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भीमताल झील
चर्चा में क्यों?
नैनीताल ज़िला मुख्यालय के निकट वन में लगी भीषण वनाग्नि से निपटने के लिये राज्य सरकार ने भीमताल झील से जल लाने और प्रभावित वन क्षेत्रों पर छिड़काव करने के लिये सेना के MI 17 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया।
मुख्य बिंदु:
- भीमताल झील उत्तराखंड राज्य में नैनीताल ज़िले की सबसे बड़ी झील है। यह कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है, जिसे "भारत का झील ज़िला" कहा जाता है।
- इसका नाम प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत के दूसरे पांडव भीम के नाम पर रखा गया है।
- यह एक प्राकृतिक झील है और इसकी उत्पत्ति का श्रेय भू-पर्पटी के खिसकने के कारण उत्पन्न हुए कई भ्रंश को दिया जाता है।
- इस झील का निर्माण वर्ष 1883 में ब्रिटिश काल के दौरान हुआ था और इस पर एक चिनाई वाला बाँध बनाया गया है।
- झील के चारों ओर समृद्ध वनस्पति और जैव पारिस्थितिकी तंत्र हैं साथ ही झील के चारों ओर पहाड़ी ढलानों पर देवदार एवं ओक के घने वन हैं।
- सर्दियों के महीनों में यह कई प्रवासी पक्षियों का आवास होता है।
- क्षेत्र में पाई जाने वाली प्रसिद्ध प्रजातियों में बुलबुल, वॉल क्रीपर, एमराल्ड डव, ब्लैक ईगल और टॉनी फिश आउल शामिल हैं।
- झील के केंद्र में एक द्वीप है जिसे एक काँच वाटिका के साथ पर्यटकों के आकर्षण के रूप में विकसित किया गया है।
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नक्षत्र सभा
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने लोगों को व्यापक खगोल पर्यटन अनुभव प्रदान करने के लिये एक नई पहल, नक्षत्र सभा शुरू करने हेतु एक प्रमुख खगोल-पर्यटन कंपनी, स्टारस्केप्स के साथ समन्वय किया है।
मुख्य बिंदु:
- यह अभियान कई प्रकार की गतिविधियों की पेशकश करेगा, जिसमें तारों को देखना, विशेष सौर अवलोकन, एस्ट्रोफोटोग्राफी प्रतियोगिता, तारों के अवलोकन हेतु शिविर लगाना व अन्य शामिल हैं।
- इस पहल का उद्देश्य खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों और यात्रियों को ब्रह्मांड के चमत्कारों को देखने के लिये एक साथ लाना है।
- उत्तराखंड अपने समृद्ध वन क्षेत्र, प्रकृति-आधारित पर्यटन, प्रमुख शहरों तक सुविधाजनक पहुँच और होमस्टे सहित अच्छी तरह से स्थापित आतिथ्य क्षेत्र के साथ विश्व भर में खगोल पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये उपयुक्त है।
- मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट को जून की शुरुआत से वर्ष 2025 के मध्य तक नक्षत्र सभा की मेज़बानी करने के लिये तैयार किया गया है, जिसमें पूरे उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर कई आकर्षक कार्यक्रम पेश किये जाएंगे।
- ये आयोजन खगोल विशेषज्ञों के नेतृत्व में सेमिनार और वेबिनार के साथ-साथ उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल एवं चमोली जैसे ज़िलों में बेहतर नाईट स्काई अवलोकन स्थलों का पता लगाएंगे।
- उत्तराखंड में नाईट स्काई के संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध समर्थकों का एक समुदाय बनाकर, नक्षत्र सभा अभियान का उद्देश्य नाईट स्काई का संरक्षण करते हुए पेशेवर प्रशिक्षण, कौशल विकास को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करना है।
- यह वर्ष 2025 में पूरे क्षेत्र में नाईट स्काई को संरक्षित करने के लिये एक नीति स्थापित करने की योजना बना रहा है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड
- यह उत्तराखंड राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ज़िम्मेदार एक सरकारी निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1976 में हुई थी और इसका मुख्यालय देहरादून में है।
- UTDB पर्यटन बुनियादी ढाँचे को विकसित करने और बढ़ावा देने, निवेश को आकर्षित करने एवं उत्तराखंड को एक पर्यटन स्थल के रूप में बाज़ार में लाने के लिये कार्य करता है।
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