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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Jul 2022
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उत्तर प्रदेश में पाँच साल का रोडमैप तैयार, 66 लाख महिलाओं को रोज़गार से जोड़ेगी राज्य सरकार

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला सशक्तीकरण के लिये पाँच साल का रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अगले पाँच सालों में करीब 66 लाख महिलाओं को नए समूहों से जोड़ते हुए उन्हें रोज़गार से जोड़ा जाएगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • तैयार रोडमैप के तहत पाँच साल के अंदर राज्य में 5 लाख 50 हज़ार 868 नए आजीविका समूहों का गठन किया जाएगा।
  • मिशन द्वारा इस बृहद लक्ष्य को पाने के लिये लक्ष्य को टुकड़ों में बाँटा गया है। इसके लिये छह माह, एक साल, दो साल और पाँच साल में समूहों को बाँट दिया गया है। 
  • इस लक्ष्य के पूरा होने पर ग्रामीण परिवारों में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सीधे घर-परिवार के साथ ही गाँव और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देने लगेगा। एक समूह में न्यूनतम 10 से 14 महिलाएँ शामिल की जाती हैं। यदि प्रति समूह 12 महिलाएँ मानें तो पाँच साल में जो नए समूह बनाए जाएंगे, उनसे सीधे तौर पर 66 लाख 10 हज़ार 416 महिलाएँ जुड़ेंगी। 
  • वर्तमान में राज्य में 4 लाख 81 हज़ार 793 स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत् हैं। इनमें से 3 लाख 54 हज़ार 489 समूहों को समूह की गतिविधियाँ शुरू करने के लिये अब तक चरणबद्ध तरीके से 531.73 करोड़ रुपए रिवाल्विंग फंड के रूप में दिये जा चुके हैं। 
  • 2 लाख 85 हज़ार 913 समूहों को कम्युनिटी निवेश फंड मुहैया कराने के साथ ही इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ दिया गया है। आरएफ और सीआईएफ के अलावा एक लाख 81 हज़ार 82 समूहों को कम ब्याज पर बैंकों से ऋण भी दिलाया गया है। 
  • मिशन निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि समूहों की महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को संबल प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार ने हाल में समूहों को कई अहम योजनाओं से जोड़ने का काम किया है। 
  • इन योजनाओं में प्रमुख रूप से बीसी सखी, पुष्टाहार निर्माण इकाई, उचित दर की दुकानों का आवंटन, सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन, बिजली बिल कलेक्शन, ओजस (सोलर उत्पाद), आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना, मनरेगा में सहभागिता, स्टार्टअप विलेज इंटरप्रोन्योरशिप प्रोग्राम, ड्राइ राशन का वितरण, महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना, फार्म वैल्यू चेन आदि हैं। 

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उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बीच हुआ एमओयू

चर्चा में क्यों?

29 जुलाई, 2022 को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’और ‘सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना’के तहत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मध्य करार (एमओयू) किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश के अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली की ओर से सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के प्रतिनिधि के रूप में निदेशक प्रियंका मिश्रा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये। 
  • इस करार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के मुख्यालय सहित देश में उसकी सभी संस्थाओं के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का रास्ता खुल गया है।
  • इस कड़ी में सबसे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की गुजरात इकाई द्वारा गुजरात की रामलीला को अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में भेजने की सहमति हुई है। 

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