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स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Nov 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के हर ज़िले में गठित होंगी सिविल डिफेंस की इकाई

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि प्रदेश के हर ज़िले में सिविल डिफेंस इकाइयाँ गठित की जाएंगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज में शांति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है और इसी कारण से सिविल डिफेंस के महत्त्व और उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसे प्रदेश के सभी 75 ज़िलों तक विस्तार किया जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के 27 ज़िलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयाँ गठित हैं।
  • अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए।
  • इस प्रकार प्रदेश में साढ़े सात सौ से अधिक नागरिक सुरक्षा इकाइयाँ क्रियाशील हो सकेंगी। नवीन इकाइयों के सुचारु क्रियान्वयन के लिये प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में अपने नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है तथा यह जेल सुधारों की ओर महत्त्वपूर्ण प्रयास साबित होगा। कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिये ठोस प्रयास करना होगा। ‘ओपन जेल’और ‘हाई सिक्योरिटी जेल’के उदाहरण इस संबंध में उपयोगी हो सकते हैं।
  • मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश की सभी जेलों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए तथा सूची में बीमार, नाबालिग और महिला एवं दिव्यांग कैदियों का पृथक् विवरण भी हो।
  • उन्होंने कहा बताया कि अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित करने की ज़रूरत है तथा केंद्र सरकार के मॉडल ‘बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस-2019’ की तर्ज़ पर प्रदेश के मॉडल ‘फायर एंड इमरजेंसी बिल’ को तैयार किया जाना चाहिये।
  • उन्होंने बहुमंजिली इमारतों में प्रत्येक दशा में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने की बात की तथा कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की नीति के अनुरूप भवन स्वामी द्वारा हर छह माह के अंतराल पर सेल्फ सर्टिफिकेशनरी व्यवस्था, भवनों के प्रकार के अनुसार फायर सेफ्टी ऑफिसर का प्रावधान और वार्षिक थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था को लागू किया जाए।
  • उन्होंने कहा कि फायर फाइटर्स की सुरक्षा व उच्चस्तरीय अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता के लिये एक विशेष निधि-कोष की स्थापना के प्रयास किया जाए तथा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी चाहिए। 

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अजमेर स्थित पुष्कर में अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला-2022 का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि पुष्कर धाम सभी वर्गों की आस्था का केंद्र है तथा यहाँ सभी जाति और धर्मों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिये पुष्कर मेले में बृहद् स्तर पर उत्कृष्ट एवं भव्य व्यवस्थाएँ की गई हैं।
  • इस अवसर पर उन्होंने अजमेर और पुष्कर में 110 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया है। इसमें स्मार्ट सिटी, अजमेर विकास प्राधिकरण एवं वन विभाग के तहत विभिन्न विकास कार्य और परियोजनाएँ शामिल थीं।
  • उन्होंने बताया कि पुष्कर सरोवर में गंदे पानी की समस्या के समाधान के लिये डीपीआर तैयार कर ली गई है और करीब 11 करोड़ रुपए की लागत से पुष्कर का विकास कराया जाएगा एवं पुष्कर में घाटों का जीर्णोर्द्धार एवं अन्य विकास कार्य जल्द पूरे किये जाएंगे। 

राजस्थान Switch to English

जोधपुर में होगा राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो-2023 का आयोजन

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद) की उद्योग भवन में आयोजित पाँचवी बैठक की अध्यक्षता करते हुए काउंसिल के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने बताया कि राज्य से निर्यात में बढ़ोतरी करने के लिये आगामी 11 से 13 मार्च, 2023 को जोधपुर में राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो-2023 का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • राजीव अरोड़ा ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय एक्सपो में हस्तशिल्प से लेकर ज्वैलरी, सेरेमिक व अन्य उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि जोधपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हैंडीक्रॉफ्ट एक्सपो का आयोजन मुख्यमंत्री बजट घोषणा का अहम हिस्सा है तथा इस एक्सपो को और व्यापक बनाने एवं कई अन्य उत्पादों को जोड़ने के लिये इसे राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो का नाम दिया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में निर्यात का प्रतिशत बढ़ाने व निर्यात सहित अन्य गतिविधियाँ संचालित करने के लिये ही काउंसिल का गठन किया गया है।
  • आयुक्त महेंद्र पारख ने बताया कि निर्यात के मामले में राजस्थान देश में 12वें स्थान पर है और राज्य में निर्यात की खासी संभावनाएँ हैं। पिछले वर्षों में राज्य से होने वाले निर्यात के प्रतिशत में भी खासी बढ़ोतरी हुई है।
  • उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एक्सपो होने से न केवल स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाज़ार मिलेगा, बल्कि उनकी पहचान भी बनेगी।
  • काउंसिल की बैठक में उत्पादों की टेस्टिंग लैब बनाने, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण, काउंसिल की मेंबरशिप की शुरुआत, मिशन निर्यातक बनो सहित विभिन्न विषयों पर भी व्यापक स्तर पर चर्चा भी हुई।  

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में सीएम डैशबोर्ड और ‘सीएम उपहार’ पोर्टल किया लॉन्च

चर्चा में क्यों?

31 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में सीएम डैशबोर्ड और ‘सीएम उपहार’ पोर्टल लॉंन्च किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि सीएम डैशबोर्ड पोर्टल से सभी विभागों की वास्तविक विश्लेषण समीक्षा की जा सकेगी तथा सभी मुख्य योजनाओं पर उच्चस्तरीय निर्णयों की जानकारी सीएम डैशबोर्ड पर उपलब्ध करवाई जाएगी। इस पोर्टल का गुड गवर्नेंस में भी काफी लाभ होगा।
  • इस डैशबोर्ड पर सभी विभागों की कार्यप्रणाली और योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री के लिये सभी बड़े व छोटे स्तरों पर उपलब्ध होगी तथा इस पर कार्यप्रणाली की ट्रैकिंग की जा सकेगी और रिपोर्टों का विश्लेषण करना आसान होगा और इसके द्वारा पुराने और नए डाटा की तुलना की जा सकेगी, जिससे डाटा के आधार पर पूर्व सूचना मिलना संभव होगा।
  • उल्लेखनीय है कि यह डैशबोर्ड अत्याधुनिक बिज़नेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर के साथ इन हाउस विकसित किया गया है।
  • इसके अलावा ‘सीएम उपहार’पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्राप्त सभी बहुमूल्य भेंटों को पूरे पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन नीलाम किया जाएगा और इस पोर्टल पर देश का कोई भी नागरिक ‘उपहार’के लिये बोली लगा सकता है तथा सबसे ऊँची बोली लगाने वाले को विजेता घोषित कर वह उपहार उसे प्रदान कर दिया जाएगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि समाज के कल्याण हेतु यह पोर्टल लॉंच किया गया है। पोर्टल के माध्यम से उपहारों की नीलामी से प्राप्त धनराशि को मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से हरियाणा के नागरिकों के कल्याण में लगाया जाएगा।

झारखंड Switch to English

स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में झारखंड को मिला तीसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22’ के लिये चयनित विद्यालयों के नामों की घोषणा की जिसमें झारखंड को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22’ के लिये झारखंड के तीन विद्यालयों का चयन पुरस्कार हेतु किया गया है। तीनों चयनित विद्यालय माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें से दो विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के और एक शहरी क्षेत्र का है। इनमें सोनाहातू का कस्तूरबा गांधी विद्यालय, नोवामुंडी का कस्तूरबा गांधी विद्यालय, तथा कदमा का उ. वि. टाटा वर्कर्स यूनियन विद्यालय शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22’ के लिये देश भर से 39 विद्यालयों का चयन किया गया है, जिनमें सबसे अधिक 10 विद्यालय गुजरात के हैं।
  • देश के 16 राज्यों से ही विद्यालय पुरस्कार के लिये चयनित हो सके, जिनमें से पाँच राज्य से दो-दो व सात राज्य से एक-एक विद्यालय का ही चयन हुआ है।
  • ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22’ के लिये चयनित विद्यालयों को 19 नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/वार्डेन व बाल संसद के सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा तथा विद्यालयों को पुरस्कारस्वरूप 60 हज़ार रुपए व प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
  • विदित है कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना में सरकारी व निजी, दोनों कोटि के स्कूल शामिल होते हैं। वर्ष 2021-22 के लिये 44878 स्कूलों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 2276 को फाइव स्टार ग्रेडिंग मिली है। वर्ष 2019-20 में 918 स्कूलों का चयन हुआ था तथा वर्ष 2017-18 में 212 स्कूलों को फाइव स्टार ग्रेडिंग मिली थी।
  • ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22’ में देश के शीर्ष राज्य:
    1. गुजरात 10
    2. पुदुच्चेरी 06
    3. झारखंड 03
    4. महाराष्ट्र 03
    5. हरियाणा 02
    6. पंजाब 02
    7. राजस्थान 02
    8. उत्तर प्रदेश 02
    9. प. बंगाल 02 

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव समारोह में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की विभिन्न विभूतियों को उनकी उपलब्धियों एवं राज्य के विकास में योगदान के लिये राज्य अलंकरण पुरस्कारों से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

राज्य अलंकरण पुरस्कार और उनसे सम्मानित विभूतियाँ

पुरस्कार/सम्मान

सम्मानित विभूति

प्रदान करने वाला विभाग

शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार

नारायण मरकाम

आदिम जाति कल्याण विभाग

पंडित लखन लाल मिश्र सम्मान

लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल

गृह (पुलिस) विभाग

यति यतनलाल सम्मान

मदन मोहन गौशाला (खरसिया, रायगढ़)

सामान्य प्रशासन विभाग

गुंडाधूर सम्मान

अमितेश मिश्रा

खेल एवं युवा कल्याण विभाग

मिनीमाता सम्मान

डॉ. मीरा शुक्ला

महिला एवं बाल विकास विभाग

गुरु घासीदास सम्मान

खेमचंद भारती

आदिम जाति कल्याण विभाग

ठाकुर प्यारेलाल सम्मान

अशोक अग्रवाल

सहकारिता विभाग

हाज़ी हसन अली सम्मान

जनाब यूनुस खान

आदिम जाति कल्याण विभाग

पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान

सीताराम अग्रवाल

सामान्य प्रशासन विभाग

पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान

रामेश्वर वैष्णव

संस्कृति विभाग

चक्रधर सम्मान

वेदमणि सिंह ठाकुर

संस्कृति विभाग

दाऊ मंदराजी सम्मान

जयंती यादव और पंडित राम (संयुक्त रूप से)

 संस्कृति विभाग

डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान

खेदूराम बंजारे

कृषि विभाग

महाराजा अग्रसेन सम्मान

ईश्वर प्रसाद अग्रवाल

सामान्य प्रशासन विभाग

दानवीर भामाशाह सम्मान

गंगोत्री वर्मा

समाज कल्याण विभाग

बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार

रूपचंद धीवर

मत्स्य विभाग

संस्कृत भाषा सम्मान

डॉ. बालकृष्ण तिवारी

उच्च शिक्षा विभाग

भँवर सिंह पोर्ते सम्मान

टुकेश्वर कँवर

आदिम जाति कल्याण विभाग

महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव पुरस्कार

एनटीपीसी सीपत और पालूराम साहू (संयुक्त रूप से)

श्रम विभाग

बिसाहूदास महंत पुरस्कार 2020-21

आनंद देवांगन और पँचरण देवांगन (संयुक्त रूप से)

 

ग्रामोद्योग विभाग

बिसाहूदास महंत पुरस्कार 2021-22

राजन देवांगन और कृष्ण कुमार देवांगन (संयुक्त रूप से)

राजराजेश्वरी करुणामाता हथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार

नरसिंह देवांगन एवं श्रीपति मेहेर देवांगन (संयुक्त रूप से)

ग्रामोद्योग विभाग

देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार

द्वारिका बर्मन

संस्कृति विभाग

देवदास स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार

मिलाप दास बंजारे

संस्कृति विभाग

किशोर साहू सम्मान

मनु नायक

संस्कृति विभाग

किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण

पलाश वासवानी

संस्कृति विभाग

धनवन्तरि सम्मान

डॉ. मनोज चौकसे

स्वास्थ्य विभाग

बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान

डॉ. प्रिया राव और विवेक सारस्वत (संयुक्त रूप से)

विधि एवं विधायी विभाग

छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान

गणेश कर

संस्कृति विभाग

लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार

जीवन यदु

संस्कृति विभाग

चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार

प्रिंट मीडिया हिन्दी- धनंजय वर्मा 

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हिन्दी- अमितेष पांडेय और डॉ. वैभव शिव पांडेय (संयुक्त रूप से)

जनसंपर्क विभाग

मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया अंग्रेज़ी)

डॉ. के. एन. किशोर

जनसपंर्क विभाग

पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान

सुदीप ठाकुर

जनसंपर्क विभाग  


छत्तीसगढ़ Switch to English

तीसरे आदिवासी राष्ट्रीय महोत्सव का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव 2022 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आदिवासी परंपरा के अनुरूप नगाड़ा बजाकर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके पूर्व उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया एवं छत्तीसगढ़ राजकीय गीत ‘अरपा पैरी के धार’ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महोत्सव में उन्होंने आदिवासी महोत्सव की सुंदर स्मृतियों से सुसज्जित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
  • तीनदिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव में विदेशों के 100 कलाकारों सहित देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1500 जनजातीय कलाकार आदिवासी संस्कृति के इंद्रधनुषी रंग बिखेरने के लिये जुटे हैं।
  • साईस कॉलेज मैदान में राज्योत्सव के लिये मुख्य मंच, पंडालों और स्टॉलों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। यहाँ जनजातियों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोककलाओं के साथ छत्तीसगढ़ के पौने चार वर्ष की विकास यात्रा की झलक लोगों को देखने को मिलेगी।
  • टोगो, मोजांबिक, सर्बिया, इंडोनेशिया, मालदीव, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड, रशिया, रवांडा और इजिप्ट सहित भारत के कई राज्य इस महोत्सव में तीन दिनों तक अपनी आदिवासी नृत्य कला की झटा बिखेरेंगे।
  • मोजांबिक, रूस और मंगोलिया की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज़ हुआ। स्वागत कार्यक्रम में मोजांबिक से आए नर्तक दल ने सबसे पहले प्रस्तुति दी। उन्होंने फसल कटाई के अवसर पर किया जाने वाला डांस फॉर्म प्रस्तुत किया।
  • वहीं रूस और मंगोलिया के नर्तक दलों ने फ्यूजन डांस फॉर्म प्रस्तुत किया। इसमें वहाँ की संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा, प्राकृतिक सुंदरता प्रदर्शित होती है। अचीवमेंट इन हंटिंग, हाइटाइट स्ट्रेंथ, इंट्यूशंस ऑफ एनिमल्स एंड लाइफस्टाइल विषयों पर केंद्रित प्रस्तुतियों से मंगोलिया के कलाकारों ने समां बांध दिया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में हुआ धान खरीदी का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का काम शुरू हो गया। राज्य में धान खरीदी 31 जनवरी, 2023 तक जारी रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हज़ार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। प्रथम दिवस में 3 हज़ार 951 किसानों द्वारा धान बेचा गया।
  • इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की तैयारी शासन द्वारा की गई है। इस वर्ष 2497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धान विक्रय के लिये 25 लाख 93 हज़ार किसानों ने पंजीयन कराया है। धान का कुल पंजीकृत रकबा 13 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 2 लाख 3 हज़ार नए किसानों ने पंजीकरण कराया है।
  • पहले दिन के लिये 5341 टोकन जारी किये गए थे। टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से 268 टोकन जारी किये गए। पहले दिन के धान उपार्जन के लिये किसानों को भुगतान करने के लिये मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किये गए हैं।
  • प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही हर साल धान खरीदी का नया रिकॉर्ड भी बन रहा है।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है। तब 21 लाख 77 हज़ार किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 19038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिला है। 
  • इससे पहले वर्ष 2020-21 में 02 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 20.53 लाख किसानों ने धान का विक्रय किया था। उन्हें 17240.55 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2019-20 में 94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था। 18.38 लाख किसानों ने धान बेचा था। उन्हें 15285.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था।
  • वर्ष 2018-19 में राज्य शासन ने 2500 रुपए क्विंटल के भाव से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। किसानों को समर्थन मूल्य समेत 20094.32 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया था।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये सोविनियर बनाने के निर्देश

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने एमएसएमई की समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये सोविनियर तैयार किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ.एसएस संधू ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान राज्य में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं के लिये सोविनियर तैयार होने से राज्य में युवाओं एवं महिलाओं हेतु स्वरोज़गार की राह खुलेगी।
  • उन्होंने बताया कि सोविनियर के लिये डिज़ाइन, गुणवत्ता, उत्पादन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाना चाहिये तथा सोविनियर के साइज और पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है, ताकि श्रद्धालुओं को इन्हें ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
  • मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण तंत्र को मज़बूत करने तथा राज्य स्तर व ज़िला स्तर पर शिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये। किसी भी प्रकार की योजना को लाने के लिये निवेशकों से सुझाव लेने और उनके सामने आ रहीं समस्याओं के निराकरण पर फोकस करते हुए निवेशकों को अधिक-से-अधिक सपोर्ट करना चाहिये।
  • उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोज़गार योजना सहित अन्य योजनाओं के संबंध में फील्ड स्तर पर फीडबैक ज़रूर लिया जाए, ताकि उद्यमियों की ओर से योजनाओं का अधिक-से-अधिक लाभ लिया जा सके।
  • उन्होंने एक ज़िला, दो उत्पाद को बढ़ावा देने, इन्हें ग्रोथ सेंटरों से जोड़ने और विभागीय प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिये, ताकि सिंगल विंडो से निवेशकों को लाभ मिले। 

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