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स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Dec 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

गोरखपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के फेज-1 का अप्रूवल मिला

चर्चा में क्यों?

1 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में गोरखपुर मेट्रो लाइट रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 को अनुमोदन प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • गोरखपुर में तीन बोगियों वाली लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। इसके लिये राइट्स व लखनऊ रेल मेट्रो कॉरपोरेशन ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का अनुमोदन कर शासन को भेज दिया है।
  • राज्य सरकार ने बजट में भी गोरखपुर और वाराणसी में मेट्रो के लिये 100 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
  • डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में गोरखपुर महानगर में करीब 4600 करोड़ रुपए की लागत से तीन बोगियों (कार) वाली मेट्रो ट्रेन का दो रूटों में संचालन का प्रस्ताव है। पहला रूट 15.14 किमी लंबा होगा, जो श्यामनगर (बरगदवाँ के पास) से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक जाएगा। इस पर कुल 14 स्टेशन होंगे।
  • दूसरा रूट गुलरिहा से शुरू होकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, असुरन चौक, धर्मशाला, गोलघर, कचहरी चौराहा होते हुए नौसढ़ तक जाएगा। जिसमें कुल 13 स्टेशन होंगे।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

चर्चा में क्यों?

1 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में एम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि के अनुरूप चिरंजीवी मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी करने तथा उनकी सेवाएँ 31 मार्च, 2022 तक लिये जाने को स्वीकृति दी है। 

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने चिरंजीवी मित्रों को उनके कार्यों में संचार माध्यम की आवश्यकता को देखते हुए मोबाइल चार्ज के रूप में प्रतिमाह 500 रुपए दिये जाने का भी निर्णय लिया है। 
  • उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत एम्पैनल्ड निजी चिकित्सालयों में रोगियों एवं उनके परिजनों की सहायता के लिये हेल्प डेस्क स्थापित हैं। इन हेल्प डेस्क में कोविड सहायकों की सेवाएँ चिरंजीवी मित्र के रूप में ली जा रही हैं।
  • चिरंजीवी मित्र एम्पैनल्ड अस्पतालों में योजना की जानकारी एवं मार्गदर्शन देने के साथ ही अस्पताल में उपचार से संबंधित आवश्यक पैकेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अन्य संबद्ध अस्पताल के लिये रेफर कराने में रोगियों एवं उनके परिजनों की सहायता करते हैं।
  • मई 2021 तक इस योजना से प्रदेश में 340 निजी अस्पताल पंजीकृत थे। अब यह संख्या बढ़कर 534 हो गई है।
  • भविष्य में भी इस योजना से जुड़ने वाले निजी चिकित्सालयों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्धारित मापदंडों के अनुरूप 100 बेड से कम वाले अस्पतालों में एक तथा इससे बड़े अस्पतालों में दो कोविड सहायकों की सेवाएँ चिरंजीवी मित्र के रूप में 31 मार्च, 2022 तक लिये जाने को सहमति दी है।

राजस्थान Switch to English

इन्वेस्ट राजस्थान-2022

चर्चा में क्यों

1 दिसंबर, 2021 को आगामी जनवरी में प्रस्तावित (राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित) इन्वेस्टर्स समिट ‘इन्वेस्ट राजस्थान-2022’ का प्रथम स्थानीय रोड शो दिल्ली में आयोजित हुआ। 

प्रमुख बिंदु

  • प्रथम स्थानीय रोड शो में राजस्थान सरकार 68,698 करोड़ रुपए के सहमति-पत्र (एमओयू) तथा 10,099 करोड़ रुपए के आशय-पत्र (एलओआई) हस्ताक्षरित करवाने में सफल रही। 
  • यह निवेश राज्य के घीलोठ, भिवाड़ी, नीमराना, जयपुर, उदयपुर, अलवर एवं कई अन्य ज़िलों में स्थापित इकाइयों में प्रस्तावित है। यहाँ रीको द्वारा गत वर्षों में स्पेशल सेक्टोरल ज़ोन विकसित किये गए हैं।
  • इस अवसर पर कुछ अग्रणी निवेश समूहों ने प्रदेश में बृहद् परियोजनाएँ स्थापित करने की मंशा जताई है, जैसे कि रिन्यूएबल पावर ने राज्य के विभिन्न ज़िलों में 50,000 करोड़ रुपए का निवेश अक्षय ऊर्जा एवं सोलर मॉड्यूल विनिर्माण हेतु प्रस्तावित किया है, जे. के. लक्ष्मी ने नागौर, उदयपुर एवं अलवर में 4250 करोड़ रुपए का निवेश सीमेंट उत्पादन तथा लाइम स्टोन उत्खनन में प्रस्तावित किया है। 
  • वहीं लेन्सकार्ट ने भिवाड़ी में 400 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा है; डाइकिन एयरकंडिशनिंग ने 294 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव, ओकाया ईवी ने 121.36 करोड़ रुपए के निवेश से नीमराना में इलेक्ट्रिक टू-थ्री व्हीलर के उत्पादन एवं एसेंबलिंग इकाई प्रस्तावित की है।  
  • उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने नीति नियामक तंत्र का सृजन कर औद्योगिक विकास को गति दी है। रिप्स-2019 प्रोत्साहन योजना, एमएसएमई अधिनियम, एकल खिड़की योजना (सिंगल विंडो सिस्टम) एवं वन स्टॉप शॉप (ओएसएस) हमारी वह पहल हैं, जिन्होंने निवेश की प्रक्रिया को सहज व सरल बनाया है।
  • इन्वेस्ट राजस्थान रोड शो एक तरह से अनूठा आयोजन है, क्योंकि यह कोरोना महामारी के बाद प्रथम ऐसा आयोजन है, जिसमें इन्वेस्ट राजस्थान-2022 से पहले विभिन्न ज़िलों एवं राज्यों में 28 और रोड शो आयोजित किये जा रहे हैं। 
  • गौरतलब है कि पहली बार राज्य सरकार ने न केवल एमओयू/एलओआई पर हस्ताक्षर करने पर बल दिया है, बल्कि निवेशकों की परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर भी ज़ोर दिया है। ज़िला कलेक्टर पहली बार एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी तरह, प्रत्येक विभाग उनके नियत दिवस पर अपने-अपने विभाग से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। 

मध्य प्रदेश Switch to English

भू-अधिकार पुस्तिका अब ऑनलाइन प्राप्त होगी

चर्चा में क्यों?

1 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने का सुगम और आसान तरीका बनाने के निर्देशों के अनुपालन में मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग ने भू-अधिकार पुस्तिका ऑनलाइन उपलब्ध कराने के संबंध में संशोधित नियम जारी किये हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • भू-स्वामी अपनी भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिये आईटी सेंटर, एम.पी. ऑनलाइन, लोक सेवा केंद्र, कियोस्क सेंटर और शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
  • ऑनलाइन मिलने वाली भू-अधिकार पुस्तिका सामान्यत: दो पृष्ठों की होगी। इसके लिये शासन द्वारा 45 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। 
  • किसी विशेष प्रकरण में पुस्तिका यदि अधिक पृष्ठों की है, तो प्रत्येक पृष्ठ के लिये 15 रुपए अतिरिक्त देय होंगे। 
  • पूर्व में प्राप्त की गई भू-अधिकार पुस्तिका यथावत उपयोग में ली जा सकेगी। राजस्व विभाग द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका प्रदाय करने के लिये समय-सीमा लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार निर्धारित की गई है। 
  • भूलेख पोर्टल से भू-अधिकार पुस्तिका की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति डाउनलोड कर आवेदक को निर्धारित समय-सीमा में प्रदाय की जाएगी।
  • ऑनलाइन भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिये कृषक/आवेदक को अपना आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नंबर, समग्र आईडी, पटवारी हलका और सेक्टर क्रमांक आदि अभिलेख उपलब्ध कराने होंगे। 
  • भू-अधिकार पुस्तिका का आवेदन अमान्य किये जाने अथवा समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर आवेदक को अपील करने का अधिकार होगा। 
  • आवेदक प्रथम अपील 30 दिवस और द्वितीय अपील 60 दिवस में प्रस्तुत कर सकेगा। दोनों ही अपील निराकरण करने की समय-सीमा 15 दिवस निर्धारित की गई है।

मध्य प्रदेश Switch to English

तीसरी राष्ट्रीय मास्टर्स चैंपियनशिप में श्वेता नेमा ने जीते एक साथ चार पदक

चर्चा में क्यों?

27-30 नवंबर तक वाराणसी स्थित डॉ. संपूर्णानांद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल स्टेडियम में एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीसरी राष्ट्रीय मास्टर्स चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश टीम की प्रतिभागी के तौर पर हिस्सा लेने वाली बौद्ध-भारतीय ज्ञानोदय अध्ययन विश्वविद्यालय की पीएचडी शोधकर्त्ता श्वेता नेमा ने एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते। 

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित इस मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में श्वेता ने 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण, रेस वॉक में रजत और 400×4 रिले में कांस्य तथा 100×4 रिले दौड़ में दूसरा कांस्य पदक जीता।  
  • इस 4 दिवसीय तीसरी राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश भर से केवल 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागियों ने ही मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया।
  • गौरतलब है कि श्वेता विश्वविद्यालय में योग और आयुर्वेद विभाग में पीएचडी शोधकर्त्ता हैं। श्वेता नेमा ने हाल ही में SATI कॉलेज, विदिशा में कछुए की मुद्रा में योग करने का गिनीज़ रिकॉर्ड बनाया था। श्वेता विदिशा और रायसेन के लोगों को मुफ्त योगासन का प्रशिक्षण देती हैं।

हरियाणा Switch to English

तीसरी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हरियाणा नंबर वन

चर्चा में क्यों?

27-30 नवंबर तक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित तीसरी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के साथ हरियाणा की टीम पहले स्थान पर रही।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा से इस प्रतियोगिता में 228 पुरुष और 46 महिला खिलाड़ियों ने भाग लिया। हरियाणा की टीम का नेतृत्व मास्टर्स एथलीट एसोसिएशन महासचिव महावीर तालियान ने किया।
  • इस प्रतियोगिता में करनाल से 23 पुरुष और 5 महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। 20 खिलाड़ियों ने कुल 32 मेडल जीते, जिनमें से 9 गोल्ड, 11 सिल्वर तथा, 12 ब्रॉन्ज हैं। 
  • विजेता खिलाड़ियों में 85 प्लस आयुवर्ग में धर्मचंद घोघड़ीपुर ने 3 गोल्ड और 7 सिल्वर मेडल हासिल किये। इसी तरह 70 प्लस आयुवर्ग में ओमप्रकाश ने गोल्ड व सिल्वर, 68 प्लस आयुवर्ग में महावीर तालियान ने सिल्वर व ब्रॉन्ज, 65 प्लस आयुवर्ग में जोगिंद्र सिंह ने सिल्वर, 60 प्लस आयुवर्ग में श्याम सिंह नरवाल ने गोल्ड, 55 प्लस आयुवर्ग मुकाबलों में महाबीर सिंह ने ब्रॉन्ज, 50 प्लस आयुवर्ग में सलिंद्र सिंह ने सिल्वर, जितेंद्र सिंह कमांडो ने ब्रॉन्ज, राजेश कुमार खन्ना ने सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है।
  • 50 प्लस आयुवर्ग में सतीश राणा ने ब्रॉन्ज मेडल, 45 प्लस में कश्मीर सिंह ने सिल्वर, 40 प्लस में भोलाराम ने ब्रॉन्ज व सिल्वर, प्रमोद कुमार पीटीआइ ने सिल्वर, अमित कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं 40 प्लस आयुवर्ग में राजेश कुमारी ने गोल्ड, यशवंती ने सिल्वर, संगीता ने गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज, ममता देवी ने दो ब्रॉन्ज और रेणु ने गोल्ड व ब्रॉन्ज मेडल जीत कर ज़िले की शान बढ़ाई है। 
  • इस चैंपियनशिप में दादरी ज़िले के खिलाड़ियों का भी शानदार प्रदर्शन रहा। इस राष्ट्रीय स्पर्धा में कई खेलों में दादरी ज़िले से 16 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें इन खिलाड़ियों ने 11 स्वर्ण, 3 रजत एवं 4 कांस्य पदक प्राप्त किये हैं।

झारखंड Switch to English

बीएसएफ का 57वाँ स्थापना दिवस

चर्चा में क्यों?

1 दिसंबर, 2021 को झारखंड के हज़ारीबाग में भारतीय सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र और स्कूल मेरु कैंप ने बीएसएफ का 57वाँ स्थापना दिवस मनाया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह का उद्घाटन किया और प्रशिक्षण शिविर के परिसर का अवलोकन किया।
  • राज्यपाल ने कहा कि यह सभी के लिये गर्व की बात है कि सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर, 1965 से अर्धसैनिक बल के रूप में देश की सेवा में लगातार काम कर रहा है। श्री के एफ रूस्तमजी इसके पहले प्रमुख और संस्थापक थे। श्री पंकज कुमार सिंह वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक हैं 
  • 1965 में कुल 25 बटालियन के साथ सीमा सुरक्षा बल का गठन हुआ था और समय के साथ पंजाब, जम्मू व कश्मीर, नार्थ-ईस्ट में आतंकवाद की रोकथाम के लिये सीमा सुरक्षा बल का विस्तार होता रहा ।
  • वर्तमान समय में सीमा सुरक्षा बल की 192 बटालियन (3 एन.डी.आर.एफ बटालियन सहित) और 7 आर्टी रेजिमेंट भारत- पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात हैं।
  • इसके अतिरिक्त सीमा सुरक्षा बल कश्मीर घाटी में घुसपैठ, नार्थ-ईस्ट क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान और भारत-पाकिस्तान एवं भारत-बंग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एकीकृत जाँच चौकी में तैनात है। 


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में ‘ओमिक्रोन’के लिये होगी हेल्प डेस्क

चर्चा में क्यों? 

30 नवंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य के सभी तीन हवाई अड्डों- रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में कोविड-19 एवं उसके नए संस्करण ‘ओमिक्रोन’की स्क्रीनिंग के लिये हेल्प डेस्क स्थापित की जाएंगी।

प्रमुख बिंदु

  • हेल्प डेस्क विदेशों से आने वाले व्यक्तियों से कोविड-19 टेस्ट, टीकाकरण, क्वारेंटाइन और कोरोना के लक्षणों की जानकारी मांगेंगी।
  • यह दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोना वायरस ‘ओमिक्रोन’के नए संस्करण के मद्देनज़र निगरानी और व्यापक सावधानियों का हिस्सा है।
  • जिन व्यक्तियों ने भारत आने के बाद सात दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी नहीं की है, उन्हें सात दिन का होम क्वारेंटाइन सुनिश्चित करने के लिये कहा जाएगा।
  • आठवें दिन उनका रियल टाइम पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट होगा। यदि परीक्षण सकारात्मक आता है, तो नमूना संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (WGS) के लिये भेजा जाएगा।
  • इसके अलावा, विभाग ने सभी ज़िलों को किसी भी नए प्रकार की रोकथाम और त्वरित पहचान के हिस्से के रूप में कोविड -19 परीक्षणों की संख्या में वृद्धि करने तथा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कोरोना टेस्टिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

उत्तराखंड Switch to English

एडीबी ने देहरादून और नैनीताल में पेयजल सीवर कार्यों के लिये 938 करोड़ रुपए ऋण को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने उत्तराखंड इंटिग्रेटेड एवं रिसाइलेंट अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (पेयजल लाइन और सीवर कार्यों) के लिये 938 करोड़ रुपए ऋण की मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तराखंड इंटिग्रेटेड एवं रिसाइलेंट अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून के दक्षिण हिस्से में करीब 136 किलोमीटर की पेयजल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे लगभग 40 हज़ार लोगों को पेयजल मिलने की राह आसान हो जाएगी।
  • इस प्रोजेक्ट के तहत 5400 घंटों में पानी के मीटर भी लगाए जाएंगे।
  • देहरादून में 256 किलोमीटर अंडरग्राउंड सीवर नेटवर्क और 117 किमी. का बरसाती पानी का नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जिससे इस ज़िले के 17 हज़ार 410 घरों के 1 लाख 38 हज़ार लोगों को राहत मिलेगी।
  • एडीबी के इस प्रोजेक्ट से देहरादून और नैनीताल में पहली बार कंप्यूटराइज्ड मेंटिनेंस और मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा, जो इन ज़िलों को चार हिस्से में बाँटकर काम करेगा, ताकि तेज़ी से मैनेजमेंट और मेंटिनेंस हो सके।

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