उत्तर प्रदेश Switch to English
लखनऊ, कानपुर, अयोध्या समेत उत्तर प्रदेश के छह शहरों में शुरू होगी आवासीय योजनाएँ
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश की आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया कि प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, मथुरा, बरेली और कन्नौज में आवासीय योजनाएँ शुरू की जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में बताया गया कि लखनऊ, मथुरा और अयोध्या में आवासीय योजना उत्तर प्रदेश दिवस पर 24 जनवरी, 2023 को ही लॉन्च होंगी, जबकि बरेली, कानपुर तथा कन्नौज की योजना भी वर्ष 2023 में ही आएंगी।
- कानपुर की मंधना आवासीय योजना की ज़मीन अब अनिवार्य अभिनिर्णय के तहत ली जाएगी। इसके अलावा लखनऊ में प्रदेश का सबसे बड़ा 5000 क्षमता का कन्वेंशन सेंटर बनेगा तथा अवध विहार और वृंदावन के रिक्त फ्लैटों में 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। आवास विकास परिषद ने लखनऊ, मथुरा, अयोध्या योजना के लिये ज़मीन अधिग्रहित कर ली है।
- अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि लखनऊ में 265 एकड़ ज़मीन नई जेल रोड पर ली गई है। इसके अलावा मथुरा में 300 एकड़ में नई आवासीय योजना आएगी।
- अयोध्या योजना के लिये मांझा बरेहटा, माझा सहनवाजपुर व तिहुरा गाँव की पहले 1291 एकड़ ज़मीन ली जा रही थी। अब माझा बरेहटा की 241 एकड़ ज़मीन और लिये जाने का निर्णय हुआ है। वर्तमान में 600 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है।
- उन्होंने बताया कि आवास विकास परिषद की मथुरा आवासीय योजना प्राइम के लिये करीब पौने 300 एकड़ ज़मीन ली जा रही है। इसके एक तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 है तथा दूसरी तरफ छटीकरा वृंदावन रोड है। यह योजना वृंदावन के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित है तथा वृंदावन के मुख्य मंदिरों में से एक माता वैष्णो मंदिर से लगी बाउंड्री पर स्थित है।
- बरेली शाहजहाँपुर रोड पर नई आवासीय योजना के लिये 561 हेक्टेयर जमीन ली जा रही है। यह योजना लैंड पूलिंग स्कीम के तहत विकसित होगी।
- कानपुर की मंधना योजना 229 हेक्टेयर में विकसित होगी तथा इस योजना के लिये वर्ष 2009 में धारा 28, यानी अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। यहाँ के किसान आपसी सहमति से ज़मीन नहीं दे रहे हैं, इसलिये बोर्ड ने अनिवार्य अभिनिर्णय के तहत यहाँ की ज़मीन लेने का फैसला लिया है।
- 89.52 एकड़ में कन्नौज में भी नई आवासीय योजना लाई जा रही है। इसके लिये धारा 28 का नोटिफिकेशन हो गया है। इसके अंतर्गत मदनपुर बड्ड, यूसुफपुर भगवान सहित चार गाँवों की ज़मीन ली जा रही है।
बिहार Switch to English
बिहार में तीन साल में विकसित होंगे 160 पर्यटन स्थल
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को बिहार के पर्यटन विभाग ने राज्य के सभी पर्यटन सर्किट के मार्गों में सुविधाएँ बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 3 वर्षों में 160 पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन विभाग, राज्य के समस्त पर्यटक स्थलों के मार्ग में पर्यटकों के रहने-खाने मनोरंजन सहित हर प्रकार की ऑनलाईन सुविधाएँ प्रदान करेगा।
- बिहार में वर्ष 2019 में देशी एवं विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या 51 करोड़ थी तो वहीं वर्ष 2022 में अगस्त माह तक 84 लाख से अधिक देशी तथा 12 हज़ार से अधिक विदेशी पर्यटक आ चुके हैं।
- पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थलों के मार्गों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिये चार मॉडल- प्रीमियम मार्गीय सुविधा, स्टैंडर्ड मार्गीय सुविधा, बेसिक मार्गीय सुविधा तथा वर्तमान मार्गीय सुविधा तैयार किये हैं।
- प्रीमियम मार्गीय सुविधा के अंतर्गत लगभग डेढ़ एकड़ ज़मीन में 50 कि.मी. की दूरी पर प्रीमियम सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
- वहीं स्टैंडर्ड मार्गीय सुविधा के अंतर्गत एक एकड़ ज़मीन में 30 कि.मी. की दूरी पर स्टैंडर्ड सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- बेसिक मार्गीय सुविधा 30 कि.मी. की दूरी पर विकसित की जाएगी, जिसके लिये 7500 वर्गफीट ज़मीन का उपयोग किया जाएगा।
- अंतिम वर्तमान मार्गीय सुविधाओं को और अच्छे तरीके से सुधारा जाएगा। इन चार मॉडल के अंतर्गत 160 केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें अधिकतम 10% की वृद्धि भी हो सकती है।
- जनसुविधाओं को विकसित करने के लिये पर्यटन विभाग निवेशकों को 10, 20, 35 तथा 50 लाख रुपए अथवा 50 फीसदी अनुदान देगा।
राजस्थान Switch to English
एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के संबंध में राज्यस्तरीय बोर्ड की पहली बैठक
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 एवं सरोगेसी (रेग्युलेशन) एक्ट, 2021 के संबंध में गठित राज्यस्तरीय बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में राज्य में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के लागू होने से पूर्व जो एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक एवं सरोगेसी क्लीनिक कार्य कर रहे हैं, उनसे इस संबंध में शपथ-पत्र लिये जाने एवं उनमें कार्यरत् विशेषज्ञों जैसे एब्रियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक काउंसलर की योग्यता/अनुभव में एक बार छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
- इसके अलावा एआरटी क्लिनिक/एआरटी बैंक/सरोगेसी क्लीनिक के पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया और इनके पंजीकरण से पूर्व भौतिक निरीक्षण किये जाने के संबंध में बोर्ड द्वारा एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया। एप्रोप्रियेट अथॉरिटी के निर्णयों के विरुद्ध सभी प्रकरणों में अपील राज्य सरकार को की जा सकेगी।
- मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि आशयित दंपति/आशयित महिला/सेरोगेट माता को पात्रता प्रमाण-पत्र जिस अवधि का जारी किया जाना है, उस अवधि के बारे में अन्य राज्य की एप्रोप्रियेट अथॉरिटी द्वारा जिस अवधि का प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है, उसकी जानकारी प्राप्त कर उसके अनुसार अवधि का निर्णय किये जाने के लिये एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया है।
- इसके अलावा ज़िला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में ज़िला मेडिकल बोर्ड का गठन करने की अनुमति भी प्रदान की गई है, जिसमें एक वरिष्ठतम स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एक वरिष्ठतम शिशु रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
राजस्थान Switch to English
‘राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम’ के अंतर्गत नवीन सेवाएँ सम्मिलित करने के प्रस्ताव को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने तथा मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये ‘गुड गवर्नेंस’की दिशा में निरंतर कार्य करते हुए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की नवीन सेवाओं को ‘राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011’ के अंतर्गत लाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रस्ताव के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगरीय विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रक मंडल, गृह विभाग, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, आबकारी विभाग, ऊर्जा विभाग, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, पर्यटन विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, विधिक मापविज्ञान प्रकोष्ठ की विभिन्न नवीन सेवाओं को जोड़ने की मंज़ूरी दी गई है।
- इसके अलावा श्रम विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग, नगरीय विकास विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, गृह विभाग में सेवाओं के लिये अधिसूचित पदाभिहित अधिकारी/प्रथम अपील अधिकारी/द्वितीय अपील अधिकारी में संशोधन को मंज़ूरी दी गई है।
- मुख्यमंत्री की इस मंज़ूरी से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अधिक-से-अधिक लोगों को सुगमता से शीघ्र मिलना सुनिश्चित होगा और इससे विभागों की सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेशवासियों को सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं का पूर्ण लाभ प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011 लाकर विभिन्न विभागों की सेवाओं को इसके अंतर्गत लाया गया था।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविंद्र भवन भोपाल से 1477 लाडली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिये 1 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि अंतरित करते हुए ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला-बाल विकास द्वारा प्रकाशित लाडली लक्ष्मी योजना पुस्तिका का विमोचन किया। पुस्तिका में योजना प्रारंभ होने से लेकर अब तक की विकास यात्रा का विस्तार से उल्लेख है। मुख्यमंत्री ने योजना के तहत महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाली बेटियों को प्रतीक स्वरूप राशि के चेक भी सौंपे।
- मुख्यमंत्री ने लाडली लक्ष्मी योजना प्रारंभ होने की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2005 में उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद लाडली लक्ष्मी योजना तैयार करवाई। वर्ष 2007 से प्रारंभ की गई इस योजना में 43 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मियाँ परिवार के सदस्यों के साथ जुड़ी हैं।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि लाडली लक्ष्मी योजना को शिक्षा से जोड़ा गया है। विभिन्न कक्षाओं में उत्तीर्ण होने पर बेटी के लिये प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने की व्यवस्था की गई है। लाडली लक्ष्मियों को महाविद्यालय में प्रवेश के लिये सहायता देने हेतु ‘लाडली लक्ष्मी योजना 0’ प्रारंभ की गई है। अब महाविद्यालय की फीस की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।
- महिला-बाल विकास के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना के तहत कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद महाविद्यालय जाने पर बेटी को 25 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो उन्हें शिक्षित कर करियर का चयन करने में मददगार होगी।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने भोपाल में तात्या टोपे नगर स्टेडियम के पीछे विकसित ‘लाडली लक्ष्मी वाटिका’ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हर ज़िले में ‘एक पार्क लाडली लक्ष्मी बेटियों के नाम’विकसित करने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया ‘लाडली लक्ष्मी पथ’का लोकार्पण '
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में भारत माता चौराहे पर ‘लाडली लक्ष्मी पथ’का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भोपाल में भारत माता चौराहे से पॉलिटेक्निक चौराहे तक का मार्ग जो अभी स्मार्ट सिटी सड़क के नाम से जाना जाता है, अब ‘लाडली लक्ष्मी पथ’ के रूप में जाना जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के सम्मान से बड़ा कोई दूसरा सम्मान नही है। राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के सभी 52 ज़िलों में ‘लाडली लक्ष्मी पथ’विकसित किये जाएंगे।
- इन पथ के दोनों ओर बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण एवं उन्नति के लिये संचालित योजनाओं, महिला सशक्तीकरण से संबंधित जानकारियाँ प्रदर्शित की जाएंगी। इससे माँ-बहन, बेटियाँ और समाज जागरूक होगा।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बड़े लोगों की बजाय अब बेटियों के नाम पर प्रदेश की सड़कों का नामकरण किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला के बाद चौथा पुलिस कमिश्नरेट होगा सोनीपत
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को हरियाणा में गृह मंत्रालय की ओर से सोनीपत ज़िले को पुलिस कमिश्नरेट बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद सोनीपत ज़िला गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला के बाद राज्य का चौथा पुलिस कमिश्नरेट बन जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सोनीपत ज़िले के पुलिस कमिश्नरेट बन जाने से यहाँ आईजी रैंक के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे और तीन पुलिस ज़ोन बनाए जाएंगे।
- गृह मंत्रालय के इस प्रस्ताव में सोनीपत ज़िले में सभी 15 थानों को तीन ज़ोन में समायोजित किया गया है और जीटी रोड के सभी थानों- गन्नौर, बड़ी, मुरथल, राई, बहालगढ़ और कुंडली पूर्वी पुलिस ज़ोन में शामिल होंगे, जबकि पश्चिमी ज़ोन में थाना सिटी सोनीपत, सदर सोनीपत, सिविल लाइन, सेक्टर-27 और थाना खरखौदा शामिल होंगे। इसके अलावा गोहाना पुलिस ज़ोन में थाना मोहाना, सिटी गोहाना, सदर गोहाना और थाना बरोदा को शामिल किया गया है।
- इन तीनों ज़ोनों का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी करेंगे। पुलिस कमिश्नरेट बनाने के निर्णय से ज़िले की सुरक्षा- व्यवस्था पुख्ता होगी।
- उल्लेखनीय है कि हाल ही में सोनीपत ज़िले में मारुति की नई फैक्ट्री का शिलान्यास और रेलवे के कोच नवीनीकरण फैक्ट्री शुरू हुई है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में सबसे अधिक बेरोज़गारी दर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की तरफ से जारी किये गए आँकड़ों के मुताबिक बेरोज़गारी दर के मामले में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- सीएमआईई के अनुसार देश में ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों के मुकाबले बेरोज़गारी दर बढ़ी हुई है। अक्टूबर माह में देश में बेरोज़गारी दर बढ़कर 77 फीसदी पर पहुँच गई। इसमें से शहरी इलाकों में बेरोज़गारी 7.21 और ग्रामीण इलाकों में यह 8.4 फीसदी रही।
- देश के नौ राज्यों में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज़्यादा बेरोज़गारी रही। झारखंड, बिहार और हरियाणा में यह दहाई अंकों में है। 25 में से छह राज्यों में यह दोहरे अंकों में है।
- पिछले छह माह में देश में बेमौसम बारिश, वैश्विक राजनीतिक हालात और ब्याज दरें बढ़ने से उत्पादन में गिरावट आदि बेरोज़गारी के प्रमुख कारण हैं।
- अक्टूबर में बेरोज़गारी दर बिहार, असम, हरियाणा, हिमाचल पद्रेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा रही है।
- हरियाणा में 8 बेरोज़गारी दर है तो वहीं राजस्थान में 30.7, जम्मू-कश्मीर में 22.4, झारखंड में 16.5 और बिहार में 14.5 फीसदी है।
- सीएमआईई की तरफ से जारी किये गए आँकड़ों के मुताबिक बेरोज़गारी दर के मामले में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में हालात बेहतर हैं। उत्तर प्रदेश में यह 2, दिल्ली में 6.7 और उत्तराखंड में 3.4 फीसदी है।
- वहीं सबसे कम बेरोज़गारी दर 8 फीसदी के साथ मध्य प्रदेश और 0.9 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ निचले पायदान पर हैं।
उत्तराखंड Switch to English
आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान (आईआरआई), रुड़की के बीच समझौता ज्ञापन
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के देहरादून स्थित राज्य सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान (आईआरआई), रुड़की के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। समझौते के मुताबिक, दोनों संस्थाओं के बीच जल संसाधन संबंधी आँकड़े साझा हो सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस समझौते के तहत राज्य की बड़ी नदियों में जल स्तर मापने के लिये सेंसर लगाए जाएंगे। ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर की मदद से एक ही जगह पर रियल टाइम डाटा की जानकारी मिलती रहेगी तथा रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिये विकसित तंत्र राज्य सचिवालय में बने आपदा प्रबंधन विभाग के कंट्रोल से सीधे जुड़ेगा।
- इससे नदियों और बांधों में लगाए गए सभी सेंसर से सारा डाटा आपदा कंट्रोल रूम को प्राप्त होता रहेगा। आपदा कंट्रोल रूम को प्राप्त होने वाली सूचनाओं के आधार पर बाढ़ के खतरे की स्थिति के दौरान रियल टाइम में चेतावनी जारी हो सकेगी।
- पहले चरण में सभी नदियों से मैनुअल सेंसर हटाकर उनकी जगह ऑटोमेटिक सेंसर लगाए जाएंगे। ये सेंसर केंद्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत लगाए जाएंगे। राज्य के सभी बांधों की अपस्ट्रीम में ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे और डाउन स्ट्रीम में ऑटोमेटिक सायरन स्थापित होंगे।
- उन्होंने बताया कि नदियों और बांधों के जल स्तर को मापने के लिये रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम आपदा प्रबंधन में बहुत मददगार होगा तथा एक ही जगह डाटा प्राप्त होने से चेतावनी तंत्र प्रभावी हो सकेगा। यह तंत्र दो महीने में तैयार कर लिया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में आईआरआई, रुड़की राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत नदियों में ऐसा तंत्र विकसित कर रहा है, जिससे उत्तराखंड की बड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ेगा तो आपदा प्रबंधन विभाग को इसका तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
- बांधों की डाउन स्ट्रीम में भी ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे तथा बड़ी नदियों और बांधों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे बाढ़ पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी तंत्र विकसित हो सकेगा।
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