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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 03 Jul 2023
  • 1 min read
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भरतपुर एवं बीकानेर में बनेंगे मल्टीपरपज इंडोर हॉल

चर्चा में क्यों?

2 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के भरतपुर एवं बीकानेर ज़िलों में खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये मल्टीपरपज इंडोर हॉल का निर्माण करने के लिये 16.44 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु  

  • प्रत्येक हॉल के निर्माण में 8.22 करोड़ रुपए की लागत आएगी।  
  • मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण से खिलाड़ियों को इंडोर गेम्स में भाग लेने तथा अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अवसर प्राप्त होंगे।  
  • उल्लेखनीय है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2023-24 में घोषणा की गई थी।

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प्रदेश में अति पिछड़ा वर्ग विकास कोष में विभिन्न योजनाओं के तहत 231 करोड़ रुपए स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

1 जुलाई, 2023 को राजथान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के विद्यार्थियों के लिये विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 231.44 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्तावों की स्वीकृति दी। यह राशि एमबीसी विकास कोष के अंतर्गत स्वीकृत की गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री ने देवनारायण अनुप्रति योजना के लिये 1.50 करोड़ रुपए, देवनारायण पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये 8 करोड़ रुपए, देवनारायण उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये 135 करोड़ रुपए, देवनारायण गुरूकुल योजना के लिये 17.50 करोड़ एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना के लिये 20.34 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।  
  • मुख्यमंत्री ने चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा एवं जयपुर के विराटनगर में देवनारायण आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण के लिये 37.90 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। 
  • इनके अलावा अलवर के उमरेण, टोंक के निवाई तथा जयपुर में मानसरोवर व प्रतापनगर में देवनारायण छात्रावासों के भवन निर्माण के लिये 11.20 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी है।  
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने में सुगमता होगी तथा वे अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में एमबीसी विकास कोष की राशि को बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए किया गया है।

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राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

30 जून, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई, जिसमें नवीन ज़िलों के गठन पर चर्चा, विद्यालयों में संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्त्तव्यों का पाठन, कार्मिकों के हित में प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में करने, प्रदेश के युवाओं को राजकीय सेवा में ज्यादा अवसर देने के संबध में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन ज़िलों के गठन के लिये बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। इन नवीन ज़िलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढ़ेगी। विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग अधिक प्रभावी ढंग से होगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा। 
  • विदित है कि इस बार के बजट में 19 ज़िलों की घोषणा की गई थी। इस क्रम में रामलुभाया समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट, विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त ज्ञापनों और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट द्वारा आंकलन कर सीमा निर्धारण के संबंध में चर्चा की गई।  
  • मंत्रिमंडल की बैठक में प्रत्येक विद्यालय में संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्त्तव्यों का पाठन आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। 
    • इससे प्रदेश की युवा पीढ़ी का देश के महान संविधान, लोकतंत्र एवं राष्ट्रीयता पर विश्वास तथा गर्व और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा। पाठन विद्यालयों में प्रति शनिवार ‘नो बैग डे’ किया जाएगा।  
    • नई प्रकाशित होने वाली पाठ्यपुस्तकों में भी संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्त्तव्यों को प्रकाशित किया जाएगा। 
  • मंत्रिमंडल ने ‘दी राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी, जयपुर (चेंज ऑफ नेम एंड अमेंडमेंट) बिल-2023’ के प्रारूप को मंज़ूरी देते हुए राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी का नाम ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी’ करने का निर्णय लिया है।  
    • इससे कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के गठन और नए प्रावधानों के लिये ऑर्डिनेंस लाने आदि की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।  
    • इस निर्णय से विश्वविद्यालय का कार्य सुगमता और त्वरित गति से हो सकेगा। मंत्रिमण्डल की इस स्वीकृति से यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सकेगा। 
  • मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। इससे कार्मिक की पदोन्नति या एसीपी लगने पर पदोन्नति पद के पे-लेवल में समान सेल होने पर आगामी सेल में वेतन नियत हो सकेगा। इससे कार्मिक के वेतन में वृद्धि होगी।  
    • साथ ही, वर्तमान में एक ही वेतन वृद्धि की तिथि के स्थान पर अब दो वेतन वृद्धि की तिथियाँ (1 जनवरी और 1 जुलाई) निर्धारित की गई हैं। इससे कार्मिकों को प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में ही मिल जाएगी। इन संशोधनों से विभिन्न सेवाओं के पदनाम भी सेवा नियमों के अनुरूप हो जाएंगे।  
  • मंत्रिमंडल ने राजकीय सेवाओं में प्रदेश के अभ्यर्थियों को अधिक-से-अधिक नियोजित करने और शीघ्रलिपि में दक्ष अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1999, राजस्थान सचिवालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1970 तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग (लिपिकवर्गीय एवं अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम 1999 में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की है।  
    • इसके अंतर्गत शासन सचिवालय, अधीनस्थ कार्यालयों एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग से संबंधित मंत्रालयिक सेवा नियमों में शीघ्रलिपिक/निजी सहायक ग्रेड-II के पाठ्यक्रम में राजस्थान के सामान्य ज्ञान को वेटेज देने का प्रावधान किया गया है।  
    • साथ ही, फेज-II के लिये विज्ञापित पदों में 15 गुणा विद्यार्थियों को सम्मिलित करने तथा शीघ्रलिपि को वेटेज देने संबंधी प्रावधान भी किये गए हैं।  
  • मंत्रिमंडल ने महिला राजकीय कार्मिकों को गर्भावस्था के दौरान स्थानांतरण पर होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिये राजस्थान सिविल सर्विसेज (अलॉटमेंट ऑफ रेजिडेंशियल एकोमोडेशन) रूल्स, 1958 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। 
    • उक्त संशोधन से महिला राजकीय कर्मचारी, जिसको राजकीय आवास आवंटित किया जा चुका है, वह उस आवास को मातृत्व अवकाश की समाप्ति तक सामान्य किराए पर रख सकेगी। 
  • मंत्रिमंडल ने राजस्थान उद्योग सेवा नियम-1960, राजस्थान उद्योग अधीनस्थ सेवा नियम-1966 एवं राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएँ (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती नियम-1999) में परिशिष्ट ‘च’ में संशोधन कर इनमें उद्योग विभाग का नाम उद्योग एवं वाणिज्य विभाग करने का निर्णय लिया है।  नाम परिवर्तन होने से विभाग के अधिकारियों का पदनाम भी संशोधित हो जाएगा।

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