान

खेमचंद भारती

आदिम जाति कल्याण विभाग

ठाकुर प्यारेलाल सम्मान

अशोक अग्रवाल

सहकारिता विभाग

हाज़ी हसन अली सम्मान

जनाब यूनुस खान

आदिम जाति कल्याण विभाग

पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान

सीताराम अग्रवाल

सामान्य प्रशासन विभाग

पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान

रामेश्वर वैष्णव

संस्कृति विभाग

चक्रधर सम्मान

वेदमणि सिंह ठाकुर

संस्कृति विभाग

दाऊ मंदराजी सम्मान

जयंती यादव और पंडित राम (संयुक्त रूप से)

 संस्कृति विभाग

डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान

खेदूराम बंजारे

कृषि विभाग

महाराजा अग्रसेन सम्मान

ईश्वर प्रसाद अग्रवाल

सामान्य प्रशासन विभाग

दानवीर भामाशाह सम्मान

गंगोत्री वर्मा

समाज कल्याण विभाग

बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार

रूपचंद धीवर

मत्स्य विभाग

संस्कृत भाषा सम्मान

डॉ. बालकृष्ण तिवारी

उच्च शिक्षा विभाग

भँवर सिंह पोर्ते सम्मान

टुकेश्वर कँवर

आदिम जाति कल्याण विभाग

महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव पुरस्कार

एनटीपीसी सीपत और पालूराम साहू (संयुक्त रूप से)

श्रम विभाग

बिसाहूदास महंत पुरस्कार 2020-21

आनंद देवांगन और पँचरण देवांगन (संयुक्त रूप से)

 

ग्रामोद्योग विभाग

बिसाहूदास महंत पुरस्कार 2021-22

राजन देवांगन और कृष्ण कुमार देवांगन (संयुक्त रूप से)

राजराजेश्वरी करुणामाता हथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार

नरसिंह देवांगन एवं श्रीपति मेहेर देवांगन (संयुक्त रूप से)

ग्रामोद्योग विभाग

देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार

द्वारिका बर्मन

संस्कृति विभाग

देवदास स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार

मिलाप दास बंजारे

संस्कृति विभाग

किशोर साहू सम्मान

मनु नायक

संस्कृति विभाग

किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण

पलाश वासवानी

संस्कृति विभाग

धनवन्तरि सम्मान

डॉ. मनोज चौकसे

स्वास्थ्य विभाग

बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान

डॉ. प्रिया राव और विवेक सारस्वत (संयुक्त रूप से)

विधि एवं विधायी विभाग

छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान

गणेश कर

संस्कृति विभाग

लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार

जीवन यदु

संस्कृति विभाग

चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार

प्रिंट मीडिया हिन्दी- धनंजय वर्मा 

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हिन्दी- अमितेष पांडेय और डॉ. वैभव शिव पांडेय (संयुक्त रूप से)

जनसंपर्क विभाग

मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया अंग्रेज़ी)

डॉ. के. एन. किशोर

जनसपंर्क विभाग

पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान

सुदीप ठाकुर

जनसंपर्क विभाग  


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तीसरे आदिवासी राष्ट्रीय महोत्सव का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव 2022 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आदिवासी परंपरा के अनुरूप नगाड़ा बजाकर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके पूर्व उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया एवं छत्तीसगढ़ राजकीय गीत ‘अरपा पैरी के धार’ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महोत्सव में उन्होंने आदिवासी महोत्सव की सुंदर स्मृतियों से सुसज्जित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
  • तीनदिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव में विदेशों के 100 कलाकारों सहित देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1500 जनजातीय कलाकार आदिवासी संस्कृति के इंद्रधनुषी रंग बिखेरने के लिये जुटे हैं।
  • साईस कॉलेज मैदान में राज्योत्सव के लिये मुख्य मंच, पंडालों और स्टॉलों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। यहाँ जनजातियों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोककलाओं के साथ छत्तीसगढ़ के पौने चार वर्ष की विकास यात्रा की झलक लोगों को देखने को मिलेगी।
  • टोगो, मोजांबिक, सर्बिया, इंडोनेशिया, मालदीव, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड, रशिया, रवांडा और इजिप्ट सहित भारत के कई राज्य इस महोत्सव में तीन दिनों तक अपनी आदिवासी नृत्य कला की झटा बिखेरेंगे।
  • मोजांबिक, रूस और मंगोलिया की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज़ हुआ। स्वागत कार्यक्रम में मोजांबिक से आए नर्तक दल ने सबसे पहले प्रस्तुति दी। उन्होंने फसल कटाई के अवसर पर किया जाने वाला डांस फॉर्म प्रस्तुत किया।
  • वहीं रूस और मंगोलिया के नर्तक दलों ने फ्यूजन डांस फॉर्म प्रस्तुत किया। इसमें वहाँ की संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा, प्राकृतिक सुंदरता प्रदर्शित होती है। अचीवमेंट इन हंटिंग, हाइटाइट स्ट्रेंथ, इंट्यूशंस ऑफ एनिमल्स एंड लाइफस्टाइल विषयों पर केंद्रित प्रस्तुतियों से मंगोलिया के कलाकारों ने समां बांध दिया।

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छत्तीसगढ़ में हुआ धान खरीदी का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का काम शुरू हो गया। राज्य में धान खरीदी 31 जनवरी, 2023 तक जारी रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हज़ार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। प्रथम दिवस में 3 हज़ार 951 किसानों द्वारा धान बेचा गया।
  • इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की तैयारी शासन द्वारा की गई है। इस वर्ष 2497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धान विक्रय के लिये 25 लाख 93 हज़ार किसानों ने पंजीयन कराया है। धान का कुल पंजीकृत रकबा 13 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 2 लाख 3 हज़ार नए किसानों ने पंजीकरण कराया है।
  • पहले दिन के लिये 5341 टोकन जारी किये गए थे। टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से 268 टोकन जारी किये गए। पहले दिन के धान उपार्जन के लिये किसानों को भुगतान करने के लिये मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किये गए हैं।
  • प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही हर साल धान खरीदी का नया रिकॉर्ड भी बन रहा है।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है। तब 21 लाख 77 हज़ार किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 19038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिला है। 
  • इससे पहले वर्ष 2020-21 में 02 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 20.53 लाख किसानों ने धान का विक्रय किया था। उन्हें 17240.55 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2019-20 में 94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 18.38 लाख किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 15285.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2018-19 में राज्य शासन ने 2500 रुपए क्विंटल के भाव से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। किसानों को समर्थन मूल्य समेत 20094.32 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया था।

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