उत्तर प्रदेश के चार और ज़िलों में गोंड जाति को मिला एसटी का दर्जा | उत्तर प्रदेश | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार और ज़िलों संतकबीरनगर, कुशीनगर, चंदौली और भदोही में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देते हुए प्रमाण पत्र जारी करने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- समाज कल्याण के प्रमुख सचिव डा. हरिओम ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए संबंधित ज़िलों के ज़िलाधिकारियों को निर्देश भेज दिया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति) व (अनुसूचित जनजातियाँ) उत्तर प्रदेश के क्रम में (अनुसूचित जातियाँ एवं अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश द्वितीय संशोधन को मंजूरी दे दी है।
- इसमें उत्तर प्रदेश में गोंड (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड) को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर दिया है। इसके आधार पर मिर्जापुर व सोनभद्र के साथ अब चार और ज़िलों संतकबीरनगर, कुशीनगर, चंदौली व भदोही में निवास करने वाली इन जातियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री को सौंपा गया वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स का सर्टिफिकेट | राजस्थान | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को जयपुर के शिक्षा संकुल में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, लंदन के इंडिया चैप्टर में राजस्थान के वाइस प्रेसीडेंट प्रथम भल्ला ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स का प्रमाण-पत्र सुपर्द किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, लंदन की ओर से राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा गत वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती (19 नवंबर, 2022) पर ‘नो बैग डे’ के तहत ‘चैस इन स्कूल एक्टिविटी’के नवाचार में 38 लाख 21 हज़ार 9 विद्यार्थियों की भागीदारी को सर्टिफाइड किया गया था।
- शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला के नाम संदेश में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, लंदन के इंडिया चैप्टर द्वारा बताया गया है कि शिक्षा विभाग के इस इनीसिएटिव को उनके द्वारा अपने रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसके तहत प्रदेश के सभी 33 ज़िलों में 57 हज़ार 462 स्कूलों में गत नवंबर माह के तीसरे शनिवार को ‘नो बैग डे’का आयोजन किया गया।
- इस अवसर पर पूरे प्रदेश में 38 लाख 21 हज़ार 9 विद्यार्थिर्यों ने दिमागी कसरत का खेल (शतरंज) खेला। एक ही दिन में एक साथ 38 लाख 21 हज़ार 9 विद्यार्थियों की शतरंज में भागीदारी ने राजस्थान के शिक्षा विभाग का नाम विश्व पटल पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करा दिया।
- उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स का दुनियां के सभी महाद्वीपों में ग्लोबल नेटवर्क है। इसके द्वारा विभिन्न विधाओं में वर्ल्ड रिकार्ड्स के माध्यम से प्रतिभा और क्षमता का आकलन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।
- कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभाग की टीम पूरी स्पिरिट के साथ शैक्षणिक स्तर में प्रगति एवं बच्चों के संर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रही है। इसी की बदौलत विभाग ने ‘चैस इन स्कूल एक्टिविटी’सहित पाँच विश्व रिकार्ड बनाए हैं।
- इस अवसर पर स्कूल शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में शतरंज को बढ़ावा देने के लिये शतरंज एसोसिएशन की ओर से उपलब्ध कराई गई अंग्रेजी एवं हिन्दी की चैस बुक्स को भी स्कूलों में भिजवाया जाएगा।
नीमकाथाना में 33 केवी के तीन सब स्टेशनों को स्वीकृति | राजस्थान | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को राजस्थान के ऊर्जा राज्यमंत्री भँवरसिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र नीमकाथाना में 33/11 केवी के तीन सब स्टेशनों को स्थापित करने की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- ऊर्जा राज्यमंत्री भँवरसिंह भाटी ने बताया कि नीमकाथाना में 33/11 केवी जीएसएस डाबर का निर्माण इसी माह तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है तथा इसी विधानसभा क्षेत्र में 33/11 केवी सब स्टेशन मंडोली व कोला की नांगल का निर्माण आगामी वर्ष में किया जाना प्रस्तावित है।
- उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र नीमकाथाना में नये 33/11 केवी सब स्टेशन के तीन प्रस्ताव डाबर, मंडोली एवं कोला की नांगल के प्राप्त हुए थे। इनमें से डाबर की स्वीकृति 16 मार्च, 2022 को तथा मंडोली एवं कोला की नांगल की स्वीकृति 25 फरवरी, 2023 को जारी की जा चुकी है।
बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद का गठन | मध्य प्रदेश | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
01 मार्च, 2023 को जनसंपर्क विभाग, भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य प्रबंधन योजना के व्यवस्थित और समयबद्ध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के सदस्यों के साथ बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद (जीपीएलसी) का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिये परिवर्तनकारी केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी) के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वन्य जीवन और जैव विविधता के संरक्षण के लिये एक व्यापक एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना (आईएलएमपी) तैयार की गई है।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पर्यावरण प्रबंधन योजना और एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन के लिये पर्याप्त वित्तीय प्रावधान निर्धारित किये गए हैं। यह मॉडल ‘विकास भी, पर्यावरण भी’के मोटो के साथ भविष्य के विकास के लिये एक खाका होगा।
- जीपीएल और परिषद का लक्ष्य एक संतुलित दृष्टिकोण के आधार पर विकास प्रक्रिया के साथ एकीकरण के माध्यम से संरक्षण के लिये ‘लाभकारी’स्थिति सुनिश्चित करना है और विविध हिस्सेदारी पर विचार करना है।
- इसका व्यापक उद्देश्य प्रमुख प्रजातियों जैसे बाघ, गिद्ध और घड़ियाल के लिये आवास, संरक्षण और प्रबंधन की बेहतरी को सक्षम करना है; स्थानिक प्राथमिकता और वन पर निर्भर समुदायों की भलाई के माध्यम से समग्र जैव विविधता संरक्षण के लिये परिदृश्य को मजबूत करना; और फीडबैक लूप और अनुकूली प्रबंधन विकल्पों के संदर्भ में एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन के तहत प्रजाति-विशिष्ट और स्थल-विशिष्ट निगरानी रणनीतियाँ प्रदान करना।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी), कार्यान्वयन के लिये ली गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है, जो बार-बार सूखे की स्थिति का सामना करने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिये एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगी।
- परियोजना का उद्देश्य न केवल बुंदेलखंड में जल सुरक्षा प्रदान करना है बल्कि क्षेत्र के समग्र संरक्षण और विशेष रूप से बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसे परिदृश्य पर निर्भर प्रजातियों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
- अनुमोदित पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार उपाय करने के अलावा, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने न केवल पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी वन्यजीव और जैव विविधता के संरक्षण के लिये एक व्यापक एकीकृत परिदृश्य प्रबंधन योजना (आईएलएमपी) तैयार की है।
- बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य (जीपीएल) में एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना भारत के संरक्षण इतिहास में शुरू किये जा रहे प्रमुख और अद्वितीय संरक्षण उपायों में से एक है।
टोनी ब्लेयर फाउंडेशन और हरियाणा सरकार स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर करेगी काम | हरियाणा | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में शिष्टाचार मुलाकात करते हुए स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं जैसे विषयों पर परस्पर सहयोग करने और नई संभावनाओं को तलाशने पर चर्चा की।
प्रमुख बिंदु
- टोनी ब्लेयर ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी संस्था टोनी ब्लेयर फेथ फाउंडेशन हरियाणा में स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग करेगी, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में और विस्तार होगा तथा स्वास्थ्य सुविधाएँ सुदृढ़ होंगी।
- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार प्रदेश में तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करवा रही है। प्रदेश के सभी ज़िलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज खोला जा रहा है, जिससे न केवल डॉक्टरों की कमी पूरी होगी बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएँ भी सुदृढ़ होंगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने टोनी ब्लेयर को श्रीमद्भगद्वगीता तथा स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
अनुपमा उपाध्याय बनी राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 की विजेता | हरियाणा | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हाल ही में पुणे में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 में हरियाणा की अनुपमा उपाध्याय विजेता बनी है।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा के इतिहास में पहली बार सीनियर वर्ग में वुमैन सिंगल में राज्य की बेटी नेशनल चैंपियनशिप विजेता बनी है।
- गौरतलब है कि अनुपमा उपाध्याय ने सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 के फाइनल मुकाबले में छत्तीसगढ़ की आकर्षी कश्यप को हराकर पहली बार महिला एकल का खिताब जीता है। अनुपमा ने रोमांचक खिताबी मुकाबले में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए आकर्षी को 20-22, 21-17, 24-22 से हराया।
- जूनियर वर्ग में अपने प्रदर्शन के दम पर अनुपमा ने प्रथम रैंक हासिल किया। वर्तमान में इस वर्ग में ऑल वर्ल्ड उनकी तीसरी रैंकिंग है।
- उनकी इस उपलब्धि पर हरियाणा बैडमिंटन एसोसिएशन के प्रेजिडेंट देवेंद्र सिंह ने विजेता अनुपमा उपाध्याय को पाँच लाख रुपए नकद इनाम देने की घोषणा की है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने किया कनाडा के साथ एमओयू | हरियाणा | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को हरियाणा के पलवल ज़िले के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कनाडा के प्रतिष्ठित सस्कैचवन संस्थान के साथ एमओयू किया है।
प्रमुख बिंदु
- कुलपति राज नेहरू ने बताया कि इस एमओयू के अंतर्गत श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कनाडा के इस संस्थान के साथ कौशल शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण साझेदारी निभाएगा। दोनों संस्थान पाठ्यक्रम और तकनीक में साझेदारी करेंगे और साथ ही फैकल्टी के ज्ञान का भी आदान-प्रदान होगा। ज्वाइंट प्रोग्राम में स्टूडेंट एक्सचेंज भी महत्त्वपूर्ण घटक होगा।
- एमओयू के तहत पाठ्यक्रम, विधि और तकनीक साझा होगी। इसी तरह से विद्यार्थी और शिक्षक भी एक-दूसरे के प्रोग्राम में हिस्सेदारी कर सकेंगे।
- इससे अकादमिक तौर पर विश्वविद्यालय को काफी लाभ होगा। इससे इंटर्नशिप और ट्रेनिंग प्रोग्राम भी और अधिक प्रबल होंगे। यहाँ के विद्यार्थी कनाडा के संस्थान के साथ इंटर्नशिप और ट्रेनिंग को और बेहतर व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों पर कर सकेंगे।
एनटीपीसी ने झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा सुपर क्रिटिकल प्लांट में देश का पहला वातानुकूलित कंडेनसर चालू किया | झारखंड | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
1 मार्च, 2023 को देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक कंपनी, एनटीपीसी ने रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के माध्यम से जल संरक्षण के लिये अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा में भारत का पहला वातानुकूलित कंडेनसर वाला सुपर क्रिटिकल प्लांट चालू किया।
प्रमुख बिंदु
- एनटीपीसी ने झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा (3’660 मेगावाट) में 660 मेगावाट की पहली इकाई का वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया है।
- इस परियोजना की परिकल्पना एयर कूल्ड कंडेनसर (एसीसी) के साथ की गई है, जिसमें पारंपरिक वाटर कूल्ड कंडेनसर (डब्ल्यूसीसी) की तुलना में लगभग 1/3 वाटर फुटप्रिंट है। इसके माध्यम से एक वर्ष में लगभग 5 एमसीएम पानी की बचत होगी और इस प्रकार से इस क्षेत्र में वार्षिक रूप से लगभग 15 लाख लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
- एनटीपीसी द्वारा पहले ही अपने संयंत्रों में जल का ठोस प्रबंधन करने के लिये अनेक उपाय किये गए हैं। एनटीपीसी, विद्युत उत्पादन की अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधि के साथ-साथ जल संरक्षण और प्रबंधन करने के लिये 3 आर (रिड्यूस, रियूज, रीसायकल) को बढ़ावा देगा। एनटीपीसी लिमिटेड प्रतिष्ठित यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट्स सीईओ वाटर मैंडेट का एक हस्ताक्षरकर्त्ता भी है।
- एनटीपीसी जल नीति को लागू करते हुए जल संवहनीयता के मुद्दों को सक्रिय रूप से संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है, जो जल प्रबंधन रणनीतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं और अनुसंधान पहलों की स्थापना के लिये एक दिशासूचक के रूप में काम करेगा।
- उत्तरी कर्णपुरा संयंत्र में 660 मेगावाट की 3 इकाइयाँ होंगी जिसकी कुल क्षमता 1,980 मेगावाट होगी। यह संयंत्र सबसे कुशल सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर आधारित है और एक पिट हेड संयंत्र (कोयला खदान से 10 किमी.) होने के कारण झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों को सस्ते दामों पर विद्युत की आपूर्ति करेगा।
- एनटीपीसी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में हमेशा सबसे आगे रहा है और अपने विद्युत क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का बीड़ा उठाया है। एनटीपीसी वर्तमान में कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर और पवन संयंत्रों के माध्यम से देश में विद्युत की 24 प्रतिशत मांग को पूरा करता है।
छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक 27वाँ भोरमदेव महोत्सव 19 एवं 20 मार्च को | छत्तीसगढ़ | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के नाम से आयोजित होने वाले भोरमदेव महोत्सव 2023 का आयोजन आगामी 19 और 20 मार्च को किया जाएगा। यह 27वाँ भोरमदेव महोत्सव होगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक, धार्मिक, पर्यटन और ऐतिहासिक महत्त्व के स्थल भोरमदेव मंदिर की ख्याति को बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष तेरस के समय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
- इस महोत्सव का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति, ज़िला प्रशासन, भोरमदेव तीर्थ प्रबंधकारिणी समिति एवं जनसहयोग से किया जाता है।
- प्रारंभ में भोरमदेव में महाशिवरात्रि एवं चैत्र कृष्ण तेरस को दो तिथियों पर मेले का आयोजन किया जाता रहा है। सन् 1995 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तेरस मेला को भोरमदेव महोत्सव का स्वरूप दिया गया। 1998 में कबीरधाम ज़िला गठित होने के बाद 1999 में भोरमदेव महोत्सव का पाँचवां आयोजन हुआ। छत्तीसगढ़ नया राज्य गठित होने के बाद 2001 में भोरमदेव महोत्सव का सातवाँ आयोजन हुआ।
- भोरमदेव छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में कवर्धा से 18 किमी. दूर तथा राजधानी रायपुर से 125 किमी. दूर चौरागाँव में एक हज़ार वर्ष पुराना मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
- मंदिर कृत्रिमतापूर्वक पर्वत शृंखला के बीच स्थित है, यह लगभग 7 से 11 वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था। इस मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिये इस मंदिर को ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’भी कहा जाता है।
- मंदिर का मुख पूर्व की ओर है। मंदिर नागर शैली का एक सुंदर उदाहरण है। मंदिर में तीन ओर से प्रवेश किया जा सकता है। मंदिर एक पाँच फुट ऊँचे चबुतरे पर बनाया गया है। तीनों प्रवेश द्वारों से सीधे मंदिर के मंडप में प्रवेश किया जा सकता है।
- मंडप की लंबाई 60 फुट है और चौड़ाई 40 फुट है। मंडप के बीच में 4 खंबे हैं तथा किनारे की ओर 12 खंबे हैं, जिन्होंने मंडप की छत को सँभाल रखा है। सभी खंबे बहुत ही सुंदर एवं कलात्मक हैं। प्रत्येक खंबे पर कीचन बना हुआ है, जो कि छत का भार सँभाले हुए है।
भोरमदेव मंदिर, कवर्धा
साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को पेन/नाबोकोव सम्मान | छत्तीसगढ़ | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को पेन अमेरिका द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लेखक और प्रख्यात समकालीन हिन्दी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में उपलब्धि के लिये 2023 का प्रतिष्ठित पेन/नाबोकोव पुरस्कार (PEN/Nabokov Award) से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- हिन्दी कथाकार, उपन्यासकार और कवि विनोद कुमार शुक्ला पहले भारतीय एशियाई मूल के लेखक हैं, जिन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार में विनोद कुमार शुक्ला को 50 हजार डॉलर (लगभग 41 लाख रुपए) की राशि प्रदान की गई।
- यह सम्मान अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में पहचान बनाने वाले उन साहित्यकारों को दिया जाता है, जो अपनी परंपराओं, आधुनिकता, वर्तमान और इतिहास को एक नई अंतरदृष्टि से देखते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में पेन/नाबोकोव अवॉर्ड फॉर अचीवमेंट, जिसे आम तौर पर पेन/नाबोकोव पुरस्कार के रूप में जाना जाता है, पेन अमेरिका द्वारा द्विवार्षिक रूप से लेखकों, मुख्य रूप से उपन्यासकारों को प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार अमेरिकी ओपेरा सिंगर और अनुवादक दिमित्री नाबोकोव द्वारा स्थापित व्लादिमीर नाबोकोव फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित है। इसे सबसे प्रतिष्ठित पेन पुरस्कारों में से एक कहा जाता है।
- तत्कालीन मध्य प्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ के राजनंदगाँव में 1937 में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल को उनकी विशिष्ट लेखन शैली के लिये पहचाना जाता है। उनकी शैली को अक्सर ‘जादुई यथार्थवाद’के करीब माना जाता है, यानी जो ‘कल्पनाशीलता’के साथ भी ‘यथार्थ’को धारण करने वाला है।
- उनकी कविता और उनके लेखन में भारतीय मध्य वर्ग की विडंबनाओं का सरल भाषा में वर्णन है। उनके पहले उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ने दशकों पहले एक नए तरह के गद्य के स्वाद से परिचित कराया था। ‘नौकर की कमीज’पर प्रख्यात फिल्मकार मणि कौल ने इसी नाम से एक यादगार कला फिल्म भी बनाई थी।
- 87 साल के विनोद कुमार शुक्ला के प्रमुख उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’(1979), ‘खिलेगा तो देखेंगे’(1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’(1997), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’(2011), ‘यासि रासा त’(2017), ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) आदि शामिल हैं।
- इसके अलावा ‘लगभग जयहिन्द’(1971), ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’(1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’(2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’(2006), ‘कभी के बाद अभी’ (2012) आदि उनके कुछ प्रमुख कविता संग्रह हैं।
- अपनी विशिष्ट भाषायी शैली और भावनात्मक गहराई के लिये जाने जाने वाले शुक्ल को 1999 में ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा उन्हें गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप (मध्य प्रदेश शासन), रजा पुरस्कार (मध्य प्रदेश कला परिषद), राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान (मध्य प्रदेश शासन), हिन्दी गौरव सम्मान (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश शासन) जैसे पुरस्कार मिल चुके हैं।
उत्तराखंड ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर बढ़ाई सब्सिडी | उत्तराखंड | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना’ के तहत युवाओं को स्वरोज़गार से जोड़ने के लिये दिशा-निर्देश बदल दिये गए हैं, जिसके बाद अब लोग 200 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकेंगे। इन प्रोजेक्ट पर सब्सिडी भी बढ़ा दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना’ के तहत प्रदेश में 10 हज़ार सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना के तहत प्रोजेक्ट लगाने वालों को 15 से 25 प्रतिशत सब्सिडी का भी प्रावधान था। योजना के तहत 20 से 25 किलोवाट तक के ही प्रोजेक्ट लगाए जा सकते थे।
- इस योजना में युवाओं ने उत्साह नहीं दिखाया, जिसकी वजह से लक्ष्य के सापेक्ष केवल 120 प्रोजेक्ट ही लग पाए। इसीलिये अब सरकार ने नियमावली में संशोधन किया है।
- नई नियमावली के तहत अब सब्सिडी 15 से 40 प्रतिशत तक मिलेगी। 20 से 25 किलोवाट के स्थान पर 50 किलोवाट, 100 किलोवाट और 200 किलोवाट के परियोजना संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।
- युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिये सरकार ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लगाने में आने वाली लागत की दर भी 40 हज़ार रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए प्रति किलोवाट कर दी है। माना जा रहा है कि इससे मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना में युवाओं का रुझान बढ़ेगा।
प्रदेश के 17 शिक्षकों को मिलेगा शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार | उत्तराखंड | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये राज्य के 17 शिक्षकों को वर्ष 2022-23 के राज्य स्तरीय शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2022-23 के राज्य स्तरीय शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिये इसमें बेसिक के 10, माध्यमिक के 6 और प्रशिक्षण संस्थान से एक शिक्षक शामिल है।
- शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा में राज्य के पौड़ी ज़िले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटलमंडा की प्रधानाध्यापक आशा बुड़ाकोटी, उत्तरकाशी के प्राथमिक विद्यालय बड़ेथी के प्रधानाध्यापक संजय कुमार कुकसाल, देहरादून ज़िले के जूनियर हाईस्कूल डोईवाला के सहायक अध्यापक ऊषा गौड़, हरिद्वार ज़िले के जूनियर हाईस्कूल रोशनाबाद के प्रधानाध्यापक संजय कुमार, टिहरी ज़िले के प्राथमिक विद्यालय उलाणा के प्रधानाध्यापक उत्तम सिंह राणा, चंपावत ज़िले के जूनियर हाईस्कूल बिसारी के सहायक अध्यापक रवीश चंद पचौली को पुरस्कार सूची में शामिल किया गया है।
- इनके अलावा बागेश्वर ज़िले के जूनियर हाईस्कूल पिंगलौ के सहायक अध्यापक सुरेश चंद्र सती, पिथौरागढ़ ज़िले के प्राथमिक विद्यालय भट्टी गाँव के प्रधानाध्यापक गंगा आर्या, अल्मोड़ा ज़िले के जूनियर हाईस्कूल पौड़ा कोठार के सहायक अध्यापक यशोदा कांडपाल, नैनीताल ज़िले के प्राथमिक विद्यालय धुलई के प्रधानाध्यापक डॉ. आशा बिष्ट को पुरस्कृत किया जाएगा।
- माध्यमिक स्तर पर उत्तरकाशी ज़िले में इंटर कालेज कीर्ति के लोकेंद्रपाल सिंह, देहरादून ज़िले के जीआईसी क्वानू के प्रवक्ता संजय कुमार मौर्य, पिथौरागढ़ ज़िले के जीआईसी बड़ावे की सहायक अध्यापिका दमयंती, बागेश्वर ज़िले के जीआईसी कांडा के प्रवक्ता त्रिभुवन चंद, अल्मोड़ा ज़िले के जीआईसी रयालीधार के प्रवक्ता प्रभाकर जोशी, ऊधमसिंह नगर ज़िले के राजकीय गांधी नवोदय विद्यालय खटीमा के प्रवक्ता निर्मल कुमार का पुरस्कार के लिये चयन किया गया है।
- इसके अलावा प्रशिक्षण संस्थान से ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह धपोला को पुरस्कृत किया जाएगा।
महिला हिंसा और बाल विवाह की सूचना देने और इन्हें रोकने वाले होंगे सम्मानित | उत्तराखंड | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तहत महिला सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत करते हुए घोषणा की कि प्रदेश सरकार महिलाओं व बच्चों के प्रति हिंसा और बाल विवाह की सूचना देने एवं इसे रोकने का प्रयास करने वालों को सम्मानित करेगी।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को सक्षम स्तर पर सूचित करते हुए रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में जाना जाएगा। सरकार की ओर से ऐसे व्यक्ति या समूह को विशेष अवसरों पर सम्मानित किया जाएगा।
- इसके अलावा समाज की कुरीति, बाल विवाह की पूर्वसूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रुपए की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति- पत्र दिया जाएगा।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के ई-पेपर ‘अपनी वाणी’ की शुरुआत की एवं महिलाओं की आत्मरक्षा पर बनी लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया।
- उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने एवं सामाजिक सरोकारों के लिये उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।
- इस अवसर पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये विभाग की ओर से कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। एकल महिलाओं को भी सशक्त करने की ज़रूरत है। सरकार ने इसके लिये योजना शुरू करने का संकल्प लिया है।
उत्तराखंड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) (संशोधन) नियमावली, 2023 को मिली मंजूरी | उत्तराखंड | 03 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) (संशोधन) नियमावली, 2023 को मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) (संशोधन) नियमावली 2023 के अंतर्गत उत्तराखंड में श्रमिकों की सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों और श्रमिकों की सेवाएँ लेने वाले प्रतिष्ठानों को अब श्रम विभाग से हर हाल में 20 दिन में लाइसेंस मिल जाएगा।
- नई नियमावली में प्रावधान किया गया है कि अगर अधिष्ठानों के पंजीकरण के लिये मुख्य नियोजक, श्रम विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर पूर्व निर्धारित शुल्क के प्रमाण के साथ प्रासंगिक अभिलेखों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया जाता है और उस आवेदन पर अधिकारी 20 दिन में निर्णय नहीं लेता है तो वह स्वत: पंजीकृत समझा जाएगा।