मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री को टास्क फोर्स ने सौंपा प्रतिवेदन
चर्चा में क्यों?
30 जून, 2022 को मध्य प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिये गठित टास्क फोर्स की प्रमुख प्रो. शमिका रवि ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अंतिम प्रतिवेदन सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश शासन ने प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल में रही प्रो. शमिका रवि की अध्यक्षता में गत जनवरी माह में टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स ने निर्धारित अवधि 30 जून को रिपोर्ट सौंपी है।
- टास्क फोर्स की इस रिपोर्ट की सिफारिशों को क्रियान्वित करने से माताओं और शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी।
- नीति आयोग ने SDG इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट में मध्य प्रदेश को अच्छे प्रदर्शन वाले राज्यों की श्रेणी में रखा है, जो इस बात का प्रतीक है कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अच्छा कार्य किया गया है। अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश ने टास्क फोर्स का गठन कर विशेष पहल की।
- टास्क फोर्स के प्रतिवेदन में सात अध्याय शामिल हैं। इनमें पोषण की भूमिका, स्वास्थ्य संबंधी आँकड़ों पर नजर रखना, स्वास्थ्य की देखभाल और संसाधनों के अध्ययन, शिशुओं और माताओं की देखभाल में सुधार, वर्तमान स्थिति और पृष्ठभूमि, स्वास्थ्य पर होने वाले व्यय और सुशासन एवं अन्य उपायों से इस क्षेत्र में सुधार के अध्याय शामिल हैं।
- प्रतिवेदन में बच्चों में कुपोषण की समाप्ति और मातृ-शिशु कल्याण के क्षेत्र में अच्छे परिणामों के लिये भौतिक अधोसंरचना और संसाधनों की कमी दूर करने, शिशुओं के पूरक आहार, नियमित टीकाकरण, रोगों की रोकथाम, ब्लड बैंक सुविधाओं का विस्तार, नवजात शिशुओं के लिये रेफरल व्यवस्था और परिवहन सुविधा से संबंधित सुझाव भी शामिल हैं।
- इसके अलावा आँगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को कुपोषण, स्वास्थ्य शिक्षा और संस्कार देने के मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जन-सहयोग से संचालित अभियान का उल्लेख है।
- मध्य प्रदेश में मातृ-मृत्यु दर 5.8 प्रतिशत की दर से घट रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7.5 है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर 0.6% की दर से घट रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत दर 3.8 प्रतिशत है।
- टास्क फोर्स ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये 5 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जो निम्न हैं-
- शासन स्तर पर नियमित समीक्षा- मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की समग्र व्यवस्था में सुधार के लिये कमियों को समाप्त करने में नियमित समीक्षा उपयोगी है।
- भौतिक अधोसंरचना और संसाधन- यह प्रतिवेदन एक ऐसा रोडमेप प्रदान करता है। इसमें इंडिया न्यूबॉर्न एक्शन प्लान के साथ निवारक मातृ मृत्यु दर को समाप्त करने (Ending Preventable Maternal Mortalitay) जैसे सुधार ढाँचे और पैकेज शामिल हैं। प्रतिवेदन में जनसंख्या के अनुसार संसाधनों की उपलब्धता का विश्लेषण भी किया गया है।
- पोषण- प्रतिवेदन में कहा गया है कि कुपोषण माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। रक्ताल्पता चिंतनीय है। कुपोषण के निर्धारकों के लिये यूनिसेफ के सुझाव अनुसार हस्तक्षेप करते हुए अच्छे परिणाम लाने का प्रयास किया जाए। सुपोषित आहार के सेवन के साथ ही टीकाकरण के माध्यम से रोगों की रोकथाम, खाद्य सुरक्षा, पूरक आहार व्यवस्था और उससे संबंधित प्रचार पर जोर दिया गया है।
- वित्त व्यवस्था- मध्य प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में होने वाले व्यय के संबंध में प्रतिवेदन में समाज के निचले तबके के लिये सहायता बढ़ाने, परिवार स्वास्थ्य खाते के रूप में ओपीडी देखभाल के लिये वित्तीय सहायता का परामर्श दिया गया है। प्रतिवेदन में हेल्थ आउटकम फंड बनाने का सुझाव भी दिया गया है।
- डेटा का उपयोग- प्रतिवेदन में डेटा आर्किटेक्चर में सुधार में डेटा प्रविष्टि, बैकएंड सत्यापन और समस्याओं की यथा समय पहचान को आवश्यक बताया गया है। अनमोल, समग्र, संपर्क और पोषण ट्रेकर; यह सब डेटा पोर्टल मार्गदर्शी हैं। इनसे राज्य शासन लाभार्थियों को मिलने वाली स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं का डेटा सुरक्षित रखने और उसका उपयोग योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने में कर रहा है। प्रतिवेदन में डेटा सिस्टम की वर्तमान चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है।
- टास्क फोर्स ने विभिन्न सुधारों के लिये विशिष्ट सिफारिशें की हैं, जो नागरिक स्वास्थ्य और पोषण के लिये बेहतर सार्वजनिक सेवाओं को सुनिश्चित करती हैं।
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