एनजीईएल और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के बीच एमओयू | उत्तर प्रदेश | 02 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2023 को भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) ने नवीकरणीय उर्जा पार्क और परियोजनाओं के विकास में सहयोग करने और उर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के उद्देश्य से लखनऊ में एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू पर एनजीईएल के सीईओ मोहित भार्गव और यूपीआरवीयूएनएल के निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग ने तथा प्रबंध निदेशक पी. गुरूप्रसाद ने हस्ताक्षर किये।
- एमओयू के तहत दोनों संगठन रिहंद जलाशय, अन्य जल क्षेत्रों और किसी भी उपलब्ध खाली भूमि, अयोध्या शहर के सौर उर्जाकरण के लिये समर्पित सोलर पीवी प्रोजेक्ट और जहाँ कहीं भी भूमि उपलब्ध कराई जाएगी, वहाँ नवीकरणीय उर्जा पार्कों और परियोजनाओं के विकास के लिये मिलकर काम करेंगे।
- एनजीईएल और यूपीआरवीयूएनएल दोनों मिलकर नवीकरणीय उर्जा उत्पादन दायित्व, उत्पादन में लचीलापन और नवीकरणीय उर्जा और उर्जा भंडारण को साथ मिलाकर ताप/जल विद्युत स्टेशनों की समयसारिणी तैयार करने जैसे कार्यों को पूरा करने के लिये संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) बनाने पर काम करेंगे।
- उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी है। इसकी कुल स्थापित क्षमता (संयुक्त उद्यमों और सहयोगी कंपनियों सहित) करीब 72 गीगावाट है।
- नवीकरणीय उर्जा कारोबार को बढ़ाने के लिये एक पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) बनाई गई जो कि नवीकरणीय उर्जा पार्क और हरित हाइड्रोजन, उर्जा भंडारण तकनीक और चौबीसों घंटे नवीकरणीय उर्जा बिजली क्षेत्र में विकास कार्य सहित तमाम परियोजनाओं पर काम करेगी।
- विदित है कि यूपीआरवीयूएनएल का गठन उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन स्टेशनों को स्थापित करने और परिचालन के लिये किया गया। वर्तमान में यूपीआरवीयूएनएल के प्रदेश में 5,820 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाले चार ताप विद्युत स्टेशन हैं और एक ताप विद्युत स्टेशन 1,320 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी के साथ संयुक्त उद्यम में है।
- यूपीआरवीयूएनएल अपने बल पर सुपर क्रिटिकल टैक्नालाजी के साथ 3,300 मेगावाट क्षमता और जुटाने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये और 1,980 मेगावाट क्षमता जुटाने की तैयारी में है।
- वर्तमान में यूपीआरवीयूएनएल नवीकरणीय उर्जा और उर्जा भंडारण क्षेत्र पर भी ध्यान दे रहा है।
नोएडा-गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के 18 ज़िले बनेंगे सेफ सिटी | उत्तर प्रदेश | 02 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मेयर और अध्यक्षों की कार्यशाला में बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिये शहरों में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित कराने के लिये 17 नगर निगमों और गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर समेत 18 शहरों को छह महीने में सुरक्षित (सेफ सिटी) बनाएगी।
प्रमुख बिंदु
- इसके बाद एक साल के भीतर प्रदेश के सभी 75 ज़िलों के एक-एक निकाय को सेफ सिटी बनाया जाएगा।
- सेफ सिटी में ये सुविधाएँ मिलेंगी :
- सिटी बसों में कैमरे, पैनिक बटन लगेंगे।
- महिलाएँ जैसे ही पैनिक बटन दबाएंगी तो कंट्रोल रूम को तुरंत सूचना मिलेगी।
- प्रमुख चौराहों और बाज़ारों में पिंक टॉयलेट बनेंगे।
- महिला पुलिसकर्मी पिंक स्कूटी से शहर में पेट्रोलिंग करेंगी।
- स्कूल, कॉलेजों के पास ज्यादा सतर्कता होगी।
- पहले चरण के अंतर्गत गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झाँसी, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, शाहजहाँपुर, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, अयोध्या शामिल होंगें।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरों में बेहतर सुविधाएँ देने के लिये निकायों की प्रोत्साहन योजना शुरू करने का ऐलान भी किया। इसके लिये स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, अच्छी सड़कें, सेफ सिटी और आत्मनिर्भरता जैसे पाँच मानक तय किये गए हैं।
- अपने ज़िले में प्रथम आने वाली नगर पंचायत को एक करोड़, नगर पालिका को दो करोड़ और नगर निगम को 10 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिये जाएंगे।