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वन विहार नेशनल पार्क की डिजाइन में तीसरी बार बदलाव
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि वन विहार नेशनल पार्क की डिजाइन में तीसरी बार बदलाव किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य हो कि जनवरी 2021 में मुख्यमंत्री चौहान ने वन विभाग के अधिकारियों को एक बैठक में वन विहार को सिंगापुर जू की तरह विकसित करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद ईको पर्यटन बोर्ड के सीईओ एसएस राजपूत ने इसकी ड्राईंग-डिजाइन बनवाई थी।
- वन विहार को सिंगापुर की जू की तर्ज पर बनाया जा रहा था। खासतौर पर गेट नंबर 1 की डिजाइन पर कई तरह के इनोवेशन होने थे। यहाँ पर गिरने वाले झरने के पास सेल्फी पॉइंट, लेपर्ड बाड़े के पास स्कॉई वॉक बनना था। अब सिर्फ गेट नंबर-1 की नई डिजाइन बन रही है, जिसे भीमबेटका की तर्ज पर बनाया जाएगा।
- वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि समिति के द्वारा स्वीकृत ड्राईंग-डिजाइन में ईको टूरिज्म के अधिकारियों ने कई तरह की खामियाँ निकालीं। इसके बाद नई डिजाइन बनवाई गई। वन विहार व ईको टूरिज्म के अधिकारियों के बीच सहमति नहीं बनने से डिजाइन रिजेक्ट कर दी गई।
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मध्य प्रदेश ट्रांसको का ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट पूर्ण
चर्चा में क्यों?
2 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि जर्मनी के के.एफ.डब्ल्यू बैंक द्वारा वित्तपोषित प्रोजेक्ट का अंतिम कार्य मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने पूरा कर लिया है। इसमें 400 के.वी. आष्टा-उज्जैन डबल सर्किट लाइन ऊर्जीकृत की गई।
प्रमुख बिंदु
- ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि पूरे देश में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिज़ली के सहज ट्रांसमिशन के लिये ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के लिये कुछ राज्यों में से मध्य प्रदेश को भी चुना गया था।
- कुल प्रोजेक्ट 2100 करोड़ रुपए में से 840 करोड़ रुपए का लोन जर्मनी के बैंक के.एफ.डब्ल्यू ने स्वीकृत किया था। इन कार्यों को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने निर्धारित लक्ष्य से पहले ही पूरा कर लिया है।
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर एम.एम. ढोके ने बताया कि इस स्कीम में प्रदेश में 400 के.वी. के तीन सब-स्टेशन, 220 के.वी. के सात सब-स्टेशन, 400 के.वी. की 5 डबल सर्किट लाइनें, 220 के.वी. की 15 डबल सर्किट लाइनें तथा 132 के.वी. की 26 डबल सर्किट की कुल 2773 सर्किट किमी. अति उच्च दाब लाइनें निर्मित की गईं।
- इस स्कीम से 400 के.वी. की 1890 एम.वी.ए. क्षमता, 220 के.वी. में 2400 एम.वी.ए. क्षमता तथा 132 के.वी. में 498 एम.वी.ए. कुल 4788 एम.वी.ए. अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मेशन की क्षमता मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के ट्रांसमिशन में नेटवर्क में जोड़ी गई।
- ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर स्कीम में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने सागर, उज्जैन तथा मंदसौर में 400 के.वी. के सब-स्टेशन, सेंधवा, कानवन, जावरा, सैलाना, गुड़गाँव, रतनगढ़ तथा नलखेड़ा में 220 के.वी. के सब-स्टेशन तथा 132 के.वी. के दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित कर ऊर्जीकृत किये हैं।
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