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घर-घर औषधी योजना
चर्चा में क्यों?
01 अगस्त, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘निरोगी राजस्थान अभियान’ (Nirogi Rajasthan Campaign) के तहत ‘घर-घर औषधी योजना’ तथा 72वें वन महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरुआत की। साथ ही 72वें वन महोत्सव के तहत जयपुर के ग्राम बिलौंची में लगाने के लिए पीपल का पौधा और अन्य पौधों के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- इस अवसर पर औषधीय पौधों की पहली किट वन राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को भेंट की। गहलोत ने ‘घर-घर औषधी योजना’ के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए तैयार किये गए पोस्टर, ब्रोशर एवं बुकलेट का विमोचन भी किया।
- राजस्थान संभवत: पहला प्रदेश है, जिसने औषधीय पौधों के प्रति जनचेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऐसी अनूठी योजना लागू की है।
- उल्लेखनीय है कि योजना के तहत प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य रक्षण तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दृष्टि से वन विभाग की ओर से औषधीय गुण वाले तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा के 8 पौधों की किट प्रत्येक परिवार को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्रदेश के 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को पाँच वर्ष में तीन बार आठ-आठ पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे।
- गौरतलब है कि निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को इन औषधीय पौधों के महत्त्व और उपयोग की जानकारी दिलाने हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में ‘घर-घर औषधीय योजना’ प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी।
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