IIT, ISM ने स्मार्ट ऑटो-सिंचाई और मृदा निगरानी प्रणाली विकसित की | झारखंड | 01 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
30 जून, 2022 को कृषि विज्ञान केंद्र, धनबाद की वैज्ञानिक सीमा सिंह ने बताया कि IIT (ISM), धनबाद ने कोविड-19 से प्रभावित किसानों के संकटग्रस्त परिवारों के लिये कृषि और खेती को प्रेरित एवं संलग्न करने हेतु एक नई स्मार्ट ऑटो-सिंचाई और मृदा निगरानी प्रणाली का उन्नयन विकसित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसका प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), धनबाद में IIT, (ISM) धनबाद अनुसंधान दल द्वारा 30 जून, 2022 को किया गया। यह परियोजना केवीके, धनबाद में स्थापित की गई है।
- यह परियोजना आईईईई एचएसी (मानवीय गतिविधि समिति) और आईईईई एसआईजीएचटी (मानवतावादी प्रौद्योगिकी पर विशेष रुचि समूह) का हिस्सा है, जो चयनित विकासशील देशों में एक संस्थान के साथ वर्तमान कोविड-19 स्थिति में सुधार के लिये चुना गया है।
- इस नई उन्नत प्रणाली को चलाने और आय के स्थायी स्रोत के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस नई उन्नत प्रणाली से किसानों को लाभ होगा।
- वैज्ञानिक सीमा सिंह ने बताया कि यह परियोजना उन किसानों या कोविड-19 प्रवासियों की मदद करेगी, जो सिंचाई के अधिक कुशल तरीके से खेती करने में कम कुशल हैं।
- प्रस्तावित प्रणाली को स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करके कृषि भूमि में अनावश्यक जल अपवाह को दूर करने के लिये डिजाइन किया गया है। सेंसर का उपयोग करके तापमान, हवा की गति, धूप की तीव्रता, मिट्टी की नमी, हवा की नमी और पीएच की रीडिंग की लगातार निगरानी की जाती है। सिस्टम में बिजली की आपूर्ति के लिये सौर पैनलों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह अधिक टिकाऊ होगा।
- यह छात्रों द्वारा विकसित एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन द्वारा आसानी से प्रबंधित किया जाता है, जो ‘एग्रोप्रो 2.0’ नाम से Google Play Store पर उपलब्ध होगा। इंटरफेस को न्यूनतम उपयोग के लिये डिजाइन किया गया है, उपयोग में आसान इंटरफेस के साथ अधिकांश कार्य स्वचालित होते हैं, जिन्हें मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है।
- नई प्रणाली लागत प्रभावी है और इसे किसान आसानी से वहन कर सकता है। रखरखाव की लागत भी बहुत कम है। सिस्टम कई विशेषताओं के साथ आता है, जिसमें स्वचालित सिंचाई, बहु-भाषा एंड्रॉइड ऐप के माध्यम से नियंत्रण, किसान-सिंचाई सहायता 24×7 निगरानी आदि शामिल हैं।