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भारतीय खेल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में दी 7 खेलो इंडिया सेंटर की मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
1 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत सात खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना की मंज़ूरी दी गई है। ये सातों केंद्र अलग-अलग ज़िलों में एक-एक खेल के लिये खोले जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा वेटलिफ्टिंग, फुटबाल, खो-खो, कबड्डी और बैडमिंटन के लिये खेलो इंडिया केंद्र की मंजूरी दी गई है। इन केंद्रों की स्थापना के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।
- इन सात केंद्रों को मिलाकर छत्तीसगढ़ में अब खेलो इंडिया स्कीम के तहत कुल केंद्रों की संख्या 14 हो गई है।
- मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में सात खेलो इंडिया केंद्र की मंजूरी मिलने पर कहा कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खेल संचालनालय ने विभिन्न खेलों की खेलो इंडिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा गया था, जिसमें से बालोद में वेटलिफ्टिंग सेंटर, बलौदाबाज़ार में फुटबाल सेंटर, पाटन दुर्ग में कबड्डी सेंटर, कांकेर में खो-खों सेंटर, रायपुर में वेटलिफ्टिंग सेंटर, रायगढ़ में बैडमिंटन सेंटर और सुकमा में फुटबाल सेंटर प्रारंभ करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्राधिकरण से प्राप्त की गई है।
- इससे पहले शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी सेंटर, बीजापुर में तीरंदाजी सेंटर, राजनांदगाँव में हॉकी सेंटर, जशपुर में हॉकी सेंटर, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल सेंटर, नारायणपुर में मलखंभ सेंटर और अंबिकापुर सरगुजा में फुटबॉल खेल की खेलो इंडिया सेंटर प्रारंभ करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्राधिकरण से प्राप्त हो चुकी है।
- इन सभी खेलो इंडिया सेंटर्स को प्रारंभ करते हुए छत्तीसगढ़ खेल संचालनालय द्वारा लगातार इन सेंटर्स की मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रत्येक खेल के स्थानीय सीनियर खिलाड़ियों को सेंटर से जोड़ा जाएगा, उन्हें प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने के लिये मानदेय भी दिया जाएगा।
- सभी खेलो इंडिया सेंटर्स में बालक एवं बालिका खिलाड़ियों का बराबर प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित की जाएगी। इन सेंटर्स को भारतीय खेल प्राधिकरण के पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा।
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विधानसभा अध्यक्ष एवं कृषि मंत्री ने बीमा रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
चर्चा में क्यों?
1 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कृषि मंत्री के निवास से बीमा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- यह रथ 15 दिसंबर तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में भ्रमण करेगा और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक करेगा।
- उल्लेखनीय है कि रबी मौसम वर्ष 2022 में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 1 से 7 दिसंबर के मध्य चौथा फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के अंतर्गत किसानों को फसल बीमा से होने वाले लाभ, साथ ही फसल बीमा लेने की प्रक्रिया और लाभार्थी किसानों की कहानियों की जानकारी दी जाएगी, ताकि फसल बीमा की लाभ से कोई भी कृषक वंचित न रहे एवं अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें।
- दोनों बीमा योजना से लाभ लेने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर, 2022 है। इस बीमा रथ के माध्यम से किसानों से तय तिथि तक फसल बीमा योजना का लाभ लेने की अपील की जाएगी।
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छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ ‘लैंड एडवेंचर पुरस्कार’ से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
30 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत ‘लैंड एडवेंचर पुरस्कार’से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय लैंड एडवेंचर पुरस्कार के लिये बस्तर की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को चुना था। नैना सिंह धाकड़ यह राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला बन गई हैं।
- तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार चार श्रेणियों- लैंड एडवेंचर (भूमि साहसिक), वॉटर एडवेंचर (जल साहसिक), एयर एडवेंचर (वायु साहसिक) और लाइफ टाइम अचीवमेंट (जीवनभर की उपलब्धि) में दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत प्रत्येक श्रेणी में 15 लाख रुपए और स्मृति चिन्ह के साथ प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
- तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्रतिवर्ष साहसिक कार्य के क्षेत्र में व्यत्तियों की उपलब्धि की प्रशंसा के लिये दिये जाते हैं। यह पुरस्कार लोगों को धीरज, जोखिम लेने, सहकारी टीम वर्क और त्वरित सजगता की भावना विकसित करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
- गौरतलब है कि नैना सिंह धाकड़ ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट और चौथी सबसे ऊँची चोटी माउंट ल्होत्से में 10 दिनों के भीतर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। नैना धाकड़ यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही है।
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