मध्य प्रदेश Switch to English
मौसम की चरम घटनाएँ और मानव क्षति
चर्चा में क्यों?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 के दौरान मौसम की चरम घटनाओं के कारण सबसे अधिक मौतें हुई हैं।
मुख्य बिंदु:
- मौसम की चरम घटनाओं के कारण 2,376 से अधिक लोगों की मौत के साथ, IMD के अनुसार वर्ष 2023, वर्ष 1901 के बाद से रिकॉर्ड पर सबसे अधिक मौत वाला वर्ष था।
- वर्ष 2023 के दौरान भारत में वार्षिक औसत भूमि सतह वायु तापमान दीर्घकालिक औसत (1981-2010 अवधि) से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जो वर्ष 1901 के बाद से रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे गर्म वर्ष बन गया।
- विश्व स्तर पर, वर्ष 2023 अक्तूबर तक पूर्व-औद्योगिक स्तर (1850 - 1900 औसत) से लगभग 1.40 (± 0.12) डिग्री सेल्सियस उच्च वैश्विक औसत तापमान के साथ "रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष" था।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा नवंबर और दिसंबर के वैश्विक औसत तापमान को ध्यान में रखते हुए अंतिम आँकड़े बाद में जारी किये जाएंगे।
- वैश्विक तापमान के साथ-साथ भारत में भी उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय अल-नीनो जैसी घटनाओं (मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि जो मानसून को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है) को दिया जा सकता है।
- WMO ने पहले ही पूर्वानुमान लगाया है कि अल नीनो की घटना से"वर्ष 2024 के प्रमुख रूप से गर्म रहने’ की संभावना है।
- देश में सबसे अधिक मौतें बिजली गिरने और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुई है, जिसके बाद बाढ़ तथा अधिक बारिश से हुई हैं।
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