राजस्थान Switch to English
प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़ में लगभग 7,000 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में लगभग 7,000 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं में मेहसाणा-भटिंडा-गुरदासपुर गैस पाइपलाइन, आबू रोड में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का एलपीजी संयंत्र, अजमेर बॉटलिंग प्लांट में अतिरिक्त भंडारण, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), रेलवे और सड़क परियोजनाएँ, नाथद्वारा में पर्यटन सुविधाएँ और कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का स्थायी परिसर शामिल है।
- गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री ने मेहसाणा-भटिंडा- गुरदासपुर गैस पाइपलाइन को समर्पित किया। पाइपलाइन का निर्माण लगभग 4500 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने आबू रोड में एचपीसीएल के एलपीजी संयंत्र का भी लोकार्पण किया। यह संयंत्र प्रति वर्ष 86 लाख सिलेंडरों का सीलबंद और वितरण करेगा। इससे प्रति वर्ष सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों के संचालन में लगभग 0.75 मिलियन किमी की कमी आएगी, जिससे प्रति वर्ष लगभग 0.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- उन्होंने आईओसीएल के अजमेर बॉटलिंग संयंत्र में अतिरिक्त भंडारण का भी लोकार्पण किया।
- प्रधानमंत्री ने एनएच-12 (नया एनएच-52) पर दाराह-झालावाड़-तीनधार खंड पर 4-लेन सड़क का लोकार्पण किया। इसके निर्माण पर 1480 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। यह परियोजना कोटा और झालावाड़ ज़िलों से खदानों से निकलने वाले संसाधनों के परिवहन को आसान बनाएगी।
- इसके अतिरिक्त सवाई माधोपुर में रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) को दो लेन से चार लेन तक बनाने और चौड़ा करने की आधारशिला भी रखी जाएगी। इस परियोजना से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी।
- प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़-नीमच रेलवे लाइन और कोटा-चित्तौड़गढ़ विद्युतीकृत रेलवे लाइन के दोहरीकरण से जुड़ी परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं पर 650 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। इससे क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा और राजस्थान में ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रधानमंत्री ने ‘स्वदेश दर्शन योजना’के अंतर्गत नाथद्वारा में विकसित पर्यटन सुविधाओं का लोकार्पण किया। नाथद्वारा संत वल्लभाचार्य द्वारा प्रचारित पुष्टिमार्ग के लाखों अनुयायियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नाथद्वारा में एक आधुनिक ‘पर्यटक विवेचना एवं सांस्कृतिक केंद्र’ विकसित किया गया है, जहाँ पर्यटक श्रीनाथजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकते हैं।
- प्रधानमंत्री ने कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का स्थायी परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया।
राजस्थान Switch to English
मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम- 2023 का किया अनुमोदन
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम-2023 का अनुमोदन कर दिया। इन नियमों के लागू होने से राज्य में वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता के साथ संपादित हो सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 में वक्फ के संचालन के लिये नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार को दी गई है। राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए नियम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
- राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ संपत्तियों के मुतवल्ली, प्रबंध कमेटी और प्रबंध योजना के साथ ही मुतवल्ली की शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख किया गया है। साथ ही वक्फ सर्वे आयुक्त की नियुक्ति, सर्वे आयुक्त को जाँच की शक्तियाँ एवं वक्फ संपदाओं की सूची के प्रकाशन से संबंधित प्रावधान किये गए हैं।
- इसी प्रकार नियमों में वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, पदावधि और सेवा संबंधी प्रावधानों के साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी को किसी भी लोक कार्यालय में किसी वक्फ संपत्ति से संबंधित अभिलेख, रजिस्टर या दस्तावेज़ों के निरीक्षण का अधिकार दिया गया है।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड की कार्यवाहियों या अभिरक्षा में रखे अभिलेखों के निरीक्षण की आज्ञा निर्धारित फीस एवं शर्तों के अधीन रहते हुए दे सकेंगे। वहीं अस्तित्व में नहीं रहे ओकाफ (वक्फ संपत्तियों) की जाँच के लिये नियम बनाया गया है। वक्फ संपत्ति के प्रशासन से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा जाँच कराए जाने का प्रावधान भी किया गया है।
- राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ जायदादों के लेखों के अंकेक्षण, वक्फ संपत्ति के बिना बोर्ड की अनुमति अंतरित की गई संपत्ति को वापस लेने, संपत्तियों से अतिक्रमण हटवाने, बोर्ड के विरुद्ध किसी भी वाद में पैरवी के लिये वक्फ बोर्ड अध्यक्ष या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्राधिकृत करने तथा बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट संबंधी प्रावधान भी किये गए हैं।
राजस्थान Switch to English
राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को कैबिनेट से मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के प्रावधानों के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की स्वीकृति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय सक्षम समिति जारी करेगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन नीति का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2030 तक राज्य में 2000 केटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन है।
- इसके अलावा इस नीति का उद्देश्य है कि रिफाइनरी एवं फर्टिलाइजर प्लांटों की मांग की पूर्ति के लिये न्यूनतम एक ग्रीन हाइड्रोजन वैली की स्थापना की जाए। कम से कम एक गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के साथ ही भारत से ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात का न्यूनतम 20 फीसदी राजस्थान से आपूर्ति हो तथा राज्य में उत्पादित नेचुरल गैस में 10 फीसदी तक ग्रीन हाइड्रोजन की ब्लेंडिंग है।
- नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिये अक्षय ऊर्जा प्लांट स्थापना के लिये भूमि का आवंटन भू राजस्व नियम 2007 के अनुसार किया जाएगा। हाइड्रोजन प्लांट के लिये भूमि औद्योगिक क्षेत्र में रीको द्वारा आवंटित की जाएगी। इसके अलावा निजी भूमि पर भी प्लांट स्थापित किया जा सकता है।
- ग्रीन हाइड्रोजन नीति में यह मिलेंगे प्रोत्साहन-
- नीति में राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार लाभ देय होंगे। जल की उपलब्धता एवं अक्षय ऊर्जा उत्पादन का एक तिहाई बैंकिंग सुविधा भी मिलेगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन के लिये अक्षय ऊर्जा प्लांट की क्षमता को कॉन्ट्रैक्ट डिमांड से 2.5 गुना तक अनुमत किया जाएगा।
- प्लांट स्थापना पर प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 10 वर्ष तक 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
- तीसरे पक्ष से अक्षय ऊर्जा क्रय करने पर अतिरिक्त एवं क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज में 10 वर्षों तक छूट मिलेगी।
- ब्रायन वाटर या ट्रीटेड वाटर से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर राजकीय भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन उपकरण निर्माण की यूनिट के लिये राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार देय लाभ मिलेगा।
- अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिये लागत का 30 फीसदी अनुदान (अधिकतम 5 करोड रुपए तक) मिलेगा।
- आरवीएनएल के नेटवर्क पर स्थापित होने वाले प्रथम 500 केटीपीए तक अक्षय ऊर्जा संयंत्र को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा (प्रत्येक प्लांट की अधिकतम 50 विभाग मेगावाट क्षमता तक)।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान धरोहर संग्रहालय के प्रथम चरण का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाहर कला केंद्र में आयोजित पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ संवाद कार्यक्रम में राजस्थान धरोहर संग्रहालय के प्रथम चरण के लोकार्पण सहित पर्यटन तथा कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के लगभग 110 करोड़ रुपए के 25 कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय के साथ ही हैप्पीनेस इंडेक्स में वृद्धि हो और प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बने। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा मिशन-2030 के तहत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी 5 अक्तूबर को जारी किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा दूरगामी सोच के साथ कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, इससे पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ा है। साथ ही इस इंडस्ट्री से जुड़ी इकाइयों के लिये अरबन टैक्स 80 प्रतिशत एवं विद्युत शुल्क 30 प्रतिशत कम हो गया है।
- राज्य सरकार ने पर्यटन विकास कोष की राशि बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए कर दी है। इसमें आने वाले वक्त में और वृद्धि की जाएगी।
- उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के नये-नये क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। सवाई मानसिंह टाउन हॉल में स्थापित राजस्थान धरोहर संग्रहालय राज्य के पर्यटन क्षेत्र में एक और नई कड़ी है। कोटा में चंबल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन पार्क का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। इससे बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक हाड़ौती क्षेत्र में आएंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास में राज्य उत्तर भारत में नंबर वन और देश में दूसरे स्थान पर है। विगत 5 वर्षों में राज्य की जीडीपी 6 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह 15 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। वर्ष 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक तक ले जाने का लक्ष्य है।
- राज्य में बेहतर माहौल की वजह से निवेशक यहां आना पसंद कर रहे हैं। वर्तमान में राज्य में लगभग सभी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाएँ मौजूद हैं। विश्वविद्यालयों की संख्या भी बढ़कर 90 से अधिक हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 1.50 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें बन रही हैं।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का होगा गठन
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में प्लेसमेंट एजेंसियों से लगे कार्मिकों को शोषण से मुक्त करवाने के लिये राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिये राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ निर्णय कर रही है। इसी क्रम में प्लेसमेंट एजेंसियों से लगे कार्मिकों को शोषण से मुक्त करवाने के लिये राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन किया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा इस सरकारी कंपनी के गठन से प्रदेश में प्लेसमेंट एजेंसियों से कार्मिक लगाने की प्रथा बंद हो जाएगी, जिससे कार्मिकों को शोषण से मुक्ति मिलेगी।
- रेक्सको की तर्ज पर गठित होने वाली आरएलएसडीसी कंपनी से प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से राजकीय विभागों एवं अर्द्ध शासकीय संस्थानों में नियुक्त किये जाने वाले कार्मिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
- नई कंपनी के माध्यम से कुशल-अकुशल अभ्यर्थियों का पंजीकरण एवं चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा तथा उन्हें बिना अनावश्यक कटौती के उचित पारिश्रमिक मिल सकेगा। प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध होने से कार्यों में अधिक गति आएगी।
- मंत्रिमंडल के निर्णय से एक जनवरी, 2021 से पूर्व के कार्यरत कर्मियों को आरएलएसडीसी के माध्यम से आवश्यकतानुसार सीधे ही लिया जाएगा।
- आरएलएसडीसी कंपनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत पंजीकृत शत-प्रतिशत राज्य सरकार के स्वामित्व की कंपनी होगी।
- प्रशासनिक सुधार विभाग के अधीन स्थापित इस कंपनी के अध्यक्ष प्रमुख शासन सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग होंगे। साथ ही कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व श्रम विभाग के प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव, वित्त व्यय विभाग के शासन सचिव, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निदेशक और राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
राजस्थान Switch to English
मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया स्वीप प्रदर्शनी का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2023 को भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल ने जयपुर के राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में निर्वाचन विभाग की ओर से लगाई स्वीप प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदर्शनी में बाड़मेर की 200 फीट लंबी जागरूकता मतदाता फड़ ने जहाँ हर किसी का ध्यान खींचा, वहीं युवाओं और नव मतदाताओं को जागरूक करने के लिये खासतौर पर ELC क्लब कार्टून्स और वर्चुअल रियलिटी का सहारा लिया गया।
- दिव्यांगकर्मियों द्वारा संचालित आदर्श मतदान केंद्र, स्वीप के थैमेटिक पैनल एग्जिबिशन, सेंड आर्ट एगि जिबशन और पेंटिंग गैलरी आकर्षण का केंद्र रहे।
- केंद्रीय संचार ब्यूरो के बुनकर समूह के द्वारा मतदान को प्रेरित करने हेतु तैयार किये गए स्याही लगी अंगुली के निशान ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
- सतरंगी सप्ताह के तहत 7 थैमेटिक पोस्टर्स का विमोचन किया गया। नए वोटर्स को एपिक कार्ड वितरित किये गए। निर्वाचन विभाग के आइकॉन्स और बेहतरीन कार्य करने वाले कार्मिकों का सम्मान किया गया।
- कार्यक्रम में ‘मैं भारत हूँ’गाने को राजस्थान बैकड्रॉप में लॉन्च किया गया, जिसे दिव्यांग बच्चों ने साइन लैंग्वेज में प्रस्तुत किया। बारां के सहरिया आदिवासियों ने 4 मिनट के शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी। जैसलमेर के मांगणियार और अजमेर से कालबेलिया डांस की प्रस्तुति ने भी सबका मन मोह लिया।
- प्रदर्शनी में विभिन्न ज़िलों में संचालित की जा रही स्वीप गतिविधियों को खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया। साथ ही स्वीप गतिविधियों में प्रयुक्त विभिन्न प्रचार सामग्रियों को भी आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया।
Switch to English