नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 03 Jun 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

एंटी माइन इन्फैंट्री बूट

चर्चा में क्यों?

1 जून, 2023 को डीएमएसआरडीई (रक्षा सामग्री भंडार और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान) के निदेशक डॉ. मयंक द्विवेदी ने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने सेना की इन्फेंट्री बटालियन के लिये विशेष जूते तैयार किये हैं, जो माइंस फटने पर जवानों को सुरक्षित रखेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • विशेष प्रकार का यह जूता माइंस के प्रेशर का प्रभाव काफी कम कर देगा। इससे पैर पड़ने के बाद विस्फोट तो होगा पर बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा।
  • भारतीय सेना की इन्फेंट्री बटालियन की सबसे बड़ी चुनौती जवानों को माइंस से बचाना है। अक्सर दुश्मनों की बिछाई माइंस फटने से जवानों के पैर गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं। इसके लिये सेना ने डीएमएसआरडीई के वैज्ञानिकों से मदद मांगी थी। करीब दो-तीन साल चले शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इसे बनाने में कामयाबी हासिल की है।
  • एंटी माइन इन्फेंट्री बूट कई प्रकार के हल्के सिरेमिक पोरस और एरामिड के हाइब्रिड भाग को मिलाकर बनाया गया है। इस वजह से तीन किलोग्राम वजनी होने के बावजूद जूते से दबाव नहीं पड़ता है।
  • एंटी माइन इन्फेंट्री बूट का कई बार परीक्षण किया गया। एम-14 माइंस में परीक्षण के दौरान देखा गया कि इस जूते ने 160 गुना से भी अधिक दबाव कम कर दिया। इससे माइंस में विस्फोट तो हुआ, पर कोई नुकसान नहीं हुआ।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow