छत्तीसगढ़ Switch to English
चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का बदलेगा नाम
चर्चा में क्यों?
1 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के महापुरुषों तथा आस्था के केंद्रों को जनभावनाओं के अनुरूप नई पहचान देने के लिये रायपुर और बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िलों के तीन गाँवों का नाम बदलने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- जिन तीन गाँवों का नाम बदलने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है, उनमें रायपुर ज़िले का चंदखुरी तथा बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले के गिरौदपुरी और सोनाखान गाँव शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब भगवान श्री राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली माने जाने वाले चंदखुरी का नाम बदलकर ‘माता कौशल्या धाम चंदखुरी’ कर दिया जाएगा।
- इसी तरह सतनाम पंथ के लोकप्रिय तीर्थस्थल गिरौदपुरी को ‘बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी’ कहा जाएगा और सोनाखान का नाम बदलकर ‘शहीद वीर नारायण सिंह धाम सोनाखान’ रखा जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य की महत्त्वाकांक्षी ‘राम वन गमन’ पर्यटन सर्किट परियोजना में शामिल चंदखुरी को भगवान श्री राम की माता कौशल्या का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ तालाब के बीचों-बीच माता कौशल्या का मंदिर है, जो 10वीं शताब्दी में बनाया गया था।
- गिरौदपुरी सतनाम पंथ का सबसे बड़ा धार्मिक-सामाजिक केंद्र है। महानदी की कछार में स्थित बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले का यह छोटा-सा गाँव 18वीं सदी के सतनाम संत और महान समाज सुधारक बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि और तपोभूमि है।
- सोनाखान में जन्में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद माने जाते हैं। वीर नारायण सिंह को 10 दिसंबर, 1857 को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर अंग्रेज़ों ने फाँसी दे दी थी।
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