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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Aug 2024
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उत्तराखंड के लिये रेड अलर्ट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अत्यधिक भारी वर्षा और संभावित बाढ़ के बढ़ते खतरे के कारण हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों के लिये रेड अलर्ट जारी किया है।

मुख्य बिंदु

  • भारी बारिश के कारण जलभराव, भूस्खलन और दैनिक जीवन तथा परिवहन में व्यवधान की चिंता बढ़ गई है।
  • अधिकारी इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे मौसम के नवीनतम अपडेट से अवगत रहें और मानसून के तेज़ होने के साथ ही अपने स्वास्थ्य एवं संपत्ति की सुरक्षा के लिये आवश्यक सावधानी बरतें।

कलर-कोडेड मौसम चेतावनी

  • यह IMD द्वारा जारी किया जाता है जिसका उद्देश्य गंभीर या खतरनाक मौसम से पहले लोगों को सचेत करना है जिससे नुकसान, व्यापक व्यवधान या जीवन को खतरा होने की संभावना होती है।
  • चेतावनियाँ प्रतिदिन अपडेट की जाती हैं.
  • IMD 4 रंग कोड का उपयोग करता है:
    • हरा (सब ठीक है): कोई सलाह जारी नहीं की गई है।
    • पीला (सावधान रहें): पीला रंग कई दिनों तक चलने वाले खराब मौसम को दर्शाता है। यह भी बताता है कि मौसम और भी खराब हो सकता है, जिससे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में व्यवधान आ सकता है।
    • नारंगी/अंबर (तैयार रहें): नारंगी अलर्ट अत्यंत खराब मौसम की चेतावनी के रूप में जारी किया जाता है, जिससे सड़क और रेल मार्ग बंद होने से आवागमन में व्यवधान उत्पन्न होने तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की संभावना रहती है।
    • लाल (कार्रवाई करें): जब अत्यंत खराब मौसम की स्थिति निश्चित रूप से यात्रा और विद्युत बाधित करने वाली हो तथा जीवन के लिये महत्त्वपूर्ण खतरा उत्पन्न करने वाली हो, तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
  • ये चेतावनियाँ सार्वभौमिक प्रकृति की होती हैं तथा बाढ़ के दौरान भी जारी की जाती हैं, जो अत्यधिक वर्षा के परिणामस्वरूप भूमि/नदी में जल की मात्रा पर निर्भर करती हैं।
  • उदाहरण के लिये, जब किसी नदी का जल ‘सामान्य’ स्तर से ऊपर या ‘चेतावनी’ और ‘खतरे’ के स्तर के बीच होता है, तो यलो अलर्ट जारी किया जाता है।


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