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‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’
चर्चा में क्यों?
1 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ के लिये पंजीयन की शुरुआत की। इस योजना के लिये पंजीयन 1 सितंबर से 30 नवंबर, 2021 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- इसी के साथ छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने भूमिहीन कृषि मज़दूर परिवारों को प्रतिवर्ष 6 हज़ार रुपए अनुदान देने के लिये ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ लागू की है।
- योजना का लाभ 10 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मज़दूरों को मिलेगा। प्रत्येक परिवार के लिये 6 हज़ार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि, सीधे उनके बैंक खाते में जमा कराई जाएगी।
- पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर शुरू की गई इस योजना में राज्य के भूमिहीन कृषि मज़दूर के अलावा चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार तथा वनोपज संग्राहक परिवार भी लाभान्वित होंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ के माध्यम से प्रदेश के सर्वाधिक ज़रूरतमंद परिवारों की मदद की जाएगी। न्याय योजना की यह नई कड़ी, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी।
- मुख्यमंत्री बघेल ने योजना के लिये पात्र मज़दूर भाइयों और बहनों से अपना पंजीयन कराने की अपील करते हुए कहा कि इसी वर्ष उन्हें योजना का लाभ देने की शुरुआत हो जाएगी।
- ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ का लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर परिवारों के मुखिया को निर्धारित समयावधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना के पोर्टल (rggbkmny.cg.nic.in) में जाकर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
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गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र
चर्चा में क्यों?
1 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इन स्वास्थ्य केंद्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन (दुर्ग) और चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- गांधी चौक (बिलासपुर), मोरगा (कोरबा), रामटोला (राजनांदगांव) एवं चटौद (धमतरी) शामिल हैं।
- इन स्वास्थ्य केंद्रों का चयन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्चुअल निरीक्षण के बाद किया गया था।
- यह प्रमाण-पत्र अस्पतालों (स्वास्थ्य केंद्रों) को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिये दिया जाता है।
- इसके साथ ही अब तक राज्य के 28 स्वास्थ्य केंद्रों को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट मिल गए हैं। इनमें 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 7 ज़िला अस्पताल शामिल हैं।
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