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राजसमंद के गाँव मोलेला में बनेगा शिल्पग्राम
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिट्टी से लोक देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाने में अंतर्राष्ट्रीय पहचान रखने वाले राजसमंद ज़िले के खमनोर तहसील में स्थित मोलेला गाँव में शिल्पग्राम (शिल्पबाड़ी) की स्थापना व अन्य कार्यों के लिये 2.55 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से मोलेला गाँव के शिल्पकर्मी अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन और बिक्री कर सकेंगे। वे यहाँ अपने कौशल से भावी पीढ़ियों को भी प्रशिक्षित कर सकेंगे। इससे युवाओं में कला के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
- शिल्पबाड़ी में सेमिनार हॉल, प्रदर्शनी हॉल, कैफेटैरिया व अन्य सुविधाएँ भी विकसित होंगी।
- विदित है कि मोलेला गाँव के मृण शिल्पकार लोक देवी-देवताओं का माटी में रूपांकन करते हैं। इन्हें मेवाड़ के साथ ही गुजरात व मध्य प्रदेश की सीमाओं के आदिवासी गाँवों के लोग खरीदते हैं। वे गाँव के देवघरों में इन्हें विधि-विधान से स्थापित कर धार्मिक परंपरा का निर्वाह करते हैं। इनकी खरीद अब घरों में सजावट के लिये भी हो रही है। बदलते परिवेश में कला प्रेमियों की इच्छाओं के अनुसार कलाकारों ने आधुनिक कलाकृतियाँ गढ़ना शुरू कर दिया है।
- ज्ञातव्य है कि टेराकोटा कला राजस्थान की प्रसिद्ध हस्तकलाओं में से एक है। लाल मिट्टी को पकाकर सजावटी सामान बनाने की कला टेराकोटा कला कहलाती है।
- मिट्टी की फड़ व मांदल नामक वाद्य यंत्र का निर्माण भी मोलेला गाँव में होता है।
- उल्लेखनीय है कि मोलेला गाँव के शिल्पकार देश-दुनिया में कला की छाप छोड़ चुके हैं। इन्हें पद्मश्री सहित अन्य राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।
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