इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Sep 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

देश में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में भोपाल को दूसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में साइबर अपराध की क्रिप्टो करेंसी संबंधी धोखाधडी की बेहतर और पुख्ता इन्वेस्टिगेशन के लिये भोपाल साइबर पुलिस को देश में दूसरा स्थान प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) नई दिल्ली में गत दिवस किये गए प्रेजेंटेशन में साइबर क्राइम भोपाल की इन्वेस्टिगेशन संबंधी केस-स्टडी को सर्वश्रेष्ठ 10 केस-स्टडी में चुना गया।
  • साइबर पुलिस ने अपने प्रेजेंटेशन में दिखाया कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान किस प्रकार से जापान के क्लाइंट के लिये इंदौर के पीयूष सिंह की कंपनी ने मुख्यत: तीन प्रोडक्ट्स बनाए। इन प्रोडक्ट्स का उपयोग कर कोई भी उपयोगकर्त्ता (EndUser) अपना डिजिटल वालेट (अकाउंट) बना सकता है।
  • इस डिजिटल वालेट में वह क्रिप्टो संपत्ति स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है। क्रिप्टोएसेट्स को ट्रांसफर भी कर सकता है तथा उपयोगकर्त्ता को रिवॉर्ड और बोनस मिलता है, जो हर दिन कंपनी के डिजिटल अकाउंट में क्रेडिट होता है।
  • इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि जापानी मूल का केशी कुबी, जो कि पीयूष सिंह की कंपनी में ही पूर्व से कार्य करता था, गोपनीय जानकारियों का गलत उपयोग कर पीयूष सिंह के जापानी क्लाइंट के प्रोडक्ट में फर्ज़ी यूज़र बना दिये और उनमें एपीआई के द्वारा क्रिप्टो का फर्ज़ी इन्वेस्टमेंट दिखाया। इससे आरोपी को भी प्रतिदिन रिवॉर्ड मिलने लगे।
  • आरोपी anglieum wallet के एक फीचर ote (जिसमें कंपनी यूज़र से ANX लेकर उसी वैल्यू का BTC कंपनी वालेट से यूज़र को देती थी) का यूज़ कर क्रिप्टोकरेंसी ANX को BTC में कनवर्ट करता तथा BTC (BITCOIN) को अपने और अपने परिजनों के क्रिप्टो वालेट में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी करने का कार्य करता रहा। साइबर पुलिस ने अपने इन्वेस्टिगेशन में फर्ज़ी पते को भी डिकोड कर अपराध का पर्दाफाश किया।

मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश का पहला 500 एमवीए ट्रांसफॉर्मर भोपाल में ऊर्जीकृत

चर्चा में क्यों?

1 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 400 केवी सबस्टेशन भोपाल में प्रदेश के पहले 500 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए प्रदेश के अपने ट्रांसमिशन नेटवर्क में लगभग 25 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से पहली बार 500 एमवीए क्षमता के पॉवर ट्रांसफॉर्मर को स्थापित किया है।
  • मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 400 केवी सबस्टेशन भोपाल में 400/220/132 केवी के 315 एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर के लिये लगने वाले स्थान पर ही विशेष डिज़ाइन से तैयार हुए मेसर्स टी एंड आर द्वारा निर्मित इस 500 एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफॉर्मर को स्थापित किया है।
  • मुख्य अभियंता राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 400 केवी सबस्टेशनों में परंपरागत 315 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाते रहे हैं। इसके स्थान पर पहली बार 500 एमवीए क्षमता का यह पहला पावर ट्रांसफार्मर है, जिसे शासन की ज़्यादा-से-ज़्यादा नवाचार अपनाने की मंशा के तहत स्थापित किया गया है।
  • इस नवाचार का फायदा यह है कि जितनी जगह 315 एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना को लगती है, उतने ही इन्फ्रास्ट्रक्चर में 500 एमवीए क्षमता का ट्रांसफॅार्मर स्थापित कर लिया जाता है। जिससे अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने की प्रक्रिया, धन और श्रम बच जाता है। साथ ही सबस्टेशनों में बढ़ने वाली अचानक लोड डिमांड को भी पूरा किया जा सकता है। इस ट्रांसफॉर्मर की स्थापना के उपरांत 400 केवी सबस्टेशन भोपाल की क्षमता 1445 एमवीए की हो गई है।
  • इस ट्रांसफॉर्मर की स्थापना से भोपाल के शहरी और औद्योगिक क्षेत्र के अलावा बैरागढ़, विदिशा, मुगालिया छाप के अतिरिक्त आष्टा क्षेत्र को भी बेहद फायदा मिलेगा। इस ट्रांसफॉर्मर की स्थापना से इन क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण पर्याप्त विद्युत आपूर्ति उचित वोल्टेज में की जा सकेगी। साथ ही, आष्टा, उज्जैन क्षेत्र को भी भोपाल से सपोर्ट मिल सकेगा।  

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2