उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने तात्कालिक प्रभाव से समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का प्रभार/दायित्व प्रदान किया है। इस संबंध में 29 जून, 2022 को अधिसूचना जारी की गई थी।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने अरुण यादव को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के नियमित अध्यक्ष नियुक्त होने तक यह पद सौंपा गया है।
- असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2009 में अलीगढ़ में पहली बार स्वाट टीम का गठन किया। असीम अरुण हाथरस, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, आगरा, अलीगढ़ और गोरखपुर में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।
- वे कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर रहे हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव से पूर्व ये आईपीएस की नौकरी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
- भाजपा ने उन्हें कन्नौज सदर सीट से उम्मीदवार घोषित किया। यहाँ से असीम अरुण ने समाजवादी पार्टी के लगातार तीन बार के विधायक अनिल दोहरे को हराकर जीत दर्ज की।
- 25 मार्च, 2022 असीम अरुण ने योगी कैबिनेट में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार पद की शपथ ली तथा 28 मार्च को उन्हें समाज कल्याण, एससी और एसटी मामलों की जिम्मेदारी दी गई।
उत्तर प्रदेश Switch to English
संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ किया। इसके साथ ही विशेष संचारी अभियान की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।
प्रमुख बिंदु
- संचारी रोग नियंत्रण अभियान 1 से 31 जुलाई तक और इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया और चिकनगुनिया को फैलने से रोकने के लिये राज्य में घर-घर दस्तक अभियान 16 से 31 जुलाई तक चलेगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत तक नियंत्रण किया गया है और शेष 5 प्रतिशत को नियंत्रित कर राज्य से इस बीमारी को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि अभियान के तहत आशा कार्यकर्त्ता, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के लोग घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और यदि कोई बीमार पाया जाता है, तो वे इलाज की व्यवस्था करेंगे और एक मेडिकल किट उपलब्ध कराएंगे।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान में बनेगा 10,000 मेगावाट का अल्ट्रामेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को राजस्थान सरकार एवं एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के मध्य राजस्थान में 10,000 मेगावाट क्षमता का अल्ट्रामेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (UMREPP) विकसित करने हेतु जयपुर में समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में अनुपयोगी बंजर भूमि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता तथा देश की सर्वाधिक सौर विकिरण की उपलब्धता भी प्रदेश में निजी निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
- प्रमुख शासन सचिव (ऊर्जा) भास्कर ए. सावंत ने बताया कि राजस्थान में निजी निवेशकों द्वारा अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के कारण कृषकों की जमीन दर में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
- एनटीपीसी एनर्जी लिमिटेड के सीईओ मोहित भार्गव ने बताया गया कि इस परियोजना की स्थापना पर लगभग 50,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
- प्रदेश में अल्ट्रामेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क स्थापित करने का काम एनटीपीसी रिन्यूअल एनर्जी लिमिटेड करेगी। एनटीपीसी लिमिटेड 100% सब्सिडी कंपनी है, जो अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के व्यवसाय को आगे ले जाने के लिये बनाई गई है।
- गौरतलब है कि वर्तमान में राजस्थान देश भर में 18,701 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना के साथ अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में 13,332 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएँ स्थापित हो चुकी हैं।
हरियाणा Switch to English
दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में मिलेगा चार फीसदी क्षैतिज आरक्षण
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य के दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नतियों में 4 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी-पत्र जारी कर दिया। इसका लाभ दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में कवर होने वाले बेंचमार्क दिव्यांग कर्मियों को मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों के मुख्य प्रशासकों, प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के रजिस्ट्रार, डीसी व एसडीएम के अलावा सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को पत्र जारी कर दिया है।
- 19 अप्रैल, 2017 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, लागू हुआ था, इसलिये चार प्रतिशत क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) आरक्षण का लाभ 19 अप्रैल, 2017 से मिलेगा।
- पदोन्नति के मामले में ग्रुप ए, बी, सी और डी कैडर के कुल पदों में से चार प्रतिशत दिव्यांगों के लिये आरक्षित रखे जाएंगे। दृष्टिहीनता या कम दृष्टि, बधिर या हार्ड हियरिंग, लोकोमोटर दिव्यांगता में सेरिब्रल पॉल्सी (मस्तिष्क पक्षाघात) से पीड़ित व्यक्ति, लेप्रोसी क्योर्ड, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मामले में 1-1 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
- ऑटिज्म, इंटलेक्चुअल डिसएबिलिटी, स्पेसिफिक लर्ऩिग डिसएबिलिटी और मेंटल इलनेस, बहरापन के मामले में ग्रुप ए से डी तक मल्टीपल डिसेबिलिटी श्रेणी में संयुक्त रूप से एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
- अधिसूचना के अनुसार यदि कोई विभाग दिव्यांगों के लिये आरक्षण के प्रावधान से किसी पद/संवर्ग को आंशिक रूप से या पूरी तरह से छूट देना आवश्यक समझता है तो प्रस्ताव की पूर्ण तर्कसंगत बताते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को आग्रह कर सकता है।
- उल्लेखनीय है कि नागरिकों के पिछड़े वर्गों (अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों) के लिये आरक्षण को वर्टिकल आरक्षण कहा जाता है। दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों जैसी श्रेणियों के लिये आरक्षण को हॉरिजॉन्टल आरक्षण कहते
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ'
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करना है।
- वन विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए ‘पौधा तुंहर द्वार’ योजना के तहत घर तक नि:शुल्क पौधा पहुँचाकर दिया जा रहा है। ‘पौधा तुंहर द्वार’ योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र रायपुर में 1 से 5 पौधा प्रदाय किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में वृक्षारोपण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये वन विभाग की समस्त 257 नर्सरियों में 3 करोड़ 12 लाख से अधिक पौधे वर्तमान में उपलब्ध हैं।
- वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी वन मंडलों में चालू वर्ष के दौरान पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
- इस तारतम्य में वन मंडल बस्तर अंतर्गत उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा, वन मंडल रायगढ़ अंतर्गत विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक तथा जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल और दुर्ग में विधायक अरुण बोरा तथा जिला पंचायत अध्यक्ष शामिनी यादव एवं महापौर दुर्ग धीरज बाकलीवाल द्वारा नि:शुल्क पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
- इसी तरह दंतेवाड़ा वन मंडल अंतर्गत विधायक देवती कर्मा, सुकमा वन मंडल अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और बीजापुर वन मंडल अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम द्वारा नि:शुल्क पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
फसल बीमा दावा राशि का भुगतान करने में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में प्रदेशव्यापी ‘फसल बीमा जागरूकता सप्ताह’ की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- कृषि एवं जल संसाधन मंत्री ने इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखकर रवाना किया। ये रथ ग्रामीण अंचल में 15 जुलाई तक भ्रमण कर किसानों को फसल बीमा के प्रावधानों की जानकारी और फसल बीमा कराने के लिये प्रेरित करेंगे।
- देश की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में फसल बीमा सप्ताह के तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों से भी प्रचार-प्रसार रथ रवाना किये गए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान धान सिंचित एवं असिंचित, अरहर, मूँग, उड़द, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों का बीमा 15 जुलाई तक करा सकेंगे।
- कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसानों को मदद पहुँचाने, उन्हें उनका हक दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने किसानों को सबसे पहले रबी सीजन 2021-22 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया है।
- खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को उनके द्वारा दी गई प्रीमियम राशि 15 करोड़ 96 लाख रुपए के एवज में 304 करोड़ 38 लाख रुपए की क्लेम राशि का भुगतान किया है।
- खरीफ सीजन 2021 में राज्य के 4 लाख से अधिक किसानों द्वारा दी गई, किसान प्रीमियम राशि 157 करोड़ 65 लाख रुपए के एवज में 758 करोड़ 43 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत किसानों को फसल बीमा प्रीमियम की मात्र डेढ़ प्रतिशत राशि अदा करनी होती है, जबकि मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों के बीमा प्रीमियम राशि में किसानों को मात्र 5 प्रतिशत अंशदान करना होता है। शेष प्रीमियम राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड की 3 लाख महिलाएँ बनेंगी ‘लखपति दीदी’
चर्चा में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के अपर सचिव (ग्राम्य विकास) आनंद स्वरूप ने बताया कि केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत प्रदेश की 3 लाख महिलाओं को लखपति बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- आनंद स्वरूप ने बताया कि ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत ऐप के माध्यम से ब्लाक और जिला स्तर पर को-ऑर्डिनेटरों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया गया है। सर्वे का काम होने के बाद एसजीएच के अलग-अलग ग्रुप को अलग-अलग काम सौंपे जाएंगे, ताकि उनकी आय प्रतिवर्ष एक लाख रुपए तक की जा सके।
- स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं के लिये ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत उन्हें कौशल विकास के साथ सूक्ष्म उद्यमों के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में 20 हजार नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा, ताकि अधिक-से-अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल सके।
- वर्तमान में प्रदेश के 95 ब्लॉकों में 39,116 स्वयं सहायता समूहों में 3 लाख 5 हजार महिलाओं को संगठित कर 4 हजार 310 ग्राम संगठन और 259 क्लस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है।
- इन संगठनों से जुड़ीं महिलाओं की आय दोगुनी करने के लिये कौशल विकास के साथ टिकाऊ, सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट और उत्तराखंड इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के माध्यम से महिलाओं को तमाम नए कामों में प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जाएगा।
- अभी तक एसएचजी से जुड़ीं महिलाएँ आमतौर पर आचार, पापड़, हैंडीक्राफ्ट, सब्जी, रेशम, फल जैसे कामों तक ही सीमित हैं। आने वाले दिनों में इन महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, टेंट हाउस, राजमिस्त्री, खाद बनाने, आर्गेनिक खेती, एलईडी बल्ब बनाने जैसे कामों में दक्ष बनाया जाएगा।
- एसएचजी की ओर से तैयार उत्पादों के विपणन के लिये एनआरएलएम कार्यक्रम के माध्यम से इन्हें एक छत के नीचे लाया जाएगा, ताकि अलग-अलग समूहों को काम बाँटकर इनकी एक चेन बनाई जा सके। इसके तहत समूहों को बैंक लोन लेने में भी आसानी होगी।
- राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बाजार मिले, इसके लिये भी योजना के तहत प्रयास किये जाएंगे। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं के उत्पादों को उचित बाजार दिलवाने के लिये अमेजन, फ्लिपकार्ट, मंतरा, पे-टीएम मॉल जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों और गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जेम) से भी अनुबंध किया जा रहा है।
- आजीविका मिशन के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप पांडेय ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में राज्य स्तरीय दो उत्तरा आउटलेट स्थापित किये जा चुके हैं। इनमें एक रानीपोखरी और एक रायपुर में स्थापित है। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
- इसके अलावा 13 जिला स्तरीय आउटलेट (सरस सेंटर), ब्लाक स्तर पर 9 क्लस्टर आउटलेट, 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट और 24 ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की गई है। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर भी एक आउटलेट बनाया गया है। इसके अलावा चारधाम यात्रा रूटों पर 17 अस्थाई आउटलेट बनाए गए हैं। जहाँ एसएचजी की ओर से तैयार उत्पादों को बेचा जाता है।
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