पीसीएस Switch to English
बाल सेवा योजना
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों को बाल सेवा योजना के तहत प्रतिमाह 2500 रुपए की मौद्रिक सहायता प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड-19 से अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो दिया है; पात्र होंगे।
- इस योजना का लाभ प्रति परिवार से अधिकतम दो बच्चों को ही मिल सकता है।
- इस योजना का शत-प्रतिशत वित्तीयन उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।
- इस योजना के अंतर्गत उन मेधावी छात्रों को भी शामिल किया गया है, जो 23 वर्ष की आयु के हो चुके हैं और 12वीं के बाद राजकीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से स्नातक, तकनीकी स्नातक या राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं।
पीसीएस Switch to English
अर्ली कैंसर डिटेक्शन वैन
चर्चा में क्यों?
3 अगस्त, 2021 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अपने राजकीय आवास से अर्ली कैंसर डिटेक्शन (प्रिवेंटिव ऑनकोलॉजी मोबाइल) वैन [(Early Cancer Detection (Preventive Oncology Mobile) Van)] का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट से ऑनलाइन जुड़ी यह वैन प्रदेश के सुदूर गाँवों में जाकर मरीज़ों की जाँच करेगी और रिपोर्ट भी उसी समय उपलब्ध कराएगी।
- इस वैन में मेमोग्राफी मशीन, डिजिटल एक्स-रे, कोलपोस्कॉपी, पैप स्मियर तथा सिर और गर्दन के परीक्षण के लिये वीडियो एंडोस्कॉपी की सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- लगभग 1.25 करोड़ रुपए लागत की यह वैन राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण लिमिटेड के सीएसआर फंड से प्राप्त हुई है।
- डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि लक्षणों को जल्द पहचानने में यह वैन खासी कारगर होगी। अर्ली डिटेक्शन से 90 प्रतिशत से अधिक कैंसर रोगियों का पूर्ण उपचार संभव है।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान में अब तक कोई प्रिवेंटिव ऑनकोलॉजी यूनिट नहीं थी। इस वैन से टेली कंसल्टेंसी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही जनता के स्वास्थ्य पर रिसर्च डाटा उपलब्ध हो सकेगा।
पीसीएस Switch to English
हर हित स्टोर योजना
चर्चा में क्यों?
2 अगस्त, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में युवाओं को व्यापार के नए अवसर देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिये पंचकूला में ‘हर हित स्टोर योजना’ का शुभारंभ एवं इसके पोर्टल को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत प्रदेश में पहले चरण में 2000 स्टोर (ग्रामीण क्षेत्र में 1500 एवं शहरी क्षेत्र में 500) और दूसरे चरण में 5,000 स्टोर स्थापित किये जाएंगे।
- इन स्टोर के माध्यम से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले दैनिक ज़रूरत के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और ग्राहकों तक उचित मूल्य पर पहुँच सुनिश्चित होगी।
- इस योजना के तहत हरियाणा सरकार युवा फ्रेंचाइजी के साथ-साथ सूक्ष्म एवं लघु उद्योग (एमएसएमई), सरकारी सहकारिता संस्थाओं, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के व्यापार को बढ़ाने के लिये मंच प्रदान करेगी।
- राज्य में 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग में कोई भी युवा बेरोज़गार न रहें, इस उद्देश्य के साथ प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024 तक हरियाणा को ‘बेरोज़गार मुक्त-रोज़गार युक्त’ (Berojgar Mukt, Rozgar Yukt) बनाना है।
- हर हित स्टोर योजना के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार एक स्टोर का अवलोकन भी किया।
- हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड 3000 या अधिक आबादी वाले गाँव में 200 वर्ग फुट पर एक रिटेल आउटलेट आवंटित करेगा। नगरपालिका समिति, परिषद में ऐसे वार्ड, समूह जिनकी संचयी जनसंख्या 10,000 हो, वहाँ पर एक-एक रिटेल आउटलेट आवंटित करेगा।
- मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि परिवार पहचान-पत्र के तहत जिन परिवारों की सत्यापित वार्षिक आय 1 लाख 80 हज़ार रुपए से कम है, उन परिवारों के युवाओं को भी इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
- इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की है कि यदि इन परिवारों के युवा हर हित स्टोर खोलने के लिये रुचि दिखाते हैं तो राज्य सरकार युवाओं को हर माह न्यूनतम 15 हज़ार रुपए की आय सुनिश्चितता की गारंटी भी देगी।
- हर हित स्टोर की बिक्री प्रावधानों के अनुसार, जो फ्रैंचाइजी पार्टनर 1,50,000 रुपए की ब्रिकी करेगा, उसे 10 प्रतिशत के हिसाब से 15 हज़ार रुपए की आय होगी।
- यदि पीपीपी में न्यूनतम आय परिवारों के युवा शुरुआती 6 महीनों में न्यूनतम 15 हज़ार रुपए की आय अर्जित करने में असमर्थ रहते हैं तो राज्य सरकार 6 महीने तक उन्हें न्यूनतम आय सुनिश्चित करने की गारंटी देगी।
- यदि युवा 12 हज़ार रुपए कमा सका तो सरकार द्वारा उसे 3 हज़ार रुपए, यदि 12 हज़ार रुपए से ऊपर, लेकिन 15 हज़ार रुपए से नीचे आय अर्जित कर सका तो सरकार द्वारा उसे 2,000 रुपए की राशि देकर उसकी न्यूनतम 15 हज़ार रुपए की आय सुनिश्चित करेगी।
पीसीएस Switch to English
जीएसटी संग्रहण में वृद्धि
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी केंद्र सरकार के आँकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जीएसटी संग्रहण में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार के आँकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जुलाई 2021 में 2,432 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ है, जो वर्ष 2020 की इसी अवधि में 33% से अधिक है। जीएसटी संग्रहण में हुई यह वृद्धि राष्ट्रीय स्तर पर कुल जीएसटी संग्रहण में हुई 32% वृद्धि से अधिक है।
- छत्तीसगढ़ में जीएसटी संग्रहण में हुई वृद्धि मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल व आंध्र प्रदेश के जीएसटी संग्रहण की तुलना में अधिक है।
- उल्लेखनीय है कि कोविड संकट की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ निर्बाध रूप से चलती रहीं, जिसके कारण यह वृद्धि हुई है।
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वनोपज संग्रहण, गोधन न्याय योजना, वैल्यू एडिशन तथा आजीविका गतिविधियाँ, मनरेगा जैसे कदमों ने राज्य में आर्थिक गतिशीलता बनाए रखी।
- कोविड-19 के दौरान शुरू हुई ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) से राज्य के 19 लाख किसानों को लाभ मिला, जबकि इस वर्ष 22 लाख किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
- वनोपज संग्रहण के मामले में भी छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल रहा। वनोपजों के वैल्यू एडिशन और गोठानों में चलने वाली आजीविका गतिविधियों से प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर निर्मित हुए हैं।
- इसके अलावा महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना के तहत भी ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार रोज़गार मुहैया कराए गए। गोधन न्याय योजना के माध्यम से 2 रुपए प्रति किलो की दर से की जा रही गोबर खरीदी, जैविक खाद के निर्माण और बिक्री से भी बड़ी संख्या में किसान, पशुपालक तथा स्व-सहायता समूह के सदस्य लाभान्वित हुए हैं।
Switch to English