स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एस.सी.आर.डी.ए.) का होगा गठन | उत्तर प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
29 सितंबर, 2023 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एस.सी.आर.डी.ए.) के जल्द से जल्द गठन के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन महीने के अंदर एस.सी.आर.डी.ए. की कार्ययोजना प्रस्तुत करें।
- एस.सी.आर.डी.ए. में लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी जनपदों को शामिल किया जाएगा।
- राजधानी लखनऊ को एस.सी.आर.डी.ए. का मुख्यालय बनाया जाएगा और नागरिकों की सुविधा के लिये बाकी जनपदों में रीजनल ऑफिस खोले जाएगे।
- झांसी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बाद एस.सी.आर.डी.ए. प्रदेश में नियोजित शहरी विकास का मॉडल होगा।
- योजना के अंतर्गत 59 शहरों के लिये तैयार किया जा रहा मास्टर प्लान शासन के अनुमोदनार्थ भेजने के निर्देश दिये गए हैं।
- शामली, बड़ौत, चंदौसी, गोंडा एवं अमरोहा में पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, साथ ही लोनी और मोदीनगर को गाजियाबाद में इंट्रीग्रेट करते हुए एक मास्टर प्लान बनाए जाने के निर्देश दिये हैं।
बिहार में जारी हुआ जातीय आधारित सर्वेक्षण | बिहार | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को बिहार में विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर जातीय गणना के आँकड़े जारी किये।
प्रमुख बिंदु
- आँकडों के अनुसार राज्य में अत्यंत पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग की आबादी 63% है। इनमें पिछड़ा वर्ग 27.12 व अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01% है। वहीं अनुसूचित जाति 19.65% और अनुसूचित जनजाति 1.68% है, जबकि अनारक्षित (हिंदू व मुसलमान) की संख्या कुल आबादी का 15.52% है। उनमें सवर्ण (भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत व कायस्थ) 10.56% हैं
- जातीय गणना के प्रथम चरण में घरों के सर्वे की प्रक्रिया 7 जनवरी, 2023 से शुरू हुई। इसे 31 जनवरी तक पूरा किया गया। दूसरा चरण 15 अप्रैल से 15 मई तक चलना था, किंतु 4 मई को हाईकोर्ट के आदेश पर गणना कार्य रुक गया। हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को हरी झंडी दी।
- 11 साल में 2.66 करोड़ की वृद्धि के साथ राज्य की आबादी 13 करोड़ 7 लाख हो गई है। वहीं जाति आधारित गणना की जारी रिपोर्ट में जातियों की संख्या 214 बताई गई है।
- उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद पहली बार देश में किसी राज्य में जातीय आधारित सर्वेक्षण जारी हुआ। बिहार के पहले कर्नाटक, तेलंगाना, ओड़िशा आदि राज्यों ने जातीय गणना की पहल किये थे, लेकिन वे रिपोर्ट जारी नहीं कर सके थे।
बिहार के सहरसा में खुलेगा जीविका दीदियों का पहला मखाना उद्योग | बिहार | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को सहरसा ज़िले के जीविका परियोजना प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु क्लस्टर विकास योजना के तहत मखाना उद्योग का केंद्र सहरसा में स्थापित होगा।
प्रमुख बिंदु
- मखाना उद्योग लगाने के लिये 2 करोड़ 33 लाख 91 हज़ार रुपए की स्वीकृति मिली है। जीविका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड के तहत मखाना उद्योग संचालित होगा, जो मखाना का सामान्य सुविधा केंद्र के रूप में जाना जाएगा।
- डीएम वैभव चौधरी ने बताया कि मखाना प्रसंस्करण उद्योग में नॉर्मल (सामान्य) किस्म के मखाना की प्रोसेसिंग कर उसे उत्कृष्ट किस्म का बनाया जाएगा। उसकी पैकेजिंग कर ब्राँडिंग की जाएगी। मखाना से बने गुणवत्तापूर्ण विभिन्न किस्म के उत्पादों को देश के अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध कराया जाएगा।
- उत्पाद इस तरह के बनाए जाएंगे जिसकी बाज़ार में अलग पहचान हो और इसे देखते ही लोग खरीद लें। जीविका के ज़िला औद्योगिक स्तर की पैकेजिंग कर मखाना की आपूर्ति देश-विदेश में की जाएगी तथा डिजाइन व जाँच केंद्र के अलावा कच्चा माल डिपो की भी स्थापना होगी।
- इन केंद्रों पर नई तकनीक से गुणवत्तापूर्ण मखाना उत्पादन के संबंध में प्रशिक्षण देकर किसानों का कौशलवर्धन किया जाएगा।
- प्रसंस्करण उद्योग जीविका के द्वारा दरभंगा और कटिहार ज़िले में भी खाना प्रसंस्करण उद्योग खोलने की योजना है। ज़िले के आसपास के ज़िलों को यहाँ से जोड़कर मखाना की पैकेजिंग सहित अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। इन प्रखंड क्षेत्र के 500 मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रोड्यूसर ग्रुप में जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़ में लगभग 7,000 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की | राजस्थान | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में लगभग 7,000 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं में मेहसाणा-भटिंडा-गुरदासपुर गैस पाइपलाइन, आबू रोड में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का एलपीजी संयंत्र, अजमेर बॉटलिंग प्लांट में अतिरिक्त भंडारण, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), रेलवे और सड़क परियोजनाएँ, नाथद्वारा में पर्यटन सुविधाएँ और कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का स्थायी परिसर शामिल है।
- गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री ने मेहसाणा-भटिंडा- गुरदासपुर गैस पाइपलाइन को समर्पित किया। पाइपलाइन का निर्माण लगभग 4500 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने आबू रोड में एचपीसीएल के एलपीजी संयंत्र का भी लोकार्पण किया। यह संयंत्र प्रति वर्ष 86 लाख सिलेंडरों का सीलबंद और वितरण करेगा। इससे प्रति वर्ष सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों के संचालन में लगभग 0.75 मिलियन किमी की कमी आएगी, जिससे प्रति वर्ष लगभग 0.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- उन्होंने आईओसीएल के अजमेर बॉटलिंग संयंत्र में अतिरिक्त भंडारण का भी लोकार्पण किया।
- प्रधानमंत्री ने एनएच-12 (नया एनएच-52) पर दाराह-झालावाड़-तीनधार खंड पर 4-लेन सड़क का लोकार्पण किया। इसके निर्माण पर 1480 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। यह परियोजना कोटा और झालावाड़ ज़िलों से खदानों से निकलने वाले संसाधनों के परिवहन को आसान बनाएगी।
- इसके अतिरिक्त सवाई माधोपुर में रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) को दो लेन से चार लेन तक बनाने और चौड़ा करने की आधारशिला भी रखी जाएगी। इस परियोजना से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी।
- प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़-नीमच रेलवे लाइन और कोटा-चित्तौड़गढ़ विद्युतीकृत रेलवे लाइन के दोहरीकरण से जुड़ी परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं पर 650 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। इससे क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा और राजस्थान में ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रधानमंत्री ने ‘स्वदेश दर्शन योजना’के अंतर्गत नाथद्वारा में विकसित पर्यटन सुविधाओं का लोकार्पण किया। नाथद्वारा संत वल्लभाचार्य द्वारा प्रचारित पुष्टिमार्ग के लाखों अनुयायियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नाथद्वारा में एक आधुनिक ‘पर्यटक विवेचना एवं सांस्कृतिक केंद्र’ विकसित किया गया है, जहाँ पर्यटक श्रीनाथजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकते हैं।
- प्रधानमंत्री ने कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का स्थायी परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया।
मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम- 2023 का किया अनुमोदन | राजस्थान | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम-2023 का अनुमोदन कर दिया। इन नियमों के लागू होने से राज्य में वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता के साथ संपादित हो सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 में वक्फ के संचालन के लिये नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार को दी गई है। राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए नियम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
- राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ संपत्तियों के मुतवल्ली, प्रबंध कमेटी और प्रबंध योजना के साथ ही मुतवल्ली की शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख किया गया है। साथ ही वक्फ सर्वे आयुक्त की नियुक्ति, सर्वे आयुक्त को जाँच की शक्तियाँ एवं वक्फ संपदाओं की सूची के प्रकाशन से संबंधित प्रावधान किये गए हैं।
- इसी प्रकार नियमों में वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, पदावधि और सेवा संबंधी प्रावधानों के साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी को किसी भी लोक कार्यालय में किसी वक्फ संपत्ति से संबंधित अभिलेख, रजिस्टर या दस्तावेज़ों के निरीक्षण का अधिकार दिया गया है।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड की कार्यवाहियों या अभिरक्षा में रखे अभिलेखों के निरीक्षण की आज्ञा निर्धारित फीस एवं शर्तों के अधीन रहते हुए दे सकेंगे। वहीं अस्तित्व में नहीं रहे ओकाफ (वक्फ संपत्तियों) की जाँच के लिये नियम बनाया गया है। वक्फ संपत्ति के प्रशासन से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा जाँच कराए जाने का प्रावधान भी किया गया है।
- राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ जायदादों के लेखों के अंकेक्षण, वक्फ संपत्ति के बिना बोर्ड की अनुमति अंतरित की गई संपत्ति को वापस लेने, संपत्तियों से अतिक्रमण हटवाने, बोर्ड के विरुद्ध किसी भी वाद में पैरवी के लिये वक्फ बोर्ड अध्यक्ष या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्राधिकृत करने तथा बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट संबंधी प्रावधान भी किये गए हैं।
राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को कैबिनेट से मिली मंज़ूरी | राजस्थान | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के प्रावधानों के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की स्वीकृति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय सक्षम समिति जारी करेगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन नीति का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2030 तक राज्य में 2000 केटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन है।
- इसके अलावा इस नीति का उद्देश्य है कि रिफाइनरी एवं फर्टिलाइजर प्लांटों की मांग की पूर्ति के लिये न्यूनतम एक ग्रीन हाइड्रोजन वैली की स्थापना की जाए। कम से कम एक गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के साथ ही भारत से ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात का न्यूनतम 20 फीसदी राजस्थान से आपूर्ति हो तथा राज्य में उत्पादित नेचुरल गैस में 10 फीसदी तक ग्रीन हाइड्रोजन की ब्लेंडिंग है।
- नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिये अक्षय ऊर्जा प्लांट स्थापना के लिये भूमि का आवंटन भू राजस्व नियम 2007 के अनुसार किया जाएगा। हाइड्रोजन प्लांट के लिये भूमि औद्योगिक क्षेत्र में रीको द्वारा आवंटित की जाएगी। इसके अलावा निजी भूमि पर भी प्लांट स्थापित किया जा सकता है।
- ग्रीन हाइड्रोजन नीति में यह मिलेंगे प्रोत्साहन-
- नीति में राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार लाभ देय होंगे। जल की उपलब्धता एवं अक्षय ऊर्जा उत्पादन का एक तिहाई बैंकिंग सुविधा भी मिलेगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन के लिये अक्षय ऊर्जा प्लांट की क्षमता को कॉन्ट्रैक्ट डिमांड से 2.5 गुना तक अनुमत किया जाएगा।
- प्लांट स्थापना पर प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 10 वर्ष तक 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
- तीसरे पक्ष से अक्षय ऊर्जा क्रय करने पर अतिरिक्त एवं क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज में 10 वर्षों तक छूट मिलेगी।
- ब्रायन वाटर या ट्रीटेड वाटर से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर राजकीय भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- ग्रीन हाइड्रोजन उपकरण निर्माण की यूनिट के लिये राजस्थान इन्वेस्टमेंट एवं प्रमोशन स्कीम के अनुसार देय लाभ मिलेगा।
- अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिये लागत का 30 फीसदी अनुदान (अधिकतम 5 करोड रुपए तक) मिलेगा।
- आरवीएनएल के नेटवर्क पर स्थापित होने वाले प्रथम 500 केटीपीए तक अक्षय ऊर्जा संयंत्र को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा (प्रत्येक प्लांट की अधिकतम 50 विभाग मेगावाट क्षमता तक)।
राजस्थान धरोहर संग्रहालय के प्रथम चरण का लोकार्पण | राजस्थान | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाहर कला केंद्र में आयोजित पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ संवाद कार्यक्रम में राजस्थान धरोहर संग्रहालय के प्रथम चरण के लोकार्पण सहित पर्यटन तथा कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के लगभग 110 करोड़ रुपए के 25 कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय के साथ ही हैप्पीनेस इंडेक्स में वृद्धि हो और प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बने। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा मिशन-2030 के तहत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी 5 अक्तूबर को जारी किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा दूरगामी सोच के साथ कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, इससे पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ा है। साथ ही इस इंडस्ट्री से जुड़ी इकाइयों के लिये अरबन टैक्स 80 प्रतिशत एवं विद्युत शुल्क 30 प्रतिशत कम हो गया है।
- राज्य सरकार ने पर्यटन विकास कोष की राशि बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए कर दी है। इसमें आने वाले वक्त में और वृद्धि की जाएगी।
- उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के नये-नये क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। सवाई मानसिंह टाउन हॉल में स्थापित राजस्थान धरोहर संग्रहालय राज्य के पर्यटन क्षेत्र में एक और नई कड़ी है। कोटा में चंबल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन पार्क का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। इससे बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक हाड़ौती क्षेत्र में आएंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास में राज्य उत्तर भारत में नंबर वन और देश में दूसरे स्थान पर है। विगत 5 वर्षों में राज्य की जीडीपी 6 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह 15 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। वर्ष 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक तक ले जाने का लक्ष्य है।
- राज्य में बेहतर माहौल की वजह से निवेशक यहां आना पसंद कर रहे हैं। वर्तमान में राज्य में लगभग सभी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाएँ मौजूद हैं। विश्वविद्यालयों की संख्या भी बढ़कर 90 से अधिक हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 1.50 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें बन रही हैं।
राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का होगा गठन | राजस्थान | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में प्लेसमेंट एजेंसियों से लगे कार्मिकों को शोषण से मुक्त करवाने के लिये राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिये राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ निर्णय कर रही है। इसी क्रम में प्लेसमेंट एजेंसियों से लगे कार्मिकों को शोषण से मुक्त करवाने के लिये राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन किया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा इस सरकारी कंपनी के गठन से प्रदेश में प्लेसमेंट एजेंसियों से कार्मिक लगाने की प्रथा बंद हो जाएगी, जिससे कार्मिकों को शोषण से मुक्ति मिलेगी।
- रेक्सको की तर्ज पर गठित होने वाली आरएलएसडीसी कंपनी से प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से राजकीय विभागों एवं अर्द्ध शासकीय संस्थानों में नियुक्त किये जाने वाले कार्मिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
- नई कंपनी के माध्यम से कुशल-अकुशल अभ्यर्थियों का पंजीकरण एवं चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा तथा उन्हें बिना अनावश्यक कटौती के उचित पारिश्रमिक मिल सकेगा। प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध होने से कार्यों में अधिक गति आएगी।
- मंत्रिमंडल के निर्णय से एक जनवरी, 2021 से पूर्व के कार्यरत कर्मियों को आरएलएसडीसी के माध्यम से आवश्यकतानुसार सीधे ही लिया जाएगा।
- आरएलएसडीसी कंपनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत पंजीकृत शत-प्रतिशत राज्य सरकार के स्वामित्व की कंपनी होगी।
- प्रशासनिक सुधार विभाग के अधीन स्थापित इस कंपनी के अध्यक्ष प्रमुख शासन सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग होंगे। साथ ही कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व श्रम विभाग के प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव, वित्त व्यय विभाग के शासन सचिव, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निदेशक और राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
राज्यपाल ने की सिकल सेल टेस्टिंग मोबाइल वैन लोकार्पित | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गांधी जयंती के अवसर पर सिकल सेल टेस्टिंग मोबाइल वैन राजभवन में लोकार्पित की।
प्रमुख बिंदु
- मोबाइल टेस्टिंग वैन रेडक्रॉस की राज्य इकाई द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल को प्रदान की गई है।
- राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल नियंत्रण प्रयासों के लिये जनजातीय समुदाय के घर पर विज्ञान को पहुँचाने की दिशा में मोबाइल टेस्टिंग वैन प्रभावी पहल है।
- उन्होंने कहा कि मोबाइल युनिट का संचालन सिकल सेल पीड़ितों के उपचार और वाहक के पुनर्वास प्रयासों को दूरस्थ अंचल में और अधिक प्रभावी बनाएगा।
- मोबाइल टेस्टिंग वैन में सिकल सेल रोग उपचार और पुनर्वास के लिये आवश्यक सभी जाँचों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वैन का संचालन जनजातीय बहुल इलाकों में किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि विगत दिनों एम्स में सिकल सेल वार्ड के उद्घाटन समारोह में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रबंधकों द्वारा सिकल सेल रोग उपचार और पुनर्वास के लिये वाहन की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था।
रायसेन ज़िले में बम्होरी और सुल्तानगंज बनेगी नई तहसीलें | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन में ज़िले के बम्होरी और सुल्तानगंज को तहसील बनाने की घोषणा करते हुए कई अन्य महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन में लगभग 100 करोड़ रुपए की सेमरी जलाशय नल-जल प्रदाय योजना का शुभारंभ करने के बाद जनसमुदाय को संबोधित करते हुए ये घोषणाएँ कीं।
- मुख्यमंत्री ने रायसेन ज़िले के बेगमगंज में 99 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से सेमरी जलाशय आधारित समूह नल-जल-प्रदाय योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने 24 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत के 93 नवीन विकास कार्यों का भूमिपूजन तथा शिलान्यास और 28 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत से 25 निर्मित विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया।
- सेमरी जलाशय आधारित समूह नल-जल प्रदाय योजना से बेगमगंज के 46 व गैरतगंज के 49 (कुल 95) ग्राम लाभान्वित होंगे। क्षेत्र के 12 हज़ार 61 परिवारों की 76 हज़ार 400 जनसंख्या लाभान्वित होगी।
- सुचारू जलापूर्ति हेतु 32 उच्च स्तरीय आरसीसी टंकी का निर्माण कराया गया है, जिनकी क्षमता एक लाख लीटर से 5.20 लाख लीटर तक है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बेगमगंज में जनपद का नया भवन तथा ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। बेगमगंज और बम्होरी की शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नये भवन स्वीकृत किये जाएंगे। बेगमगंज, गैरतगंज, सिलवानी और रायसेन नगर पालिका में विकास कार्यों के लिये 5-5 करोड़ रुपए उपलब्ध कराये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आजीविका मार्ट और सरस मेले का किया शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
1 अक्तूबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल हाट में राज्य स्तरीय आजीविका मार्ट और सरस मेला-2023 का फीता काटकर शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- आजीविका मार्ट भोपाल हाट परिसर में 49 लाख 34 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित किया गया है। राज्य स्तरीय आजीविका मार्ट में खाद्य पदार्थ, स्वच्छता सामग्री, वस्त्र, सजावटी सामग्री एवं अन्य वस्तुएँ उपलब्ध रहेगी।
- सभी 53 ज़िलों के स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय किया जाएगा। बिचौलियों के बिना स्व-सहायता समूह की सीधे शहरी उपभोक्ताओं तक पहुँच बनेगी।
- विभिन्न ज़िलों के उत्पादों के वितरण के लिये प्रदेश में 43 रूरल मार्ट संचालित हैं। आजीविका मार्ट इन सभी रूरल मार्ट का समन्वयन केंद्र बनकर उभरेगा।
- पतंजलि आयुर्वेद तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इससे आजीविका ब्रांड के उत्पादों के मानकीकरण और मार्केटिंग में सहायता मिलेगी।
- प्रदेश में आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समुहों से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ अनेक उत्पाद बना रही हैं। आजीविका मिशन में अब तक प्रदेश में लगभग 5 लाख महिला स्व-सहायता समूहों का गठन कर 60 लाख से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है।
- आजीविका स्टोर भोपाल में मसालें, तेल, घी, आटा, दाल, चावल, नमक, गुड़, आचार, पापड़, टोस्ट, शहद, मिलेट्स आइटम, साबुन, वाशिंग पाउडर, महेश्वरी साड़ी, बाग-प्रिंट, लेडिज ड्रेस मटेरियल, सलवार सूट, पर्स, चादर, स्टॉल, ज्वेलरी, हथकरघा वस्त्र, लोक-कला कीर्ति, टेराकोटा, बांस के आयटम, ट्राइबल ऑर्ट, डिजाइनर झाडू, अगरबत्ती, गोबर से निर्मित वस्तुएँ आदि उपलब्ध रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पहले डबल डेकर ओवर ब्रिज का किया भूमिपूजन | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में प्रदेश के पहले डबल डेकर ओवर ब्रिज का भूमिपूजन किया। इंदौर के विकास के लिये 1483 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन/लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इसमें मुख्य रूप से इंदौर के पहले मल्टी लेयर फ्लाईओवर का भूमिपूजन भी शामिल है। इसे मिलाकर कुल चार फ्लाई ओवर और दो रेलवे ओवरब्रिज का भूमिपूजन हुआ। उन्होंने लगभग 80 करोड़ रुपए लागत की 7 सड़कों का लोकार्पण भी किया।
- कुल 1400 करोड़ रुपए लागत के 18 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 83.48 करोड़ रुपए लागत के 9 विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ।
- मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में अधोसंरचना उन्नयन हेतु कुल 192.24 करोड़ रुपए लागत के विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन किया, जिसमें 321 बिस्तरीय नवीन कैंसर अस्पताल भवन, 50 बिस्तरीय सीसीएचबी यूनिट, 1000 सीटेड ऑडिटोरियम, विभिन्न चिकित्सा विभागों हेतु नवीन भवन निर्माण कार्य शामिल हैं।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने इंदौर के मूसाखेड़ी चौराहे पर 67 करोड़ 2 लाख रुपए की लागत से बनने वाले 6 लेन फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मूसाखेड़ी रोड का लोकार्पण भी किया। इससे क्षेत्र के नागरिकों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। मुसाखेड़ी चौराहे पर फ्लाई ओवर बनने से राहगीरों को टैफिक जाम से निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल का किया लोकार्पण | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के पिपल्याहाना में इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा नव-निर्मित अंतर्राष्ट्रीय स्विमिंग पूल का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- लोकार्पित किया गया स्विमिंग पूल अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर तैयार देश का पहला सिंक्रोनाइज स्विमिंग पूल है।
- इस स्विमिंग पूल में हाइविंग पूल, रेसिंग पूल, स्पलैश पूल अलग-अलग बनाए गए हैं। महिलाओं एवं पुरुषों के लिये पृथक्-पृथक् चैंजिंग रूम, लॉकर रूम, वॉशरूम, स्टीम बाथ एवं सोना बाथ बनाए गए हैं।
- स्विमिंग पूल परिसर में ही कैफेटेरिया एवं मल्टी जिम की व्यवस्था भी की जा रही है।
- यह फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्विमिंग (एफआईएनए) के नॉर्म्स अनुरूप तैयार किया गया प्रदेश का एकमात्र स्विमिंग पूल है।
- स्विमिंग पूल 28 करोड़ रुपए की लागत की राशि से निर्मित किया गया है। इसकी दर्शक क्षमता 1200 है।
मुख्यमंत्री ने नीमच में किया प्रदेश के पहले बायोटेक्नालॉजी पार्क का शिलान्यास | मध्य प्रदेश | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज़िले के जावद क्षेत्र के सरवानिया महाराज में 50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले प्रदेश के पहले बायोटेक्नोलॉजी पार्क का शिलान्यास किया। उन्होंने 153 करोड़ 37 लाख रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले बायोटेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना से नवीन अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पार्क में 8 उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, इनक्यूबेशन सेंटर होंगे।
- यह पार्क शोधार्थियों, उद्योगपतियों के लिये नई तकनीकी सुविधाओं का केंद्र बनेगा। इससे जैव तकनीकों के व्यवसायीकरण के लिये मार्ग प्रशस्त होगा, बायोटेक क्षेत्र में व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे तथा बायोटेक उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- उद्यमी बायोटेक उत्पाद की कंपनी भी शुरू कर सकेंगे और लोगों को रोज़गार भी मिलेगा। बायोटेक्नोलॉजी पार्क शोधार्थियों, उद्योगपतियों के लिये नई तकनीकी सुविधाओं का केंद्र बनेगा।
- मुख्यमंत्री ने 8 करोड रुपए की लागत से नवनिर्मित शासकीय पॉलीटेक्नीक महाविद्यालय जावद के भवन का लोकार्पण भी किया। इसके साथ ही एक करोड़ 47 लाख रुपए के शासकीय कन्या उ.मा.वि.रतनगढ़, एक करोड़ 47 लाख रुपए के शा.हाई स्कूल सरोदा और 43 लाख की लागत से निर्मित होने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र भवन गरवाडा का भूमिपूजन किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जावद कृषि उपज मंडी को हाईटेक बनाया जाएगा तथा नीमच मंडी के लिये भी विशेष योजना बनेगी। जावद नीमच माइक्रो एरिगेशन योजना जल्द ही मंजूर की जाएगी।
‘अबुआ वीर दिशोम अभियान’ का शुभारंभ | झारखंड | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर 2023 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर राज्य में ‘अबुआ वीर दिशोम अभियान 2023’ का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर ग्राम स्तर पर वनाधिकार समिति का गठन-पुनर्गठन करने, वन पर निर्भर लोगों और समुदायों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने के लिये शपथ ली गई।
- शपथ ग्रहण के साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से वनाधिकार के लिये प्रस्तावित अबुआ वीर दिशोम अभियान, 2023 (वन अधिकार अभियान, 2023) के क्रियान्वयन और वन अधिकार नियम के अनुसार अनुशंसा करने, जल, जंगल और ज़मीन तथा इसके संसाधनों की रक्षा के लिये समर्पित और संगठित प्रयास करने की शपथ ली गई।
- राज्य के 30 हज़ार से अधिक ग्राम सभाओं ने वन अधिकार अधिनियम के अतर्गत ग्राम स्तर पर वनाधिकार समिति का गठन-पुनर्गठन तीन अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक होगा।
- उपायुक्त अपने-अपने ज़िलों में अक्तूबर के प्रथम और द्वितीय सप्ताह में ज़िलास्तरीय वन प्रमंडल पदाधिकारी और राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक कर ग्रामस्तरीय वनाधिकार समिति में की जाने वाली कार्रवाई के लिये सभी प्रकार के भू-अभिलेख फॉरेस्ट मैप की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये पूरी कार्य योजना तैयार करना सुनिश्चित करेंगे।
- एफआरसी सेल का भी होगा गठन: ज़िलास्तर, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर एफआरसी सेल का गठन सुनिश्चित किया जाएगा। ग्रामस्तरीय वनाधिकार समिति की ओर से पेश किये गए दावों पर ग्रामसभा द्वारा लिये गए निर्णय से एसडीएलसी को अनुशंसित दावों की एक प्रति प्रखंडस्तरीय एफआरए सेल में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का किया शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग ज़िले के नगर पालिका अमलेश्वरडीह में राज्य स्तरीय एक दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि शिव शक्ति क्रीडा मंडल और नगर पालिका अमलेश्वरडीह छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्त्वावधान में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई है।
- राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में लगभग 64 टीम भाग ले रही हैं। जिसमें से पुरुष वर्ग की 40 और महिला वर्ग की 24 टीम शामिल हैं। प्रतियोगिता में शामिल टीमों के लिये आकर्षक पुरस्कार भी दिया जाएगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टेनिस, तीरंदाजी, हॉकी सहित विभिन्न खेल अकादमियों की शुरुआत की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को निखरने का अवसर मिल रहा है। प्रदेश के खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिये हो रहा है।
- उन्होंने कहा कि परंपराओं को सहेजने के क्रम में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है और भौंरा, बाटी, पिट्ठूल, कबड्डी, खो-खो, फुगड़ी जैसे परंपरागत खेलों को इसमें शामिल किया है।
मेजर ध्यानचंद कप ऑल इंडिया वूमेन हॉकी टूर्नामेंट में राज्य खेल अकादमी बहतरई बिलासपुर की टीम ने जीता फाइनल | छत्तीसगढ़ | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को मेजर ध्यानचंद कप ऑल इंडिया वूमेन हॉकी टूर्नामेंट 2023 में छत्तीसगढ़ की टीम स्वर्गीय बी.आर. यादव राज्य खेल अकादमी छत्तीसगढ़ (आवासीय एक्सीलेंस सेंटर) बहतरई बिलासपुर ने एक रोमांचक मुकाबले में साईं मुंबई को 4 के मुकाबले 5 गोल से पराजित कर फाइनल मुकाबला जीत लिया।
प्रमुख बिंदु
- अमरावती महाराष्ट्र में आयोजित इस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ की टीम शुरुआत से ही बेहतर प्रदर्शन कर फाइनल में पहुँची थी। फाइनल मैच में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गीता यादव, रुक्मणी, अनीता, संपदा और ममता सभी ने 1-1 गोल दागे।
- इससे पहले हुए मुकाबले में स्वर्गीय बी.आर. यादव राज्य खेल अकादमी छत्तीसगढ़ (आवासीय एक्सीलेंस सेंटर) बहतरई बिलासपुर की टीम ने पटना को 4-0 से, कोलकाता को 2-0 से पराजित किया और स्टील प्लांट दिल्ली से 1-1 गोल की बराबरी कर फाइनल में प्रवेश किया।
- पहले मैच में गीता यादव ने 2 गोल, दूसरे मैच में जाह्नवी ने 01 गोल और सेमीफाइनल में मधु सीडर ने 01 गोल दागे थे। इसके अलावा टीम के अन्य सदस्य संप्रदाय निर्मलकर, ममतेश्वरी लहरे, रुक्मणी खुसरो, अनीता खुसरो, यशोदा, मीनाक्षी उमरी, भूमिका धनकर, दामिनी खुसरो, करुणा साहू, अक्षिता आहूजा, अंजलि बंजारे, ट्विंकल, डोली, स्मिता ने भी पूरे टूर्नामेंट में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड के धारे-नौले और जलस्रोतों को सँवारेगी सारा | उत्तराखंड | 03 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
2 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड शासन के अपर मुख्य सचिव, आनंद वर्द्धन ने बताया कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा में रचे-बसे नौले-धारों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिये एकीकृत एजेंसी बनाने की तैयारी है। इसके लिये शासन स्तर पर स्प्रिंगशेड एंड रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी (सारा) के गठन की कवायद की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- अपर मुख्य सचिव, आनंद वर्द्धन ने बताया कि प्रदेश में नौले-धारों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने को लेकर कवायद शुरू की गई है। इसके लिये स्प्रिंगशंड एंड रिवर रिजुविनेशन एजेंसी (सारा) के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। शीघ्र ही मुख्य सचिव के स्तर पर इसका प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव मंजूरी के लिये कैबिनेट में भेजा जाएगा।
- जलागम प्रबंधन को इसकी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। एकीकृत एजेंसी बनने से नौले-धारों के उद्धार पर काम करने वाले विभिन्न विभाग एक अंब्रेला के नीचे एक साथ काम कर पाएंगे।
- सारा के गठन के बाद इसमें राज्य स्तर पर एक हाईपावर समिति, ज़िलों में जनपद स्तरीय एग्जीक्यूटिव समिति और गांव स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा।
- ये समितियाँ राज्यभर के सभी नौले-धारों के साथ वर्षा आधारित नदियों की मैपिंग करेंगी। फिर संवेदनशील जल स्रोतों का चिन्हीकरण, चेकडैम का निर्माण, वर्षा जल संरक्षण के लिये पौधों का रोपण, चाल-खाल का निर्माण जैसे कार्य होंगे। इसके लिये जनसमुदाय को भी इनके उपचार में सहभागी बनाया जाएगा।
- उत्तराखंड उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों को सिंचित करने वाली अपनी अनेक सदानीरा नदियों के लिये जाना जाता है। प्रदेश में ग्लेशियर से निकलने वाली और बरसाती को मिलाकर कुल 213 नदियों का विस्तृत जाल है।
- नौले-धारे और कई जलस्रोतों का पानी इन नदियों में मिलकर प्रवाह बढ़ाता है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में करीब 12 हज़ार जल स्रोत सूख चुके हैं, जो भविष्य के लिये बड़ी चिंता का विषय है।
- अभी तक प्रदेश में वन, नियोजन, वित्त, कृषि, ग्राम्य विकास, पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, राजस्व, पंचायती राज और शहरी विकास विभाग के साथ गैर-सरकारी संस्थाएँ नौले-धारों को बचाने की दिशा में अपने-अपने ढंग से काम कर रहे हैं, लेकिन इनके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।
- ज्ञातव्य है कि बीते दिनों मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु के स्तर पर इस मुद्दे पर चिंता जताई गई थी। फिर नौले-धारों व अन्य जलस्रोतों को संरक्षित, पुनर्जीवित करने को एकीकृत एजेंसी का विचार सामने आया। अब इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। एजेंसी के बनने से जल संरक्षण की दिशा में बेहतर ढंग से काम हो सकेगा।