उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में अब ऐप से लगेगी मनरेगा श्रमिकों की शत-प्रतिशत हाजिरी
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि राज्य में अब मनरेगा के कामों में पारदर्शिता के लिये नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप से शत-प्रतिशत हाजिरी लगाने की व्यवस्था की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दिये गए निर्देशों के क्रम में मनरेगा के कामों में पारदर्शिता लाने के लिये नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप (एनएमएमएस) के माध्यम से शत-प्रतिशत हाजिरी लगाने की व्यवस्था ग्राम्य विकास विभाग कर रहा है।
- इसी साल से मनरेगा श्रमिकों की शत-प्रतिशत हाजिरी इस ऐप के माध्यम से लगने लगेगी। इसके लिये ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सभी ज़िलाधिकारियों व ज़िला कार्यक्रम समन्वयक को दिशा-निर्देश दिये हैं।
- आयुक्त ने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए लिखा है कि श्रमिकों की उपस्थिति को ऐप के माध्यम से लिया जाना सुनिश्चित किया जाए और इसकी समीक्षा प्रत्येक सप्ताह विकास खंड स्तर पर की जानी चाहिये।
- उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अभियान (मनरेगा) भारत में लागू एक रोज़गार गारंटी योजना है, जिसे प्रदेश में 7 सितंबर, 2005 को विधानसभा द्वारा अधिनियमित किया गया था।
- इसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिनों का अकुशल शारीरिक श्रम प्रदान करके ग्रामीण परिवारों के काम करने के अधिकार की कानूनी गारंटी प्रदान करना और उनकी आजीविका को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है और राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
शहरी क्षेत्रों में 3000 वर्ग मीटर भूमि होने पर ही खोल सकेंगे निजी स्कूल
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बताया कि राज्य बोर्ड ने शहरी क्षेत्र में निजी विद्यालय खोलने के लिये 3000 वर्ग मीटर ज़मीन होना जरूरी कर दिया गया है, जो कि पहले यह 650 वर्ग मीटर थी।
प्रमुख बिंदु
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बताया कि निजी स्कूलों को मान्यता देने के लिये प्रस्तावित नए मानकों व शर्तों को शासन ने मंजूरी दे दी है। शासन ने यह मंजूरी बोर्ड द्वारा नए नियमों को लेकर आए सुझावों व आपत्तियों का औचित्य न होने की बात कहते हुए खारिज करने के बाद दी है।
- नई शर्तों के तहत अब शहरी क्षेत्र में विद्यालय खोलने के लिये 3000 वर्ग मीटर ज़मीन होना जरूरी होगा, जो कि पहले 650 वर्ग मीटर ही थी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 6000 वर्ग मीटर ज़मीन की अनिवार्यता होगी, जो कि पहले 2000 वर्ग मीटर थी।
- इसके अलावा धरोहर राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। साथ ही स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर क्लास व विभिन्न संसाधन होना भी जरूरी किया गया है।
- दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार ये बदलाव यानी न्यूनतम मानक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये निर्धारित हो रहे हैं। इसीलिये वित्तविहीन विद्यालयों को मान्यता देने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद के विनियमों में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
- शासन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के सभापति व सचिव को निर्देश दिये हैं इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम-1921 की धारा-16(2) में व्यवस्था के अनुसार मानकों, शर्तों की अधिसूचना गजट में प्रकाशित की जाए।
- हाईस्कूल की नवीन मान्यता के लिये प्रमुख अनिवार्य शर्तें-
- समिति/ट्रस्ट/कंपनी अधिनियम-2013 के अध्याय 8 के अंतर्गत पंजीकृत कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट) का पंजीकृत व यथा स्थिति नवीनीकृत होना अनिवार्य होगा।
- प्राभूत (जमानत) कोष के रूप में पाँच लाख रुपए केवल विद्यालय के नाम जमा व निरीक्षण अधिकारी के पदनाम में बंधक होंगे। पहले प्राभूत कोष के लिये 15 हज़ार रुपए राशि निर्धारित थी।
- सुरक्षित कोष के रूप में डेढ़ लाख रुपए जमा होंगे, जबकि पहले मात्र 3000 रुपए जमा करना अनिवार्य था।
- ऑडियो वीडियो प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन की एलईडी टीवी की व्यवस्था स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर कक्ष में 25 कंप्यूटर की व्यवस्था करनी होगी।
- शहरी क्षेत्र की कुल 3000 वर्म मीटर विद्यालय भूमि में 1000 वर्ग मीटर और ग्रामीण क्षेत्र की 6000 वर्ग मीटर भूमि में 2000 वर्ग मीटर भूमि का क्रीड़ास्थल होगा।
- क्रीड़ा स्थल में एथलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, ओपेन जिम्नेजियम व अन्य आउटडोर गेम्स के साथ इनडोर गेम्स व शारीरिक सौष्ठव की पर्याप्त व्यवस्था होगी। पहले ऐसी मान्यता की शर्त नहीं थी।
- छात्र संख्या के अनुरूप एक वर्ग मीटर की दर से प्रत्येक छात्र, छात्रा के लिये कुर्सी, मेज, डेस्क बेंच की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही प्रयोगशाला की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। पहले की शर्त में जूनियर कक्षाओं के साथ 200 सेट सज्जा होना अनिवार्य था।
- स्वच्छ पेयजल, शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था, छात्र, छात्राओं व दिव्यांगजन की सुविधा के अनुसार करने की विस्तृत शर्तें होंगी। पहले सिर्फ समुचित व्यवस्था की शर्त थी।
- पुस्तकालय में वृहद पाठ्य सामग्री रखनी होगी। शिक्षण सामग्री की विस्तृत व्यवस्था करनी होगी।
- संस्था में शिक्षकों, कर्मचारियों की उपस्थिति के लिये बायोमीट्रिक मशीन, वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन, वाई-फाई के साथ ही विद्यालय की वेबसाइट होना जरूरी होगा।
- विद्यालय भवन सुरक्षा मानकों पर निर्मित हो और वहाँ विद्युत, सौर ऊर्जा के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग व जल-मल निकासी की व्यवस्था करनी होगी।
- नए विद्यालय की मान्यता के लिये हाईस्कूल की अनिवार्य शर्तें पूरी करने के बाद इंटरमीडिएट के संचालन के लिये कुछ अन्य शर्तें भी पूरी करनी होंगी। इसके तहत दो लाख रुपए प्राभूत कोष व सुरक्षित कोष के लिये एक लाख रुपए अतिरिक्त जमा करने होंगे।
बिहार Switch to English
बेगूसराय के दो रेलवे स्टेशनों का होगा आधुनिकीकरण
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय ने स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिये ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ नाम से एक नयी नीति तैयार की है, जिसमें सोनपुर मंडल द्वारा चयनित 15 स्टेशनों की सूची में बिहार के बेगूसराय के दो स्टेशनों को शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत बिहार के बरौनी-कटिहार रेलखंड पर स्थित लखमिनियाँ एवं साहेबपुर कमाल स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाएगा, जिन्हें विभिन्न प्रकार की उच्च क्षमता वाले नयी सुविधाओं की उपलब्धता के साथ-साथ पहले से मौजूद सुविधाओं को भी उन्नत किया जाएगा।
- जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय ने आने वाले वर्ष में एक हजार से अधिक छोटे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिये नयी योजना विकसित की है। यह योजना रेल मंत्रालय के स्टेशन पुन:विकास अभियान और अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा होगी।
- योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों की मास्टर प्लान तैयार करना और सुविधाओं को बढ़ाने के लिये विभिन्न चरणों में मास्टर प्लान का कार्यान्वयन करना है।
- स्टेशन पर नयी सुविधाओं की शुरूआत के साथ ही पुरानी सुविधाओं को भी इस योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा। अमृत भारत स्टेशन योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है।
- इस योजना के तहत विभिन्न ग्रेड के प्रतीक्षालय को क्लब करने का प्रयास किया जाएगा और जहाँ तक संभव हो सकेगा अच्छा कैफेटेरिया और खुदरा सुविधाएँ प्रदान की जाएगी। सभी श्रेणियों के स्टेशनों पर उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म (760-840 एमएम) बनाए जायेंगे तथा प्लेटफार्मों की लंबाई आम तौर पर छह सौ मीटर की होगी। स्टेशन पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसके लिये फाइव जी नेटवर्क के टावर लगाये जाएंगे।
- ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अंतर्गत महिलाओं और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिये सभी श्रेणी के स्टेशनों पर महिलाओं और दिव्यांगों के लिये पर्याप्त संख्या में शौचालय बनाए जाएंगे। सड़कों को चौड़ा करके, अवांछित संरचनाओं को हटाकर, उचित रूप से डिजाइन किये गए साइनेज, पैदल मार्ग, सुनियोजित पार्किंग क्षेत्र, बेहतर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जाएगी। स्टेशनों पर दिव्यांगों के लिये सुविधाएँ रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।
- इस योजना के तहत पुराने या बेकार भवनों का उपयोग उच्च प्राथमिकता यात्री संबंधी गतिविधियों के लिये किया जाएगा। वेटिंग रूम को छोटे-छोटे विभाजन के माध्यम से बाँटा जाएगा तथा स्टेशन पर एक्जीक्यूटिव लाउंज और छोटी व्यावसायिक बैठकों के लिये भी स्थान बनाए जाएंगे। स्टेशन यात्रियों को सुखद अनुभव कराने के लिये हरियाली तथा स्थानीय कला और सांस्कृतिक तत्त्वों से स्टेशन को सजाया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की पाँचवी बैठक आयोजित
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को राजस्थान के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हेमाराम चौधरी की अध्यक्षता में जयपुर में राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की पाँचवी बैठक आयोजित हुई, जिसमें आर्द्रभूमि को संरक्षित रखने के लिये अधिकारियों को प्रतिबद्धता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हेमाराम चौधरी द्वारा राज्य के 20 ज़िलों में स्थित 50 आर्द्रभूमियों को अधिसूचित करने की अनुमति प्रदान की गई तथा आगामी समय में इनकी संख्या बढाकर 100 से अधिक किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
- इसके अलावा भारतीय रेलवे द्वारा सांभर क्षेत्र में प्रस्तावित डेडिकेटेड टेस्टिंग ट्रैक के लिये 04 हैक्टर में कार्य कराने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार की अनुमति के लिये भेजने का निर्णय भी लिया गया।
- मंत्री हेमराम चौधरी ने बैठक में पर्यावरण विभाग द्वारा की गई ‘राज्य पर्यावरण योजना’का विमोचन भी किया, जिसके तहत विभिन्न अपशिष्ट प्रबंधन, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, वन प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण, आर्द्र भूमि प्रबंधन, ध्वनि प्रदूषण, खनन द्वारा प्रदूषण, ग्रामीण अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि के संबंध में कार्ययोजना क्रियान्वित की जाएगी।
हरियाणा Switch to English
हर हित स्टोर व वीटा बूथ योजना
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि हरियाणा डेयरी फेडरेशन के वीटा बूथ और हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये वीटा बूथ एवं हर हित स्टोर खोलने की बेहतर योजना क्रियान्वित की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का कोई भी पात्र व्यक्ति हर हित स्टोर खुलवाने का विकल्प चुनता है तो डेयरी फेडरेशन द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के युवाओं को प्रतिभूति राशि में भी छूट देने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार बिना किसी प्रतिभूति राशि के युवा हर हित स्टोर लेकर आजिविका के लिये स्थायी आमदनी का जरिया बनाकर अपना भविष्य सुखद एवं सुखमय बना सकते हैं।
- उन्होंने बताया कि हर हित स्टोर के लिये युवाओं को बैंक ऋण की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। हर हित स्टोर खोलने के लिये पात्र व्यक्ति के पास ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में किराए या खुद का 200 वर्ग फुट का स्थान होना चाहिये। पात्र व्यक्ति की आयु 18 से 55 साल व शैक्षणिक योग्यता केवल दसवीं पास होनी जरूरी है।
- उन्होंने बताया कि वीटा बूथ खोलने के लिये लगभग दो लाख 70 हज़ार रूपए तक लागत आती है। इसमें दुकान के रैक व पैक्ड सामान की लागत भी शामिल होती है। इस स्कीम के तहत हरियाणा एग्रो 15 प्रतिशत और बैंक 85 प्रतिशत ऋण प्रदान किया जाता है।
- राज्य में वीटा बूथ खोलने के लिये 12 बाई 12 वर्ग फुट में वीटा का बूथ स्थापित किया जा सकता है। इसके लिये बीपीएल परिवार से भी प्रतिभूति राशि नहीं ली जाती। अंत्योदय पात्र से केवल दस हज़ार रुपए व सामान्य श्रेणी के आवेदक से सिक्योरिटी के रूप में 50 हज़ार रुपए की राशि ली जाती है। इसके लिये आवेदक की शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास व उम्र कम से कम 18 व अधिकतम 55 साल तक होनी चाहिये।
- सहकारिता मंत्री ने बताया कि हरियाणा डेयरी फेडरेशन के वीटा बूथ और हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा हर हित स्टोर खोलने का बेहतर विकल्प युवाओं को दिया जा रहा है। एग्रो इंडस्ट्रीज का हर हित स्टोर और वीटा बूथ स्कीम राज्य में काफी लोकप्रिय हो रही है और यह युवाओं के लिये एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। हरियाणा सरकार ने 1000 हर हित स्टोर एवं वीटा बूथ खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार ने की विभागों के विलय की अधिसूचना जारी
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक दक्षता में सुधार के उद्देश्य से कुछ विभागों का विलय एवं पुनर्गठन कर दिया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अब नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को विद्युत विभाग के साथ विलय करके नए विभाग का नाम बदलकर ‘ऊर्जा विभाग’किया गया है तथा वन एवं वन्य जीव विभाग तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विलय कर इसका नाम बदलकर ‘पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग’किया गया है।
- पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग का पर्यटन विभाग में विलय करके विभाग का नाम बदलकर ‘विरासत तथा पर्यटन विभाग’किया गया है तथा उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग का विलय करके नए विभाग का नाम ‘उच्चतर शिक्षा विभाग’किया गया है।
- सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा संचार विभाग को भंग कर दिया गया है। इस विभाग के कार्यों, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण व निजी आईटी तथा हारट्रोन को ‘उद्योग तथा वाणिज्य विभाग’के दायरे में लाया गया है।
- इसी प्रकार, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग का विलय सूचना, लोकसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ किया गया है और इसका नाम बदलकर ‘सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग’किया गया है तथा श्रम तथा रोज़गार विभाग के स्थान पर अब ‘श्रम विभाग’नाम रखा गया है।
- अनुसूचित जातियाँ तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता विभाग का विलय करने के बाद इसका नया नाम ‘सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता, अनुसूचित जातियाँ एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय विभाग’किया गया है तथा खेल एवं युवा मामले विभाग के स्थान पर अब इसका नाम ‘खेल विभाग’रखा गया है।
- प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ‘युवा अधिकारिता तथा उद्यमिता विभाग’नाम से नया विभाग गठित किया है। इसमें कौशल विकास तथा औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग और रोज़गार विभाग तथा युवा मामले विभाग का विलय किया गया है।
झारखंड Switch to English
कोडरमा व चतरा में खुलेगा रिजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को झारखंड के कोडरमा के डीसी आदित्य रंजन ने बताया कि राज्य के दो ज़िलों कोडरमा व चतरा में परिवहन विभाग द्वारा क्षेत्रीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा, जिसके क्रियान्वयन को लेकर डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- कोडरमा डीसी आदित्य रंजन ने बताया कि क्षेत्रीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिये कोडरमा में जयनगर व चंदवारा के करौंजिया में दो जगहों पर ज़मीन चिह्नित की गई है। इन दोनों में से बेहतर जगह पर करीब पाँच एकड़ ज़मीन पर केंद्र का निर्माण किये जाने का प्रस्ताव है, जिससे लोगों को आने वाले समय में सहूलियत प्राप्त होगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में झारखंड के सिर्फ धनबाद ज़िले में हैवी व्हीकल मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर सरकारी तौर पर संचालित है।
- हैवी व्हीकल का लाइसेंस के लिये आवेदन करने वालों का धनबाद में ही ट्रायल लिया जाता है। इसके बाद लाइसेंस जारी किया जाता है। ऐसे में लंबे समय से अन्य ज़िलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। इस मांग को देखते हुए श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने वैपीक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मोहराबादी, राँची के द्वारा तैयार पीपीआर के तहत योजना के क्रियान्वयन को लेकर अनुमोदन किया है।
- उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए कई व्यवस्थाएँ रहेंगी।
झारखंड Switch to English
झारखंड में बच्चे को गोद लेने के लिये सिविल सर्जन से लेनी होगी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
1 जनवरी, 2023 को झारखंड बालगृह एवं दत्तक ग्रहण संस्था करुणा एनएमओ से मिली जानकारी के अनुसार राज्य दत्तक ग्रहण नियमावली-2022 के नियम-37 के अनुसार, ज़िला अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रमाण-पत्र निर्गत करना अनिवार्य किया गया है, जिसमे अब बच्चे को गोद लेने के लिये सामाजिक संस्था और लोगों को सिविल सर्जन से अनुमति लेनी होगी।
प्रमुख बिंदु
- नियम के अनुसार, अगर किसी परिचित, नर्सिंग होम, अस्पताल या किसी एनजीओ से बच्चे की सूचना मिलती है, तो उसके आधार पर आप बच्चे को गोद नहीं ले सकते हैं। इसके तहत सिविल सर्जन द्वारा बनाया गया मेडिकल बोर्ड पहले बच्चे को देख-समझकर उसका भौतिक सत्यापन (फिजिकल टेस्ट) करेगा कि बच्चा सामान्य कैटेगरी का है या फिर विशेष।
- गौरतलब है कि राज्य की बालगृह एवं दत्तक ग्रहण संस्था करुणा एनएमओ ने सिविल सर्जन कार्यालय को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रमाणपत्र निर्गत करने का आग्रह किया है। ऐसे में कोई भी परिवार अगर किसी बच्चे को गोद लेना चाहता है, तो उन्हें इस प्रक्रिया से गुजरना होगा। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने 11 अक्तूबर, 2022 को इस मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया था।
- यह संस्था मुख्य रूप से अनाथ, छोड़ दिये गए और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों को गोद दिलाने के लिये काम करती है।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में देश में लगभग तीन करोड़ 10 लाख अनाथ बच्चे हैं, लेकिन जटिल कानूनी प्रक्रिया के कारण पिछले पाँच सालों में सिर्फ 16,353 बच्चों को ही गोद लिया जा सका है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने कृषि पंचांग 2023 का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
1 जनवरी, 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा प्रकाशित ‘कृषि पंचांग 2023’ का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री बघेल ने कृषि पंचांग 2023 का विमोचन करते हुए कहा कि इस प्रकाशन में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन तकनीक तथा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं संबंधित विभागों द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारियों को सम्मिलित किया गया है। इससे कृषकों को खेती-किसानी के संबंध में बेहतर से बेहतर जानकारी उपलब्ध होगी।
- उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि संबंधी विभिन्न कार्ययोजनाओं के माध्यम से नवीनतम जानकारी तथा अनुसंधान कार्यों को सीधे किसानों तक जोड़ने के प्रयास में कृषि पंचांग का प्रकाशन एक सशक्त माध्यम है।
- उन्होंने इस दौरान बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में विगत 4 वर्षों में किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये हैं, जिसके फलस्वरूप उनकी सामाजिक स्थिति तथा आर्थिक स्वावलंबन में बढ़ोतरी हुई है।
- कृषि पंचांग 2023 में खेती-किसानी में नवीनतम तकनीक सहित वैज्ञानिक तकनीकी के समावेश से महिला सशक्तीकरण, धान की उन्नत कतार बोनी तकनीक तथा वैज्ञानिक तकनीक द्वारा ग्राफ्टेड पौधों से सब्जी उत्पादन आदि के बारे में बेहतर ढंग से जानकारी दी गई है।
- इसी तरह ड्रोन के प्रयोग से लाभदायक कृषि, चना उत्पादन की लाभकारी साई(एससीआई) तकनीक, ताप सहनशील गेहूँ की नवीन किस्म: सी.जी. 1029 (कनिष्का), महुआ संग्रहण की उन्नत तकनीक और केले के रेशे से आर्थिक समृद्धि आदि को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने रायपुर प्रेस क्लब में नववर्ष मिलन समारोह के दौरान सतपुड़ा वन्य जीव फाउंडेशन और दैनिक विश्व परिवार समाचार-पत्र द्वारा तैयार वर्ष-2023 के कैलेंडर का विमोचन किया। सतपुड़ा वन्य जीव फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित कैलेंडर के 12 पृष्ठों में अलग-अलग वन्य जीवों की आकर्षक तस्वीरे हैं। कैलेंडर वन्य प्राणियों और उनके प्राकृतिक रहवास के संरक्षण का संदेश देती हैं।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के 1800 गाँवों में अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी कानून-व्यवस्था
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के अपर गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 1800 राजस्व गाँवों में कानून व्यवस्था अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी। राज्य सरकार ने राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर इन गाँवों को रेगुलर पुलिस के अधीन करने के लिये अधिसूचित कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- अपर गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 7500 गाँव ऐसे हैं, जहाँ पर कानून-व्यवस्था का जिम्मा राजस्व पुलिस के पास है। लेकिन अब वर्षों पुरानी राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर सरकार इन गाँवों को रेगुलर पुलिस के अधीन लाने जा रही है। इन गाँवों में नियमित पुलिस व्यवस्था होने से अपराध व असामाजिक गतिविधियों में कमी आएगी।
- राज्य में रेगुलर पुलिस की कानून-व्यवस्था के अंतर्गत पहले चरण में 52 थाने और 19 पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार किया जाएगा।
- दूसरे चरण में 6 नए थाने व 20 पुलिस चौकियों का गठन किया जाएगा। इसके तहत नए थाने व चौकियों का गठन कर लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अधीन करने की प्रकिया जल्द पूरी की जाएगी।
- उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से नियमित पुलिस व्यवस्था के लिये अधिसूचित राजस्व गाँवों में देहरादून ज़िले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली के 262, टिहरी के 157, पौड़ी के 148, रुद्रप्रयाग के 63, नैनीताल के 39, अल्मोड़ा के 231, पिथौरागढ़ के 595, बागेश्वर के 106 एवं चंपावत के 13 गाँव शामिल हैं।
- ज्ञातव्य है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में राजस्व पुलिस पर उठे सवालों के बाद सरकार ने इसे रेगुलर पुलिस के अधीन करने का बड़ा निर्णय लिया है।
- दरअसल, उत्तराखंड को तीन क्षेत्रों में डिवाइड किया गया है। इन तीनों में अलग-अलग अधिनियम लागू होते हैं, जो राजस्व अधिकारियों को गिरफ्तारी और जाँच का अधिकार देते हैं। पहला क्षेत्र है कुमाऊं और गढ़वाल डिवीजन की पहाड़ी पट्टी। दूसरा, टिहरी और उत्तरकाशी ज़िले की पहाड़ी पट्टी और तीसरा क्षेत्र है देहरादून ज़िले का जौनसार-बावर क्षेत्र।
उत्तराखंड Switch to English
देश का पहला ऑल एज ऑल वेदर रनिंग ट्रैक
चर्चा में क्यों?
2 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय सेना उत्तराखंड के देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र जसवंत सिंह ग्राउंड (महिंद्रा ग्राउंड) में देश का पहला ऑल एज ऑल वेदर रनिंग ट्रैक बनवा रही है, जिसका उद्घाटन 14 जनवरी को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड सब एरिया से मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रैक के निर्माण में सिर्फ और सिर्फ प्लास्टिक वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है। रनिंग ट्रैक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
- रनिंग ट्रैक को आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है ताकि सभी आयु के लोग आसानी से गर्मी, सर्दी और बरसात में इसका इस्तेमाल कर सकें। इसका सबसे ज्यादा फायदा युवाओं को होगा। बरसात में अक्सर बारिश के चलते वे अभ्यास नहीं कर पाते। अब इस ट्रैक पर वे रोजाना अभ्यास कर सकेंगे।
- देहरादून के जसवंत सिंह ग्राउंड में मैराथन के साथ ही अन्य आयोजन भी होंगे। ट्रैक के किनारे डिस्प्ले लगाने की योजना है ताकि दौड़ते समय पता चल सके कि कितनी दौड़ लगा ली है। डिस्पले के माध्यम से युवाओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा ताकि वे अच्छी दौड़ कर सकें। ग्राउंड में चारों तरफ से सोलर लाइट लगाने की भी योजना है।
- रनिंग ट्रैक के अलावा रक्षामंत्री राज्य के पहले वार मेमोरियल का भी उद्घाटन करेंगे, जिसका निर्माण कैंट क्षेत्र चीड़बाग में हो रहा है।
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